अगर भटक जाओगे राहों से, मंज़िल न पा सकोगे,
पूर्वार्थ
वो मेरी पाज़ेब की झंकार से बीमार है
Meenakshi Masoom
चलते रहने वालों की है, पहचान इस दुनिया में
पूर्वार्थ
हर चीज़ पर जल्दबाज़ी न करें..समस्या यह है कि आप अपना बहुत अध
पूर्वार्थ
करे कोशिश अगर इंसान तो क्या-क्या नहीं मिलता
पूर्वार्थ
4091.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
#मुक्तक-
*प्रणय प्रभात*
शायद जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण स्वयं को समझना है।
पूर्वार्थ
4090.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
4089.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दिन अंधेरे हैं, सबक चमकते हैं,
पूर्वार्थ
4088.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
लिख दो ऐसा गीत प्रेम का, हर बाला राधा हो जाए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
4087.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
भोर सुनहरी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मैं कल के विषय में नहीं सोचता हूं, जो
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कृष्ण हूँ मैं
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ईश्वर ने हमें सुख दिया है, दुःख हम स्वयं निर्माण कर रहे हैं।
Ravikesh Jha
ये जीवन एक तमाशा है
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
#आज_का_शेर-
*प्रणय प्रभात*
स्वार्थी मान्छे (#नेपाली_भाषा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
लाल दास कृत मिथिला रामायण मे सीता।
Acharya Rama Nand Mandal
यह दुनिया सिर्फ उनका हाल-चाल पूछती है, जिनके हालात ठीक है, त
Ranjeet kumar patre
किसी ने पूछा इस दुनिया में आपका अपना कौन है मैंने हंसकर कहा
Ranjeet kumar patre
कोई कितना
Dr fauzia Naseem shad
खुशामद की राह छोड़कर,
Ajit Kumar "Karn"
वक़्त होता
Dr fauzia Naseem shad
ज़िन्दगानी में
Dr fauzia Naseem shad
वक़्त जो
Dr fauzia Naseem shad
वक़्त हमने
Dr fauzia Naseem shad
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
वक़्त को क्या
Dr fauzia Naseem shad
जब सारे फूल ! एक-एक कर झर जाएँगे तुम्हारे जीवन से पतझर की बे
Shubham Pandey (S P)
4086.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"उम्रों के बूढे हुए जिस्मो को लांघकर ,अगर कभी हम मिले तो उस
Shubham Pandey (S P)
"असफलता"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल किसी का दुखाना नही चाहिए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ऋषि 'अष्टावक्र'
Indu Singh
अच्छे बच्चे तुम बन जाना
अरशद रसूल बदायूंनी
खुशामद की राह छोड़कर,
Ajit Kumar "Karn"
जनता
Sanjay ' शून्य'
मसला ये नहीं कि लोग परवाह क्यों नहीं करते,
पूर्वार्थ
मसला ये नहीं कि लोग परवाह नहीं करते,
पूर्वार्थ
चुप्पियों के साए में जीते हैं हम सभी,
पूर्वार्थ
एक दिन हम भी चुप्पियों को ओढ़कर चले जाएँगे,
पूर्वार्थ
इतना ही बस रूठिए , मना सके जो कोय ।
Manju sagar
4085.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बात हद से बढ़ानी नहीं चाहिए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
" माप "
Dr. Kishan tandon kranti
*बगिया जोखीराम का प्राचीन शिवालय*
Ravi Prakash