Akib Javed Tag: कविता 67 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Akib Javed 1 Mar 2024 · 1 min read कविता हंसना हंसना इंद्रियों को कर के वश में, बहिर्मन से निःसंकोच हंस ले। सिर्फ हंसने से बढ़ जाता रक्त, नर्म हो जाता है ; व्यक्ति सख्त। मन की कोंपले खिल जाती... Hindi · कविता · हास्य 171 Share Akib Javed 15 Dec 2021 · 1 min read अपना बाँदा धरती ऋषि बाम देव की, केन नदी का है घाट! यमुना भी बहती यहाँ, है नवाब टैंक का ठाट ! दुर्ग अजेय कालिंजर का, ब्लॉक है जिसमे आठ! पंच तहसीलों... Hindi · कविता 1 2 377 Share Akib Javed 7 Nov 2021 · 1 min read ठोकर ठोकर जो सिखाती है, आगे बढ़ना। ढकेलने से बचा लेती है, गड्ढों में। जिसमें भरी हुई है, नीरसता,उबकाई, तैयार है, समा जाने को अंतः मन में। बचा लेगी ठोकर, जाने... Hindi · कविता 1 517 Share Akib Javed 12 Sep 2021 · 1 min read बाल कविता ; बादल उमड़ घुमड़ कर आते बादल सबका दिल दहलाते बादल छोटू अपने घर में बैठा दुबका डराते है उसको काले बादल एक परी रहती है उसके पास छोटू को लगी है... Hindi · कविता · बाल कविता 1 2 552 Share Akib Javed 2 Sep 2021 · 1 min read स्कूल का दौर कुम्हलाई आँखे ताक रही थी, रास्ता स्कूल का नाप रही थी। रंग-बिरंगे चेहरे पे उदासी बाहर से झांक रही थी। फूल खिलने लगे लालिमा बिखरने लगी भोर हो गया है,... Hindi · कविता 2 2 317 Share Akib Javed 31 Aug 2021 · 1 min read कविता- गाँव में बदलते परिवेश में अटपटे भावोवेश में गाँव का बदल रहा हिस्ट्री, जियोग्राफ़िया। खलिहर बैठें मनो मस्तिष्क में शून्य लिए खूब हो रहे अपराध है। सड़कों की लम्बाई चौड़ाई बदल रहा... Hindi · कविता 1 275 Share Akib Javed 17 May 2021 · 1 min read हमारी बस्ती में दिखी एक दिन हमारी बस्ती में दिखी एक दिन गरीबी से ज्यादा बेवसी एक दिन। हवाएं चल रही हैं किस जानिब कहेगी शमां की रोशनी एक दिन। एक डर समाया है दिल में... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 2 609 Share Akib Javed 1 Jan 2021 · 1 min read कोरोना - इंसानियत को सबक मानवता को ही भूलकर मानव करता था सब काम सुबह से लेकर शाम तक नही था एक भी आराम प्रकृति का खूब दोहन करा वह धरा का किया नुकसान सोंच... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 24 349 Share Akib Javed 30 Sep 2020 · 1 min read अस्मत चुप है भगवान हँसता हैवान देख देख के सब परेशान दरिंदे बने है लेते है जान अस्मत लुटे इंसा शैतान विकृत रुप क्या है मान माँ बेटी बहन इनका अपमान... Hindi · कविता 3 1 276 Share Akib Javed 21 Jun 2020 · 1 min read जीवन का आधार है पिता त्याग,बलिदान का मूर्त है पिता।। बच्चो का मान,सम्मान है पिता।। जीवन की दुपहरी का छाव है पिता।। बच्चो के दिल का लगाव है पिता।। समय सा निरन्तर चलता है पिता।।... Hindi · कविता 3 2 623 Share Akib Javed 23 May 2020 · 1 min read तंज तंज वाणी को अनियंत्रित अमर्यादित असभ्य बनाना पड़ता है। मस्तिष्क में किसी के प्रति नकारात्मक विचारों का प्रवाह उफान में जब होता है, तब वाणी में विचारों का ज्वाला वाणी... Hindi · कविता 2 2 648 Share Akib Javed 24 Apr 2020 · 1 min read आकर्षण आकर्षण महज देह का नही है है आकर्षण ये मन के आँखों का जिससे तृप्त होती है इंद्रियां और मिलता है अपार आनन्द।। #akib #प्रेम Hindi · कविता 1 476 Share Akib Javed 17 Apr 2020 · 1 min read अतुकांत कविता * थोड़ा ख़मोशी ओढ़े किसी कोने में पड़ें पढ़ रहा अख़बार ढूँढ़ रहा है ख़बर! मिल जाए शायद उसे जो चाहिए चाशनी में डूबी हुई थोड़ा नमकीन सी भीनी खुशबूदार... Hindi · कविता 1 610 Share Akib Javed 16 Apr 2020 · 1 min read सवाल परेशानी में खोया हुआ सड़कों में सोया हुआ जात-धर्म भूला हुआ भुखमरी में झूला हुआ पथराई आँख करती इंतज़ार सुकड़ी आँत करती गुहार व्यथित शरीर अकिंचन दरिद्र खाली बैठा है... Hindi · कविता 1 277 Share Akib Javed 10 Apr 2020 · 1 min read बहुत उलझन में हूँ!अतुकांत कविता आकिब जावेद बहुत उलझन में हूँ! रस्ते भटक रहे है अब! कंकड़ियां सवाल कर रही मुझसे जवाब किसी गुफ़ा में चले गए है नदी में समुद्र कूद रहा है मौन सा पौधे... Hindi · कविता 1 2 550 Share Akib Javed 13 Mar 2020 · 1 min read अफरा तफरी का माहौल हर तरफ हल्ला हो रख्खा है अफरा तफरी का है माहौल कोई अपनी जान बचा रहा है किसी की नागरिकता पे हो रहे सवाल बैंक में पैसे ही नही बचे... Hindi · कविता 1 369 Share Akib Javed 14 Dec 2019 · 1 min read दो उंगलियाँ कैद है नफ़्स के दरमियाँ उसकी दो उंगलियाँ जो कभी मचली थी दिल पे और धड़क उठा था दिल उसका और वो ही थी जो जेहन में बे इख़्तियारी रखे... Hindi · कविता 1 432 Share Akib Javed 3 Nov 2019 · 1 min read जहरीली हवा धीमी- धीमी हवा जहरीली हुई जा रही है। ज़िन्दगी नरक सबकी क्यों हुई जा रही है।। वक़्त रहते तू नादाँ कभी भी सुधरा नही। तेरी गलती की सजा हमें मिली... Hindi · कविता 2 2 610 Share Akib Javed 1 Nov 2019 · 1 min read नज़्म - इश्क की राह अपनी गलती को ढकने की कोशिश की नज़रो से सब की छिपने की कोशिश की।। चाँद भी जब यूँ चाँदनी में खो गया मैंने तब तारे गिनने की कोशिश की।।... Hindi · कविता 2 264 Share Akib Javed 25 Oct 2019 · 1 min read दीपावली - वो उम्मीद सजा कर बैठ गयी कच्चे दिए बना कर बैठ गई वो उम्मीद सज़ा कर बैठ गई! मेरी दिवाली भी रोशन होगी वो भी आस लगाकर बैठ गई! कोई न आया दिये लेने पास वो... Hindi · कविता 2 2 238 Share Akib Javed 7 Sep 2019 · 1 min read तेरे ख़ामोश होठों पर तेरे ख़ामोश होठों पर मेरा ही नाम होता था ये तब की बात है जबकि कोई तुझको सताता था। बहुत परवाह करते थे हम इक़ दूजै की पर लेकिन मुसीबत... Hindi · कविता 2 2 233 Share Akib Javed 30 Aug 2019 · 1 min read कविता - दुपहरी आँगन में आ गई दुपहरी हवा हो गई सुर्ख़ सुई सी पेड़ के पत्ते भी सूख रहे चकमक चकमक धूप रूई सी अलसाये पत्ते डोल रहे भेद मौसम का खोल... Hindi · कविता 2 2 463 Share Akib Javed 4 Aug 2019 · 1 min read नज़्म - दोस्ती *नज़्म* मेरे ख़ामोश लबो को पहचान जाता हैं।। हर सच्चा दोस्त दोस्ती में याद आता हैं।। खूब परवाह एक दूसरे की करते सभी हैं।। मुसीबत में सिर्फ दोस्त ही नज़र... Hindi · कविता 2 2 683 Share Akib Javed 26 Jul 2019 · 1 min read कविता बहुत उलझन में हूँ! रस्ते भटक रहे है अब! कंकड़ियां सवाल कर रही मुझसे जवाब किसी गुफ़ा में चले गए है नदी में समुद्र कूद रहा है मौन सा पौधे... Hindi · कविता 2 692 Share Akib Javed 12 Apr 2019 · 1 min read पता है मुझे अनसुलझा हुआ सा हूँ थोड़ा सुलझा दो मुझे भी कंही खोया हुआ सा हूँ खुद से मिला दो मुझे भी .. नही मिला पाओगे मुझे मुझमे ही डूब जाओगे हां... Hindi · कविता 2 314 Share Akib Javed 2 Feb 2019 · 1 min read बाल कविता : बधाई बस्ते में है कलम और कम्पास मन में खूब उमंग और विश्वास परीक्षा का भी नही है उसे भय सुमन चली पड़ी अपने स्कूल । पढ़ने में उसे है खूब... Hindi · कविता · बाल कविता 2 507 Share Akib Javed 25 Jan 2019 · 1 min read सूरज छीन लो गम के बादल रूह में कायम गर्मी थका हारा है सूरज मयस्सर नही है सुकूँ जज्बात उसके गुम है चक्कर लगाते है दर्द परेशान है धड़कन खोने को... Hindi · कविता 2 267 Share Akib Javed 18 Jan 2019 · 1 min read शिल्पकार वा पत्थर मा देई चलाये चाहे वहिमा जो हुई जाये नव नव रूपन मा गढ़ देई मन चाहे वा रूप बनाये वाहे शिल्पकार कहाये वहिके हाथें मा इतने शक्ति बहुते... Hindi · कविता 2 418 Share Akib Javed 7 Dec 2018 · 1 min read हवा सोच रही दवा को हवा सोच रही दवा को देख रही नज़ारे धरा में ज़हरीली हो गई है हवा लेना होगा सबको दवा ग़र न चेते समय से हम नज़र न आयेगी ये धरा... Hindi · कविता 2 411 Share Akib Javed 6 Nov 2018 · 1 min read दर्द सब लेती हैं माँ की कोई पैमाई नहीं! इस जहाँ में मेरी माई जेसी माई नहीं माई जैसी किसी ने भी नेमत पाई नहीं माँ के पैरों में ही बीते मेरा भी ये जीवन सादा जीवन है मेरा... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 31 773 Share Akib Javed 6 Nov 2018 · 1 min read दीपावली विशेष कविता : वो उम्मीद सजा कर बैठ गई कच्चे दिए बना कर बैठ गई वो उम्मीद सज़ा कर बैठ गई! मेरी दिवाली भी रोशन होगी वो भी आस लगाकर बैठ गई! कोई न आया दिये लेने पास वो... Hindi · कविता 6 283 Share Akib Javed 23 Dec 2017 · 1 min read अकेला हर राह,हर गली, हर मोड़,हर सड़क हर चाह,कोई हमसफर मत भूल तू पथिक निडर चलता जायेगा तू हरदम यूँ ऐसे अकेला ही चल जिंदगी के इस पथ पर तू अब... Hindi · कविता 1 247 Share Akib Javed 14 Dec 2017 · 1 min read एल्बम छण छण गतिमान जिंदगी का पहिया उस पहिये को यादो के रूप में समेट के रखती है चाहे अच्छा लम्हा हो या कि हो कोई बुरी याद कभी किसी में... Hindi · कविता 1 2 567 Share Akib Javed 13 Dec 2017 · 1 min read धड़कन मेरी हर साँसों मे सिर्फ अब तेरी ही रवानी है... तुझे देखू सिर्फ तेरी ही कहानी है.... दिल की हर धड़कन में अब तू ही धड़क रही है.... हर अहसास... Hindi · कविता 710 Share Akib Javed 11 Dec 2017 · 1 min read ओस ओस गिरे बूंदों से जो फूलों के ऊपर रखती नमी ओस की बूँद देती सीख नयी हैं जीवन भर किरन अब सूरज की पड़ती ओज भरती नये पल्लव पल्लवित होती... Hindi · कविता 546 Share Akib Javed 9 Dec 2017 · 1 min read झरना मन का झरना बहता जाये इस कोने से उस कोने झरना देखो आँखों का भी बोझ हुआ गर कुछ दिल में बह जाता यह पल पल में झरना एक जुबां... Hindi · कविता 551 Share Akib Javed 8 Dec 2017 · 1 min read मजहब,जात में इतने बट गये हैं... अपनी नैतिकता हमने यूँ खो दी हैं कितने नीचे अब हम गिर गये हैं मजहब,जात में इतने बट गये है हम इंसान अब कहाँ रह गये हैं टूट कर हम... Hindi · कविता 392 Share Akib Javed 3 Dec 2017 · 1 min read किस्मत का खेल देख तमाशा किस्मत का कैसा कैसा खेल दिखाये कुछ को देखो सब दे जाये कुछ के कुछ हाथ ना आये खेलने कूदने की उम्र में वो देखो पैसे कमाने जाये... Hindi · कविता 498 Share Akib Javed 29 Nov 2017 · 1 min read मंज़िल ये जीवन हैं जीवन में सब होना हैं कुछ पाना हैं तो कुछ खोना हैं थोड़ा उम्मीद हैं तो ना उम्मीदी भी संघर्ष के पथ पर ऐसे बढ़ते जाना हैं... Hindi · कविता 255 Share Akib Javed 27 Nov 2017 · 1 min read वक़्त ? "वक़्त" ? वक़्त ... वक़्त वक़्त की बात हैं कौन किसे,कौन वक़्त याद करता हैं वक़्त ... सतत, व्यापक अनिश्चित ऎसे ही समयारूप चलता रहता हैं वक़्त ... दीर्धकाल... Hindi · कविता 631 Share Akib Javed 27 Nov 2017 · 1 min read मधुशाला होश ना रहा कुछ हमे,ग़मो को अपने दबाये हँसता,मुस्कुराता,लड़खड़ाता खुद को डुबाये तमाम मुश्किलों को अपने नज़रो में समाये नही मिल रहा हमे अब कोई कुछ भी उपाय मस्जिद गया,गिरजाघर... Hindi · कविता 246 Share Akib Javed 27 Nov 2017 · 1 min read रूह उस सितमगर की यादे बेसबब सबा में बह रही मेरे साँसों में उतर कर रूह में यूँ अब समा रही दिल तड़प गया, जाँ मचल रहा अपनी तलाश में ही... Hindi · कविता 242 Share Akib Javed 23 Nov 2017 · 1 min read आशिक दिल में चाहत छुपाये मिलने को तुझसे चाहे बावला सा हैं कँहा कुछ जानता हैं ये गगन,अम्बर छूने को चाहे नदियाँ, पर्वत, चाँद,तारे लाने को माने आशिक मिज़ाज हैं मेरी... Hindi · कविता 647 Share Akib Javed 22 Nov 2017 · 1 min read मोबाइल विषय: मोबाइल जीवन कितना बढ़िया था, गाँव घर घर लगतीं चौपाले थी बच्चो की खिलती किलकारी थी आपस में खूब हंसती नारी थी लेकिन जबसे, मोबाइल हाथ में आ गया... Hindi · कविता 221 Share Akib Javed 21 Nov 2017 · 1 min read तस्वीर नज़रो के ही सामने पाऊँ एक पल सोचूँ,तुझे पाऊँ जिंदगी से अब ना घबराऊँ तू ही कर्ता, तू विघ्नहर्ता तस्वीर नज़रो के ही सामने पाऊँ मुश्किल बड़ी हैं, कठिन घड़ी हैं इस हलात में कैसे... Hindi · कविता 471 Share Akib Javed 20 Nov 2017 · 1 min read राधा श्याम नाम तेरा मेरा क्यू लेते साथ प्रेम से इतराती,रिझाती राधा श्याम से बोली कितना #प्रेम करते मुझसे मुझको जरा बताओ तो नही बोले फिर कुछ श्याम राधा भी थी कँहा... Hindi · कविता 677 Share Akib Javed 19 Nov 2017 · 1 min read पंख पसार उड़ नील गगन छूने को अपने पंख पसार चल आसमान में उड़ने को अपने पंख पसार उड़ कुंचित मानसिकताओं से खुद को अब निकाल चल तरक्की की अब दौड़ में पुरुष... Hindi · कविता 514 Share Akib Javed 19 Nov 2017 · 1 min read नारी मत मुझे जान तू कि मैं अबला हूँ ना ही मुझे अकिंचन समझ लेना तू ना ही किसी के सहारे हूँ ना किसी से भयभीत हूँ मैं ना मुझे बेसहारा... Hindi · कविता 605 Share Akib Javed 19 Nov 2017 · 1 min read वीरानी लक्ष्मीबाई चमक उठी तलवार हाथो में मुख में आभा सा दमक उठी जब दुश्मन पर नज़र पड़ी ह्रदय में एक ज्वाला जाग उठी देखो दुश्मन थर्र थर्र काँप उठा मर्दो की... Hindi · कविता 427 Share Akib Javed 18 Nov 2017 · 1 min read आहिस्ता आहिस्ता! वो कड़कती धूप, वो घना कोहरा, वो घनघोर बारिश, और आयी बसंत बहार जिंदगी के सारे ऋतू तेरे अहसासात को समेटे तुझे पहलुओं में लपेटे चाँद को लिहाफ में समेटे... Hindi · कविता 779 Share Page 1 Next