Kavi DrPatel Tag: मुक्तक 17 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kavi DrPatel 10 Dec 2016 · 1 min read मरने पर बनते ताजमहल ?????????????? जाने कितने खण्डहर हुए , हमने देखे है राजमहल । भाई ने भाई संहारा , देखी है गिरते गाजमहल । घुटकर लड़कर मरकर जीते , ये ही इतिहास बताता... Hindi · मुक्तक 307 Share Kavi DrPatel 9 Dec 2016 · 1 min read अंगार वीर ने उगले है अंगार वीर ने उगले है , कुछ ऐसा तुम श्रृंगार करो । रण में जो घाव मिले मुझको , चुम्बन से तुम उपचार करो । जाना जल्दी फिर समरभूमि ,... Hindi · मुक्तक 1 472 Share Kavi DrPatel 28 Jun 2016 · 1 min read श्रीनगर में 8 सैनिकों के शहीद होने पर आठ के बदले अट्ठाइस को जिन्दा ही जब गाड़ेंगे । तब ही दिल को चैन मिलेगा वर्दी तभी उतारेंगे । सर कफ़न बांधकर निकली है अब हिन्द की सेना ,... Hindi · मुक्तक 1 503 Share Kavi DrPatel 16 Jun 2016 · 1 min read " सोंच रहा हूँ क्या दे दूँ जो दिल से दिल की राह खुले " ****************************************** करकमलों से उसने मुझको, जब प्यारा स्पर्श दिया । रोम रोम पुलकित सारा , ऐसा दिल में हर्ष दिया । सोंच रहा क्या दे दूँ जो, दिल से दिल... Hindi · मुक्तक 1 454 Share Kavi DrPatel 15 Jun 2016 · 1 min read .? उसे कैसे भुला दूँ मैं , दिया उपनाम है मुझको ? ****************************************** मधुर मुस्कान से मेरी , पराजय जीत में बदले । उदासी को दिखा आशा, मधुर संगीत में बदले । उसे कैसे भुला दूँ मैं , दिया उपनाम है मुझको... Hindi · मुक्तक 409 Share Kavi DrPatel 14 Jun 2016 · 1 min read .? बसंती ओढ़कर चूनर , धरा ससुराल जाती है " **************************************** गगन के संग मगन देखो, बड़ी खुशहाल जाती है । विविध रंगों के सुमनों से , सजाये बाल जाती है । धरा साड़ी हरित पहने , किये श्रृंगार सोलह... Hindi · मुक्तक 1 391 Share Kavi DrPatel 13 Jun 2016 · 1 min read " जिनके खून पसीने से यह सारी दुनिया चलती है " न्वादू******************************************** जिनके खून पसीने से यह सारी दुनिया चलती है । आज उन्हीं मजदूरों को यह सारी दुनिया छलती है । इनका हक़ अब इनको दे दो वरना सब पछताओगे... Hindi · मुक्तक 340 Share Kavi DrPatel 12 Jun 2016 · 1 min read "कभी पागल बना देती , कभी काबिल बना दे वो " ************************************* मुहब्बत जाम है ऐसा , जिसे पीते नहीं थकते । सुहाने पल वो ऐसे हैं , जिसे जीते नहीं थकते । कभी पागल बना देती , कभी काबिल बना... Hindi · मुक्तक 653 Share Kavi DrPatel 11 Jun 2016 · 1 min read " तोड़ दो हाथ उनके , जो खतरा बनें " ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ नव सृजन कुछ करो अब चमन के लिये । नवजवानों उठो ~~ अरि दमन के लिये । तोड़ दो हाथ उनके ~~ जो' खतरा बने । आज अपने वतन... Hindi · मुक्तक 409 Share Kavi DrPatel 11 Jun 2016 · 1 min read "सबक गीता से कुछ लेकर , सजाता जिंदगी अपनी " ************************************* बहुत मैला हुआ है मन , जहर दिल में भरा है क्यूँ । तुम्हारें पाप सर चढ़कर , बुलाते हैं डरा है क्यूँ । सबक गीता से कुछ लेकर... Hindi · मुक्तक 265 Share Kavi DrPatel 10 Jun 2016 · 1 min read " कलम की कोर से काजल , लगाता हूँ मैं कविता को " ****************************************** कलम की कोर से काजल , लगाता हूँ मैं कविता को । दिखा कर आइना दिल का , सजाता हूँ मैं कविता को । बहुत श्रद्धा सहित शब्दों ,... Hindi · मुक्तक 335 Share Kavi DrPatel 9 Jun 2016 · 1 min read " बाँध लेना जुल्फ की जंजीर से " ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ छीन लेना बेवफा तकदीर से । बाँध लेना जुल्फ की जंजीर से । तुम चहकती ही रहो चाहत मेरी , मुस्कुराओ मत रहो गम्भीर से । ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ वीर पटेल... Hindi · मुक्तक 296 Share Kavi DrPatel 9 Jun 2016 · 1 min read पायल की रुनझुन से मुझे जगाती है । ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ बेचैनी जब हद से उसे सताती है । अँगड़ाई ले चूड़ी तभी बजाती है । उठिये जी क्या ड्यूटी अभी नहीं जाना , पायल की रुनझुन से मुझे जगाती... Hindi · मुक्तक 1 578 Share Kavi DrPatel 8 Jun 2016 · 1 min read न हो बेनूर ये कोहनूर बस इतनी कृपा करना ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ अधर हैं सूर्य सम तपते , सजन बन मेघ आओ तुम । झमाझम झूम कर बरसो , हरित चूनर उढ़ाओ तुम । न हो बेनूर ये कोहनूर बस इतनी... Hindi · मुक्तक 2 406 Share Kavi DrPatel 19 May 2016 · 1 min read मैं नीर भरी दुख की बदली महादेवी की पीड़ा लिख दूँ ? प्रिय मित्रों ? मैं अपने काव्य लेखन के माध्यम से सदैव यही कोशिश करता हूँ ,,,, ??????????????????? वर दे वीणापाणि वर दे लिख दूँ वंदना निराला की । अमन... Hindi · मुक्तक 1 968 Share Kavi DrPatel 18 May 2016 · 1 min read जान बेजान थी मुस्कुराने लगी । ? सुप्रभात मित्रों ? एक मुक्तक में प्रकृति चित्रण ?????????????? ओस कणिका गिरी , गुनगुनाने लगी । गुनगुनी धुप में , खिलखिलाने लगी । अधखिली थी कली पा प्रकृति की... Hindi · मुक्तक 372 Share Kavi DrPatel 17 May 2016 · 1 min read प्रथम कविता प्रणय की जब किसी कवि ने कही होगी । ? शुभ प्रभात मित्रों ? मित्रों कवि हृदय ने जब प्रेम की प्रथम अभिव्यक्ति दी होगी .... .???????????????????? प्रथम कविता प्रणय की जब किसी कवि ने कही होगी । हृदय... Hindi · मुक्तक 1k Share