अकेला इलाहाबादी 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अकेला इलाहाबादी 31 Aug 2016 · 1 min read ख़ुद से दिन रात क्यूँ लड़े कोई। ख़ुद से दिन रात क्यूँ लड़े कोई। रोज़ ख़ुद क्यूँ मरे जिए कोई।। किन मसाइल का हल नहीं मिलता। ज़िन्दगी तुझसे क्यूँ डरे कोई।। बख़्त में जो भी है लिखा,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 284 Share अकेला इलाहाबादी 18 Jul 2016 · 1 min read बात गर सच है तो ताईद का मतलब क्या है। बात गर सच है तो ताईद का मतलब क्या है। झूठे लोगों से यूँ उम्मीद का मतलब क्या है।। बात कोई भी हो जब फ़र्क़ नहीं है उन पर। फिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 632 Share अकेला इलाहाबादी 18 Jun 2016 · 1 min read ग़ज़ल- क़त्ल करने आज क़ातिल फिर शहर में आ गया। क़त्ल करने आज क़ातिल फिर शहर में आ गया। ज़िन्दगी की राह में वो धूप बनकर छा गया।। क्या ख़बर थी लौटकर फिर से वो आएगा यहाँ। बेवफ़ा निकला वो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 322 Share