विनोद सिन्हा "सुदामा" Language: Hindi 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विनोद सिन्हा "सुदामा" 5 Jul 2022 · 4 min read अंतिमदर्शन अंतिमदर्शन.. चारों ओर विषैली गंध फैली थी..भीड़ मुँह ढके सारा मंजर चुप चाप देख और सुन रही थी..परंतु कह कोई कुछ नहीं रहा था..बस एक दूसरे को शांत नज़रों से... Hindi · कहानी 2 391 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 25 Feb 2018 · 2 min read सुहाग..।।। आज अपनी कोशिशों से अलग कुछ लिखने की कोशिश,आप सभी के सामने समीक्षा हेतु रख रहा हूँ आशीर्वाद प्रदान करें.। सुहाग..।।। हाँ सुहाग हूँ मैं एक सुहागन के माथे का... Hindi · कविता 1k Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 25 Feb 2018 · 1 min read आज की नारी..। आज की नारी..। सुनो न...। सुनो न,सुनती हो.. अरे रूको तो.. कब तक भागती रहोगी घड़ी के काँटों की तरह निरंतर लगातार दो घड़ी साँस तो ले लो अरे सुनो... Hindi · कविता 1 525 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 23 Mar 2017 · 1 min read जरा याद करो कुर्बानी शहीद दिवस ???जरा याद करो कुर्बानी??? चले गए जो हँसते -हँसते, बाँध अपने सर पे कफ़न उन शहीदों के हर कुर्बानी को, मेरा शत्-शत् नमन..। जिन वीरों ने अपने प्राण... Hindi · कविता 651 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 4 Mar 2017 · 2 min read मै पानी हूँ... मै पानी हूँ.। मै पानी हूँ..। मै स्रोत भी हूँ, मै सार भी हूँ, सच मानो तो मै हीं संसार हूँ, धरा तड़पती आलिंगन को मेरे, खेतें चुम्बन को तरसतीं... Hindi · कविता 637 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 1 Feb 2017 · 1 min read मुझको वर दे.... ? या देवी सर्वभूतेषु, विद्या रूपेण संस्थिता।? ? नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।? जय माँ सरस्वती.....।। जय जय,जय हे माँ शारदे, हे देवी सरस्वती तू मुझको वर दे.। मुझको विद्या... Hindi · कविता 484 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 31 Jan 2017 · 2 min read वीवी और हादसा...। व्यंग्य...।। वीवी और हादसा...।। क्या जिक्र करुं घटती है घटना ऐसी क्यूँ अक्सर.। क्यों होते रहतें हादसे ऐसे जीवन मे हम इंसान के.। रूह कांप रहें थे मेरे और था... Hindi · कविता 490 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 25 Jan 2017 · 1 min read खिड़कियाँ..।।।। खिड़कियाँ.. जाने कितने एहसासों के रंग मे, हर क्षण रंगती रहीं "खिड़कियाँ संग पलकों के मेरे ही खुलती., और बंद होती रहीं "खिड़कियाँ" इक झलक दिखलाने को उसकी, हरपल बुलाती... Hindi · कविता 1k Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 21 Jan 2017 · 1 min read **** रोशनी हो गई **** **** रोशनी हो गई **** **** चैन दिल को मेरे मिल......गया.। रात दीद जब आपकी हो गई.। दुपट्टा आपने जरा क्या सरकाया.। मोहल्ले मे खलबली हो...गई.। देखा हमे आपने कुछ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 444 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 20 Jan 2017 · 1 min read नजर..।। ??..नजर..?? नजर ने नजर को जब नजर से बुलाया.। नजर ने नजर को तब नजर दिखाया.। ? ? नजर ने नजर से जब नजर मिलाया.। नजर ने नजर से तब... Hindi · कविता 1 1 563 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 16 Jan 2017 · 2 min read "बेटी बोझ नही..." मेरी यह कविता उन माता - पिता के लिये एक संदेश जो बेटीयों को बोझ समझतें हैं और उसके जन्म से पहले ही उसे कोख मे ही मार देतें हैं... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 16 Jan 2017 · 1 min read अब ना हार मान तू ....। अब ना हार मान तू ....। उठ अब ना हार मान तू , जीत जिंदगी को जीत का श्रृंगार कर.। हार भी जीत का इक पहलू है, हार का ना... Hindi · कविता 559 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 1 Jan 2017 · 2 min read नव वर्ष कि पहली किरण... नव वर्ष की पहली किरण.....। बीत गया पुराना साल देखो.। लिऐ उम्मीदों का कई कोरा कफन.। नये उम्मीदों को सच करने को .। नये साल मे छू ले अपनी धरा... Hindi · कविता 759 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 24 Dec 2016 · 1 min read आदमी सा लगा....। आदमी सा लगा.......।। बड़ा अजीब मंजर था जानाजे का उसके.। वहां मौजूद हर सख्श बुझा बुझा सा लगा.। न पूछ उसके मरने का सबब मुझसे.। जिंदा रहकर भी वो मुर्दा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 457 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 23 Dec 2016 · 2 min read कभी कभी मेरे दिल मे...। कभी कभी...। कभी कभी मेरे दिल मे खयाल आता है..।। कि जिंदगी इतनी वीरान नही होती, गर तू मेरे साथ होती तू मेरे पास होती...। कभी मै तुझे सहेजता.. कभी... Hindi · कविता 827 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 22 Dec 2016 · 1 min read तो तुम चले जाना... एक फरियाद ऐसी भी...! ***।..तुम चले जाना..।*** दिल की बात करने बाले तुमने तो अपनी बात कर ली.। हम भी जरा इक बात बता लें तो तुम चले जाना.!! लगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 779 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 20 Dec 2016 · 1 min read आदमी...। आदमी....।। तील तील कर तो यूँ ही मर रहा था "आदमी"..। जो थोड़ी जान बचीं थी उसके ख्वाहिशों ने लिया..।। रिश्तों की अहमियत कहाँ समझ सका आदमी.। अब तो रिश्तों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 597 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 17 Dec 2016 · 2 min read "निर्भया" - तुम हमे माफ़ कर देना निर्भया" - तुम हमे माफ़ कर देना..!! "निर्भया" तुम हमे माफ़ कर देना, कि हम बहुत शर्मिन्दा है...!!! हम भूल गयें तुम्हारी उन चीखों को, जो वेवश कंठो से निकले... Hindi · कविता 1 546 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 15 Dec 2016 · 1 min read याद..... याद.... आज फिर उनकी याद मे रो कर रात गुजारा हमने..! बिना निंद के आँखों से सपनों को सवाँरा हमने..! जिंदगी के राहों मे इतनी ठोकरें खायी थी हमने..! कि... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 261 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 15 Dec 2016 · 2 min read शायरी "शायरी" *************************** कतारे़ तो सिर्फ़ मेरे दुश्मनों की थी वहाँ..! जब देखा तो कई चेहरे जाने पहचाने निकलें..! **************************** जिन्हे हम कहते थें अक्सर वो मेरे अपने हैं जरूरत पड़ी... Hindi · शेर 796 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 14 Dec 2016 · 1 min read प्यार....... "प्यार" आज आँखों मे बसा उनका ही इंतजार है..! आने बाला आज मेरा "हुस्न ए यार" है...! ए दिल संभल जरा,न धड़क तू जार जार..! कही समझ न ले कोई... Hindi · शेर 322 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 12 Dec 2016 · 1 min read बात और होती है....... बात और होती है.....!! किसी के पलकों से निंदे चुराना तो और बात है ...! किसी के इंतजार मे पलकें बिछाने की बात कुछ और होती है..! किसी को पा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 561 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 11 Dec 2016 · 1 min read तृप्ति.... तृप्ति.... "तू" मुझमें है "मै" तुझमे हूं. फिर कैसा "मै" और कैसी "तू"..? जब "तू और मै" के मिलने से ही तृप्ति "हम" का होना है...! फिर क्यूँ न एक... Hindi · कविता 549 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 8 Dec 2016 · 3 min read थप्पड़.... एक छोटी सी कोशिश..।।।। थप्पड़.....।।। व्हील चेयर पर बैठी मनोरमा देवी सूई मे धागा लगाने की बार बार कोशिश कर रही थी पर उनकी बूढी आँखे उनका साथ नही दे... Hindi · कहानी 578 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 6 Dec 2016 · 2 min read "बेटी और कोख" बलात्कार की बढती घटना से त्रस्त एक मां की अपनी कोख मे पल रही बेटी के लिये संवेदना जाहिर करती मेरी कविता..!! "बेटी और कोख" आ बेटी तुझपे आज मै... Hindi · कविता 1 632 Share विनोद सिन्हा "सुदामा" 6 Dec 2016 · 1 min read फासला... फासला... वो मेरा हमसफर भी था वो मेरा राहगुजर भी था...!! पर मंजिलें एक न रहीं,बीच दरमियाँ कुछ फासला भी था..!! विनोद सिन्हा "सुदामा" Hindi · शेर 375 Share