Bhupendra Rawat Language: Hindi 323 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Bhupendra Rawat 20 Jul 2017 · 1 min read तेरी यादों के बहाने तेरी यादों के बहाने शबनम बहाना ही तो इश्क़ है। तकिये से लिपट कर सो जाना ही तो इश्क़ है। रात को सपनो की बारात लाना और मुझे जगा जाना... Hindi · कविता 1 319 Share Bhupendra Rawat 20 Jul 2017 · 1 min read ना जाने कितनी बार ना जाने कितनी बार मैंने अपनी अंदर की इच्छाओं को दबाया। लेकिन हर बार इच्छाओं का बीज भीतर मेरे उग आया। कभी मैं हँसा तो कभी रोता हुआ खुद कों... Hindi · कविता 1 451 Share Bhupendra Rawat 20 Jul 2017 · 1 min read पत्थर को खुदा पत्थर को खुदा मानने लगे है लोग इंसानो को धुत्कारने लगे है लोग। फल तो इंसानो के कर्म का ही है यहाँ पत्थर को दोषी मानने लगे है लोग। जा-बा-जा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 731 Share Bhupendra Rawat 20 Jul 2017 · 1 min read मेरी वफाओ मेरी वफाओ का इनाम मुझे क्यों नही देते। दिल से अपने मुझे निकाल क्यों नही देते। तुम्हारी किस्मत की लकीरों में नही मैं शायद तो मेरी खता का अंजाम मुझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 474 Share Bhupendra Rawat 20 Jul 2017 · 1 min read अमन की तलाश में अमन की तलाश में चैन भी खो बैठे हैं मज़हब के नाम पर इंसानियत से हाथ धो बैठे है। रोज़ खूँ की होली खेलते अल्लाह का फरमान बताते है खुद... Hindi · कविता 1 310 Share Bhupendra Rawat 20 Jul 2017 · 1 min read हम तेरी जुस्तजू हम तेरी जुस्तजू में शिवाले हो आये है। तेरी ख़ातिर नाजने कितनो को छोड़ आये है। अब मेरी रूह तुझमें ही बस्ती हैं हम कुछ इस तरह नदी का पानी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 334 Share Bhupendra Rawat 20 Jul 2017 · 1 min read हम उनकी यादों में हम उनकी यादों में कुछ इस क़दर खोये रहते है। ख़्वाबों में अक्स उनका संजोए रहते है। चलती फ़िज़ाए भी एहसास उसका कराती है। कुछ इस तरह मेरी रूह में... Hindi · कविता 1 327 Share Bhupendra Rawat 20 Jul 2017 · 1 min read आज के जमाने में आज के जमाने में कौन किसे याद करता है। बिछड़ कर कौन याँ मिलने की फ़रियाद करता है। अक्सर भूल जाते है,अक्स भी कौन पाने की चाह में खुद को... Hindi · कविता 1 539 Share Bhupendra Rawat 11 Feb 2017 · 1 min read हमकों नहीं घबराना होगा हमकों नहीं घबराना होगा। नदी की बहती धारा जैसे, हमको बढ़ते जाना होगा आंधी,तूफाँ,बरसातों से भी नही हमको घबराना होगा। अटल खड़े पहाड़ो है,जैसे निर्भिक हो टकराना होगा आगे बढ़ते... Hindi · कविता 1 1 527 Share Bhupendra Rawat 11 Feb 2017 · 1 min read देर आये,दुरुस्त आये देर आये,दुरुस्त आये हर्फ़ों का बाज़ार साथ लाये। हर एक पहलू को समझ कर आये पन्नो में सजाते जाए,ये हर्फ़ ही सबको दर्द समझाये। विकास का मुद्दा नझर ना आये... Hindi · कविता 2 4k Share Bhupendra Rawat 11 Feb 2017 · 1 min read ज़िन्दगी एक सवाल ज़िन्दगी एक सवाल बन जाती है हर कदम पर एक इम्तहाँ बन जाती है लावारिस लाश सी है ज़िन्दगी जितना कोशिश करो सुलझाने की उतनी और उलझती जाती है। आइना... Hindi · कविता 1 453 Share Bhupendra Rawat 11 Feb 2017 · 1 min read कदम और कदम घोलकर विष बातों में पिलाते रहे कदम और कदम घोलकर विष बातों में पिलाते रहे, हम भी विष पीते रहे,और उक़ूबत में भी सदा मुस्कुराते रहे। सब यूँ ही आज़माते रहे,रिसती नौका को हम भी आहिस्ता... Hindi · कविता 1 397 Share Bhupendra Rawat 11 Feb 2017 · 1 min read ढ़लती हुई उम्र में,यौवन को आ जाने दें ढ़लती हुई उम्र में,यौवन को आ जाने दें। बची हुई उम्र में,दबी हुई ख्वाईश को आज आज़माने दें। आईने में आज ख़ुद को सवंर जाने दें। जुल्फों को आज बिख़र... Hindi · कविता 2 1 355 Share Bhupendra Rawat 11 Feb 2017 · 1 min read एक मुठ्ठी भर ख्वाहिश थी तुझे पाने की एक मुठ्ठी भर ख्वाहिश थी तुझे पाने की। अब तो आदत सी हो गयी है क़िस्मत को भी रूठ जाने की। अब हर कदम पर क़िस्मत मुझे आज़माती है। ना... Hindi · कविता 1 435 Share Bhupendra Rawat 11 Feb 2017 · 1 min read माँ माँ माँ…............. माँ मैं तुझे बहुत प्यार करता हूँ इस जन्म क्या हर जन्म तेरा बेटा होने की मैं ख़ुदा से फरियाद करता हूँ। माँ तेरे आँचल जैसा सुकूँ कहाँ... Hindi · कविता 1 579 Share Bhupendra Rawat 17 Jan 2017 · 1 min read "चारों और फैला आज उजियारा बहुत है" चारों और फैला आज उजियारा बहुत है। उजियारे में व्याप्त(फैला) अंधियारा बहुत है। झुण्ड तो है,इंसानो का उन इंसानो में भी व्याप्त शैतानों का पहरा बहुत है। परिचित आज खुद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 346 Share Bhupendra Rawat 17 Jan 2017 · 1 min read जब भी तेरी यादो मे खोया करते है. जब भी तेरी यादो मे खोया करते है. अपने आप को कुछ इस कद्र बिखेरा करते है. आँख मे शबनम, लफ्ज़ो मे तेरा नाम जपते रहते है. खुली आँख के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 501 Share Bhupendra Rawat 17 Jan 2017 · 1 min read न हिन्दू मरा,न कोई मुसलमान,मरा है तो सिर्फ इंसान ना कोई हिन्दू मरा ना ही मरा है कोई मुसलमान इतिहास गवाह है, मरा है तो सिर्फ इंसान। धर्म तो था,और रहेगा नही रहेगा तो इसे चलाने के लिए इंसान।... Hindi · कविता 1 575 Share Bhupendra Rawat 14 Jan 2017 · 1 min read अक्सर दे देते ज़हर का मीठा ज़ाम मुझे अक्सर दे देते ज़हर का मीठा ज़ाम मुझे मैं भी पी जाता हूं, समझकर प्यार का पैगाम उसे। गिराते हैं हर कदम पर ग़मगुस्सार मुझे सम्भल जाता हूं, मैं भी... Hindi · शेर 340 Share Bhupendra Rawat 14 Jan 2017 · 1 min read हमकों नहीं घबराना होगा। हमको बढ़ते जाना होगा हमकों नहीं घबराना होगा। नदी की बहती धारा जैसे, हमको बढ़ते जाना होगा आंधी,तूफाँ,बरसातों से भी नही हमको घबराना होगा। अटल खड़े पहाड़ो है,जैसे निर्भिक हो टकराना होगा आगे बढ़ते... Hindi · कविता 1 286 Share Bhupendra Rawat 13 Jan 2017 · 1 min read ज़िन्दगी ऐ ज़िन्दगी तुझसे शिक़ायत हो गयी है फिर भी तुझे जीने की सी आदत हो गयी है। गिले शिखवे तो बहुत है, ज़िंदगी मे इन्हें छुपाने की सी आदत भी... Hindi · कविता 1 335 Share Bhupendra Rawat 11 Jan 2017 · 1 min read माँ.......…... माँ...... आज फिर बच्चा बन जाने को दिल चाहता है माँ तेरे आँचल में छिप जाने को दिल चाहता है। है, सब कुछ आज फिर भी ग़रीब हूँ तेरे प्यार,ममत्व... Hindi · कविता 1 775 Share Bhupendra Rawat 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियां देखो जन्म लिया जब मैंने सबसे में अंजान थी। लड़के की चाह में जन्मी इस जग मे मैं बढ़ी मुश्किल से, दुनिया तब बढ़ी हैरान और परेशान थी। लुप्त हो... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 1k Share Previous Page 7