sushil sarna 682 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 8 Next sushil sarna 7 Mar 2024 · 1 min read मनवा मन की कब सुने, करता इच्छित काम । मनवा मन की कब सुने, करता इच्छित काम । कर्मों के अनुसार ही, भोगे वो परिणाम । काम क्रोध मद लोभ में, भूल गया इंसान - हर अभिमानी की यहाँ,... Quote Writer 101 Share sushil sarna 7 Mar 2024 · 1 min read चाँदनी ..... चाँदनी ,,,,,,, चमकने लगे हैं केशों में चाँदी के तार शायद उम्र के सफर का है ये आखिरी पड़ाव थोड़ा जलता थोड़ा बुझता साँसों का अलाव क्षितिज पर साँझ की... 52 Share sushil sarna 7 Mar 2024 · 1 min read मनवा मन की कब सुने, मनवा मन की कब सुने, करता इच्छित काम । कर्मों के अनुसार ही, भोगे वो परिणाम ।। सुशील सरना / 7-3-24 Quote Writer 114 Share sushil sarna 6 Mar 2024 · 1 min read तृष्णा के अम्बर यहाँ, तृष्णा के अम्बर यहाँ, तृप्ति मात्र आभास । अवगुंठन में तृप्ति के, सिर्फ प्यास ही प्यास ।। सुशील सरना / 6-3-24 Quote Writer 100 Share sushil sarna 6 Mar 2024 · 1 min read रात रात हो जाती है लहूलुहान काँटे हिज़्र के सोने नहीं देते तमाम शब सुशील सरना Quote Writer 76 Share sushil sarna 6 Mar 2024 · 1 min read मन को समझाने मन को समझाने आई है बादे सबा लेकर वस्ल का पैग़ाम मोहब्बत के दरीचों से सुशील सरना 6-3-24 Quote Writer 97 Share sushil sarna 5 Mar 2024 · 1 min read हो गया हो गया गिलास खाली पानी बिखर जाने के बाद फिर भी थी उसमें शेष थोड़ी सी नमीं अनदेखी जिंदगी की सुशील सरना / 5-3-24 Quote Writer 1 69 Share sushil sarna 5 Mar 2024 · 1 min read जिंदगी जिंदगी जीती रही जिंदगी के लिए मिट जाने के बाद भी निर्जीव फ्रेम की कैद में सुशील सरना / 5-3-24 Quote Writer 1 78 Share sushil sarna 5 Mar 2024 · 1 min read छलते हैं क्यों आजकल, छलते हैं क्यों आजकल, व्याकुल मन को मीत । सिर्फ देह को भोगना, समझें अपनी जीत ।। सुशील सरना / 5-3-24 Quote Writer 70 Share sushil sarna 5 Mar 2024 · 1 min read सच्चा मन का मीत वो, सच्चा मन का मीत वो, सच्ची जिसकी प्रीति । वो क्या जाने प्रीति जो, सिर्फ निभाये रीत ।। सुशील सरना / 5-3-24 Quote Writer 77 Share sushil sarna 5 Mar 2024 · 1 min read सच्चे- झूठे सब यहाँ, सच्चे- झूठे सब यहाँ, कैसे हो पहचान । कई मुखौटों में छिपा, कलियुग का इंसान ।। सुशील सरना / 5-3-24 Quote Writer 102 Share sushil sarna 5 Mar 2024 · 1 min read बातें करते प्यार की, बातें करते प्यार की, करें न सच्चा प्यार । इस स्वार्थी संसार में, सब मतलब के यार ।। सुशील सरना / 5-3-24 Quote Writer 1 132 Share sushil sarna 4 Mar 2024 · 1 min read सच्ची मौत सच्ची मौत झूठा क्रन्दन थी मिलावट रिश्तों में सुशील सरना Quote Writer 1 84 Share sushil sarna 4 Mar 2024 · 1 min read कैसे यह अनुबंध हैं, कैसे यह संबंध । कैसे यह अनुबंध हैं, कैसे यह संबंध । देह क्षुधा के दौर में, प्रेम हुआ निर्गंध ।। सुशील सरना / 4-3-24 Quote Writer 1 85 Share sushil sarna 4 Mar 2024 · 1 min read हुई नैन की नैन से, हुई नैन की नैन से, थोड़ी सी तकरार । टाल न पाए नैन की, नैन मधुर मनुहार ।। सुशील सरना / 4-3-24 Quote Writer 1 68 Share sushil sarna 4 Mar 2024 · 1 min read बड़ी अजब है प्रीत की, बड़ी अजब है प्रीत की, इस जग में तासीर । भीगी रहती याद में, नैनों की प्राचीर ।। सुशील सरना / 4-3-24 Quote Writer 1 88 Share sushil sarna 3 Mar 2024 · 1 min read उधार ... उधार ... लम्बे अंतराल के बाद मिले भी तो किसी अजनबी की तरह इक दूजे को देखा थोड़ा सा मुस्कुराए और चुका दिया उधार इंतज़ार का सुशील सरना Quote Writer 105 Share sushil sarna 3 Mar 2024 · 1 min read मेघों का मेला लगा, मेघों का मेला लगा, अम्बर में कल रात । झूमी नाची दामिनी, मस्त हुई बरसात ।। सुशील सरना / 3-3-24 Quote Writer 73 Share sushil sarna 3 Mar 2024 · 1 min read मिट्टी के परिधान सब, मिट्टी के परिधान सब, लगें अहं में चूर । जीते जी इस जीव का, मिटता नहीं गुरूर ।। सुशील सरना / 3-3-24 Quote Writer 71 Share sushil sarna 3 Mar 2024 · 1 min read जीवन वो कुरुक्षेत्र है, जीवन वो कुरुक्षेत्र है, जहाँ नित्य संग्राम । जब तक तन में साँस है , मिले नहीं विश्राम ।। सुशील सरना / 3-3-24 Quote Writer 113 Share sushil sarna 3 Mar 2024 · 1 min read परिभाषा संसार की, परिभाषा संसार की, इच्छा का बाजार । अर्थ व्यूह में स्वार्थ के, रिश्ते हैं लाचार ।। सुशील सरना / 3-3-24 Quote Writer 90 Share sushil sarna 2 Mar 2024 · 1 min read गजब है सादगी उनकी गजब है सादगी उनकी तमाम शब् गुजार दी ख्वाबों में जिनके पूछते हैं वो ये आँखें सुर्ख़ क्यूँ हैं सुशील सरना 2-3-24 Quote Writer 69 Share sushil sarna 2 Mar 2024 · 1 min read ऊँचाई ..... ऊँचाई .... कितना बौना हो जाता है इंसान अपने ही में खो जाता है इंसान अक्सर ऊँचाई पर बेगाना हो जाता इंसान ऊँचाई धन के अभिमान की किसी पर्वत के... 66 Share sushil sarna 2 Mar 2024 · 1 min read प्रीतघोष है प्रीत का, धड़कन में नव नाद । प्रीतघोष है प्रीत का, धड़कन में नव नाद । मुख मयंक पर लाज के, स्वरित हुए संवाद । धड़कन में रहता सदा, मधुर मिलन मकरंद - आती है एकांत में,... Quote Writer 110 Share sushil sarna 2 Mar 2024 · 1 min read पत्थर दिल समझा नहीं, पत्थर दिल समझा नहीं, विरही मन की बात । दंश जुदाई का सहे, यह दिल सारी रात ।। सुशील सरना / 2-3-24 Quote Writer 64 Share sushil sarna 2 Mar 2024 · 1 min read पूछूँगा मैं राम से, पूछूँगा मैं राम से, अपने मन की बात । राम राज्य के फिर बता, कब होंगे हालात ।। सुशील सरना / 2-3-24 Quote Writer 79 Share sushil sarna 1 Mar 2024 · 1 min read टूटे पैमाने ...... टूटे पैमाने .... कुछ टूटे पैमाने हैं कुछ रूठे दीवाने हैं कुछ हैं सपनों में डूबे कुछ खुद से अंजाने हैं यादों के तहखानों में बंद कई अफ़साने हैं सोये... 120 Share sushil sarna 1 Mar 2024 · 1 min read यादों की एक नई सहर. . . . . यादों की इक नई सहर ..... न, न अब मैं तुम्हारी बातों में न आऊँगी तुम्हारी जिद के आगे न झुक पाऊँगी तुम तो निर्मोही हो मेरी पीर क्या समझ... 57 Share sushil sarna 1 Mar 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया देख चिता शमशान में, कहने लगा मलंग । लड़ते - लड़ते जिंदगी, आखिर हारी जंग । आखिर हारी जंग , समझ में जरा न आया । देह श्वास के... Quote Writer 108 Share sushil sarna 1 Mar 2024 · 1 min read जिंदगी कुछ और है, हम समझे कुछ और । जिंदगी कुछ और है, हम समझे कुछ और । बेशर्मी का आजकल, खूब चला यह दौर । बेलिबास अब जिंदगी, रास करे दिन रात - मर्यादा छलनी हुई, कोई करे... Quote Writer 106 Share sushil sarna 1 Mar 2024 · 1 min read अंतस के उद्वेग हैं , अंतस के उद्वेग हैं , स्पर्शों के दौर । कहे तिमिर यह भोर से, ढूँढ नया अब ठौर ।। सुशील सरना / 1-3-24 Quote Writer 85 Share sushil sarna 29 Feb 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया मनमानी किसकी चली, उसके आगे मित्र । वो जीवन के खींचता, चलते फिरते चित्र । चलते फिरते चित्र ,समझ ना कुछ भी आया । उस दाता के खेल, अजब... Quote Writer 1 100 Share sushil sarna 29 Feb 2024 · 1 min read कह्र .... कह्र ... थक गयी है बैठे बैठे लबों पे हंसी शायद लब आडम्बर का ये बोझ और न सहन कर पाएंगे संग अंधेरों के ये भी चुप हो जाएंगे कफ़स... 72 Share sushil sarna 29 Feb 2024 · 1 min read मुक्तक किसने किसको क्या कहा, छोड़ो भी यह बात । वक्त मिले तो पूछना ,कैसी थी वो रात । कहने को खामोश था, लब से लब का मेल - बेकाबू फिर... 65 Share sushil sarna 29 Feb 2024 · 1 min read दुम कुत्ते की कब हुई, दुम कुत्ते की कब हुई, सीधी मेरे यार । विषधर कितना भी करो, मारेगा फुफकार ।। सुशील सरना / 29-2-24 Quote Writer 1 120 Share sushil sarna 29 Feb 2024 · 1 min read मित्र भेस में आजकल, मित्र भेस में आजकल, मिलते सब अय्यार । मीठे बनकर यह सदा, करें पीठ पर वार ।। सुशील सरना / 29-2-24 Quote Writer 1 126 Share sushil sarna 29 Feb 2024 · 1 min read मौसम आया फाग का, मौसम आया फाग का, गूँजे भीगे राग । अवगुंठन में प्रीत के, महके नेह पराग ।। सुशील सरना / 29-2-24 Quote Writer 96 Share sushil sarna 28 Feb 2024 · 1 min read हो जाती है साँझ हो जाती है साँझ कभी कभी साँझ से पहले घुट जाती है उम्मीद जब साँसों से पहले सुशील सरना/ Quote Writer 1 117 Share sushil sarna 28 Feb 2024 · 1 min read मुस्कानों की बागानों में मुस्कानों की बागानों में कभी- कभी उग आती है दर्द की खरपतवार आंसूओं की बरसात से सुशील सरना-/28-2-24 Quote Writer 1 89 Share sushil sarna 28 Feb 2024 · 1 min read मिथ्या इस संसार में, अर्थहीन सम्बंध। मिथ्या इस संसार में, अर्थहीन सम्बंध। देह घरोंदा जीव का, साँसों का अनुबंध । रिश्ते नातों के यहाँ, आभासी हैं रंग - कर्मों की संसार में, पीछे रहती गंध ।... Quote Writer 1 99 Share sushil sarna 28 Feb 2024 · 1 min read आदमी के हालात कहां किसी के बस में होते हैं । आदमी के हालात कहां किसी के बस में होते हैं । ये रेतीले लम्हात कहाँ किसी के बस में होते हैं । ख़ुदा की रहमत जो मिल गयी इक रात... Quote Writer 90 Share sushil sarna 28 Feb 2024 · 1 min read साँझ ढली पंछी चले, साँझ ढली पंछी चले, अपने- अपने द्वार । यही सत्य संसार का, जीवन का है सार।। सुशील सरना / 28-2-24 Quote Writer 75 Share sushil sarna 27 Feb 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया काया की माया मिटी, मिटे देह अनुबंध । सूक्ष्म अकेला ही चला ,तोड़ धरा सम्बंध । तोड़ धरा सम्बंध , छोड़ यादों की पाती । हर साथी को याद... 52 Share sushil sarna 27 Feb 2024 · 1 min read क्षणिका : ऐश ट्रे क्षणिका : ऐश ट्रे पी लिया हर दर्द तेरी बेवफ़ाई का मैने सिगरेट के हर कश के साथ झाड़ दिये सब लम्हे झूठी कसमों के वक्त की ऐश ट्रे में... Quote Writer 98 Share sushil sarna 27 Feb 2024 · 1 min read कलरव करते भोर में, कलरव करते भोर में, पंछी आलस त्याग । बीत न जाए नींद में, जीवन मानव जाग ।। सुशील सरना / 27-2-24 Quote Writer 99 Share sushil sarna 27 Feb 2024 · 1 min read कड़वाहट के मूल में, कड़वाहट के मूल में, होती नहीं मिठास । नफरत की इसमें सदा , उगे विषैली घास ।। सुशील सरना / 27-2-24 Quote Writer 115 Share sushil sarna 26 Feb 2024 · 1 min read प्रेम ... प्रेम ... अनुपम आभास का चिर जीवित अहसास है प्रेम मौन बंधनों से उन्मुक्त उन्माद की अनबुझ प्यास है प्रेम अव्यक्त अभिव्यक्ति का असीमित उल्लास है प्रेम निःशब्द शब्दों को... 68 Share sushil sarna 26 Feb 2024 · 1 min read शब्द -शब्द था बोलता, शब्द -शब्द था बोलता, खत से दिल की बात । देर तलक फिर आँख से, होती थी बरसात ।। सुशील सरना / 26-2-24 Quote Writer 105 Share sushil sarna 25 Feb 2024 · 1 min read पिता पिता पुत्र की छाँव है तो पुत्र पिता के पाँव सुशील सरना / 25-2-25 Quote Writer 97 Share sushil sarna 25 Feb 2024 · 1 min read अंगारों को हवा देते हैं. . . अंगारों को हवा देते हैं .... गुनाह स्याह रात में पनाह लेते हैं// नयन दर्द को अश्कों में बहा देते हैं// बहुत तड़पते हैं जज़्बात दिल के जब वो चिलमन... 61 Share Previous Page 8 Next