Krishna Kumar Naaz 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Krishna Kumar Naaz 10 Sep 2016 · 1 min read ग़ज़ल हर वक़्त हूँ किसी न किसी इम्तिहान में शायद इसीलिए है ये तल्ख़ी ज़ुबान में अपनी अना की क़ैद से बाहर निकल के देख पैवंद लग चुके हैं तेरी आन-बान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 449 Share Krishna Kumar Naaz 10 Sep 2016 · 1 min read ग़ज़ल हर वक़्त हूँ किसी न किसी इम्तिहान में शायद इसीलिए है ये तल्ख़ी ज़ुबान में अपनी अना की क़ैद से बाहर निकल के देख पैवंद लग चुके हैं तेरी आन-बान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 11 716 Share