लक्ष्मी सिंह Tag: घनाक्षरी 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid लक्ष्मी सिंह 28 Feb 2021 · 1 min read किसान धरती को माने माता,नित्य ही शीश नवाता,सबका ही अन्नदाता,देश का किसान है। रखता माटी से नाता,उससे सोना उगाता,पेट सभी का भरता,सबसे महान है । कड़ी धूप में जलता,सदा शीत में... Hindi · घनाक्षरी 3 2 231 Share लक्ष्मी सिंह 28 Feb 2021 · 1 min read किसान कपड़े है एक जोड़ी,घर में नहीं तिजौरी,पास नहीं फूटी कौड़ी,फिर भी ईमान है। नित अभावों में पला, भूख से पेट भी जला, सत्य पथ से न टला,देवता समान है। घर... Hindi · घनाक्षरी 287 Share लक्ष्मी सिंह 24 Feb 2021 · 1 min read वसंत कूंकती कोयल काली,बैठ आम की डाली,बावली ये मतवाली,करती पुकार है । खिले पुष्प डाली-डाली,सींचते जिसको माली,शोभित धरा निराली, बसंत बहार है। चारों ओर हरियाली, किरणों की उजियाली,मुख पर छाई लाली,... Hindi · घनाक्षरी 1 193 Share लक्ष्मी सिंह 23 Feb 2021 · 1 min read वसंत पुष्प भरा कोना-कोना,पहने हैं चाँदी सोना,कलियों का जादू-टोना,बसंत बहार है। गदराई गेहूँ बाली,बौराई आमवा डाली,सरसों बजाए ताली,झूमता तुषार है। ये दिव्य रूप सुन्दरी,ज्यों देव लोक की परी,छवि अति विभावरी,सोलह श्रृंगार... Hindi · घनाक्षरी 1 201 Share