Bhupendra Rawat 352 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Bhupendra Rawat 8 Apr 2024 · 1 min read आस्था के प्रतीक है, राम आस्था के प्रतीक है, राम लेकिन, क्या राम का भवन बनने से राम राज्य बन जायेगा? भगवा धारण करके क्या, कलयुगी मनुष्य राम बन पायेगा? राम का ध्वज फहराने से... 1 89 Share Bhupendra Rawat 18 Mar 2024 · 1 min read तेरे बिन घर जैसे एक मकां बन जाता है तेरे बिन घर जैसे एक मकां बन जाता है तेरे बिन जैसे, वज़ूद मेरा ग़ुम हो जाता है करता हूँ, गुफ़्तगू मैं जब भी तस्वीरों से तेरी फ़क़त खामोशी का... Quote Writer 1 232 Share Bhupendra Rawat 14 Mar 2024 · 1 min read रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है रिश्तों से अब स्वार्थ की गंध आने लगी है रिश्तों को अब आजमाने लगी है रिश्तों में करके, पैदा मतभेद दीमक बन रिश्तों को खाने लगी है Quote Writer 1 197 Share Bhupendra Rawat 12 Mar 2024 · 1 min read अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ मैं तेरी यादों का बोझ सहने लगा हूँ ख़ुद को भूलाकर, तन्हा रास्तों में, मैं मयकशी बन मैकदे मे रहने लगा हूँ Quote Writer 1 274 Share Bhupendra Rawat 11 Mar 2024 · 1 min read मैं ख़ुद से ज्यादा तुझसे प्यार करता हूँ मैं कोशिशें हज़ार करता हूँ मैं ख़ुद के दिल में ही वार करता हूँ तेरी जुस्तजू में हूँ आज तलक तेरे दिए वादे पर आज भी एतबार करता हूँ बड़ा... Gazal ग़ज़ल 1 521 Share Bhupendra Rawat 7 Mar 2024 · 1 min read पुकारती हुई पुकार आज खो गयी है कही पुकारती हुई पुकार आज खो गयी है कही ऐसा प्रतीत होता है विलुप्त हो गयी है कही अब उस आवाज़ को सुनने को जगमगाती रहती है लालसा हर किसी से... 1 817 Share Bhupendra Rawat 6 Mar 2024 · 1 min read We make Challenges easy and We make Challenges easy and remove thorn from the way by putting some efforts with positive thinking. Quote Writer 1 313 Share Bhupendra Rawat 6 Mar 2024 · 1 min read उलझा हूँ, ज़िंदगी की हरेक गुत्थियाँ सुलझाने में उलझा हूँ, ज़िंदगी की हरेक गुत्थियाँ सुलझाने में जब से दस्तक दी है दर्द ने मेरे सिराने में बड़ी मशक्कत से पाला था मैंने एक भ्रम ठोकरों ने बताया,नही होता,अपना... Hindi 1 42 Share Bhupendra Rawat 5 Mar 2024 · 1 min read सज्जन पुरुष दूसरों से सीखकर सज्जन पुरुष दूसरों से सीखकर अपनी कमियों और अवगुणों में सुधार करते है। बल्कि, अपनी कमियों को छिपाकर दूसरों से ईर्ष्या करना, मूर्खों का काम है Quote Writer 1 294 Share Bhupendra Rawat 4 Mar 2024 · 1 min read We just dream to be rich We just dream to be rich but we didn't put efforts to become rich We get motivate for a while after listen to any motivational speaker But we don't take... Quote Writer 2 344 Share Bhupendra Rawat 3 Mar 2024 · 1 min read विकास की जिस सीढ़ी पर विकास की जिस सीढ़ी पर आज हम अग्रसर है उस सीढ़ी का अंतिम पायदान विनाश पर जाकर रुकता है। Quote Writer 1 136 Share Bhupendra Rawat 2 Mar 2024 · 1 min read तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है तेरे गम मे हमने भी मुस्कुराना छोड़ दिया है हम चेहरे पर नक़ाब ओढ़े बैठे हैं जब से तेरे गम ने... Quote Writer 1 79 Share Bhupendra Rawat 29 Feb 2024 · 1 min read संघर्ष ज़िंदगी को आसान बनाते है संघर्ष ज़िंदगी को आसान बनाते है ज़िंदगी के पथ से कांटे हटाते है जो घबराते है जीवन के संघर्षो से वो ख़ुद के जीवन को बोझ बनाते है Quote Writer 2 101 Share Bhupendra Rawat 28 Feb 2024 · 1 min read कालः परिवर्तनीय: कालः परिवर्तनीय: मनुष्यः परिवर्तय वक़्त बदलते ही इंसान बदल जाता है Quote Writer 3 185 Share Bhupendra Rawat 27 Feb 2024 · 1 min read इंसान इंसानियत को निगल गया है इंसान इंसानियत को निगल गया है स्वार्थ के खातिर अपनों को ही छल गया है पत्थर से कर दुआ, मांगता है रहम अब रंग इंसान का भी बदल गया है Quote Writer 1 271 Share Bhupendra Rawat 26 Feb 2024 · 1 min read मेरे पास, तेरे हर सवाल का जवाब है मेरे पास, तेरे हर सवाल का जवाब है मेरे पास, तेरे हर जख्म का इलाज़ है मैं तेरी यादों की पोटली संजोये बैठा हूँ तेरी चाहत में, रूह भी आज... Quote Writer 1 260 Share Bhupendra Rawat 25 Feb 2024 · 1 min read ख्वाबों में भी तेरा ख्याल मुझे सताता है ख्वाबों में भी तेरा ख्याल मुझे सताता है तेरा रूठ जाना मुझे नही भाता है कर देता है जीना दूभर मेरा भी कोई काँटा जैसे सीने में चुभ सा जाता... Quote Writer 1 262 Share Bhupendra Rawat 24 Feb 2024 · 1 min read तुम मुझे यूँ ही याद रखना तुम मुझे यूँ ही याद रखना रूह की माफिक तुम मुझे अपने साथ रखना हो जाऊँ गर,गुम दुनिया की भीड़ में कभी तो अपनी यादों में मुझे आबाद रखना Quote Writer 3 277 Share Bhupendra Rawat 23 Feb 2024 · 1 min read किताबों से ज्ञान मिलता है किताबों से ज्ञान मिलता है ज्ञान से सम्मान मिलता है जो करता नहीं कद्र किताबों की जीवन की राह में उन्हें अंधकार मिलता है Quote Writer 2 219 Share Bhupendra Rawat 22 Feb 2024 · 1 min read ज़िंदगी एक कहानी बनकर रह जाती है ज़िंदगी एक कहानी बनकर रह जाती है शब्दों की रवानी बनकर रह जाती है समेटता हूँ, जब मैं ज़िंदगी के किस्सों को यादों की एक निशानी बनकर रह जाती है Quote Writer 2 284 Share Bhupendra Rawat 21 Feb 2024 · 1 min read ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है ज़िंदगी मेरी, तेरी कहानी बनकर उभरी है मैंने कुरेदा है जब भी अपने जख्मों को मेरी ज़िंदगी तेरी निशानी बनकर उभरी है Quote Writer 3 252 Share Bhupendra Rawat 20 Feb 2024 · 1 min read मैंने आईने में जब भी ख़ुद को निहारा है मैंने आईने में जब भी ख़ुद को निहारा है उतनी दफा मैंने तुझ को पुकारा है अग़्यारों के बीच असफ़ार में रह कर तेरी जूस्तजू मैं मैंने दिन अपना गुज़ारा... Quote Writer 1 264 Share Bhupendra Rawat 19 Feb 2024 · 1 min read पहला श्लोक ( भगवत गीता ) पहला श्लोक ( भगवत गीता ) कुरुछेत्र में कौरवों और पांडवो की सेना पहुंची जब महाराज धृतराष्ट्र ने संजय से पूछा तब संजय ने श्री कृष्ण द्वारा दी गयी अपनी... Hindi · Quote Writer 2 304 Share Bhupendra Rawat 18 Feb 2024 · 1 min read मैं ज़िंदगी के सफर मे बंजारा हो गया हूँ मैं ज़िंदगी के सफर मे बंजारा हो गया हूँ लोगों को लगता है कि आवारा हो गया हूँ ज़िंदगी की सीख मिली है मुझे ठोकरों से अब मैं ख़ुद की... Quote Writer 2 517 Share Bhupendra Rawat 17 Feb 2024 · 1 min read ज़िंदगी ने अब मुस्कुराना छोड़ दिया है ज़िंदगी ने अब मुस्कुराना छोड़ दिया है हंसी के मुखौटो को ग़म ने तोड़ दिया है फुर्सत से बैठी है उदासी ज़िंदगी में ग़म-ए-हयात ने भी अब रिश्ता जोड़ दिया... Quote Writer 1 328 Share Bhupendra Rawat 16 Feb 2024 · 1 min read माँ जब भी दुआएं देती है माँ जब भी दुआएं देती है ज़िंदगी फिर सदाएं देती है जो करता है तिरस्कार माँ का ज़िंदगी भी उसे जिल्लत और बद्दुआएं देती है Quote Writer 1 306 Share Bhupendra Rawat 15 Feb 2024 · 1 min read ज़िंदगी को मैंने अपनी ऐसे संजोया है ज़िंदगी को मैंने अपनी ऐसे संजोया है माला में मोती जैसे फिर से पिरोया है गुजरे हुए लम्हों को मैंने समेटकर खुद को मैंने अश्क़ों के समुंदर मे डुबोया है Quote Writer 1 138 Share Bhupendra Rawat 14 Feb 2024 · 1 min read मैं एक फरियाद लिए बैठा हूँ मैं एक फरियाद लिए बैठा हूँ मैं एक झूठी आस लिए बैठा हूँ जख्मों के इस बाज़ार में, मैं दर्द दर्द भरी पुकार लिए बैठा हूँ Quote Writer 1 239 Share Bhupendra Rawat 13 Feb 2024 · 1 min read जब भी तू मेरे दरमियाँ आती है जब भी तू मेरे दरमियाँ आती है तब तब मुझे तन्हा कर जाती है पूछता हूँ जब भी मैं पता तेरा ख्वाबों में ही अपना आशियाना बताती है Quote Writer 1 258 Share Bhupendra Rawat 12 Feb 2024 · 1 min read तुझे भूलना इतना आसां नही है तुझे भूलना इतना आसां नही है तेरे दिये जख्मों का कोई निशां नहीं है मैंने पाला है ख़ुद को काँटों में रखकर तेरी यादों का अब यहाँ कोई काम नहीं... Quote Writer 1 163 Share Bhupendra Rawat 11 Feb 2024 · 1 min read अगर, आप सही है अगर, आप सही है और दुनिया को सिर्फ ये बात सिद्ध करने के लिए बहस कर रहे है तो आप अपना कीमती समय बर्बाद कर रहे है। क्योंकि आप स्वयं... Quote Writer 1 208 Share Bhupendra Rawat 10 Feb 2024 · 2 min read विद्यार्थी और विभिन्न योग्यताएँ अक्सर हम अपने बच्चों की छोटी छोटी उपलब्धियों पर खुश या उन्हें मोटीवेट करने की वज़ह हम उनकी तुलना अन्य बच्चों से करने लगते है। जिसके कारण बच्चों में हीन... Hindi · लेख शिक्षा · शिक्षा 1 391 Share Bhupendra Rawat 7 Feb 2024 · 3 min read बढ़ती उम्र के साथ मानसिक विकास (बदलाव) समस्या और समाधान प्रकृति से हम सब भलीभाँति वाकिफ़ है। और हम सब यह भी जानते है कि बदलाव प्रकृति का नियम है। बदलाव कि सीढ़ी पर चलकर ही आज हम सब विकास... Hindi 2 373 Share Bhupendra Rawat 5 Feb 2024 · 2 min read तकनीकी युग मे स्वयं को यंत्रो से बचाने के उपाय आधुनिक युग के यंत्रो ने हमे जिस तरह से अपने अधीन कर लिया है। ऐसी स्थिति मे इन यंत्रो से दूरी बनाए रख पाना अपने आप मे एक चुनौती है।... Hindi · लेख · लेखयंत्रटेक्नोलोजीतकनीकी य 1 815 Share Bhupendra Rawat 26 May 2021 · 1 min read न पूज तू पत्थर को,तू पूज इंसान न पूज तू पत्थर को,तू पूज इंसान इंसानियत को तू ज़िंदा रख ख़ुदा से कर फरमान,ख़ुदा से कर फरामन कि इंसान जिंदा होए,इंसान अगर ज़िंदा होए तो इंसानियत कदापि न... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 5 627 Share Bhupendra Rawat 25 May 2021 · 1 min read माँ माँ के चरणों में मैंने जन्नत को देखा है। माँ ही वो शख्स है,जिसके लिए मैंने ख़ुदा को तरसते देखा है। माँ ने मेरी खातिर हर मुश्किल को आसां बनाया... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 8 4 471 Share Bhupendra Rawat 25 May 2021 · 1 min read अपने लिए सब सोना चाहे,दूजे के लिए माटी अपने लिए सब सोना चाहे दूजे के लिए माटी,दूजे के लिए माटी चाहे करना चाहे वो बर्बादी,करना चाहे वो बर्बादी,सोचे दूजों का बुरा होये, दूजों का बुरा होये तो मन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 2 366 Share Bhupendra Rawat 25 May 2021 · 1 min read खुद को खोकर तुझे पाया है मैंने ख़ुद को खोकर, तुझे पाया है, मैंने हर रिश्ता दिल से निभाया है, मैंने टूट कर हर बार हालातों से, चलना ख़ुद को सिखाया है,मैंने राह के हर क़दम पर... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 452 Share Bhupendra Rawat 24 May 2021 · 2 min read हास्य व्यंग्य...... शादी के पश्चात हास्य व्यंग्य..…....... इस व्यंग्य का वास्तविक जीवन से कोई सम्बंध नही है सबसे ज्यादा हंसी तो तब आती है शादी से पहले कामकाजी कही जाने वाली लड़की सबसे ज्यादा काम... Hindi · लघु कथा 3 2 1k Share Bhupendra Rawat 28 Apr 2021 · 1 min read चलो झूठ बोले चुनाव का वक़्त है आओ चलो झूठ बोले वर्षों से अटका है, विकास आओ चलो झूठ बोले मज़हब भी तो एक मुद्दा है, हमारे पास चलो झूठ बोले मंदिर,मस्जिद, गिरजा,चर्च... Hindi · कविता 2 2 572 Share Bhupendra Rawat 10 Aug 2020 · 1 min read शीर्षक-मैंने पढ़ है किताबों में मैंने पढ़ा है किताबों में सत्यमेव जयते लेकिन नहीं होता यकीं उन किताबों पर आज के हालातों को देखकर चंद पैसों से दबा दिया जाता है,सच और खड़े कर दिए... Hindi · कविता 3 3 326 Share Bhupendra Rawat 27 Jul 2020 · 1 min read दुनिया के सभी बंधन से मुक्त होकर स्वयं को क़ैद करना चाहता है दुनिया के सभी बंधन से मुक्त होकर स्वयं को क़ैद करना चाहता है आधुनिक यंत्र की इस दुनिया में और जीत लेना चाहता है सम्पूर्ण विश्व को इन आधुनिक यंत्र... Hindi · कविता 3 2 347 Share Bhupendra Rawat 27 Jul 2020 · 2 min read अब्दुल कलाम- द मिसाइल मैन मिसाइल मैन के नाम से प्रसिद्ध भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को धनुषकोडी गाँव (रामेश्वरम, तमिलनाडु) में एक मध्यमवर्ग मुस्लिम अंसार परिवार में... Hindi · लेख 2 2 538 Share Bhupendra Rawat 24 May 2020 · 1 min read कहने को है बहुत कुछ शब्दों के बाज़ार में कहने को है बहुत कुछ शब्दों के बाज़ार में लेकिन कुछ क्षण मौन रह तुझे देखना चाहता हूँ,मैं थक सा गया हूँ,रोशन आफताब की तपीश में तेरी ज़ुल्फ़ों के साये... Hindi · मुक्तक 4 262 Share Bhupendra Rawat 24 May 2020 · 1 min read बस गयी हो मेरी रूह में तुम बस गयी हो मेरी रूह में तुम कुछ इस तरह जिस तरह नदियों का बहता नीर समा जाता है,समुन्द्र में समुन्द्र का नीर महासागरों में फिर एक दूसरे के संग... Hindi · कविता 2 2 334 Share Bhupendra Rawat 24 May 2020 · 1 min read बहुत देखे किरदार ज़िन्दगी की किताबों में बहुत देखे किरदार ज़िन्दगी की किताबों में मग़र मुझे तुम सा कोई नजर नही आया देखा तुम्हें जितनी बार मैने अपने नजरिए से उतनी बार अलग अलग किरदारों को तुम... Hindi · कविता 3 417 Share Bhupendra Rawat 24 May 2020 · 1 min read कहने को है बहुत कुछ शब्दों के बाज़ार में कहने को है बहुत कुछ शब्दों के बाज़ार में लेकिन कुछ क्षण मौन रह तुझे देखना चाहता हूँ,मैं थक सा गया हूँ,रोशन आफताब की तपीश में तेरी ज़ुल्फ़ों के साये... Hindi · मुक्तक 3 308 Share Bhupendra Rawat 23 May 2020 · 1 min read रिश्ते निभाए तूने दिल-ओ-जान से रिश्ते निभाए तूने दिल-ओ-जान से वही छोड़ चल बसे तुझे इस जहाँ से कल तक मजबूत नींव थी जिस इमारत की नींव ही नेस्तनाबूद कर गए इस मकाँ से रिश्ते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 377 Share Bhupendra Rawat 23 May 2020 · 1 min read जिनके पांव में छाले है वो इतिहास बनाने वाले है जिनके पांव में छाले है वो इतिहास बनाने वाले है देखकर मौन हुआ है जो वो सत्ता के रखवाले है आलीशान बंगलो में बैठ करते है चर्चा वो शोषितों का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 258 Share Bhupendra Rawat 22 May 2020 · 1 min read चोट खाये हुए मज़दूर घर को लौट आये मज़दूर चोट खाये हुए मज़दूर घर को लौट आये मज़दूर चिलचिलाती धूप से कहां,कब घबराये मज़दूर रोटी की तलाश में घर बचाने की आस में थोड़ा सा घबराये मज़दूर देखो गांव... Hindi · कविता 4 2 293 Share Page 1 Next