जगदीश लववंशी Language: Hindi 531 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 8 Next जगदीश लववंशी 8 Dec 2018 · 1 min read सफाई कर्मी नित्य रवि से पहले हम जागे, सब खुश रहे यही दुआ मांगे, गली गली साफ करते, घर घर से कचरा उठाते, धरा को सुंदर बनाते, सर्दी गर्मी हम सहते, बिना... Hindi · कविता 1k Share जगदीश लववंशी 7 Dec 2018 · 1 min read गूंज रही किलकारी जग में उजाला छाया, जब घर चिराग आया, जो राहे थी कभी सूनी, अब गूंज रही किलकारी, हर आशा उससे है जुड़ी, मेरी मंजिल उस ओर मुड़ी, बहुत चला मैं... Hindi · कविता 353 Share जगदीश लववंशी 7 Dec 2018 · 1 min read शूल बिछे हर पथ हम भूख को तरसे, आंखों के मेघ बरसे, खा ले तू मेरे भाई, मैं हूँ अब तेरी माई, यह जहां अपना घर, चले हम अब दर दर, शूल बिछे यहाँ... Hindi · कविता 214 Share जगदीश लववंशी 1 Dec 2018 · 1 min read खुशहाल सुबह सुबह सुनहरी, कितनी प्यारी, सब उठे जाग, महक रहे बाग, हुई है हलचल, सुंदर है हर पल, फिर क्यों उदास ? हो आराम के दास, समान दिन और मास, मुस्कुराहट... Hindi · कविता 254 Share जगदीश लववंशी 17 Nov 2018 · 1 min read कर्म करते रहो आँगन में एक कली खिली, काँटो के संग वह है खेली, धूप ताप सहन कर निखरी, तब वह सुगन्ध रस से भरी, भोरों से रहती सदा घिरी, फिर भी रहती... Hindi · कविता 227 Share जगदीश लववंशी 15 Nov 2018 · 1 min read बचपन स्वर्ग समान देखो कितना प्यारा बचपन, मस्ती उमंग में सब है मगन, क्या धरा और क्या है गगन, लोभ मोह से अति दूर मन, उछल कूद करते हर क्षण, खुद ही राजा... Hindi · कविता 1 721 Share जगदीश लववंशी 13 Nov 2018 · 1 min read ऐ मन रख खुश तू मन बता रे मन, क्या है तेरा मन, पल में तू हँसता, पल में तू रोता, तेरी असीमित चाह, तेरी अनगिनत राह, कभी धरा पर, कभी गगन पार, नही करता तू... Hindi · कविता 232 Share जगदीश लववंशी 13 Nov 2018 · 1 min read दिन निकला दिन निकला, और मैं चला, पथ दुर्गम, करता कर्म, बहाकर पसीना, गर्व से तानता सीना, मान विधाता की इच्छा, सब स्वीकार लगता अच्छा, कर्म पथ पर चलता जाता, कर प्रणाम... Hindi · कविता 431 Share जगदीश लववंशी 10 Nov 2018 · 2 min read माँ जिसमे जग समाया माँ जिसमे सारा जग समाया हुआ है, माँ के बिना संसार की कल्पना भी नही की जा सकती है । इस सृष्टि की जन्म दात्री माँ ही है । जिस... Hindi · लेख 1 4 376 Share जगदीश लववंशी 5 Nov 2018 · 1 min read त्यौहार ।।। धनतेरस ।।। देखो खुशियों का त्यौहार, सजे घर आँगन आई बहार, बाजार भी हुए देखो गुलजार, सबको मिले यह खुशियां अपार, जग देता धनतेरस की शुभकामनाएं , स्नेह प्रेम... Hindi · कविता 1 216 Share जगदीश लववंशी 1 Nov 2018 · 1 min read माँ बिना जीवन नही माँ रहती है जहाँ, स्वर्ग बन जाता वहाँ, माँ बिना जीवन नही, ममता और प्यार नही, माँ बिना नही संसार , माँ बिना नही है सार, माँ ही शब्दों का... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 49 1k Share जगदीश लववंशी 27 Oct 2018 · 1 min read मेरी प्रीत तुम ही हो मेरी प्रीत, तुमसे जुड़ी हर रीत, हर पथ मिली प्रेरणा, तुमने बदली हर धारणा, स्नेह प्रेम का यह रिश्ता, मन में बसाए मैं चलता , तुम ही... Hindi · कविता 2 308 Share जगदीश लववंशी 24 Oct 2018 · 1 min read शरद पूर्णिमा पूर्ण हुआ है अश्विन, कार्तिक का आगमन, खिल उठा चन्द्र तारो संग, चहुँओर छाया शुभ्र रंग, देखो ऋतु शरद सुहावनी, लगती है मन को लुभावनी, नभ में बिखेरता चन्द्र आभा,... Hindi · कविता 264 Share जगदीश लववंशी 21 Oct 2018 · 1 min read महेश्वर अति प्राचीन यह पौराणिक नगरी, कितनी सुंदर है यह मनोरम प्यारी, महेश का वास है कहलाता महेश्वर, होलकर वंश का किला अति सुंदर, माँ रेवा बहती यहाँ नित्य कल कल,... Hindi · कविता 1 335 Share जगदीश लववंशी 19 Oct 2018 · 1 min read समझो तुम दशहरा आया जब थम जाए बारिश, मौसम हो सर्द सरस, सुनाई दे माँ की जयकार, समझो तुम आया क्वार, खिल उठे जब कांस के फूल, उड़ने लगे धरा की धूल, अन्न से... Hindi · कविता 1 455 Share जगदीश लववंशी 5 Oct 2018 · 1 min read सब सुखी रहे, जग सुखी रहे सब सुखी रहे, जग सुखी रहे, लोभ मोह ईर्ष्या सब दूर रहे, सबका सम्मान करूँ, छोटा हो या बड़ा, पर उपकार हेतु सदा रहूँ खड़ा, सुबह शाम करूँ वंदना आपकी,... Hindi · कविता 532 Share जगदीश लववंशी 21 Sep 2018 · 3 min read वह प्राचीन पेड़ "पेड़ो से बाग महकते थे, हरियाली देख नैना थकते थे, आत्मीयता का बहता था सागर, मधुर वाणी हर पीड़ा को देती थी हर" मेरे पर दादा जी ने अनेको पेड़... Hindi · कहानी 399 Share जगदीश लववंशी 20 Sep 2018 · 1 min read बचपन अब मेरा न था जब आंख मेरी खुली , फूल बनी नन्ही कली , जग को देख रोया था, उठा वर्षों से सोया था, मुझे देख सब हंस रहे थे, गलियों में बाजे बज... Hindi · कविता 499 Share जगदीश लववंशी 17 Sep 2018 · 1 min read जीतता वही जो नही रुकता है मन के मंदिर में बसी एक सूरत, मुस्कुराती है वह बन मूरत, हर पल साथ निभाती , जग को वह हर्षाती, बदलता गया समय, कैसे करें अधर्म में की पराजय... Hindi · कविता 237 Share जगदीश लववंशी 14 Sep 2018 · 1 min read तप रही धरा तप रही धरा, सुन ले तू जरा, नभ उगल रहा आग, जाए कहाँ हम भाग, नर तू अब तो जाग, कब तक रहे ताक, कट रहे रोज जंगल, हो रहा... Hindi · कविता 219 Share जगदीश लववंशी 11 Sep 2018 · 1 min read यारी सबसे प्यारी यारो की यह जोड़ी, जाए न कभी छोड़ी, खुशियों की यह कुंजी, जीवन की सच्ची पूंजी, जब मिलते हम यार, खुश होते है दिलदार, छा जाती है नई बहार, मायूसी... Hindi · कविता 474 Share जगदीश लववंशी 7 Sep 2018 · 1 min read वह बचपन अपना था कितना सुंदर सपना था , वह बचपन अपना था, कोई बता दे बचपन का मोल, धन लेकर दे दे वो पल अनमोल, ना चिंता थी ना था कोई गम ,... Hindi · कविता 427 Share जगदीश लववंशी 3 Sep 2018 · 1 min read कान्हा आया कान्हा आया कान्हा आया कान्हा आया..... विष्णु के अष्टम अवतार, आये बनकर तारन हार, अष्टमी तिथि आठवे पुत्र, उजाला हुआ जग में सर्वत्र, डगमगा रहा था जब धर्म, कंस ने फैला रखा... Hindi · कविता 401 Share जगदीश लववंशी 2 Sep 2018 · 1 min read खुश है मन खुला गगन, खुश है मन, मस्त पवन, होकर मगन, चहुँओर हरा, देख ले जरा, प्रकृति का रूप, सुंदर स्वरूप, धरा खुशहाल, भरे सब ताल, सुंदर है छवि, कहते है कवि,... Hindi · कविता 197 Share जगदीश लववंशी 30 Aug 2018 · 1 min read बचपन के साथी, पेड़ हमारे बचपन के साथी यह पेड़ हमारे, उछल कूद करते थे इनके सहारे, यह पथ दुर्गम पर जाना पहचाना, यहाँ के कंकर का क्या कहना, तेंदू सीताफल कितने मीठे फल, इनसे... Hindi · कविता 334 Share जगदीश लववंशी 9 Aug 2018 · 1 min read किताबे ज्ञान का दीपक जलाती, मेरा मन रोज वो बहलाती, अंधेरे में उजाला दिखाती, मुझसे अकेले में बतयाती, सपनो में महलो की सैर कराती, इस जग को जग दिखलाती, मैं उसमें... Hindi · कविता 1 405 Share जगदीश लववंशी 5 Aug 2018 · 1 min read वो बचपन कितना प्यारा था वो बचपन कितना प्यारा था, वह जग कितना न्यारा था, चारो तरफ भाईचारा था, निराशा से कोई न हारा था, कितना गहरा याराना था, कही कोई वीराना न था, सारा... Hindi · कविता 241 Share जगदीश लववंशी 5 Aug 2018 · 1 min read दोष दूर करे, वही दोस्त तुम्ही हो सुख का सागर, तुम्ही से है ज्ञान का भंडार, हर पथ का हो विश्वास, जुडी है तुमसे ही श्वास, गगन के हो तुम तारे, मेरे जीवन के सितारे,... Hindi · कविता 536 Share जगदीश लववंशी 29 Jul 2018 · 1 min read ए बादल जा तनिक ठहर ए बादल जा तनिक ठहर, मित्र रहता मेरा दूर शहर, देना मेरी उसको यह खबर, बिन उसके सूना मेरा घर, जीवन का बीत रहा पहर, पल पल ढहा रहा कहर,... Hindi · कविता 232 Share जगदीश लववंशी 22 Jul 2018 · 1 min read हर पल जो साथ रहे ================ * हर पल जो साथ रहे* ================ चला गया एक वीर, देकर आंखों में नीर, यादों में बसा चेहरा, दुःख दिया बड़ा गहरा, कहानी किस्से याद थे जुबानी, सब... Hindi · कविता 423 Share जगदीश लववंशी 22 Jul 2018 · 1 min read कितने खुश ये परिंदे देखो देखो.... कितने खुश है ये परिंदे, खुले गगन में विचरते, मिलकर सब गीत गुनगुनाते, प्रेम प्यार का संदेश सुनाते, सीखो सीखो..... हम क्यों चिंता को पालते, इतने क्यों आपस... Hindi · कविता 1 194 Share जगदीश लववंशी 20 Jul 2018 · 3 min read हाट (बाजार) भारत देश की सच्ची आत्मा गाँवो में बसती है । शहर में जिसे बाजार कहा जाता है, गाँव मे उसे हाट कहा जाता है । यह हाट प्रत्येक गांव में... Hindi · लेख 283 Share जगदीश लववंशी 16 Jul 2018 · 1 min read तुम पूज्यनीय हो गौ माता सुनो एक समय की एक बात, अंधियारा था, थी गहन रात, सन्नाटा था, थी झींगुरों की आवाज, जग सोया था, पर था एक राज, बह रही थी पवन, पर चुप... Hindi · कविता 284 Share जगदीश लववंशी 15 Jul 2018 · 1 min read पथ की साथी पथ पर चलती कितनी हँसमुख कितनी प्यारी, लगती हो जैसे उतरी नभ परी, भाग्य से मिलती ऐसी गुड़िया, हर रिश्ते को निभाती बढ़िया, सबको लेकर तुम साथ चलती, सुख हो या दुःख तुम... Hindi · कविता 313 Share जगदीश लववंशी 14 Jul 2018 · 1 min read राह देखती तुम्हारी मात =============== राह देखती तुम्हारी मात =============== कैसे जाए छोड़ चिड़िया, अपना घोंसला अपने बच्चे, अब दिन रही रहे अच्छे, दिल नही रहे सच्चे, मंडराते चहुँओर कौए काले, नीयत काली कैसे... Hindi · कविता 354 Share जगदीश लववंशी 14 Jul 2018 · 1 min read यह बचपन कितना प्यारा ======================. ?यह बचपन कितना प्यारा ?? ====================== यह बचपन कितना प्यारा, हर सुख से कितना न्यारा, चिंता की न कोई परछाई, सब मे देखे वो अच्छाई, यह बचपन कितना प्यारा...... Hindi · कविता 256 Share जगदीश लववंशी 12 Jul 2018 · 2 min read गेटकीपर मोहन, जिसका मतलब मोहने वाला होता है, किंतु आज जिस मोहन की बात कर रहे है, उसके संदर्भ में मोहन का अर्थ "मोह न " आशय यह है कि उसने... Hindi · कहानी 328 Share जगदीश लववंशी 11 Jul 2018 · 1 min read बंद घरों में सिमट गए सारे देखा नही खुला गगन, बंद हो रहे है आँगन, बना ली ऊँची ऊँची इमारतें, भूल गए करना हम इबादते, दम घुटती यह सांस, कम हो रहा है विश्वास, शांति नही... Hindi · कविता 466 Share जगदीश लववंशी 9 Jul 2018 · 2 min read गुलाब जामुन गुलाब जामुन का नाम सुनते ही सभी के मुँह में पानी आ जाता है, फिर उसकी तो उम्र ही अभी कुछ 14 -15 वर्ष की रही होगी , वो कितनी... Hindi · कहानी 278 Share जगदीश लववंशी 2 Jul 2018 · 1 min read कर्म ही पूजा है । कर्म ही पूजा, फिर नही कोई दूजा, कर्म ही धर्म, फिर नही कोई शर्म, कर्म से जुड़े रिश्ते, फिर मिलते फरिश्ते, कर्म ही प्रधान, फिर नही कोई समान, कर्म सेवा... Hindi · कविता 2k Share जगदीश लववंशी 1 Jul 2018 · 1 min read बसंत छत्तीस प्रथम प्रभात में मात पिता को नमन है शीश, कर चरण स्पर्श मांगता गुरुवर से आशीष, भगवान से मिला सदा आशीर्वाद, हर अवसर पर दिया सुनाई हर्ष नाद, हँसी खुशी... Hindi · कविता 503 Share जगदीश लववंशी 27 Jun 2018 · 1 min read तुझसे मिलाती मेरी कलम कहाँ हो तुम ढूंढ रहा हूँ कब से, कर रहा हूँ दर दर फरियाद रब से, मन मे बसी इक सूरत, जैसे हो मंदिर की मूरत, जब आता तुम्हारा ध्यान,... Hindi · कविता 1 322 Share जगदीश लववंशी 25 Jun 2018 · 1 min read कहाँ चले गए मेरे साथी कैसा है यह जीवन, भरी पड़ी है उलझन, पलभर का हँसना, पलभर का रोना, यहाँ साथी छूटते, कुछ रिश्ते टूटते, सुख दुःख की माया, जान न कोई पाया, यादों में... Hindi · कविता 263 Share जगदीश लववंशी 24 Jun 2018 · 1 min read कितनी शांत यह सुबह ! अब तो भौर हो चली, खिल उठी हर कली, गगन में छुप गए सितारे, हवा बहने लगी धीरे धीरे, पंछी लगे चहचहाने, पेड़ भी लगे लहराने, पूरब में छा गई... Hindi · कविता 216 Share जगदीश लववंशी 23 Jun 2018 · 1 min read ओ बादल तू जल्दी बरस ओ बादल तू आ जल्दी बरस, धरती पुत्र रहे कब से तरस, बरस हर बरस क्यों नही बरसता, तड़प तड़प क्यों हमको तड़पाता, जल रही धरा, देख ले जरा, कब... Hindi · कविता 225 Share जगदीश लववंशी 19 Jun 2018 · 1 min read ।।।?" संग संग तुम चलते रहना "?।।। संग संग तुम चलते रहना, प्रेम का गीत गाते चलना, स्नेह से हर पथ होता सुगम, देख हँसी पास न आता गम, जब प्यार से पौधे सींचते , खुशबू से... Hindi · कविता 223 Share जगदीश लववंशी 17 Jun 2018 · 1 min read है! भगवान तुम्हारे चरणों में है! भगवान तुम्हारे चरणों मे..... अर्पित है सारा जीवन, चरणों मे बसा जहान, पूर्ण किया हर सपना, त्याग कर सुख अपना, है!भगवान तुम्हारे चरणों मे........ हर ऋतु लगे सुहावनी, आशीष... Hindi · कविता 400 Share जगदीश लववंशी 15 Jun 2018 · 1 min read पूरी होगी हर अभिलाषा लेकर हाथों में हाथ, चलेंगे हम सभी साथ, मंजिल कितनी ही दूर, हम न होंगे अब दूर, चुन लिया जो पथ, अब रुकेगा न रथ, साथ साथ बढ़ते जाएंगे, उन्नति... Hindi · कविता 319 Share जगदीश लववंशी 14 Jun 2018 · 1 min read ऐ! जिंदगी बता तू क्या है ऐ! जिंदगी बता तू क्या है । महलो में खुश या झोपड़ों में, अमीरी में या गरीबी के थपेड़ों में, ईर्ष्या भाव मे या स्नेह के प्यार में, शत्रुता में... Hindi · कविता 1 447 Share जगदीश लववंशी 11 Jun 2018 · 1 min read देश के बच्चे कितने अच्छे, प्यारे बच्चे, दिल के सच्चे, फूलो के गुच्छे, मन है चंचल, तन है कोमल, हृदय है निर्मल, विश्वास है प्रबल, सपने बुनने, नभ में उड़ने, नींव गढ़ने, आगे... Hindi · कविता 316 Share Previous Page 8 Next