भूरचन्द जयपाल Language: Hindi 591 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 9 Next भूरचन्द जयपाल 12 Mar 2017 · 1 min read *** चुरा ले नींद कोई *** चुरा ले नींद कोई हमारी कोई बात नहीं चुराये सपनों को हमारे हमें बर्दास्त नहीं महक सपनो की भी है हमारे सीमापार चन्दन -खुशबू भी होती सीमापार नहीं ।। ?मधुप... Hindi · मुक्तक 1 1 555 Share भूरचन्द जयपाल 12 Mar 2017 · 1 min read *** ख़्याल-ए-उम्र **** अब कुछ तो रखो ख्याल-ए-उम्र शाम-ए-जिंदगी ढलती जा रही है ।।१ दिल ना जलाओ इन ज़लज़लों से जिंदगी यूं ही सिमटती जा रही है ।।२ मत रख हाथ अंगार पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 346 Share भूरचन्द जयपाल 12 Mar 2017 · 1 min read *** ऐ चाँद *** ऐ चांद ? तेरी रौशनी दुनियां को शीतल कर दे मेरे हृदय की आग को क्यों ठण्डा नहीं करती ऐ चांद ?क्या तुम भी भेदभाव ? करते हो इन्सां-इन्सां ?के... Hindi · कविता 1 626 Share भूरचन्द जयपाल 12 Mar 2017 · 1 min read ** आजा मेरे पिऊ ** पपिया बोले पीयू पीयू अब कैसे मै जिऊं बादल बिन बरसात कैसे प्यास ये बुझे स्वाति बूंद ना गिरे अब प्राण ये घिरे मत तरसा हिये को तूं अब बरसा... Hindi · कविता 1 312 Share भूरचन्द जयपाल 12 Mar 2017 · 1 min read ** रेत से मनसूबे ** रेत से मनसूबे तेरे कब तक ठहर पाएंगे आश्वासन रूपी छींटे कब तक रोक पाएंगे बिखरे सपनों को तेरे हिफाजत से रख पाएंगे धूप अरमानो को सुखा देगी ऊष्मा अपनी... Hindi · कविता 1 1 282 Share भूरचन्द जयपाल 12 Mar 2017 · 1 min read ** विश्वास मुझपे ना कर ** इतना भी विश्वास मुझपे ना कर कि तूं धोखा खा जाये इतना भी उधार मुझपे ना कर कि क़र्ज उतरा ना जाये बहुत खूबियां है तुझमे और बहुत कमजोरियां है... Hindi · मुक्तक 1 599 Share भूरचन्द जयपाल 12 Mar 2017 · 1 min read ** यूं ही नहीँ ** महक मेरे दिल की बहुत दूर तलक जाती है यूं ही नहीं तितलियां मेरे इर्द-गिर्द मंडराती है ढूंढती मुझको है कस्तूरी मृग की भांति और मदमस्त अपने ही नशे में... Hindi · मुक्तक 1 351 Share भूरचन्द जयपाल 12 Mar 2017 · 1 min read ** होली है भई होली है ** जबसे तूं हमसे ना बोली है दिल में जली इक होली है तूं माने या ना माने अब दिल से अपनी हो ली है ***** दिल बडा नादां है ये... Hindi · गीत 1 1 628 Share भूरचन्द जयपाल 10 Mar 2017 · 1 min read ** कौन जाने ** हुस्नवालों की चाहत क्या ,कौन जाने कब आ जाये कयामत कौन जाने१ गुस्से में क्यों है गुलबदन गुलाब क्या जाने चेहरा है लाल गुलफ़ाम हालत कौन जाने२ मुहब्बत-ए-शौक रखते हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 341 Share भूरचन्द जयपाल 10 Mar 2017 · 1 min read ** चेतक मेरे यार ** चेतक मेरे यार सुन तेरे टापों की आवाज दिल मेरा इक पल डोले बोले होले होले तेरे बिन वादी सूनी तेरे बिन घाटी सूनी टप टप टप टप सुन तेरे... Hindi · गीत 1 296 Share भूरचन्द जयपाल 10 Mar 2017 · 1 min read ** आस्था *** दर्द जब पीर बन कर उभर गया दिल का दुःख जाने किधर गया पीड़ा पीड़ा पीड़ा वो कहता गया दर्द ना जाने कब का पिघल गया ।। ?मधुप बैरागी आस्था... Hindi · मुक्तक 1 579 Share भूरचन्द जयपाल 10 Mar 2017 · 1 min read * बचपन * गांव बचपन का भला या गांव का बचपन भला कौन जाने कब -कब किसी ने किसको नहीं *** छला खेलते थे जब उछलकर पेड़ की डाली से हम बन्दरों को... Hindi · कविता 1 594 Share भूरचन्द जयपाल 10 Mar 2017 · 1 min read ** दुनियां हमसे जलने लगी है ** ख्वाहिशें अब दिल में पलने लगी है दुनियां अब हमसे जलने लगी है अब तुम मेरी पनाह में रहने लगी है दुनियां इसको गुनाह कहने लगी है अब दिल की... Hindi · कविता 1 570 Share भूरचन्द जयपाल 10 Mar 2017 · 1 min read ** इंसान हो तुम ** प्रारम्भिक बोल ********** कश्तियां यूं ही डूबती रह जायेगी होंसला है जिसके हाथ वो पार सागर कर जायेगा तर जायेगा बिन पतवार ******************** इंसान हो तुम इंसान हो तुम किनारे... Hindi · गीत 1 728 Share भूरचन्द जयपाल 10 Mar 2017 · 1 min read ** ओ मृग नयनी ** ओ मृगनयनी तेरी आँखों को मैं क्या कहूं ओ मृग नयनी सागर सा है हिया तेरा उसमें है खारा पानी ओ मृगनयनी सागर सी गहराई लिए खंजन सी आँखे हैं... Hindi · गीत 1 1k Share भूरचन्द जयपाल 10 Mar 2017 · 1 min read ** मत रखना रूह को रहन ** मत रखना रूह को किसी के प्यार में रहन सुन ले तूं दिल की लगी कैसे दिल में अगन महबूब जो कहता रहा दिल की लगी लगन दिल से ना... Hindi · कविता 1 303 Share भूरचन्द जयपाल 10 Mar 2017 · 1 min read ** रह रह के आती है उनकी याद ** इसे ग़मे उल्फ़त कहूँ या जिंदगी का अफ़साना रह रह के आती है उनकी याद कसम से जाना कभी हकीकत भी लगती थी मेरी उनको अफ़साना खैर कोई बात नही... Hindi · कविता 1 588 Share भूरचन्द जयपाल 9 Mar 2017 · 1 min read ** चंद विचार *** कई बार आदमी लाख कौशिश करता है फिर भी उसका काम सफल नहीं होता कई बार अल्प कौशिश करने पर भी मन की मुराद पूरी हो जाती है इसी को... Hindi · कविता 1 504 Share भूरचन्द जयपाल 8 Mar 2017 · 1 min read ** आज महिला दिवस है ** वाह क्या बात है आज महिला दिवस है छद्महस्त नारी का सदा पुरुष पर है नारी सदा पुरुष मन पर अजर-अमर है रोज ही नारी का पुरुष पर वर्चस्व है... Hindi · कविता 1 254 Share भूरचन्द जयपाल 7 Mar 2017 · 1 min read *** हम दिल के मरीज *** हम दिल के मरीज़ भी कितने अजीब हैं कहते हैं अपनी बहाना गैरों का करते हैं चश्मदीद वो अपना नहीं जानते हम हैं उसे ख़ुदा कहें या ईश्वर रहबर अपना... Hindi · कविता 1 284 Share भूरचन्द जयपाल 7 Mar 2017 · 1 min read ** ये दिल हुआ ना कभी अपना ** ये दिल हुआ ना कभी अपना हुआ पराया होकर भी अपना खायी ज़ालिम जमाने की ठोकर दर-दर डर-डर आपा खो कर ये दिल की लगी है नही दिल्लगी मंजर इश्क-ए-तूफां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 666 Share भूरचन्द जयपाल 6 Mar 2017 · 1 min read ** ऐ हुस्नवाले ** ऐ हुस्नवाले तूं इश्क का एहतिराम कर यूं ठुकरा ना बेदर्दी इबादत-ए-इश्क । तेरी फ़ितरत नही क्या फ़जल-ए-दोस्त अदावत है किस वज़ह से इजहार कर। क्या एतबार नहीं मेरे इश्क... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 537 Share भूरचन्द जयपाल 6 Mar 2017 · 1 min read ** चलना थोड़ी दूर था ** चलना थोड़ी दूर था उसमे ही क़दम लड़खड़ा गये फिर क्या जिंदगीभर साथ निभाओगे तुम याद करके वो वादे और कसमे हमनशीं कभी तुम पे तो कभी खुद पे आती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 488 Share भूरचन्द जयपाल 5 Mar 2017 · 1 min read ** होली के पावन पर्व पर ** ****??****** होली के पावन पर्व पर मनभेद मतभेद मिटाकर मेरे सभी मित्रों के लिए मुँह मीठा कीजिए और दिल में मधुर कल्पना करते रहिए सुबह तक रंगो में सराबोर होने... Hindi · कविता 1 536 Share भूरचन्द जयपाल 5 Mar 2017 · 1 min read ** होली खेलत नन्दलाल ** . राधिका गोरी संग ब्रज की छोरी संग बनवारी बिहारी अब होली खेलत नन्दलाल बचाये भोली राधा अपने अपने तन के तंग अंग माने ना चंचल कान्हा डारे फिर फिर... Hindi · गीत 1 375 Share भूरचन्द जयपाल 4 Mar 2017 · 1 min read *** होली के रंग *** होली के रंग खेलो प्रीतम संग लाल है गुलाल गाल है गुलाल तन है लाल लाल मन है लाल लाल खेले है हर बाल आये हर साल होली का त्योंहार... Hindi · गीत 1 468 Share भूरचन्द जयपाल 3 Mar 2017 · 1 min read ** अपने ही रंग में ** . कुछ खास लोग जो अपनी भावनाओं का इजहार बेहतर तरीके से करते है । एक अच्छे मुकाम को हासिल करते हैं ।। ?मधुप बैरागी होली के रंग में साजन... Hindi · कविता 1 426 Share भूरचन्द जयपाल 1 Mar 2017 · 1 min read ** मौसम बडा नालायक है ** मौसम बडा नालायक है ज़रा रखता नहीं है ख्याल सोहबत छूट जायेगी जब महबूबा रूठ जायेगी तब कैसे गुजरेगी ख्याले रात जब दूरियां दरमियां होंगी मीठी मीठी ये जो ठंडक... Hindi · कविता 1 600 Share भूरचन्द जयपाल 1 Mar 2017 · 1 min read ** बादल का गर्जन ** ** बादल का गर्जन भौरों का गुंजन इक कसक जगाता है दिल सहम जाता है बादल के गर्जन से बदन नम है वर्षण से दिल में जगाता अगन है भँवरा... Hindi · कविता 1 265 Share भूरचन्द जयपाल 28 Feb 2017 · 1 min read * जानिसार महबूब * महसूस करें उसे खुशबू कहते है जान का प्यासा हो उसे दुश्मन कहते हैं । जिसके मिलने से जान में जान आ जाये उस जानेबर जानिसार महबूब कहते हैं ।।... Hindi · मुक्तक 1 292 Share भूरचन्द जयपाल 28 Feb 2017 · 1 min read ** टप टप पानी ** . टप टप पानी बह रहा है न जाने ये क्या कह रहा है कहीं वियोगिनी की आँखों से कहीं बादल की बाहों से न जाने टप टप ये क्यूं... Hindi · कविता 1 288 Share भूरचन्द जयपाल 27 Feb 2017 · 1 min read * चार शेर * जीना चाहा था मगर जिंदगी ना मिली । मौत भी अब हमसे अपना दामन छुड़ा के चली ।। लोग कहते हैं अब भी मै जिन्दा हूँ मगर जिंदगी को अलविदा... Hindi · शेर 1 336 Share भूरचन्द जयपाल 26 Feb 2017 · 1 min read ** मुहब्बत का खजाना *** फ़िजा में आज घुली है जमाने-भर की आबे-बू कुछ क्षण गुस्ल कर लूं प्यार की बारिश में यूं खुदा की खुदाई आये मेरे आँचल में चुपके से मुझे ना ग़म... Hindi · कविता 1 415 Share भूरचन्द जयपाल 26 Feb 2017 · 1 min read * पति एकता जिंदाबाद * रविवार का दिन था पीड़ित-प्रताड़ित-पति जुलूस के साथ नारे लगा रहे थे .............. पति एकता जिंदाबाद पति एकता जिंदाबाद इतने में पत्नियों का हुजूम आया .......मै जोर जोर से नारे... Hindi · कविता 1 636 Share भूरचन्द जयपाल 26 Feb 2017 · 1 min read *** शुक्र मना *** ना दुखी हो इतना तूं शुक्र मना............. पांव ही दबवा रही है नानुकर मत करना वरना ........ गला दबाने में देर नहीं करने वाली है चाहत को दिल में दबाये... Hindi · कविता 1 1 619 Share भूरचन्द जयपाल 26 Feb 2017 · 1 min read ** मुझे जुकाम था ** * मेरी आँखों से लगातार आँसू बहे जा रहे थे मै अपने आँसू पोंछता पोंछता थक गया था मै जार जार रो रहा था न जाने मुझे क्या हो रहा... Hindi · कविता 1 550 Share भूरचन्द जयपाल 24 Feb 2017 · 1 min read स्तुति * शिव शंभो शिव शंभो * शंभो शिव शंभो प्रभो शूलपाणे प्रभो शंभो शिव शंभो प्रभो शूलपाणे प्रभो शिवाकांत त्रिपुरारे हर हर शंभो शंभो काशीपते विश्वनाथ पुरारि शिवषम्भी आज मैं आया तेरी शरण में नाथ पार... Hindi · कविता 1 611 Share भूरचन्द जयपाल 24 Feb 2017 · 1 min read * ऐ स्वर्णपिंजर के अनुरागी * ऐ स्वर्णपिंजर के अनुरागी क्या तुमने कभी यह सोचा है ? उन्मुक्त हवा में भी आता है आनन्द पिंजरे से सतगुणा ज्यादा मान बैठा स्वर्ण पिंजर को परिधि इससे उन्मुक्त... Hindi · कविता 1 283 Share भूरचन्द जयपाल 23 Feb 2017 · 1 min read ** आग लगाकर ** प्यास जगाकर आग लगाकर पूछते हो क्या ज़रा दिलपर अपने हाथ रख धड़कता है क्या क्या पूछते हो दिल अपना पराया हुआ कब अब ना पूछिये हाल अपना क्या से... Hindi · मुक्तक 2 1 713 Share भूरचन्द जयपाल 21 Feb 2017 · 1 min read * नमन उस नदीश को * नमन उस नदीश को जिसने झेला नदियों के वेग को नमन उस नदीश को जिसने झेला विष शेष अशेष का नमन उस नदीश को जिसने झेला वेग हृदय आवेश का... Hindi · कविता 1 267 Share भूरचन्द जयपाल 21 Feb 2017 · 1 min read ** आईना जब झूठ बोलता है ** *आईना जब झूठ बोलता है मुस्कुराता हुआ चेहरा दिल मजबूर बोलता है तस्वीर दिखती जो आईने में कुछ और हाल-ए-दिल कुछ और कहते हैं आईना कभी झूठ नहीं बोलता आजकल... Hindi · कविता 1 1k Share भूरचन्द जयपाल 21 Feb 2017 · 1 min read ** मुक्तक ** * गुल-ए-गुलशन से कोई फूल तो चुनना होगा । अरे भ्रमर फिर पछतायेगा जब ग़म-ए-उल्फ़त से चूर तुझे होना होगा ।। भीड़ में चलते हुए आदमीं ने भीड़ से कहा... Hindi · मुक्तक 1 476 Share भूरचन्द जयपाल 21 Feb 2017 · 1 min read *** आखिर क्यों ? जीवन की सन्ध्या बेला में डूबता सूरज ऐसा लगता है जैसे मेरा सारा तेज अपने साथ ले गया हो जीवन सूना सूना सा लगने लगता है अँधेरा फिर और उदासी... Hindi · कविता 1 349 Share भूरचन्द जयपाल 20 Feb 2017 · 1 min read * तेरी मुस्कुराहट * प्रेम सागर उथला है थाह कभी आती नहीं । इक बार डूबने से चाह कभी जाती नहीं ।। *बहुत प्यारी तेरी मुस्कुराहट * दिल को छू जाती है ये आँखें... Hindi · कविता 1 506 Share भूरचन्द जयपाल 19 Feb 2017 · 1 min read ** शादी के बाद ** आ रहा था एक युवक हट्टा कट्टा मुस्डण्डा सा मूछों पर ताव लगाते हुए पर मूछें उसके नहीं थी अँगुलियों का दाब लगाते हुए आ रहा था मै डॉक्टर था... Hindi · कविता 1 830 Share भूरचन्द जयपाल 18 Feb 2017 · 1 min read ** मेरे जीवन साथी ** मेरे जीवन साथी छुपाकर चाँद सा मुखड़ा क्यों मुझसे शर्माती हो पलकें नीची झुकाके क्यों अपना छुपा प्यार दर्शाती हो उठाओ इन नैनों को मेरी ऒर प्यार से ताकि मै... Hindi · कविता 1 1k Share भूरचन्द जयपाल 18 Feb 2017 · 1 min read ** बीता हुआ समय ** बीता हुआ समय लौटकर नहीं आता उसकी क़ीमत आंकना बड़ा मुश्किल होता है लेकिन हम लौटकर फिर-फिर आते रहेंगे तुम्हारी जिंदगी में यूं एक ख्वाब की तरह जो सोने ना... Hindi · कविता 1 399 Share भूरचन्द जयपाल 16 Feb 2017 · 1 min read ** तेरे इंकार में ** तेरे इन्कार में भी इकरार नज़र आता है तेरी नफ़रत में भी प्यार नज़र आता है हमें इतना मालूम है कि तुम्हें हम पर एतबार ज़रूर आता है तेरे गरूर... Hindi · मुक्तक 1 240 Share भूरचन्द जयपाल 16 Feb 2017 · 1 min read *** मैं वो शायर नहीं ***** मैं वो शायर नहीं हूँ दोस्तों जो अपने ग़म को सीने में छुपा कर शायरी में बयां करता है दफ़न मुहब्बत कर दुनियां से बयां करता है करता नहीं मुहब्बत... Hindi · कविता 1 337 Share भूरचन्द जयपाल 16 Feb 2017 · 1 min read *** मन का पंछी ** ?मन का पंछी उड़ ना जाये रे बडी भौर हुई मन दिल को ये समझाये बन्ध पिंजरे में पंछी रे कैसे उड़ ये पाये रे बिना पंखो का पंछी कहीं... Hindi · गीत 1 376 Share Previous Page 9 Next