Kapil Kumar 154 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kapil Kumar 19 Jan 2017 · 1 min read चलती नही है ज्यादा देर तक भी मक्कारी कर लो चाहे बेशक तुम कितनी भी तैयारी पड़ती हैं चालाकियां, अक्सर खुद पे भारी ******************************** आजमाना है गऱ तो आजमा के देख लो चलती नही है ज्यादा देर तक... Hindi · मुक्तक 379 Share Kapil Kumar 17 Jan 2017 · 1 min read शहर भी।तुम्हारा है संग भी तुम्हारे हैं शहर भी तुम्हारा है ,संग भी तुम्हारे है पत्थरो पे चाहत के किस्से सब हमारे है ****************************** सर पटक -2 के जब ये तराशे हैं पत्थर तब कहीं जमाने में,... Hindi · मुक्तक 663 Share Kapil Kumar 17 Jan 2017 · 1 min read क्या हुआ।जो नादानी में हमसे मुँह मोड़ बैठे बेहयाई की भी न थी ,वो हया सारी छोड़ बैठे बेफ़वाई की भी न थी,वो रिश्ते सारे तोड़ बैठे ********************************* रफ्ता -2 ही समझेंगे वो हमारे अंदाजे इश्क़ क्या हुआ... Hindi · मुक्तक 301 Share Kapil Kumar 17 Jan 2017 · 1 min read अजनबी हर बशर लगता है अजनबी हर बशर लगता है ख़ाली -2 सा , घर लगता है ********************** खायें हैं जख्म भी मीठे ऐसे मीठा भी अब जहर लगता है ********************** कपिल कुमार 17/01/2017 Hindi · मुक्तक 2 345 Share Kapil Kumar 15 Jan 2017 · 1 min read शहर भी तुम्हारा संग भी तुम्हारे हैं शहर भी तुम्हारा है ,संग भी तुम्हारे है पत्थरो पे चाहत के किस्से सब हमारे है ****************************** सर पटक -2 के जब ये तराशे हैं पत्थर तब कहीं जमाने में,... Hindi · मुक्तक 338 Share Kapil Kumar 14 Jan 2017 · 1 min read तो फिर वो खुदा नही होता तो फिर वो भी खुदा नही होता........आपकी नजर इश्क़ गर सौ गुना नही होता इश्क़ में फिर नफा नही होता ********************** इश्क़ है नाम साझेदारी का इसमे छोटा बड़ा नही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 327 Share Kapil Kumar 14 Jan 2017 · 1 min read कलाकार हम जो कलाकार तुम भी गुनहगार हम जो ,शर्मशार तुम भी शर्मशार हम जो,गुनहगार तुम भी ************************** तेरी मेरी कहानी भी इक है अदाकार हम जो कलाकार तुम भी *************************** अब कौन दिखलाये असली सूरत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 426 Share Kapil Kumar 14 Jan 2017 · 1 min read है सोच बुलँद अपनी एक मेरा पुराना शेर.....................आपकी नजर है सोच बुलंद अपनी ,नजरिया भी न तंग रखते हैं गुलों को लगाते हैं गले ,खारो को भी संग रखते हैं ************************************** कपिल कुमार 10/01/2017... Hindi · शेर 480 Share Kapil Kumar 14 Jan 2017 · 1 min read वजह वजह कुछ और थी कुछ और ही बताते रहे अपने थे इसलिये कुछ ज्यादा ही सताते रहे ********************************* दिये थे हमने चिराग रौशनी के लिये मगर उन चिरागों से वो... Hindi · मुक्तक 288 Share Kapil Kumar 14 Jan 2017 · 1 min read जिंदगी रहे छोटी बेशक कोई खास न हो जिंदगी रहे बेशक छोटी बेशक कोई खास न हो तलाश हो तो ऐसी कि जिसके आगे तलाश न हो ************************************ कपिल कुमार 08/01/2017 Hindi · शेर 2 1 307 Share Kapil Kumar 8 Jan 2017 · 1 min read तन्हा तन्हा जिंदगी गुजार दी हमने तन्हा तन्हा जिंदगी गुजार दी हमने दुआयें भी उनको बेशुमार दी हमने **************************** बनी आखिर में वो तस्वीरे जाना कि अक्स दिल से उनकी उतार दी हमने ***************************** कपिल कुमार... Hindi · मुक्तक 282 Share Kapil Kumar 8 Jan 2017 · 1 min read तन्हा तन्हा जिंदगी गुजार दी हमने तन्हा तन्हा जिंदगी गुजार दी हमने दुआयें भी उनको बेशुमार दी हमने **************************** बनी आखिर में वो तस्वीरे जाना कि अक्स दिल से उनकी उतार दी हमने ***************************** कपिल कुमार... Hindi · मुक्तक 417 Share Kapil Kumar 8 Jan 2017 · 1 min read जिंदगी रहे छोटी बेशक कोई खास न हो जिंदगी रहे बेशक छोटी बेशक कोई खास न हो तलाश हो तो ऐसी कि जिसके आगे तलाश न हो ************************************ कपिल कुमार 08/01/2017 Hindi · शेर 553 Share Kapil Kumar 5 Jan 2017 · 1 min read कैसे हैं दिन कैसी अजीब राते हैं कैसे हैं दिन , कैसी अजीब रातें हैं चाँद तारे भी गुमशुम करते बाते है *************************** ऐ सर्द हवा इधर से बह तो जरा तू जो आती है तो वो... Hindi · मुक्तक 314 Share Kapil Kumar 3 Jan 2017 · 1 min read मै हूँ न वजूद अपना मिटाने के लिये मै हूँ न वजूद अपना मिटाने के लिये आपको नजरे बद से बचाने के लिये *************************** कौन है जो यादों मे आज जीता है मै हूँ न आपके गुजरे जमाने... Hindi · मुक्तक 221 Share Kapil Kumar 31 Dec 2016 · 1 min read दिल अपना भी रुबारु जब भी आइना होगा सच का ही तो सामना होगा ********************* तोड़ोगे दिल जो किसी का तो दिल अपना भी अनमना होगा ********************* कपिल कुमार 31/12/2016 Hindi · मुक्तक 432 Share Kapil Kumar 30 Dec 2016 · 1 min read आग गर आग है पानी फिर पानी है आग गर आग है पानी फिर पानी है तोड़ दे सारी हदें इसमें वो रवानी है *************************** कपिल कुमार 29/12/2016 Hindi · शेर 259 Share Kapil Kumar 28 Dec 2016 · 1 min read गऱ वो कुछ पल रुके होते गऱ वो कुछ पल रुके होते दर्मिया यूं न फ़ासले होते ******************** करता रहम गऱ सैयाद जरा उजड़े यूं भी न घोंसले होते ********************* दे जाते गऱ तसल्ली थोड़ी टूटे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 241 Share Kapil Kumar 27 Dec 2016 · 1 min read फिर न रहेगा , गुरुर कोई तेरा बाकी फिर न रहेगा , गुरुर कोई तेरा बाकी आइना बस इक सुबह देखना साकी *************************** कपिल कुमार 27/12/2016 Hindi · शेर 260 Share Kapil Kumar 27 Dec 2016 · 1 min read बात मेरी भी आजमा कर् देखिये बात मेरी भी आजमा कर देखिये आँख से भी पर्दा हटा कर देखिये ************************* न रहेगी कोई शिकायत आपको इक ऊँगली खुद पे उठाकर देखिये ************************** पाक सी हो जायेगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 193 Share Kapil Kumar 23 Dec 2016 · 1 min read नोट बंदी आर्थिक डकैती है नोट बंदी आर्थिक डकैती है वोट मंडी तो हमारी खेती है ******************* हक़ ये दिया किसने उनको डकैती तो हमारी बपौती है ******************* कपिल कुमार 24/12/2016 Hindi · मुक्तक 666 Share Kapil Kumar 23 Dec 2016 · 1 min read रखते हैं हम असर कोई बेअसर नही रखते हैं हम असर कोई बेअसर नही रखते हैं हम ख़बर कोई बेखबर नही *************************** माना तेरी मीनारे ऊँची हैं बहुत ही रखते हैं हम भी घर कोई बेघर नही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 232 Share Kapil Kumar 21 Dec 2016 · 1 min read तेरा मेरा नजरिया न मिले तेरा मेरा नजरिया न मिले जरूरत तो मिलती है ऐसे ही तो जानेमन हिन्द की सियासत चलती है *********************************** कपिल कुमार 21/12/2016 Hindi · शेर 241 Share Kapil Kumar 21 Dec 2016 · 1 min read बेवजह ही मै सबसे रूठता रहा बेवजह ही मै सबसे रूठता रहा खुद से खुद का पता पूछता रहा *********************** थी हरेक वजह तो मेरे अंदर ही बेवजह बाहर ही उसे ढूंढता रहा ************************ कपिल कुमार... Hindi · मुक्तक 449 Share Kapil Kumar 21 Dec 2016 · 1 min read पुरनूर चेहरा पुरनूर चेहरा मुस्कराहट ये, गवाही देती है दिल के करीब उसकी आहट सुनाई देती है ******************************** कपिल कुमार 19/12/2016 Hindi · शेर 406 Share Kapil Kumar 21 Dec 2016 · 1 min read जब ख़ुशी के पल हैं बहुत ही कम जब ख़ुशी के पल, हैं बहुत ही कम पालता है दिल कियूं बेवजह के गम *************************** तलाश ले तू जिंदगी चश्म न कर नम कुछ तो कर ए दिल खुद... Hindi · मुक्तक 316 Share Kapil Kumar 17 Dec 2016 · 1 min read हाथ संसद न चलने देने का कुछ तो इनाम आ गया इतने दिनों का रोना पीटना कुछ तो काम आ गया हाथ संसद न चलने देंने का कुछ तो इनाम आ गया ************************************* मिली जब छूट ओल्ड करंसी पे राजनितिक दलों... Hindi · मुक्तक 367 Share Kapil Kumar 17 Dec 2016 · 1 min read भारत इक सियासती मंच है बाबू भारत इक सियासती मंच है बाबू यहां हर कोई अपने ही लिये जीता है कोई धर्म ,कोई आरक्षण कोई अपनी जाति का फायदा लिये फिरता है ***************************** कपिल कुमार 17/12/2016 Hindi · शेर 219 Share Kapil Kumar 17 Dec 2016 · 1 min read टुकड़े तेरे आइने के टुकड़े तेरे आइने के भी रखे हैं संभाल कर नजर आये तेरी सूरत शायद हो करम हमपे ********************************* कपिल कुमार 16/12/2016 Hindi · शेर 252 Share Kapil Kumar 16 Dec 2016 · 1 min read इंसा तो इंसा है ख़ुदा कब है Congratulations इंसा तो इंसा है खुदा कब है मौत से खुद की बचा कब है ******************** तख्तो ताज शहंशाह न रहे अब यहां कोई रुका कब है ********************* जिंदगी है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 248 Share Kapil Kumar 16 Dec 2016 · 1 min read सजदे में हुस्न के सजदे में हुस्न के झुकना ,कोई गुनाह नही उससे बेहतर खुदा के बाद कोई पनाह नही ******************************** कपिल कुमार 15/12/2016 Hindi · शेर 272 Share Kapil Kumar 14 Dec 2016 · 1 min read डरते नही जो डूबने से जो वही पार जाते हैं डरते नही डूबने से जो ,वही पार जाते हैं उठाते नही जो जोखिम ,वही हार जाते हैं ******************************* दौरे मुश्किलात से कभी न घबराना यारों राह कामयाबी की करके वही... Hindi · मुक्तक 180 Share Kapil Kumar 14 Dec 2016 · 1 min read इंसा तो इसां है खुदा कब है इंसा तो इंसा है खुदा कब है मौत से खुद की बचा कब है ******************** तख्तो ताज शहंशाह न रहे अब यहां कोई रुका कब है ********************* जिंदगी है की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 216 Share Kapil Kumar 12 Dec 2016 · 1 min read कुछ तो छिपा 2000 के नोट में है कुछ मोदी जी ने छिपाया, ओट में है कुछ करने वाले वो आखरी चोट में है ***************************** पकड़े जा रहे हैं 2000 वाले ही कियूं कुछ तो छिपा 2000 के... Hindi · मुक्तक 280 Share Kapil Kumar 10 Dec 2016 · 1 min read कहाँ है तू और कहाँ तेरा वादा कहाँ है तू और कहाँ तेरा वादा हर इक ही है अधूरा आधा वादा ************************ मेरे यकीं और मेरी मुहब्बत को देता है धोखा फिर तुम्हारा वादा ************************ न हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 472 Share Kapil Kumar 9 Dec 2016 · 1 min read उजड़े ख्वाबो का कोई मंजर लगता है उजड़े ख्वाबों का कोई मंजर सा लगता है बिखरी यादों का कोई समंदर सा लगता है ***************************** रख न तू गुल मजार पे भी हमारी ऐसे गुल तेरा दिल पे... Hindi · मुक्तक 292 Share Kapil Kumar 9 Dec 2016 · 1 min read और इससे ज्यादा गम क्या मिलेगा और इससे ज्यादा गम क्या मिलेगा कसाब हैं दुश्मन रहम क्या मिलेगा *************************** लगे हैं दुश्मन और दोस्त भी मेरे हुआ जो मेरा सर कलम क्या मिलेगा *************************** कपिल कुमार... Hindi · मुक्तक 293 Share Kapil Kumar 7 Dec 2016 · 1 min read गुल गुल तो गुल हैं सदके में बिछे रहते हैं खार बेकार ही शाखों पे खड़े रहते हैं *************************** गुल फैलाते हैं हर सूं खुशबु अपनी खार तो खार हैं फिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 235 Share Kapil Kumar 5 Dec 2016 · 1 min read जवानी में चर्चे हमारे कम न थे बेकार के खर्चे हमारे कम न थे चलते तब पर्चे हमारे कम न थे ************************ हैं अब किस्से हमारे कम मगर जवानी में चर्चे हमारे कम न थे *********************** कपिल... Hindi · मुक्तक 291 Share Kapil Kumar 4 Dec 2016 · 1 min read रोज तोबा करके भी गुनाह करता हूँ रोज तोबा करके भी गुनाह करता हूँ शक औरों पे भी मै बेवजह करता हूँ **************************** यकीं खुद पे भी अब नही कोई बाकी शायद गुनाह अब मै बेपनाह करता... Hindi · मुक्तक 266 Share Kapil Kumar 3 Dec 2016 · 1 min read गया वो ऐसे मुड़के दुबारा न मिला एक रचना.....................आपकी नजर गया वो ऐसे कि मुड के दुबारा न मिला डूबो के ऐसे गया फिर किनारा न मिला ****************************** क्या कहूं मै अब हालाते गुलिस्तां तुमको मिले काँटे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 210 Share Kapil Kumar 2 Dec 2016 · 1 min read दिल मेरा कियूं आजकल बेपनाह उदास है एक रचना.....................आपकी नजर अजीब सी है खलिश अजीब अहसास है दिल मेरा कियूं आजकल बेपनाह उदास है ******************************* हंसी भी है बुझी बुझी दर्द दिल के पास है ख़ुश्क सी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 464 Share Kapil Kumar 1 Dec 2016 · 1 min read वो कहते हैं शायरी से पेट नही भरता वो कहते हैं शायरी से पेट नही भरता ख्वाइश फिर से है आज भूखा सोने की ******************************* वो कहते हैं कि दिल का दर्द नही दिखता ख्वाइश फिर से है... Hindi · मुक्तक 517 Share Kapil Kumar 30 Nov 2016 · 1 min read ढूंढ न मेरी ख्वाइशों में आइंदा अपना ढूंढ न मेरी ख़्वाइशों मे आइंदा अपना जब ये मेरी न हुई तेरी भी क्या होगी **************************** कपिल कुमार 30/11/2016 Hindi · शेर 225 Share Kapil Kumar 28 Nov 2016 · 1 min read दिल की जानिब दिल की जानिब जब वो बुलाता नही मुझको इश्क़ तंन्हाइयों में , अब रुलाता नही मुझको ********************************** कपिल कुमार 28/11/2016 Hindi · शेर 423 Share Kapil Kumar 26 Nov 2016 · 1 min read बस आम आदमी लाइन में दिखाई देता है आज 500 हजार का दर्द रुलाई देता है दर्द नेताओं का भी नारे में सुनाई देता है ******************************* बड़े लोग लगे हैं अब भी जुगाड़ में साहब बस आम आदमी... Hindi · मुक्तक 436 Share Kapil Kumar 25 Nov 2016 · 1 min read क्रांति जहां होती है क्रांति जहां होती है तकलीफ भी वहां होती है बगैर तकलीफ कहिये आप क्रांति कहां होती है ********************************** कपिल कुमार 25/11/2016 Hindi · शेर 285 Share Kapil Kumar 25 Nov 2016 · 1 min read तोडके दिल मेरा वो भी तो पछताया होगा आपकी नजर....................इक रचना तोडके दिल मेरा वो भी तो पछताया होगा ढूंढता खुद में अब वो मेरा ही साया होगा ******************************* बैठा के रखा उसे, जैसे हमने पलको पे नाज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 474 Share Kapil Kumar 24 Nov 2016 · 1 min read वो ही देश पे शहीद हुआ नमन शहीदों और उनके परिवारों को ... कोई नोटों पे शहीद हुआ कोई वोटों पे शहीद हुआ जिसका था ईमान सच्चा वो ही देश पे शहीद हुआ ******************* कपिल कुमार... Hindi · मुक्तक 324 Share Kapil Kumar 22 Nov 2016 · 1 min read रुकी रुकी हैं हसरते रुकी रुकी हैं हसरते सरहदों पे ही कहीं दिल ही बता तू अब तेरी सरहदें कहां हैं ******************************* ठहरती हैं कब कहां दिलों में ये हसरतें अब तुम बताओ हौसलों... Hindi · मुक्तक 422 Share Page 1 Next