संजीव शुक्ल 'सचिन' Language: Hindi 827 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 8 Next संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Jun 2019 · 2 min read लघुकथा रूप बड़ा या गुण...?? *********************** तू मर क्यों न जाती कलमुँहीआखिर यूँ कबतक हमारे सीने पर मूंग दलती रहेगी माँ के ये शब्द कमली को व्यथित करने को प्रयाप्त थे,... Hindi · लघु कथा 1 552 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Jun 2019 · 1 min read प्रेम प्रेम ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ है प्रेम पलता चहुँदिशा में, स्वार्थ से यह दूर है। जो स्वार्थसाथक प्रेम करता, प्रेम से वह दूर है। मिथ्या नहीं यह बात सच, गर हो सके तो... Hindi · कविता 1 222 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Jun 2019 · 1 min read ्विरह गीत =====++++======++++======++++====== विरह वेदना ************* कुछ देर ठहरती संग प्रिय, श्रृंगार तुम्हारा कर देता। पायल, चूड़ी औ #गजरे से, मैं रूप तुम्हारा गढ देता।। है प्रेम हृदय में भरा हुआ,तब काश... Hindi · गीत 1 446 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Jun 2019 · 1 min read कुण्लिया छंद विधा - कुण्डलिया *********************************** मारक क्षमता गजब की, तुम हो बड़े भुवाल। तेरे कारण हे प्रिये, जीना हुआ मुहाल।। जीना हुआ मुहाल, नींद तुम सारी हरते। रक्त मिले अनुकूल, जल्द... Hindi · कुण्डलिया 1 229 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Jun 2019 · 2 min read ताटंक छंद आधारित गीत (हास्य व्यंग) #विधा - ताटंक छंद आधारित गीत #विषय - मन्नत नेता जी की ******************************************** मन्नत नेताजी की ******************************************** मांग रहा हूँ भोले तुम से, नेता मुझे बना देना। छप्पन... Hindi · कविता 1 237 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Jun 2019 · 3 min read संस्मरण यादें खट्टी मीठी ******************************************** ✍️प्रथम यात्रा घर से ससुराल तक✍️ ******************************************** एक ऐसा अनुभव एक ऐसी याद जो जेहन में आते ही स्वतः हमें खुद पे हँसने को मजबूर कर... Hindi · लेख 1 353 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Jun 2019 · 1 min read कुण्लिया छंद ईर्ष्या उर मत पालिये, हरती बुद्धि विवेक। बात सत्य यह जानिये, देती कष्ट अनेक।। देती कष्ट अनेक, मनुज की मति हर लेती। सुपथ सदा ही दूर, हमें यह कुपथ ही... Hindi · कुण्डलिया 1 384 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Jun 2019 · 1 min read चांद बिना श्रृंगार अधुरा ******************************************* नभ में गर जो चाँद न होता, सुंदरता किसकी लि खते? चाँद बिना क्या नभ में तारे, चमकीले ऐसे दिखते? विरहन इक श्रृंगार से वंचित, दिखती है हमको जैसे।... Hindi · कविता 1 248 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Jun 2019 · 1 min read सार ललित छंद ------------------------------------------------------------------------------------- विषय : मेरे शब्द विधा : सार ललित छंद ------------------------------------------------------------------------------------------- ऐसे शब्द कहाँ से लाऊं, जो पीड़ा दर्शायें। इस पीड़ा के वशीभूत सब, नेह सुधा बरसायें।। शब्द शब्द में... Hindi · कविता 1 480 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Jun 2019 · 1 min read कुण्लिया छंद ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ विषय :-- रेत, बालू विधा :-- कुण्डलिया ****************************************** गंगा की मैं गोद में, यह है मेरा धाम। कहते मुझको रेत है, आती सबके काम।। आती सबके काम, स्वार्थ क्यूं... Hindi · कुण्डलिया 1 474 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Jun 2019 · 1 min read ताटंक छंद राम नाम ही सत्य है ********************* राम नाम का रस पीते जा, मिथ्या दुनियादारी है। आया है जो भी इस जग में, सब पे यही उधारी है।। मोहपाश में बँधकर... Hindi · कविता 1 309 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Jun 2019 · 1 min read बबूल / कीकर विषय : बबूल/ कीकर विधा :- मुक्त छंद ******************************************** रोगों से लड़ने में इसकी, नही है कोई सानी। कीकर की महिमा को यारो, जग ने है पहचानी।। मरूथल में भी... Hindi · कविता 1 297 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Jun 2019 · 1 min read मिट्टी गंगा की मिट्टी गंगा की ############## गंगा की मैं रेत हूँ, रज कहते सब लोग। हृदय और मस्तक लगूँ, छूटें भव के भोग।। छूटें भव के भोग,करूँ पावन तन मन को। रहती... Hindi · कुण्डलिया 1 222 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 2 May 2019 · 1 min read प्रेम (सार छंद) प्रेम ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^************* है प्रेम पलता चहुँदिशा में स्वार्थ से यह दूर है। जो स्वार्थ साधक प्रेम करता द्वेष उर भरपूर है।। मिथ्या नहीं यह बात सच गर हो सके तो... Hindi · कविता 1 470 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 16 Apr 2019 · 1 min read भोजपुरी सरसी छंद आधारित गीत #नमन_ख़याल_परिवार ???#शुभ_सबेरा #भाषा - ठेठ भोजपुरी ^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^^ .नेताजी ******************************************** सगरे दुनिया ढोल पिटवलस, बोले बड़हन बोल। समझे वाला समझत बाटे, बतिया के सब झोल।। कुर्सी चाहीं मिले जइसे, करे इ... Hindi · गीत 1 502 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 5 Apr 2019 · 1 min read कुण्डलिया छंद #विधा - कुण्डलिया **************************************** प्रीत जगत की रीत है, यह जीवन संगीत। प्रीत है परमात्मा, प्रीत दिलाये मीत। प्रीत दिलाये मीत, हर्ष जीवन में छाये। गायें मिल सब गीत, सदा... Hindi · कुण्डलिया 1 342 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 29 Mar 2019 · 1 min read चुवानी समर #विधा - #तांटक_छंद #विषय - स्वच्छंद ? #सादर_समीक्षार्थ ****************************** चुनावी समर ************ महा समर झूठे वादो का, नेता रंग जमायेंगे। जीते तो घपले घोटाले, कर के हमें दिखायेंगे।। नागनाथ भी... Hindi · कविता 1 405 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 29 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक #विधा - ताटंक छंद आधारित (मुक्तक) ********* ************ ********** ********** व्यथित हृदय की पीर अभी हम, बोलो भला दिखाये क्यों। जनता भोली मौन पड़ी है, गूंगों को समझायें क्यों। जो... Hindi · मुक्तक 1 232 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 Mar 2019 · 1 min read कैसे लिख दूं जीवन गीत (पुनीत छंद) आप सभी मित्रों से करबद्ध प्रार्थना है हमारे प्रिय अनुज के दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना करें।। ????????????? ????????????? ?कैसे लिख दूं जीवन गीत? **************************** चला गया है... Hindi · कविता 1 580 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read वर्तमान राजनेता #शीर्षक - वर्तमान राजनेता #विधा-- सार (ललित) छंद ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ #वर्तमान_राजनेता ````````````````````````````````````````````````````````` रंग बदलते गिरगिट जैसे, मेढक ये बरसाती। बाप मान लें गदहे को भी, शर्म इन्हें न आती।। जनाधार के... Hindi · कविता 2 255 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read बहुत बुरा है राष्ट्र का हाल *********************** बहुत बुरा है राष्ट्र का हाल। जनता होने लगी कंगाल।। नेता हो गए मालामाल। नित ही चलें ये उलटी चाल।। विवश है जनता जंगल राज। मातम पसरा बज रहा... Hindi · कविता 1 1 582 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read सृजक आत्ममंथन सृजक आत्ममंथन ------------------------ जब से कलम उठाया मैंने लक्ष्य एक ही साधा था, मान प्रतिष्ठा मिले जगत में आश यहीं बस बाँधा था। तब से लेकर आज अभी तक कलम... Hindi · कविता 216 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read वसंत **************************** वसंत ^^^^^^^^^^ ऋतुओं का राजा वसंत। ले आया खुशियाँ अनंत। पीले सरसों फूल दिख रहे- पीत वस्त्र में लिपटे संत। पतझड़ का मौसम है भागा। हर हृदय उमंग है... Hindi · कविता 1 542 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read आली वर्ण पाद छंद विधा - अली वर्ण पाद छंद प्रथम प्रयास?सादर समीक्षार्थ ''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''' '''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''' नयना तरसे बदरा गरजे तोहे बिन देखे अँखियाँ बरसे रूठ गये काहे आन मिलो तुम। वीरह वेदना सह न... Hindi · कविता 1 563 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read जल संरक्षण विषय ~ जल संरक्षण ...मात्रा भार - २८ ============================== मिटाता प्यास वो सबका, आस मन में जगाता है। हृदय की वेदना को चक्षु से, पल में बहाता है। मिल संरक्षण... Hindi · मुक्तक 252 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read विरह गीत दिगपाल छंद ???सादर समीक्षार्थ विरह गीत """""""'''''''''''''''''' है गीत ये मिलन का, गाओ मुझे सुनाओ। चितचोर दिल लगाकर, यूँ दूर अब न जाओ।। तेरे लिए सजी हूँ, मनमीत मै बता... Hindi · गीत 415 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read रावण दहन #विधा - मनहरण घनाक्षरी """"""""'""""""""""""""""""""""""""""""""""" "रावण ** दहन" ************* देखा रावण दहन, आया विचार गहन। मन के तू रावण को, काहे न मारता है।। पुतले है फूंकता तू,खुद पे ही... Hindi · घनाक्षरी 1 274 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read मुक्तक नमन मंच विधा - मुक्तक **************************** मात्रा भार - २१ अब हकीकत छुपाने से क्या फायदा। गम को हृदय लगाने से क्या फायदा। जिन्दगी की ये गाड़ी न रुकती कभी-... Hindi · मुक्तक 193 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read मधुमालती छंद #नमन_मंच #विधा - मधुमालती छंद *************************** ?#प्रथम_प्रयास_सादर_समीक्षार्थ? मेरा कहाँ अब नाम है। मुझसे भला क्या काम है।। तेरे लिए चलता रहा। मैं गम लिए जलता रहा।। नजदीकियां मिटने लगी। अब... Hindi · कविता 1 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read निवर्तमान परिवेश #विधा - सरसी छंद *************************************** निवर्तमान परिवेश """""'''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''""" विषधर जैसे कुछ मानव हैं, औ है इनका वंश। चाहे जितना दूध पिला दो, मारेंगे ये दंश।। बाह्य दिखावा ऐसा जैसे, दिखता... Hindi · कविता 1 248 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read सरस्वती वंदना ???? प्रार्थना ???? *****†******************†***** वागीश वीणावादिनी, सदबुद्धि प्रदायिनी। चरणों में शरण दे, नमन स्वीकारिये।। ज्ञानधन दीप्त कर, उर में आनंद भर। नाश कर कुबुद्धि का, आज हमें तारिये।। पाहन पाषाण... Hindi · घनाक्षरी 2 347 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read हृदय की पीर ??नमन मंच?? विषय.... आहत हृदय की पीर ************************** देखता हूँ मै जिधर भी, कोलाहल औ क्रन्दन है। धरा रक्त से सन रही, विलुप्त हुआ वृंदावन है। मानवता चित्कार रही, मानव... Hindi · मुक्तक 206 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read वतनपरस्तों तुझे सलाम #नमन_मंच #विधा - छंद मुक्त --------------------------------------- वतनपरस्तों तुझे सलाम *********************** वतनपरस्ती में दम निकले, सोचते हैं सिपाही। इनकी गाथा रुधिर से लिखूँ, रक्त बनेगी स्याही। वतन के खातिर मर मिटते... Hindi · कविता 192 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read सचिन के दोहे #नमन_मंच #विधा - दोहा छंद *************************************** वीरों के बलिदान का, लोगे कब प्रतिकार। भाषणबाजी से नहीं, अब होगी जयकार।।१।। वीर सहीदो ने कई, हमसे किये सवाल। सेना में क्यो हैं... Hindi · दोहा 415 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read कुर्सी ही बस त्रेता है #रस - रौद्र रस ================++================ ?️कुर्सी ही बस त्रेता है?️ *****************^^^^********************* कपट द्वैष ईर्ष्या के युग में, कुर्सी ही बस त्रेता है। कुछ पैसों में गद्दी बिकती, मतदाता विक्रेता है।।... Hindi · गीत 1 486 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read सब समझते है ?????#नमन_मंच????? .. #मुक्तक #विषय -- सब समझते है..?? **************************************** शोणित दे जो दी आजादी, देख तुझे रोता होगा। राष्ट्र की ऐसी दशा देखकर, आपा भी खोता होगा। बुरे कर्म अबतक... Hindi · मुक्तक 371 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read अब तो हम अड़ बैठे है! ?? ?? ⚔️अब तो हम अड़ बैठे है.⚔️ ?? ?? *************************************** पीठ पे वार किया था तुने, सीने पर चढ बैठे है। अब ना छोड़ेंगे वो गीदड़, अब तो हम... Hindi · गीत 231 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read लालची मतदाता विषय- मत विक्रेताओं पर व्यंग्य विधा - स्वच्छंद ⚛️⚛️⚛️⚛️⚛️ लालची मतदाता ✡️✡️✡️✡️✡️ ******************* पैसे खर्च करेगा जो भी, बस उसकी ही बारी है। मुर्गी पैसे औ मदिरा की, अब तो... Hindi · गीत 504 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read शक्ति छंद #विधा - शक्ति छंद *****#प्रथम_प्रयास_सादर_समीक्षार्थ**** फैसले की घड़ी *************************** घड़ी फैसले की अभी है अभी। अजी देखलो सोचना फिर कभी। चुनावी समर का बिगुल है बजा। किसे ताज देनी किसे... Hindi · कविता 222 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 17 Mar 2019 · 1 min read राधिका छंद - फागुन #विधा - राधिका छंद ****************************** यह फागुन का है मास, लगे मनभावन। हर हृदय हुआ है मस्त, छटा है पावन।। अब गोरी खेले फाग, रंग बरसाये। है पीट... Hindi · कविता 1 402 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 Mar 2019 · 1 min read मित्रता विधा.. कलहंस/हंसगति प्रदत्त शब्द -- सलामत, हिफाजत अदावत ?????????????? ??मित्रता?? ********************************* रहे सलामत यार, दुआ हम करते। मित्र ईश वरदान, साथ को मरते।। पड़े मुसीबत मित्र, हिफाजत करते। बहुबाधित भयभीत,... Hindi · कविता 273 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 Mar 2019 · 1 min read माँ शारदे की वंदना ???? प्रार्थना ???? *****†******************†***** वागीश वीणावादिनी, सदबुद्धि प्रदायिनी। चरणों में शरण दे, नमन स्वीकारिये।। ज्ञानधन दीप्त कर, उर में आनंद भर। नाश कर कुबुद्धि का, आज हमें तारिये।। पाहन पाषाण... Hindi · घनाक्षरी 534 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 Mar 2019 · 1 min read आयो वसंत #विधा---------सरसी छंद ।। आयो वसंत ।। =============================== कोयल कूक रही बागों में, नाचे झींगुर मोर। ऋतुओं का राजा आया है, सभी मचायें शोर।। कण कण में मस्ती छाई है, आया... Hindi · कविता 503 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 8 Feb 2019 · 1 min read मुक्तक नमन मंच विधा - मुक्तक **************************** मात्रा भार - २१ अब हकीकत छुपाने से क्या फायदा। गम को हृदय लगाने से क्या फायदा। जिन्दगी की ये गाड़ी न रुकती कभी-... Hindi · मुक्तक 1 1 501 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 5 Feb 2019 · 1 min read आज के राजनेता राजनेता ````````````````````````````````````````````````````````` रंग बदलते गिरगिट जैसे, मेढक ये बरसाती। बाप मान लें गदहे को भी, शर्म इन्हें न आती।। जनाधार के खातिर करते, जन की खातिरदारी। पाँच वर्ष न सुने... Hindi · कविता 227 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 5 Feb 2019 · 1 min read जीवन संगिनी (मनहरण घनाक्षरी छंद) ??? जीवन^संगिनी ??? ^^^^^^^^^*************^^^^^^^^^^ मम जीवन संगिनी, कलत्र अंग अंगनी। खुशियों के संग प्रिय, अंग में विराजती।। साजती सवारती है,जिन्दगी निखारती है। प्रेम रस घोल प्रिय, हमको पुकारती।। आलय देवालय... Hindi · घनाक्षरी 1 566 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 2 Feb 2019 · 1 min read विरह गीत दिगपाल छंद ???सादर समीक्षार्थ विरह गीत """""""'''''''''''''''''' है गीत ये मिलन की, गाओ मुझे सुनाओ। चितचोर दिल लगाकर, यूँ दूर अब न जाओ।। तेरे लिए सजी हूँ, मनमीत मै बता... Hindi · कविता 1 228 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Feb 2019 · 1 min read वसंत ऋतु वसंत ^^^^^^^^^^ ऋतुओं का राजा वसंत। ले आया खुशियाँ अनंत। पीले सरसों फूल दिख रहे- पीत वस्त्र में लिपटे संत। पतझड़ का मौसम है भागा। हर हृदय उमंग है जागा।... Hindi · कविता 408 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Feb 2019 · 1 min read सृजक आत्ममंथन सृजक आत्ममंथन ------------------------ जब से कलम उठाया मैंने लक्ष्य एक ही साधा था, मान प्रतिष्ठा मिले जगत में आश यहीं बस बाँधा था। तब से लेकर आज अभी तक कलम... Hindi · कविता 458 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Feb 2019 · 1 min read बेकरारी ...मुलाहिज़ा फरमाइए.....? तोहर जईसन हाल गोरिया हमरो ओईसन हाल बा। तोहरे बिना लईकन सब के जीयल मुहाल बा। चाँद तारा ताकत बाड़े रात रात भर उठ के- एक एक पल... Hindi · मुक्तक 1 481 Share Previous Page 8 Next