कवि रमेशराज Language: Hindi 315 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next कवि रमेशराज 1 Mar 2017 · 8 min read साहित्य का बुनियादी सरोकार +रमेशराज किसी भी देश या काल के साहित्य के उद्देश्यों में पीडि़त जनता की पक्षधरता इस बात में निहित होती है कि यदि तत्कालीन सामाजिक व्यवस्था में किसी भी प्रकार की... Hindi · लेख 1 531 Share कवि रमेशराज 24 Feb 2017 · 2 min read रमेशराज का ' सर्पकुण्डली राज छंद ' अनुपम + ज्ञानेंद्र साज़ श्री रमेशराज किसी परिचय के मोहताज नहीं | ग़ज़ल के समक्ष एक नई विधा – “तेवरी “ को स्थापित करने में जी-जान से जो मेहनत की है वह स्तुत्य है... Hindi · लेख 231 Share कवि रमेशराज 24 Feb 2017 · 3 min read रमेशराज का एक पठनीय तेवरी संग्रह “घड़ा पाप का भर रहा ” +डॉ. हरिसिंह पाल +डॉ. हरिसिंह पाल ----------------------------------------------------------- समीक्ष्य कृति “घड़ा पाप का भर रहा ” की पंक्तियाँ समकालीन समाज की विसंगतियों , विरोधाभासों और विद्रूपताओं पर करारी चोट करती प्रतीत होती हैं |... Hindi · लेख 451 Share कवि रमेशराज 24 Feb 2017 · 1 min read काव्य का एक नया रस - “ विरोधरस “ + डॉ. अभिनेष शर्मा काव्य का एक नया रस - “ विरोधरस “ + डॉ. अभिनेष शर्मा -------------------------------------------------- शोध कृति क्रोध “ विरोधरस “ में श्री रमेशराज ने समझाया है कि क्रोध और आक्रोश... Hindi · लेख 258 Share कवि रमेशराज 24 Feb 2017 · 4 min read रमेशराज ने दिलायी तेवरी को विधागत पहचान +विश्वप्रताप भारती रमेशराज ने दिलायी तेवरी को विधागत पहचान +विश्वप्रताप भारती --------------------------------------------------------- रमेशराज छन्दबद्ध कविता के सशक्त हस्ताक्षर हैं | रस के क्षेत्र में “ विचार और रस “, “ विरोधरस “... Hindi · लेख 233 Share कवि रमेशराज 24 Feb 2017 · 3 min read नयी विधा के पुरोधा कविवर रमेशराज +डॉ. रामकृष्ण शर्मा नयी विधा के पुरोधा कविवर रमेशराज +डॉ. रामकृष्ण शर्मा --------------------------------------------------- साहित्य जीवन का सबसे बड़ा सत्य भी है और शृंगार भी | यदि आदर्श आदमियत की कोई सबसे बड़ी निशानी... Hindi · लेख 590 Share कवि रमेशराज 24 Feb 2017 · 2 min read विलक्षण प्रतिभा के धनी रचनाकार हैं रमेशराज +ज्ञानेंद्र साज़ विलक्षण प्रतिभा के धनी रचनाकार हैं रमेशराज +ज्ञानेंद्र साज़ ---------------------------------------------------- श्री रमेशराज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं | ग़ज़ल के समानांतर एक नयी विधा तेवरी को स्थापित करने में... Hindi · लेख 259 Share कवि रमेशराज 24 Feb 2017 · 3 min read “बुलंदप्रभा” में आलोकित तेवरीकार रमेशराज +डॉ. अभिनेष शर्मा “बुलंदप्रभा” में आलोकित तेवरीकार रमेशराज +डॉ. अभिनेष शर्मा ---------------------------------------------------------- साहित्यिक पत्रिका “बुलंदप्रभा” का जुलाई-सितम्बर-2015 अंक तेवरीकार रमेशराज जी के साहित्य-सृजन को समेटकर शोभायमान है | इस अंक में तेवरीकार श्री... Hindi · लेख 384 Share कवि रमेशराज 24 Feb 2017 · 3 min read “ऊधौ कहियो जाय“ तेवरी-शतक में विरोधरस का प्रवाह +डॉ. अभिनेष शर्मा “ऊधौ कहियो जाय“ तेवरी-शतक में विरोधरस का प्रवाह +डॉ. अभिनेष शर्मा --------------------------------------------------------- गोपियों को आमजन का प्रतिनिधि और उद्धव को कृष्णरूप में गद्दी पर बैठे कंस जैसे हर शासक का... Hindi · लेख 594 Share कवि रमेशराज 24 Feb 2017 · 4 min read तेवरीकार रमेशराज किसी परिचय के मोहताज नहीं तेवरीकार रमेशराज किसी परिचय के मोहताज नहीं +डॉ. भगत सिंह ------------------------------------------------------------ तेवरीकार रमेशराज का नाम हम सबके मध्य किसी परिचय का मुहताज नहीं है | फिर भी “साहित्यश्री” परम्परानुसार मैं... Hindi · लेख 710 Share कवि रमेशराज 24 Feb 2017 · 3 min read रमेशराज की शोध-पुस्तक- “ विचार और रस “ में रस पर नवचिन्तन रमेशराज की शोध-पुस्तक- “ विचार और रस “ में रस पर नवचिन्तन + डॉ.ललित सिंह -------------------------------------------------------------- विवेचनात्मक निबन्धों की विचारोत्तेजक किन्तु गंभीर चिन्तन से युक्त रस-चिंतक रमेशराज की कृति “विचार... Hindi · लेख 317 Share कवि रमेशराज 24 Feb 2017 · 3 min read राष्ट्र-भाव को जगाती रमेशराज की ‘ राष्ट्रीय बाल कविताएँ ‘ राष्ट्र-भाव को जगाती रमेशराज की ‘ राष्ट्रीय बाल कविताएँ ‘ + डॉ. गोपाल बाबू शर्मा ------------------------------------------------------------- श्री रमेशराज बहुआयामी रचनाकार हैं, चर्चित तेवरीकार हैं और तेवरी-आन्दोलन के प्रखर उन्नायक भी... Hindi · लेख 298 Share कवि रमेशराज 24 Feb 2017 · 1 min read अनेक तेवरी-संग्रहों का एक ही पुस्तकाकार रूप- “ रमेशराज के चर्चित तेवरी संग्रह “ अनेक तेवरी-संग्रहों का एक ही पुस्तकाकार रूप- “ रमेशराज के चर्चित तेवरी संग्रह “ +अशोक अंजुम ---------------------------------------------------- सार्थक सृजन प्रकाशन, 15/109, ईसानगर, अलीगढ़ से प्रकाशित पुस्तक “ रमेशराज के चर्चित... Hindi · लेख 496 Share कवि रमेशराज 24 Feb 2017 · 3 min read मौलिक चिंतनपरक शोधकृति “ विरोधरस “ मौलिक चिंतनपरक शोधकृति “ विरोधरस “ डॉ. राम सनेही लाल ‘ यायावर ’ ------------------------------------------------------- श्री रमेशराज मौलिक चिंतक और समकालीन यथार्थबोधी चेतना के कवि हैं | उनके पास कारयित्री और... Hindi · लेख 218 Share कवि रमेशराज 24 Feb 2017 · 4 min read विरोध की कविता : “ जै कन्हैयालाल की “ विरोध की कविता : “ जै कन्हैयालाल की “ [ प्रथम संस्करण ] + डॉ. ब्रह्मजीत गौतम ------------------------------------------------------------------ ‘ तेवरी ‘ विधा के प्रणेता, कथित विरोधरस के जन्मदाता श्री रमेशराज... Hindi · लेख 678 Share कवि रमेशराज 24 Feb 2017 · 5 min read डॉ. गोपाल बाबू शर्मा की कविता-यात्रा प्रसिद्ध व्यंग्यकार और जाने-माने कवि डॉ. गोपाल बाबू शर्मा विलक्षण प्रतिभा के धनी हैं। कविता उनके लिए मनोरंजन का एक साधनमात्र नहीं, बल्कि सामाजिक सरोकारों, शोषित-लाचारों की दुर्दशा, दयनीयता और... Hindi · लेख 1k Share कवि रमेशराज 21 Feb 2017 · 7 min read ग़ज़ल के क्षेत्र में ये कैसा इन्क़लाब आ रहा है? ग़ज़ल को प्रधानता से छापने वाली पत्रिका ‘लफ्ज़-2’ सम्मुख है। पत्रिका का आलोक, बिना किसी रोक-टोक अन्तर्मन की गहराइयों को ऊर्जावान बनाता है। पत्रिका पढ़ते-पढ़ते एक जादू-सा छा गया। अनेक... Hindi · लेख 886 Share कवि रमेशराज 21 Feb 2017 · 4 min read क्या सीत्कार से पैदा हुए चीत्कार का नाम हिंदीग़ज़ल है? ग़ज़ल हिन्दी या उर्दू, किसी में भी लिखी जाये, लेकिन अपने शास्त्रीय सरोकारों के साथ लिखी जाये। ग़ज़ल के ग़ज़लपन को समाप्त कर ग़ज़लें न तो कही जा सकतीं हैं,... Hindi · लेख 1 323 Share कवि रमेशराज 21 Feb 2017 · 7 min read हिंदीग़ज़ल की गटर-गंगा *रमेशराज श्री यादराम शर्मा हिन्दी में ग़ज़ल के चर्चित हस्ताक्षर हैं। उनका ‘कहकहों में सिसकियां’ नाम से ग़ज़ल संग्रह भी प्रकाशित हुआ है। वे अपने इस संकलन में ‘जैसा मैंने पढ़ा’... Hindi · लेख 391 Share कवि रमेशराज 21 Feb 2017 · 10 min read क्या यही है हिन्दी-ग़ज़ल? *रमेशराज तेवरी पर आये दिन यह आरोप जड़े जाते रहे हैं कि ‘तेवरी अनपढ़ और गँवारों का आत्मप्रलाप है। अपरिपक्व मस्तिष्कों की उपज है। यह ग़ज़ल की नकल का एक भौंडा... Hindi · लेख 530 Share कवि रमेशराज 21 Feb 2017 · 8 min read हिन्दी में ग़ज़ल की औसत शक़्ल? +रमेशराज ग़ज़ल के ग़ज़लपन को विभिन्न दोषों के आघात से बचाने के लिये डॉ. गिरिराजशरण अग्रवाल अपनी सम्पादित पुस्तक ‘हिन्दी की सर्वश्रेष्ठ ग़ज़लें’ की भूमिका में लिखते हैं कि-‘‘बात ध्यान देने... Hindi · लेख 598 Share कवि रमेशराज 21 Feb 2017 · 11 min read हिन्दी ग़ज़लः सवाल सार्थकता का? +रमेशराज ग़ज़ल अपनी सारी शर्तों, ;कथ्य अर्थात् आत्मरूप-प्रणयात्मकता तथा शिल्परूप- बह्र, मतला, मक्ता, अन्त्यानुप्रासिक व्यवस्था में रदीफ काफिये, अन्य तकनीकी पक्ष जैसे शे’रों की निश्चित संख्या, हर शे’र का कथ्य अपने... Hindi · लेख 541 Share कवि रमेशराज 21 Feb 2017 · 6 min read (साक्षात्कार) प्रमुख तेवरीकार रमेशराज से प्रसिद्ध ग़ज़लकार मधुर नज़्मी की अनौपचारिक बातचीत तेवरी जन-जन की उस भाषा की अभिव्यक्ति है, जो सारे भारतीयों की ज़ुबान है ---------------------------------------------------------- [ प्रमुख तेवरीकार रमेशराज से प्रसिद्ध ग़ज़लकार मधुर नज़्मी की अनौपचारिक बातचीत ] --------------------------------------------------------- रमेशराज,... Hindi · कविता 632 Share कवि रमेशराज 21 Feb 2017 · 9 min read ग़ज़ल की नक़ल नहीं है तेवरी + रमेशराज तेवरी एक निश्चित अन्त्यानुप्रासिक व्यवस्था से बँधी एक ऐसी विधा है जिसमें सत्योन्मुखी रागात्मक चेतना का आलोक है। तेवरी क्या है, इसे समझाने का प्रयास करते हैं- ‘‘तेवरी गरीब की... Hindi · लेख 331 Share कवि रमेशराज 21 Feb 2017 · 8 min read हिंदीग़ज़ल में होता है ऐसा ! +रमेशराज ‘हिन्दी-ग़ज़ल’ के अधिकांश समर्थक, प्रवर्त्तक , समीक्षक, लेखक और उद्घोषक मानते हैं कि -‘ग़ज़ल शब्द मूलतः अरबी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है-‘नारी के सौन्दर्य का वर्णन तथा नारी... Hindi · लेख 251 Share कवि रमेशराज 21 Feb 2017 · 7 min read क्षमा करें तुफैलजी! + रमेशराज तुफैलजी हास्य-व्यंग्य के साथ-साथ ग़ज़ल की उत्तम नहीं ‘सर्वोत्तम पत्रिका’ ‘लफ्ऱज़’ निकालते हैं। जाहिर है पत्रिका में प्रकाशित ग़ज़लें उत्तम नहीं, सर्वोत्तम’ होंगी। ग़ज़ल-संग्रहों की आलोचना भी सर्वोत्तम ही होगी।... Hindi · लेख 300 Share कवि रमेशराज 19 Feb 2017 · 8 min read तेवरी का आस्वादन +रमेशराज ‘‘काव्य वह रमणीय एवं सार्थक शब्द-रचना है, जिसमें पाठक, श्रोता अथवा दर्शक के मन को रमाने की शक्ति हो। ऐसी रचना रस-भाव युक्त हो सकती है, अलंकार-युक्त हो सकती है,... Hindi · लेख 464 Share कवि रमेशराज 19 Feb 2017 · 8 min read तेवरी का सौन्दर्य-बोध +रमेशराज लोक या जगत के साथ हमारे रागात्मक सम्बन्ध, हमारी उस वैचारिक प्रक्रिया के परिणाम होते हैं, जिसके अन्तर्गत हम यह निर्णय लेते हैं कि अमुक वस्तु वा प्राणी अच्छा या... Hindi · लेख 253 Share कवि रमेशराज 19 Feb 2017 · 7 min read तेवरी में रागात्मक विस्तार +रमेशराज काव्य की आत्मा वह रागात्मक चेतना है, जिसके द्वारा मानव रति या विरति के रूप में, अपने मानसिक एवं शारीरिक सम्बन्धों की प्रस्तुति विभिन्न प्रकार के माध्यमों और विधियों से... Hindi · लेख 509 Share कवि रमेशराज 19 Feb 2017 · 5 min read तेवरी में करुणा का बीज-रूप +रमेशराज तेवरी अन्त्यानुप्रासिक व्यवस्था से बंधी एक ऐसी कविता है, जिसमें सत्योन्मुखी संवेदनशीलता की रागात्मकता अन्तर्निहित है। तेवरी की यह रागात्मक चेतना, एक तरफ जहां शोषित, पीड़ित, दलित वर्ग की भूख,... Hindi · लेख 271 Share कवि रमेशराज 19 Feb 2017 · 10 min read यथार्थवादी कविता के रस-तत्त्व +रमेशराज काव्य के रसात्मक-विवेचन को लेकर आदि आचार्य भरतमुनि ने काव्य के लिये, जिस भाव-सत्ता को रस-निष्पत्ति के सूत्र में पिरोया था, वह भाव-सत्ता, रस-तत्त्वों के रूप में [ रति, शोक,हास,... Hindi · लेख 612 Share कवि रमेशराज 19 Feb 2017 · 8 min read व्यंग्य एक अनुभाव है +रमेशराज डॉ. शंकर पुणतांबेकर से मेरी भेंट बरेली लघुकथा सम्मेलन में हुई। लघुकथाकारों के बीच मुझे डॉ. शंकर पुणतांबेकर काफी सुलझे हुए विचारों वाले चिन्तक लगे। ‘वर्तमान साहित्य में रस’ पर... Hindi · लेख 259 Share कवि रमेशराज 19 Feb 2017 · 7 min read इक्कीसवीं सदी की कविता में रस +रमेशराज हिन्दी कविता के नवें दशक का यदि परम्परागत तरीके से रसात्मक विवेचन करें तो कई ऐसी अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है कि जिनके रहते रस की परम्परागत कसौटी... Hindi · लेख 1 1 492 Share कवि रमेशराज 19 Feb 2017 · 5 min read विरोध-रस की काव्य-कृति ‘वक्त के तेवर’ +रमेशराज स्थायी भाव ‘आक्रोश’ से युक्त ‘विरोध-रस’ का उद्बोधन कराने वाली सुप्रसिद्ध तेवरीकार ज्ञानेन्द्रसाज की कृति ‘वक्त के तेवर’ चुनी हुई 64 तेवरियों का ऐसा संग्रह है जिसका रसास्वादन पाठकों में... Hindi · लेख 595 Share कवि रमेशराज 19 Feb 2017 · 7 min read तेवरीः शिल्प-गत विशेषताएं +रमेशराज जब हम किसी कविता के शिल्प पर चर्चा करते हैं तो शिल्प से आशय होता है-उस कविता के प्रस्तुत करने का ढंग अर्थात प्रस्तुतीकरण। प्रस्तुत करने की यह प्रक्रिया उस... Hindi · लेख 621 Share कवि रमेशराज 19 Feb 2017 · 8 min read तेवरीः तेवरी है, ग़ज़ल नहीं +रमेशराज तेवरी, कोरे रूप सौन्दर्य, व्यक्तिगत प्रेमालाप, थोथी कल्पनाशीलता, सामाजिक पलायनवादी दृष्टि से विमुख एक निश्चित अंत्यानुप्रासिक व्यवस्था से युक्त वह विधा है जिसमें मानवतावादी चिन्तन की सत्योन्मुखी संवेदनशीलता, शोषित के... Hindi · लेख 280 Share कवि रमेशराज 16 Feb 2017 · 17 min read हिन्दीग़ज़ल में कितनी ग़ज़ल? -रमेशराज हिन्दी में ग़ज़ल अपने विशुद्ध शास्त्रीय सरोकारों के साथ कही या लिखी जाए, इस बात पर किसे आपत्ति हो सकती है। ग़ज़ल का ग़ज़लपन यदि उसके सृजन में परिलक्षित नहीं... Hindi · लेख 631 Share कवि रमेशराज 16 Feb 2017 · 17 min read हिन्दी ग़ज़ल के कथ्य का सत्य +रमेशराज हिन्दी में ग़ज़लकारों की एक पूरी की पूरी जमात इस बात का पूरे जोर-शोर के साथ प्रचार कर रही है कि अब ग़ज़ल किसी सुहागरात की न तो चूडि़यों की... Hindi · लेख 766 Share कवि रमेशराज 16 Feb 2017 · 5 min read हिन्दी ग़ज़़लकारों की अंधी रति + रमेशराज ग़ज़ल विशेषांकों की कड़ी में अपनी भी एक कड़ी जोड़ते हुए संपादक श्री श्याम अंकुर ने ‘सौगात’ का अप्रैल-2009 अंक ‘ग़ज़ल-विशेषांक’ के रूप में निकाला। अन्य ग़ज़ल विशेषांकों की तरह... Hindi · लेख 193 Share कवि रमेशराज 16 Feb 2017 · 27 min read तेवरी इसलिए तेवरी है [आलेख ] +रमेशराज तेवरी एक ऐसी विधा है जिसमें जन-सापेक्ष सत्योन्मुखी संवेदना अपने ओजस स्वरूप में प्रकट होती है। तेवरी का समस्त चिन्तन-मनन उस रागात्मकता की रक्षार्थ प्रयुक्त होता है, जो अपने सहज-सरल... Hindi · लेख 1k Share कवि रमेशराज 15 Feb 2017 · 12 min read रमेशराज के मौसमविशेष के बालगीत || जाड़ा || ------------------------------- अब जर्सी स्वेटर की बातें होती हैं मफलर की बातें। सबको चाँटे जड़ती जातीं अब तो शीत-लहर की बातें। घर-घर में चर्चा कम्बल की चाय और... Hindi · कविता 404 Share कवि रमेशराज 15 Feb 2017 · 6 min read रमेशराज के बालगीत ।। बल्ला।। -------------------------- करतब खूब दिखाता बल्ला हाथों में जब आता बल्ला। हंसते-हंसते क्रिकिट खेले जमकर गेंद घुमाता बल्ला। कपिल देव के साथ अगर हो छक्के खूब लगाता बल्ला। गावस्कर... Hindi · कविता 430 Share कवि रमेशराज 15 Feb 2017 · 3 min read रमेशराज के हास्य बालगीत || रामलीला || ---------------------- बंदर काका हनुमान थे बने रामलीला में दिखा रहे थे वहां दहन के खुब काम लीला में। जलती हुई पूंछ से उनकी छूटा एक पटाखा चारों... Hindi · कविता 1k Share कवि रमेशराज 14 Feb 2017 · 5 min read रमेशराज के बालमन पर आधारित बालगीत || अब मम्मी सौगन्ध तुम्हारी || --------------------------------------- हम हाथों में पत्थर लेकर और न बन्दर के मारेंगे, समझ गये हम तभी जीत है लूले-लँगड़ों से हारेंगे। चाहे कुत्ता भैंस गाय... Hindi · कविता 315 Share कवि रमेशराज 13 Feb 2017 · 4 min read रमेशराज के पर्यावरण-सुरक्षा सम्बन्धी बालगीत ।। खुशबू भरी कथाएँ पेड़ ।। -------------------------------------- रंग-विरंगे फूलों वाली ले आयें कविताएँ पेड़। गाओ-गाओ गीत वसंती हम सबको बतलाएँ पेड़। डाल-डाल पर कूके कोयल सबका मन हरषाती है पात-पात... Hindi · कविता 369 Share कवि रमेशराज 11 Feb 2017 · 6 min read रमेशराज के पशु-पक्षियों से सम्बधित बाल-गीत || बन्दर मामा || ------------------------- बन्दर मामा पहन पजामा इन्टरब्यू को आये इन्टरब्यू में सारे उत्तर गलत-गलत बतलाये। ऑफीसर भालू ने पूछा क्या होती ‘हैरानी’ बन्दर बोला- मैं हूँ ‘राजा’... Hindi · कविता 587 Share कवि रमेशराज 5 Feb 2017 · 8 min read रमेशराज के चर्चित राष्ट्रीय बालगीत बाल-गीत || हमें वतन प्राणों से प्यारा || -------------------------------------- भारत की क्यारी-क्यारी पर इसकी महकी फुलवारी पर, इसके खेतों, खलिहानों पर इसकी मोहक मुस्कानों पर, जन्मसिद्ध अधिकार हमारा। हमें वतन... Hindi · गीत 377 Share कवि रमेशराज 5 Feb 2017 · 4 min read रमेशराज के देशभक्ति के बालगीत ।। तिरंगा लहराए ।। ---------------------------------------- देश रहे खुशहाल, तिरंगा लहराए चमके माँ का भाल,तिरंगा लहराए। आजादी का पर्व मनायें हम हँसकर कुछ भी हो हर हाल तिरंगा लहराए। व्यर्थ न... Hindi · गीत 346 Share कवि रमेशराज 5 Feb 2017 · 7 min read रमेशराज के त्योहार एवं अवसरविशेष के बालगीत || रावण || ------------------------ बीस भुजाएं, दस मुख वाला बड़ा अजब और बड़ा निराला एक साथ में दस-दस लड्डू झट खा जाता होगा रावण। बंद करके पलकें चालीसों फैला करके... Hindi · गीत 506 Share कवि रमेशराज 24 Jan 2017 · 6 min read रमेशराज के शिक्षाप्रद बालगीत || हमको कहते तितली रानी || -------------------------------------- नाजुक-नाजुक पंख हमारे रंग-विरंगे प्यारे-प्यारे। इन्द्रधनु ष-सी छटा निराली हम डोलें फूलों की डाली। फूलों-सी मुस्कान हमारी हम से ऋतुएँ शोख- सुहानी हमको... Hindi · कविता 389 Share Previous Page 5 Next