हेमा तिवारी भट्ट Tag: कविता 33 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid हेमा तिवारी भट्ट 27 Nov 2018 · 1 min read माँ १२२ १२२ १२२ १२ गीतिका-माँ मिली माँ जमीं को सितारा मिला। हमें इस जहाँ में सहारा मिला। मिली हो कि जैसे दुआ अनकही, बिना कुछ कहे नेह प्यारा मिला। रखा... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 40 461 Share हेमा तिवारी भट्ट 9 Oct 2017 · 1 min read सुन ले करुण पुकार सुन लो करुण पुकार कल कल बहती,जीवन देती थी हुई आज बीमार,सुन लो करुण पुकार, मात की सुन लो... तट पर बिखरा,हतिहास का गौरव तार तार,सुन लो करुण पुकार मात... Hindi · कविता 423 Share हेमा तिवारी भट्ट 22 Sep 2017 · 1 min read रावण नहीं मरेगा शायद ?रावण नहीं मरेगा शायद?? "नाभि में अमृत भरा था, ज्ञानी भी वह बहुत बड़ा था अमृत की कुछ महिमा होगी युक्ति कोई सोची गयी होगी कई युग अभी हरेगा शायद... Hindi · कविता 402 Share हेमा तिवारी भट्ट 21 Sep 2017 · 1 min read एक विशाल बरगद के साये एक विशाल बरगद के साये। जब दो पग नन्हें से आये।। विस्मित होकर देख रहे थे। चंचल मन-नैना अकुलाये।। सम्मुख वह वट वृक्ष तना था। कौतुहल में बालमना था। मन... Hindi · कविता 544 Share हेमा तिवारी भट्ट 17 Sep 2017 · 1 min read आँख का पानी ढला ?आँख का पानी ढला? गयी है सूख भावनाओं की नहर हो गया है रेतीला-सा हर पहर आँख का पानी ढला,पर गया किधर आदमी यहाँ कोई जिन्दा नहीं रिश्तों की भी... Hindi · कविता 463 Share हेमा तिवारी भट्ट 7 Jun 2017 · 1 min read पाप नाशिनी अविरल गंगा ?पाप नाशिनी अविरल गंगा? सब पर बरसे मेरी ममता, उदारमना हर प्राणी कहता माँ कहकर सब मुझे पुकारें पापनाशिनी अविरल सरिता पर मैं रोती मन ही मन में नहीं जागरण... Hindi · कविता 478 Share हेमा तिवारी भट्ट 25 May 2017 · 1 min read तलाश गगन की ?तलाश गगन की? छटपटाता पंछी तलाश गगन की है बँधा पड़ा पिंजरे में, पंख अविकसित हैं उनींदी आखों में, स्वप्न भी कुंठित हैं "खुल जाये पिंजरा, तो पंख हिला लूँगा... Hindi · कविता 1 1 315 Share हेमा तिवारी भट्ट 25 May 2017 · 1 min read (शहर के ऐवरेस्ट के लिए भावांजलि) (शहर के ऐवरेस्ट के लिए भावांजलि)???????? एक छोटा शहर बड़ा हो गया था, कदम नन्हा उन्नत खड़ा हो गया था, खबर जीत की,खुशी की लहर थी देखती रास्ता,रोक धड़कन,नजर थी... Hindi · कविता 249 Share हेमा तिवारी भट्ट 25 May 2017 · 1 min read मन मथुरा तन वृन्दावन ?मन मथुरा,तन वृन्दावन? मन मथुरा बना ले कान्हा को फिर बुला ले मोह बंधन की बेड़ी रे झट कट जायेगी| गले गोकुल सजा ले कान्हा को फिर बुला ले माखन... Hindi · कविता 1 1k Share हेमा तिवारी भट्ट 25 May 2017 · 1 min read तुम अद्भुत हो मेर प्रियवर, तुम वाकई अद्भुत हो, तुम्हारी त्वचा से तुम्हारी उम्र का पता ही नहीं चलता जैसे सुकुमार कोई अध्ययनशील छात्र पर मैं,जो तुमसे सीखी हूँ जीवन पथ पर आगे... Hindi · कविता 492 Share हेमा तिवारी भट्ट 13 May 2017 · 1 min read परिचय ???परिचय??? मात-पिता की प्यारी बेटी, सोहणी,राजदुलारी बेटी, सहोदरों की प्यारी बहना, पीहर का परिचय क्या कहना| सुघढ़,सयानी,बन वधु आई, अपने पिय के मैं मन भाई, बच्चों की संरक्षक माता, अब... Hindi · कविता 390 Share हेमा तिवारी भट्ट 10 May 2017 · 1 min read मौन मौन मौन तुम्हारे स्वर कितने हैं,देखा आज भुजा,चरण,मुख,सर कितने हैं,देखा आज कवि कलम ने तुम को आज उकेरा है, फूलों संग पत्थर कितने हैं,देखा आज। मुखर हुए तुम भावनाओं ने... Hindi · कविता 295 Share हेमा तिवारी भट्ट 10 May 2017 · 1 min read परिवर्तन चरम पर है ?परिवर्तन चरम पर है? परिवर्तन चरम पर है जीवन सरल,जटिल हो गया है सदय हृदय,कुटिल हो गया है गाँव थे,शहर बन रहे हैं शहर ये जहर भर रहे हैं बुढ़ापा... Hindi · कविता 269 Share हेमा तिवारी भट्ट 4 Apr 2017 · 1 min read एक पौधा बेटी के नाम एक पौधा बेटी के नाम पौधे और बेटियों की,हुई है हालत एक दोनों पर ही आयीं आज,विपदाएँ अनेक लालच और स्वार्थ से,हुआ निष्ठुर इंसान काट रहा जड़ उनकी ही,जिनसे फले... Hindi · कविता 353 Share हेमा तिवारी भट्ट 27 Mar 2017 · 1 min read नव संवत्सर ?नव संवत्सर? श्रृंगार सलोना धरा धरा ने क्या विस्मय है| ऋतु नव अभिनव शस्य पात नव नव किसलय है| चंचलता में लिपटा यह मन करे अभिनय है| नव वेला के... Hindi · कविता 792 Share हेमा तिवारी भट्ट 27 Mar 2017 · 1 min read स्वपन के आस पास रोशनी को दीप जले तिमिर को न आया रास बैठा न जाने कहाँ आनन छुपा के आज सुन्दर कंदीलों सी सजने लगी मन में आस देदीप्य आशाओं का जगमग हुआ... Hindi · कविता 1 1 377 Share हेमा तिवारी भट्ट 19 Mar 2017 · 1 min read गौरैया ??गौरैया?? खो गयी है गली गाँव की सड़क शहर की हो गयी है चीं चीं का मधुगान नहीं अब पों पों पों पों हो गयी है अब कहाँ है दाना... Hindi · कविता 368 Share हेमा तिवारी भट्ट 26 Feb 2017 · 1 min read हम भी देश बदलते हैं कल गली में कुछ बच्चे, 'गधे का धोबी' खेल रहे थे गठरी थी धोबी के सिर पर गधे उसको पेल रहे थे हँस कर हमने समझाया "बच्चों! ये क्या कर... Hindi · कविता 532 Share हेमा तिवारी भट्ट 16 Feb 2017 · 1 min read माँ ??. माँ .?? कलेजे के टुकड़े को अपने, गर्माती थी वो खुद भीगकर भरती थी पेट अपने अंश का, खुद वो आँसू पी-पी कर पल पल बढे़ उसके पंख, अपने... Hindi · कविता 295 Share हेमा तिवारी भट्ट 26 Jan 2017 · 1 min read जागो मतदाता जागो ?जागो मतदाता जागो? देश का कल रहा पुकार है मतदान तेरा अधिकार श्रमिक,बणिक सुनो नर औ'नार वक्त की है यह दरकार जो मत देते नहीं हैं जन देश के वे... Hindi · कविता 428 Share हेमा तिवारी भट्ट 10 Jan 2017 · 1 min read जागो कहाँ गुम हो बेटी बहुधा लिखी गयी 'बेटी' लेकिन अवर्णित है 'बेटी' फिर से कलम की नोक पे है काँटों की नोक पे जो बेटी नभ छूकर आयी है 'बेटी' पर्वत चढ़ आयी है'बेटी'... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 745 Share हेमा तिवारी भट्ट 31 Dec 2016 · 1 min read क्या होगा नये साल में नाचती ता थैय्या काल की करताल में मना रही जश्न पर,घिरी हूँ सवाल में सोच रही हूँ,क्या होगा नये साल में क्या धरा के सीने से रवि फूटेगा या किसी... Hindi · कविता 324 Share हेमा तिवारी भट्ट 28 Dec 2016 · 1 min read बेटी बेटी फेहरिस्त-ए-किरदार औरत से, बेटी भी एक किरदार है| यूँ तो हर रूप उम्दा है पर बेटी तो बहार है| आंगन में उससे खुशियाँ वह रहमत-ए-परवरदीगार है| शैतानियत कर दे... Hindi · कविता 2 651 Share हेमा तिवारी भट्ट 19 Dec 2016 · 1 min read राष्ट्र निर्माता गरिमामयी पद पर हैं दाग,आहत हूँ मैं राष्ट्र निर्माता हूँ या आत्मघातक हूँ मैं चिन्तन का है विषय,आत्ममंथन कर लूँ खलनायक नहीं,राष्ट्र नायक हूँ मैं नित करूँ जतन, नहीं जड़,मैं... Hindi · कविता 272 Share हेमा तिवारी भट्ट 15 Dec 2016 · 1 min read दहलीज से दहलीज तक दहलीज से दहलीज तक (हर औरत को समर्पित) ?????? इस दहलीज से ........ उस दहलीज तक जाने में कतर जाते हैं उसके पंख बिखर जाते हैं उसके ख्वाब चुभती हैं... Hindi · कविता 302 Share हेमा तिवारी भट्ट 13 Dec 2016 · 1 min read हम सब फूल विविध वर्णों के ?????? हम सब फूल विविध वर्णों के, सतरंगी संसार बनायेंगे बैर-भाव से हमें जूझना, हेतु कवच के प्यार लगायेंगे ?????? विस्तृत वसुधा बने वाटिका, सौरभ चहुँ ओर बिखेरेंगे मुस्कान-मधु वितरित... Hindi · कविता 223 Share हेमा तिवारी भट्ट 12 Dec 2016 · 1 min read सजा खुद के लिए खुद सजा मुकर्रर की शादी तो की मैंने,नौकरी भी की| निकली थी आसमां की तलाश में, जमीं भी पर पैरों तले न रही| इक अनुभवी ने कहा... Hindi · कविता 663 Share हेमा तिवारी भट्ट 12 Dec 2016 · 1 min read ठण्ड का असर हवा में ठण्ड का असर दिख रहा है चुप-चुप सा यह शहर दिख रहा है बहता था कल-कल नदिया के जैसे जम गया सा वो ही मगर दिख रहा है... Hindi · कविता 539 Share हेमा तिवारी भट्ट 12 Dec 2016 · 1 min read ज्ञानी हो नव पीढ़ी या केवल साक्षर दुर्दशा शिक्षा की,हो रही है किस तरह अज्ञान,भ्रष्टाचार,चाहे जो भी हो वजह सरकारी सारे काम,बस कागजों में चलेंगे लिख लेने भर से नाम,पढ़े लिखे बनेंगे इससे भी बुरा पर,उनका हुआ... Hindi · कविता 203 Share हेमा तिवारी भट्ट 12 Dec 2016 · 1 min read यत्र नार्यास्तु पूज्यन्ते मुझे गर्व है भारत की संस्कृति पर 'यत्र नार्यास्तु पूज्यन्ते' की धरती पर मेरी संस्कृति सीखाती है आदर माँ का पर फिर क्यों मूर्ति रूप में पूजी जाती है माँ... Hindi · कविता 588 Share हेमा तिवारी भट्ट 12 Dec 2016 · 1 min read मुझे स्नेह है उत्सवों से मैं हिन्द की हूँ सन्तति, मुझे स्नेह है उत्सवों से जीवन का हर क्षण उत्सव है, सज्जित धानी पल्लवों से उल्लास के उद्भव स्थल, सदा हृदय में होते हैं "किसका... Hindi · कविता 242 Share हेमा तिवारी भट्ट 11 Dec 2016 · 1 min read जानो मुझको बस इंसान सच हो सपनों की मुस्कान पंखों को मेरे मिले उड़ान व चाहूँ मैं अतिशय ध्यान जानो मुझको बस इंसान| दिवस विशेष का देकर दान क्यों करते मन मेरा म्लान चाहूँ... Hindi · कविता 542 Share हेमा तिवारी भट्ट 6 Dec 2016 · 1 min read अमोल रत्न बाबा साहब सपने सच हो रहे तमाम, हे स्वपनदृष्टा! तुमको प्रणाम तुमने जो कर दिखाया है मनुज सोच भी न पाया है ऐसा प्रणबल,जिसकी न थाह नापा संघर्ष-सागर अथाह दिया संविधान,तुमने बेमिसाल... Hindi · कविता 1 1 252 Share