Khoob Singh 'Vikal' 12 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Khoob Singh 'Vikal' 30 Aug 2018 · 1 min read गुरूर गुरूर न कर ऐ मगरूर नादान, हमने सूरज को ढलते देखा है। स्याह रात गहरी हो कितनी भी, हमने जुगूनियों को मचलते देखा है। अभी तो हम जिंदा हैं 'विकल',... Hindi · मुक्तक 1 279 Share Khoob Singh 'Vikal' 26 Aug 2018 · 1 min read रक्षाबंधन महज कच्चा धागा नहीं यह बंधन है। भाई बहन के प्यार का अटूट संबंध है। ये संकल्प है हर बहन को बचाने का। तभी तो त्यौहार यह 'रक्षाबंधन' है। ©... Hindi · मुक्तक 485 Share Khoob Singh 'Vikal' 26 Aug 2018 · 1 min read मिटा सकते हैं हम! संभल जाओ वर्ना तुफां ला सकते हैं हम। अपने कदमों से भुकंप ला सकते है हम। मौके दिए तुमको अनेकानेक ना—पाक। तुझे पल में धरती से मिटा सकते हैं हम।।... Hindi · मुक्तक 339 Share Khoob Singh 'Vikal' 31 May 2017 · 1 min read 'मुक्त' आज कर दिया तुम्हें अपनी 'कैद' से 'मुक्त'। 'भविष्य' बना सको तुम, बस इतनी आरजू है।। खूब सिंह 'विकल' 31/05/2017 Hindi · शेर 250 Share Khoob Singh 'Vikal' 30 May 2017 · 1 min read 'सुबह' सुबह की पहली किरण तुम्हें जगा रही है, ठंडी-ठंडी पवन ताज़गी तुम्हें उठा रही है। उठो, राष्ट्र कार्य के लिए आज फिर तुम, आवाज दे, मां भारती तुम्हें बुला रही... Hindi · मुक्तक 449 Share Khoob Singh 'Vikal' 29 May 2017 · 1 min read स्वप्न स्वप्न पूर्ण हो आपके, जो भी दिखें न्यारे। रात हुई है बहुत, अब सो जाओ प्यारे।। खूब सिंह 'विकल' 29/05/2017 Hindi · दोहा 272 Share Khoob Singh 'Vikal' 28 May 2017 · 1 min read उठो, जागो उठो, जागो लक्ष्य पूर्ति को निकल पड़ों तुम। चुनौतियों से टकराकर आज सफल बनों तुम।। खूब सिंह 'विकल' 28 मई 2017 Hindi · कविता 390 Share Khoob Singh 'Vikal' 28 May 2017 · 1 min read सुबह मुबारक आज की तिथि मुबारक हो तुम्हें, आज का दिन मुबारक हो तुम्हें। मुस्कुराते रहो तुम हमेशा यूं ही, आज की सुंदर सुबह मुबारक हो तुम्हें।। खूब सिंह 'विकल' 28/05/2017 Hindi · मुक्तक 288 Share Khoob Singh 'Vikal' 27 May 2017 · 1 min read इश्क जिन्दा रहना इश्क में, 'विकल' नहीं आसान। हँसी-खेल अब इश्क को, समझ रहे नादानन।। खूब सिंह 'विकल' 27 मई 2017 Hindi · दोहा 581 Share Khoob Singh 'Vikal' 27 May 2017 · 1 min read चापलूसी चापलूसी में चापलूसों को कर दिया कुछ ने फेल। सत्ता प्राप्ति को फर्जी कर रहे नित्य नए खेल।। खूब सिंह 'विकल' 27 मई 2017 Hindi · शेर 949 Share Khoob Singh 'Vikal' 27 May 2017 · 1 min read 'इश्क' 'इश्क' में फना होना भी आसान नहीं 'विकल'। जिंदगी को 'इश्क' समझ जी रहे हैं यहां लोग।। खूब सिंह 'विकल' 27 मई 2017 Hindi · शेर 225 Share Khoob Singh 'Vikal' 4 Aug 2016 · 1 min read विकल मैं तो सागर हूं, हजारों नदियां मुझ में गिर कर अपना आस्तिव समाप्त कर लेना चाहती हैं! फिर भी मैं 'विकल' हूं... और मुझे तलाश है एक ऐसी नदी की... Hindi · कविता 350 Share