Gope Kumar Language: Hindi 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Gope Kumar 20 Jan 2017 · 1 min read कथा के बैंगन ***************** कथा बाँचते एक दिन ** पंडित गोप कुमार बैंगन के अवगुन कहे**मुख से बारमबार बडी मुसीबत तब हुई** जब घर पहुँचे आय पंडितानी ने शुद्ध मन ** खाना दिया... Hindi · दोहा 952 Share Gope Kumar 19 Jan 2017 · 1 min read गीत- बेटी क्यूँ धनधान्य पराया गीत ( अजन्मा की पुकार ) ***** बेटी क्यों धनधान्य पराया गर्भ मातु के मै मुस्काई देख देख अपनी परछाँई तभी किरण इक चुभती चमकी खीच रही मेरी प्रतिछाँई मेरा... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 908 Share