Shekhar Chandra Mitra Language: Hindi 3940 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 52 Next Shekhar Chandra Mitra 23 Nov 2021 · 1 min read भगतसिंह को समर्पित चूस-कर ख़ून अवाम का कैसे लाल हुए जाते हैं वे कंगाल हुआ जाता है देश मालामाल हुए जाते हैं वे... (१) मज़दूर से किसान और विद्यार्थी से फनकार तक सभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 135 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Nov 2021 · 1 min read सच की ताक़त ख़ौफ़ करने से ख़ौफ़ बढता है! हिम्मत करने से हिम्मत! एक पहल करो फिर देख लेना तुम सच्चाई की ताक़त! आम जनता अगर आ जाए सड़क पर तो क्या कर... Hindi · कविता 1 1 177 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Nov 2021 · 1 min read भीड़ से अलग मैं चाहता हूं उस राह पर चलना जिसपर आम तौर पर कोई नहीं चलता! मैं चाहता हूं उस आग में जलना जिसमें आम तौर पर कोई नहीं जलता! मैं चाहता... Hindi · कविता 131 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Nov 2021 · 1 min read प्रचार मंत्री कुछ मालूम भी है अपने देश का कितना नुक़सान करा दिया तुमने! सरकारी संस्थाओं के मेयार को बिल्कुल ही नीचे गिरा दिया तुमने!! वैसे भी कुछ और तो करता नहीं,... Hindi · कविता 410 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Nov 2021 · 1 min read अधूरा गीत मैंने भी एक गीत लिखा था फूर्सत से चांद-सितारों पे उन कजरारी घटाओं पे इन मदमस्त हवाओं पे... (१) मैंने भी एक गीत लिखा था फूर्सत से बाग-बहारों पे इन... Hindi · गीत 381 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Nov 2021 · 1 min read अदम गोंडवी की राह पर जिल्लेइलाही को डरा हुआ देखकर बहुत अच्छा लगा! क़ौमी मसीहाई को मरा हुआ देखकर बहुत अच्छा लगा!! दुनिया भर में नाक कटाने के बाद अवाम के सामने! सारी खुदाई को... Hindi · कविता 268 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Nov 2021 · 1 min read हबीब जालिब के शागिर्द ना इधर की बात करते हैं ना उधर की बात करते हैं हम साफ़ और खुली हुई एक नज़र की बात करते हैं... (१) जुल्मतों के इस दौर में जब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 141 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Nov 2021 · 1 min read दुष्यंत कुमार के शिष्य हमें क्या करना था हम क्या कर रहे हैं जेहनी तौर पर सदियों से सड़ रहे हैं... (१) लड़ना था देश की ग़रीबी के ख़िलाफ़ मज़हब के नाम पर आपस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 172 Share Shekhar Chandra Mitra 21 Nov 2021 · 1 min read अपने दौर के फनकारों से होश की बात कीजिए नज़र की बात कीजिए आप बुतों के सामने ज़िगर की बात कीजिए... (१) आजकल घुट रहा है दम जिनमें अवाम का हवाओं में घुले हुए ज़हर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 187 Share Shekhar Chandra Mitra 21 Nov 2021 · 1 min read फेमिनिस्ट पोएट्री दुनिया में हर चीज़ मिलती दौलत से नहीं, ऐ दोस्त कुछ भी बढ़ कर कुदरत की रहमत से नहीं, ऐ दोस्त... (१) कुछ नादीदा निगाहों की इनायत भी इसमें शामिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 157 Share Shekhar Chandra Mitra 21 Nov 2021 · 1 min read अधुरापन मेरे महबूब! एहसास मेरे पास है, अल्फ़ाज़ ही नहीं अल्फ़ाज़ तेरे पास हैं एहसास ही नहीं फिर क्यों न हम दोनों मिलकर एक-दूसरे को मुक्कमल कर दें!! Shekhar Chandra Mitra... Hindi · कविता 316 Share Shekhar Chandra Mitra 20 Nov 2021 · 1 min read अपने पल्ले कुछ नहीं पड़ता जात-धरम के नाम पर आख़िर कोई क्यों ऐसे लड़ता! रंग-नस्ल के नाम पर आख़िर कोई क्यों ऐसे मरता!! कोई तो समझाए ज़रा अपने पल्ले कुछ नहीं पड़ता! क़ौम-फिरका के नाम... Hindi · कविता 184 Share Shekhar Chandra Mitra 20 Nov 2021 · 1 min read सदियों का अंधेरा आप समझते हैं जिसे शेखर की ग़ज़ल रजनीशी फ़लसफ़े का तर्ज़ुमा है केवल... (१) इस देश और समाज की सारी मुश्किलों को वह कर लेना चाहता है इसके जरिए हल...... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 130 Share Shekhar Chandra Mitra 19 Nov 2021 · 1 min read गुज़ारिश आप दुआ-सलाम लेते रहिएगा हमें अपना पयाम देते रहिएगा... (१) ज़िंदगी में और है ही क्या साहब नेकियां तमाम करते रहिएगा... (२) वैसे तो यहां बेकार ही हम फिर भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 164 Share Shekhar Chandra Mitra 19 Nov 2021 · 1 min read ऐलान-ए-हक़ अब तो वही इस देश में रहेगा जो आधा-अधूरा सच ही कहेगा... (१) जिसने आंखों देखा हाल कहा वह तो बेशक बेमौत ही मरेगा... (२) हुक़ूमत से हाथ मिला ले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 465 Share Shekhar Chandra Mitra 19 Nov 2021 · 1 min read हालात का मर्सिया (शोक गीत) सच को सच-न कहें तो क्या करें हम झूठ को झूठ-न लिखें तो क्या करें हम... (१) हमको जब फरेब आता ही नहीं जैसे को तैसा-न करें तो क्या करें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 174 Share Shekhar Chandra Mitra 19 Nov 2021 · 1 min read आपसी भाईचारा हमें थोड़ी-सी दिलेरी दिखाने की ज़रूरत है अभिव्यक्ति के खतरे उठाने की ज़रूरत है... (१) वरना सदियों की कुर्बानी लम्हों में बेकार जाएगी अपनी सोई हुई गैरत जगाने की ज़रूरत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 307 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Nov 2021 · 1 min read एक आशिक अपनी महबूबा से तू दिल ले ले या जान ले ले तेरा ही हर सामान ले ले... (१) मुझसे बार-बार हो सामना अब ऐसी जगह मकान ले ले... (२) तेरा साथ मैं दूंगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 126 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Nov 2021 · 1 min read आम जनता का शायर जो करता उनका दरबार नहीं है जो पालतू और चाटुकार नहीं है... (१) वह उनके लिए गद्दार ही तो होगा जो कुत्ते की तरह वफादार नहीं है... (२) वे क्यों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 168 Share Shekhar Chandra Mitra 18 Nov 2021 · 1 min read नये भारत में तुम लफड़े से दूर रहना भूल कर भी न सच कहना... (१) पड़ जाएंगे लेने के देने झूठ में ही तुमको वरना... (२) तुम बिल्कुल मूर्दों की तरह समय की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 166 Share Shekhar Chandra Mitra 17 Nov 2021 · 1 min read पुलिस व्यवस्था क्या भारत क्या पाकिस्तान की पुलिस एक जैसी सारे जहान की पुलिस... (१) संविधान के हिसाब से चलने वाली कहां होती आख़िर अवाम की पुलिस... (२) हक़ और इंसाफ़ की... Hindi · कविता 505 Share Shekhar Chandra Mitra 17 Nov 2021 · 1 min read तख्लीकी ज़ेहन (सृजन-चेतना) कुछ वक़्त कुछ हालात की साज़िश थी कायनात की कि मैं शायर बन गया.. (१) मैंने जब किसी का साथ चाहा बदले में तन्हाई मिली एक मासुमियत के जुर्म में... Hindi · गीत 175 Share Shekhar Chandra Mitra 17 Nov 2021 · 1 min read शायर की मौत जिसने तुम्हें अमरीत बांटा तुमने उसी को ज़हर दे दिया! एक मासूमियत के जुर्म में तुमने उससे सबकुछ छिन लिया!! आने वाली नस्लें तुमको लानत भेजेंगी, ऐ हम-असरो! इतने अज़ीम... Hindi · कविता 172 Share Shekhar Chandra Mitra 17 Nov 2021 · 1 min read भारत में जम्हूरियत यहां जब तक सवाल की हिम्मत ज़िंदा है, यहां जब तक ख़्याल की ताक़त ज़िंदा है!! भारत में समझ लो जम्हूरियत ज़िंदा है! यहां जब तक इंकार की जुर्रत ज़िंदा... Hindi · कविता 162 Share Shekhar Chandra Mitra 16 Nov 2021 · 1 min read अंधेरे दौर तुम गा रहे उस दौर तराना! जब था यहां कबीलों का ज़माना!! (१) आदमियत के ख़ून से लिखा गया दुनिया भर में माज़ी का फ़साना!! (२) कंगाल करके मेहनतकशों को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 170 Share Shekhar Chandra Mitra 16 Nov 2021 · 1 min read जन कवि गीत उनके गप्पबाजी हैं नग्में उनके लफ़्फ़ाज़ी हैं... (१) जो जनता के काम न आएं शायर वे सारे बकवादी हैं... (२) कबीरा के शागिर्द हम तो दो टूक कहने के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 234 Share Shekhar Chandra Mitra 16 Nov 2021 · 1 min read पुलिस प्रशासन न जरदार की पुलिस न हुक्मरान की पुलिस वक़्त की ज़रूरत सिर्फ़ अवाम की पुलिस... (१) सियासत से जिसका कोई वास्ता न हो देश और इसके संविधान की पुलिस... (२)... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 344 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Nov 2021 · 1 min read विरसा मुंडा: स्वतंत्रता सेनानी जंगल के राजा शेर नहीं, आदिवासी हैं! क्या तुम्हें पता वही देश के मूलनिवासी हैं!! उनका संघर्ष प्रकृति की रक्षा को लेकर है! भ्रष्ट पूंजिवाद जिसके लिए सर्वनाशी है!! Shekhar... Hindi · कविता 292 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Nov 2021 · 1 min read फनकारों से अपील अभी वक़्त है सम्भल जाइए! अपनी आदतों से बाज आइए!! राग दरबारी अलापना छोड़कर! बस अवाम का गीत आप गाइए!! बगावत कीजिए ज़ुल्मत के ख़िलाफ़ अपने देश में इंकलाब लाइए!!... Hindi · कविता 1 157 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Nov 2021 · 1 min read आरक्षण: एक क्षतिपूर्ति जब तक शोषण रहेगा तब तक आरक्षण रहेगा! जब तक उत्पीड़न रहेगा तब तक आरक्षण रहेगा!! जाति, वर्ण वर्ग, लिंग और नस्ल पर आधारित! जब तक दमन रहेगा तब तक... Hindi · कविता 439 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Nov 2021 · 1 min read जेहनी खुदकुशी जब तुम्हीं को नहीं पाना जब तुम्हीं से नहीं मिलना तो मेरी ज़िंदगी का मतलब क्या है आख़िर! जब तुम्हीं को नहीं देनी जब तुम्हीं से नहीं लेनी तो मेरी... Hindi · कविता 150 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Nov 2021 · 1 min read जीने की तैयारी पास आने की ही जब हिम्मत नहीं है! कुछ और होगा यह तो मुहब्बत नहीं है!! सिर्फ़ और सिर्फ़ अपनी लाश ढ़ो रहे तुम अगर जीने की तुमको फ़ुर्सत नहीं... Hindi · कविता 155 Share Shekhar Chandra Mitra 15 Nov 2021 · 1 min read इश्क़ और इंकलाब तुझमें रस्म तोड़ने की ही जब ताक़त नहीं है! तुझमें हाथ थामने की ही जब हिम्मत नहीं है!! तो इस दुनिया में इंकलाब क्या ख़ाक़ तू लाएगा! तुझको इश्क़ करने... Hindi · कविता 108 Share Shekhar Chandra Mitra 14 Nov 2021 · 1 min read मैं शायर कैसे बना! इस क़दर परेशान ज़िंदगी हो गई कि देखते-देखते शायरी हो गई... (१) हाल अपना कहते न बना चुपचाप भी रहते न बना मुझ पर तारी एक बेखुदी हो गई कि... Hindi · गीत 1 235 Share Shekhar Chandra Mitra 14 Nov 2021 · 1 min read हर रांझे को उसकी हीर से मिला दो हर डोलती हुई नांव को एक पतवार से मिला दो! हर मुरझाते हुए फूल को एक बहार से मिला दो!! अगर तुम्हें तुम्हारा प्यार नहीं मिल सका तो क्या! ऐ... Hindi · कविता 1 1 148 Share Shekhar Chandra Mitra 13 Nov 2021 · 1 min read ऐसे कवि को धिक्कार! जो दे ना सके किसी को रोजगार भाड़ में जाए अब ऐसी सरकार... वे अच्छे दिन आखिर हैं तो कहां दिखाते जिन्हें टीवी और अखबार... जो आंखों देखा हाल भी... Hindi · कविता 1 327 Share Shekhar Chandra Mitra 13 Nov 2021 · 1 min read नायक तुम मानो या नहीं लेकिन वही नायक बिहार का है! तुम्हारी जीत से ज़्यादा तो ज़िक्र उसकी हार का है!! चाहता तो समझौता करके वह जेल से बाहर आ जाता!... Hindi · कविता 378 Share Shekhar Chandra Mitra 13 Nov 2021 · 1 min read वक़्त रहते ही जी लो ये दुनिया कसाईखाना है! बकरों का कहां ठिकाना है!! चाहे जितना बचकर चलें हर हाल में मारा जाना है!! बेहतर होगा कि वक़्त रहते अपनी ज़िंदगी हम जी लें! जो... Hindi · कविता 1 420 Share Shekhar Chandra Mitra 12 Nov 2021 · 1 min read जद्दोजहद तेज़ हो! लहू को गर्म रखने के लिए! एक जद्दोजेहद करते रहिए!! वक़्त के तकाज़े के मुताबिक अपने पैंतरे बदलते रहिए!! इतनी भी सख़्ती क्या रखनी कि टूट-फूट कर बिखर जाएं! आप... Hindi · कविता 183 Share Shekhar Chandra Mitra 12 Nov 2021 · 1 min read चक्रव्यूह रचना एक को दस से-लड़ाया गया है! वह हारा नहीं,-हराया गया है!! अभिमन्यु को-फांसने के लिए फिर चक्रव्यूह-रचाया गया है!! ताकि उसे कोई -मदद न मिले पांडवों को-उलझाया गया है!! द्रोण-शकुनि... Hindi · कविता 348 Share Shekhar Chandra Mitra 12 Nov 2021 · 1 min read जुल्मतों के दौर में अमीरों को और अमीर बनाया जा रहा है! गरीबों को और गरीब बनाया जा रहा है!! अपने चुनावी दौरे में किए हुए वादों को! बहुत ही अच्छे तरीके से निभाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 163 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Nov 2021 · 1 min read जय भीम! आपके जय भीम का मतलब क्या आज़ादी, बराबरी और भाईचारा... ऊंच-नीच का फ़र्क मिटे छुआछूत का नर्क मिटे जात-पात और भेद-भाव से परे मानवता ही हो-एक धर्म हमारा... कोई भी... Hindi · कविता 1 1 221 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Nov 2021 · 1 min read डॉ. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक क्रांति किए बिना! राजनीतिक क्रांति कर पाना!! कठिन ही नहीं, असंभव भी है कहा करता था हमारा भीमा!! सदियों से ज़ारी साजिशों को वह अकेले कैसे पलट सका! यह... Hindi · कविता 1 2 186 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Nov 2021 · 1 min read नासूर बन चुके ज़ख्म उन्हीं राज्यों में वे अक्सर! रहा करते हैं सत्ता से बाहर!! सबसे ऊंचा हुआ करता है- जिन राज्यों में शिक्षा का स्तर!! भारत के नासूर बन चुके घावों के लिए... Hindi · कविता 263 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Nov 2021 · 1 min read महंगाई शायद उनको चिढ़ मज़दूरों की खुशी से है! या उनकी दुश्मनी किसानों की ज़िंदगी से है! वर्ना उन्हीं चीज़ों के दाम आख़िर छूते क्यों आसमान! जिन चीज़ों का ताल्लुक़ आम... Hindi · कविता 523 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Nov 2021 · 1 min read मुहब्बत, बगावत और इबादत अगर मुहब्बत हो तो मीरा की तरह! अगर बगावत हो तो कबीरा की तरह! जिसमें एक शिद्दत हो- एक ख़लिश हो! अगर इबादत हो तो मंसूरा की तरह! Shekhar Chandra... Hindi · कविता 274 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Nov 2021 · 1 min read गुस्ताख़ी माफ़ अगर जान की अमान पाऊं तो अब कुछ अर्ज़ करूं! मजलूमों और महरूमों का खुद को हमदर्द करूं! मैं अपनी अगली नस्लों को ज़वाब दे पाने के लिए! एक अवामी... Hindi · कविता 147 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Nov 2021 · 1 min read कलम उठा! दुनिया से इंतक़ाम ले और उठा क़लम! नाकामियों से काम ले और उठा क़लम!! सियासत की साजिशें करने को बेनकाब! अदम गोंडवी का नाम ले और उठा क़लम!! Shekhar Chandra... Hindi · कविता 330 Share Shekhar Chandra Mitra 11 Nov 2021 · 1 min read आप अद्वितीय हैं! अगर आप वाकई सही हैं, अपने रुख पर डंटे रहिए! अंज़ाम चाहे जो भी हो, अपने काम में लगे रहिए! या तो आर या फिर पार एक फ़ैसला होना चाहिए!... Hindi · कविता 441 Share Shekhar Chandra Mitra 10 Nov 2021 · 1 min read उपेक्षित प्रतिभा तेरे इन शेरों की क़दर कुछ नहीं यहां कुछ नहीं! क्या लिखता है शामो-सहर कुछ नहीं यहां कुछ नहीं!! (१) ग़ैर तो ठहरे ग़ैर ही अपने भी तुझे छोड़ गए!... Hindi · गीत 1 320 Share Previous Page 52 Next