कवि कृष्णा बेदर्दी 💔 Tag: मुक्तक 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कवि कृष्णा बेदर्दी 💔 25 Jan 2019 · 1 min read ले जाऊंगा अपनी तन्हाई का असर छोड़ जाऊँगा, तू खुश रह तेरा हर गम ले जाऊँगा, दर्द सहने की आदत है बेदर्दी को, तेरे नस नस का दर्द समेट ले जाऊँगा Hindi · मुक्तक 436 Share कवि कृष्णा बेदर्दी 💔 25 Jan 2019 · 1 min read प्यार करे एक सनम से प्यार करे एक सनम से वफ़ा करे, दिल देवे एक सनम को दिल मे रख प्यार करे, झूठी हो चुकी ऐ बाते एक सनम पे प्यार लुटाऐ,... Hindi · मुक्तक 288 Share कवि कृष्णा बेदर्दी 💔 14 Jan 2019 · 1 min read देश प्रेम भारतभूमि से बढ़कर और कोई बात नही, भारती माँ का सेवक हूँ मेरी कोई जात नही, हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई कहकर नही लड़ाना, मेरा धर्म मानवता है मानव धर्म भूलूंगा... Hindi · मुक्तक 1 272 Share कवि कृष्णा बेदर्दी 💔 14 Jan 2019 · 1 min read जिंदगी में दर्द ही दर्द क्यो आया मेरी जिंदगी में, रब बता क्या कमी थी तेरी बन्दगी में, सुबह शाम तेरे दर पे मत्था टेका था, फिर भी दर्द भरा बेदर्दी के... Hindi · मुक्तक 519 Share कवि कृष्णा बेदर्दी 💔 14 Jan 2019 · 1 min read तन्हा अकेला मैं तन्हा था जिन्दगी में तन्हा ही रहूँगा, दर्द सहता था गमो में मैं सहता रहूँगा, तेरे आने तेरे जाने से न फर्क पड़ा कुछ, मैं कल अकेला था हमेशा... Hindi · मुक्तक 224 Share कवि कृष्णा बेदर्दी 💔 14 Jan 2019 · 1 min read एहसास हां दीप मुझे एहसास है हर पल तेरे प्रेम का, पता लगा सकता हूँ तेरे अंतर्मन के द्वन्दों का, तेरा प्रेम पवित्र सच्चा है जानता पहचानता हूँ, मैं प्रेम कैसे... Hindi · मुक्तक 271 Share कवि कृष्णा बेदर्दी 💔 14 Jan 2019 · 1 min read दर्द दर्द के जख्म तो भरे नही, मरहम तो कोई दिए नही, फिर इस अंधेरी रातों मे, उजाले की गुंजाइश नही, Hindi · मुक्तक 439 Share कवि कृष्णा बेदर्दी 💔 7 Oct 2017 · 1 min read साथ तेरा मैं चाहूं तेरे बिना मेरा जीवन,पतझड़ का फुहार लगे। जो ना मिली तुम सनम जीवन यह बेकार लगे। हर गम हर तन्हाई में, साथ तेरा मैं चाहूँ। छोड़ के सारी दुनिया को,... Hindi · मुक्तक 582 Share कवि कृष्णा बेदर्दी 💔 7 Oct 2017 · 1 min read मुक्तक मेरी यादें ही तेरा हिसाब हैं, बहे जो आँसू तेरे वो ख़्वाब हैं हर शर्त तेरी मंज़ूर हैं बेदर्दी दी थी जो गुलाब सूख गये हैं Hindi · मुक्तक 307 Share कवि कृष्णा बेदर्दी 💔 7 Oct 2017 · 1 min read मुक्तक सूख गये अश्क़ तो आंखों में उतरेंगे कैसे, टुकड़े टुकड़े दिल को कोई जोड़े तो कैसे, बेदर्द मुहब्बत तो दर्द क्या समझे बेदर्दी, गम भी जहर है जहर को जहर... Hindi · मुक्तक 503 Share