sushil sarna 1172 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Next sushil sarna 10 Aug 2024 · 1 min read अधरों के बैराग को, अधरों के बैराग को, अधर हरें हर बार । अधर तटों पर प्रेम का, उदित हुआ संसार ।। सुशील सरना / 10-8-24 Quote Writer 85 Share sushil sarna 10 Aug 2024 · 1 min read तृषा हुई बैरागिनी, तृषा हुई बैरागिनी, भ्रमित हुए शृंगार । जैसे-जैसे दिन ढला, रैन बनी अंगार ।। सुशील सरना / 10-8-24 Quote Writer 58 Share sushil sarna 9 Aug 2024 · 1 min read क्षणिक सुख ... क्षणिक सुख ... कितने दुखों से भर दिया बुजुर्गो का दामन वर्तमान के क्षणिक सुख की सोच ने सैंकड़ों झुर्रियों में छुपा दिया बुजुर्गो के सुख को वर्तमान के क्षणिक... 56 Share sushil sarna 9 Aug 2024 · 1 min read झूठों की महफिल सजी, झूठों की महफिल सजी, सच तो बैठा मौन । सच के शब्दों की वहाँ , माला पहने कौन ।। सुशील सरना / 9-8-24 . Quote Writer 47 Share sushil sarna 9 Aug 2024 · 1 min read सच्चा लगता झूठ का, सच्चा लगता झूठ का, कृत्रिम सकल उजास । मरीचिका में झूठ की , सिर्फ प्यास -ही -प्यास ।। सुशील सरना / 9-8-24 Quote Writer 53 Share sushil sarna 9 Aug 2024 · 1 min read झूठे को कुर्सी मिले, झूठे को कुर्सी मिले, सच को मिलता फर्श । कैसी है यह विविधता , चुप क्यों आखिर अर्श ।। सुशील सरना / 9-8-24 Quote Writer 63 Share sushil sarna 9 Aug 2024 · 1 min read सच के दामन में लगे, सच के दामन में लगे, बदनामी के दाग । झूठ अलापे रात दिन, बेशर्मी के राग ।। सुशील सरना / 9-8-24 Quote Writer 31 Share sushil sarna 9 Aug 2024 · 1 min read जाने क्यों भाता नहीं, जाने क्यों भाता नहीं, सत्य किसी को आज । सत्य गली में झूठ का, अब चलता है राज ।। सुशील सरना / 9-8-24 Quote Writer 67 Share sushil sarna 8 Aug 2024 · 1 min read पहली बरसात .... पहली बरसात .... मेघों की गर्जन नर्तन करती दामिनी फुहारों में भीगी मस्त समीर वातायन के पटों का शोर करवटों की रात लो फिर आ गई वस्ल की यादें लिए... 44 Share sushil sarna 8 Aug 2024 · 1 min read क्षणिका क्षणिका हो गया संस्कारों का दाहसंस्कार मौन बिलखता रहा कहकहों में संतान के सुशील सरना Quote Writer 88 Share sushil sarna 8 Aug 2024 · 1 min read बाघों की चिंता करे, बाघों की चिंता करे, नित्य नई सरकार । रोजगार पर क्यों नहीं, करता कोई विचार।। सुशील सरना / 8-8-24 Quote Writer 77 Share sushil sarna 8 Aug 2024 · 1 min read सूना- सूना घर लगे, सूना- सूना घर लगे, आँगन लगे उदास । मन को कुछ भाता नहीं, रहे न अपने पास ।। सुशील सरना / 8-8-24 Quote Writer 74 Share sushil sarna 8 Aug 2024 · 1 min read दीवारों में खो गए, दीवारों में खो गए, परिवारों के प्यार । खो गए वो कहकहे, सिमट गए विस्तार ।। सुशील सरना / 8-8-24 Quote Writer 64 Share sushil sarna 8 Aug 2024 · 1 min read टुकड़े -टुकड़े हो गए, टुकड़े -टुकड़े हो गए, अब साँझे परिवार । इंतजार में बुझ गए, चूल्हों के अंगार ।। सुशील सरना / 8-8-24 Quote Writer 92 Share sushil sarna 8 Aug 2024 · 1 min read पृथक- पृथक चूल्हे हुए, पृथक- पृथक चूल्हे हुए, पृथक हुए परिवार । आँगन से ओझल हुए, खुशियों के त्यौहार । । सुशील सरना / 8-8-24 Quote Writer 81 Share sushil sarna 8 Aug 2024 · 1 min read साँझे चूल्हों के नहीं , साँझे चूल्हों के नहीं , दिखते अब परिवार । रिश्तों में अब स्वार्थ की, खड़ी हुई दीवार ।। सुशील सरना / 8-8-24 Quote Writer 60 Share sushil sarna 7 Aug 2024 · 1 min read रोला छंद. . . रोला छंद. . . साँसों का संगीत, तिमिर में लगता प्यारा । अनुरोधों के वेग , में हृदय सब कुछ हारा । धीमी-धीमी आग , प्रीत को लगे सुहानी ।... Quote Writer 102 Share sushil sarna 7 Aug 2024 · 1 min read मन को मन का मिल गया, मन को मन का मिल गया, मन चाहा संसार । मन में ही मन को मिला , इच्छित मन का प्यार ।। सुशील सरना / 7-8-24 Quote Writer 57 Share sushil sarna 7 Aug 2024 · 1 min read मन प्रीतम की प्रीत का, मन प्रीतम की प्रीत का, अद्भुत है संसार । मन ही मन वो जीतता, मन में जाता हार ।। सुशील सरना / 7-8-24 Quote Writer 64 Share sushil sarna 7 Aug 2024 · 1 min read मन इच्छा का दास है, मन इच्छा का दास है, मन तृष्णा का तीर । मन राँझे की कल्पना, मन में बसती हीर ।। सुशील सरना / 7-8-24 Quote Writer 78 Share sushil sarna 7 Aug 2024 · 1 min read मन मौजी मन की करे, मन मौजी मन की करे, मन की माने बात । घायल मन के भेद तो, मन को दें आघात ।। सुशील सरना / 7-8-24 Quote Writer 95 Share sushil sarna 7 Aug 2024 · 1 min read मन के सारे भाव हैं, मन के सारे भाव हैं, मन के सारे घाव । जब - जब होता मन दुखी, नैनों से हो स्राव । । सुशील सरना / 7-8-24 Quote Writer 69 Share sushil sarna 7 Aug 2024 · 1 min read घर :,,,,,,,, घर :,,,,,,,, विलम्ब से ही सही तुम लौट तो आए अपने घर ठहरो जरा पहले मैं तुम्हारी प्रतिक्षा में बन्द घर के वातायन पटों को खोल दूँ ताकि तुम्हें बाहर... 32 Share sushil sarna 6 Aug 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . . नटखट दोहे दोहा पंचक. . . . . नटखट दोहे कुछ शर्मीली शोखियाँ, कुछ मेरे जज्बात । आग लगाने आ गई, उस पर यह बरसात ।। काबू में कैसे रहे, फिर दिल... 40 Share sushil sarna 5 Aug 2024 · 1 min read मेरा था तारा ... मेरा था तारा ... यादों के बादल से नैनों के काजल से लहराते आँचल से जिसने पुकारा वो मेरा था तारा महकती फिजाओं से परदेसी हवाओं से बरसाती राहों से... 70 Share sushil sarna 5 Aug 2024 · 1 min read पी वियोग में ..... पी वियोग में ..... कौन पी गया जल मेघों का ….. और किसने नीर बहाये // क्योँ बसंत में आखिर … पुष्प बगिया के मुरझाये // प्रेम ऋतु में नयन... 16 Share sushil sarna 5 Aug 2024 · 1 min read तौबा- तौबा आजकल, तौबा- तौबा आजकल, कैसी है औलाद । मात पिता से वो करे, तीखे सुर में बात ।। गहरे दे आघात । सुशील सरना / 5-8-24 Quote Writer 74 Share sushil sarna 5 Aug 2024 · 1 min read माया का संसार है, माया का संसार है, माया ही करतार । माया तो है आजकल, रिश्तों का आधार ।। सुशील सरना / 5-8-24 Quote Writer 61 Share sushil sarna 5 Aug 2024 · 1 min read मिटते ही इंसान के, मिटते ही इंसान के, मिटा खून का प्यार । आपस मे होने लगी, बँटवारे की रार ।। सुशील सरना / 5-8-24 Quote Writer 59 Share sushil sarna 5 Aug 2024 · 1 min read जीते जी होने लगी, जीते जी होने लगी, धन दौलत की जंग । गिरगिट बदले जिस तरह , रिश्ते बदलें रंग ।। सुशील सरना / 5-8-24 Quote Writer 56 Share sushil sarna 4 Aug 2024 · 1 min read तन्हा.... तन्हा.... बहुत डरता हूँ हर आने वाली सहर से शायद इसलिए कि शाम ने सौंपी थी जो रात मेरे ख़्वाबों को जीने के लिए खो जाएगी वो सहर के पैरहन... 27 Share sushil sarna 4 Aug 2024 · 1 min read मित्र वही जो वक्त पर, मित्र वही जो वक्त पर, थामे रहता हाथ । हर मुश्किल में आपका, देता बढ़कर साथ ।। सुशील सरना / 4-8-24 Quote Writer 57 Share sushil sarna 4 Aug 2024 · 1 min read मित्रों से अच्छा नहीं, मित्रों से अच्छा नहीं, करना कभी छुपाव । भरता अक्सर मित्र के , सदा मित्र ही घाव ।। सुशील सरना / 4-8-24 Quote Writer 38 Share sushil sarna 4 Aug 2024 · 1 min read भीगी बाला से हुआ, भीगी बाला से हुआ, नजरों का संवाद । ख्वाबों से वो कर गई, इस दिल को आबाद ।। सुशील सरना/4-8-24 Quote Writer 93 Share sushil sarna 4 Aug 2024 · 1 min read खड़ा रहा बरसात में , खड़ा रहा बरसात में , भीगा एक शबाब । रह - रह के होती रही, आशिक नज़र खराब ।। सुशील सरना / 4-8-24 Quote Writer 41 Share sushil sarna 4 Aug 2024 · 1 min read बार - बार गिरती रही, बार - बार गिरती रही, उड़ती हुई नकाब । प्यासी नजरों देखतीं, जैसे हसीन ख्वाब ।। सुशील सरना / 4-8-24 Quote Writer 60 Share sushil sarna 4 Aug 2024 · 1 min read रुक -रुक कर रुख पर गिरी, रुक -रुक कर रुख पर गिरी, सावन की बरसात । छुप-छुप कर करती रही, नजर जिस्म से बात ।। सुशील सरना / 4-8-24 Quote Writer 58 Share sushil sarna 4 Aug 2024 · 1 min read कातिल उसकी हर अदा, कातिल उसकी हर अदा, कमसिन उसके ख्वाब । आतिश बन कर आ गया, भीगा हुआ शबाब ।। सुशील सरना / 4-8-24 Quote Writer 48 Share sushil sarna 3 Aug 2024 · 1 min read कहते- कहते रह गया, कहते- कहते रह गया, दिल उनसे वो बात । धड़की जिसके वास्ते, यह धड़कन दिन रात ।। सुशील सरना / 3-8-24 Quote Writer 71 Share sushil sarna 3 Aug 2024 · 1 min read चंद हाइकु ... चंद हाइकु ... संग दामिनी धक-धक धड़के प्यासा दिल तड़पा गई विगत अभिसार बैरी चपला घनों में भोर पयोद घनघोर शिखी का शोर छुप न पाया विरह का सावन दर्द... 36 Share sushil sarna 3 Aug 2024 · 1 min read वो मेरा था तारा ... वो मेरा था तारा ... यादों के बादल से नैनों के काजल से लहराते आँचल से जिसने पुकारा वो मेरा था तारा महकती फिजाओं से परदेसी हवाओं से बरसाती राहों... 50 Share sushil sarna 3 Aug 2024 · 1 min read शमा जली महफिल सजी, शमा जली महफिल सजी, चले जाम पर जाम । रिन्दों ने की मस्तियाँ, शाम हुई बदनाम ।। सुशील सरना / 3-8-24 Quote Writer 77 Share sushil sarna 3 Aug 2024 · 1 min read दोहा सप्तक. . . . . मोबाइल दोहा सप्तक. . . . . मोबाइल मोबाइल ने कर दिया, सचमुच बेड़ा गर्क । निजता पर देने लगे, युवा अनेकों तर्क । । मोबाइल के जाल में, उलझ गया... 62 Share sushil sarna 2 Aug 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . . तूफान दोहा पंचक. . . . . तूफान चार कदम पर जिंदगी, बैठी थी चुपचाप । बारिश के संहार पर,करती बहुत विलाप ।। रौद्र रूप बरसात का, लील गया सुख -... 30 Share sushil sarna 1 Aug 2024 · 1 min read ऐ साँझ ,तू क्यूँ सिसकती है ....... ऐ साँझ ,तू क्यूँ सिसकती है ....... ऐ साँझ .. तू क्यूँ सिसकती है अभी कुछ देर में तिमिर घिर जाएगा तिमिर की चादर में हर रुदन छुप जाएगा रुदन... 55 Share sushil sarna 1 Aug 2024 · 1 min read चलो चुरा लें आज फिर, चलो चुरा लें आज फिर, दिल से दिल के ख्वाब । अहसासों के वर्क में , महके एक गुलाब ।। सुशील सरना Quote Writer 56 Share sushil sarna 1 Aug 2024 · 1 min read गीली लकड़ी की तरह सुलगती रही ...... गीली लकड़ी की तरह सुलगती रही ...... स्वयं को मेरी नज़र से ओझल कर देने से क्या तुम दूर हो जाओगे ? मेरी रातों से मेरे स्वप्नों से बोलो कैसे... 52 Share sushil sarna 1 Aug 2024 · 1 min read दोहा सप्तक . . . . सावन दोहा सप्तक . . . . सावन सावन में अच्छी नहीं, आपस की तकरार । प्यार जताने के लिए, मौसम हैं दो चार ।। बरसे मेघा झूम कर, खूब हुई... 38 Share sushil sarna 31 Jul 2024 · 1 min read नेताओं के पास कब , नेताओं के पास कब , जाता भला गरीब । अपने श्रम से वो गढ़े , अपना सुप्त नसीब ।। सुशील सरना / 31-7-24 Quote Writer 70 Share sushil sarna 31 Jul 2024 · 1 min read कुर्सी मिलते ही हुआ, कुर्सी मिलते ही हुआ, नेताओं का हाल । गाड़ी बँगला अरु मिला, गुप्त रूप से माल । सुशील सरना / 31-7-24 Quote Writer 54 Share Previous Page 7 Next