Dr fauzia Naseem shad Language: Hindi 2763 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 52 Next Dr fauzia Naseem shad 25 Feb 2022 · 1 min read खुशियाँ नहीं आती जो दुःख भी मिलें तुमको तो सह जाओ उसे भी। हर एक के हिस्से में वैसे भी खुशियाँ नहीं आतीं ।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 8 175 Share Dr fauzia Naseem shad 25 Feb 2022 · 1 min read फ़ासला रखना क़रीब हो के भी थोड़ा सा फ़ासला रखना । अपनों की भीड़ में भी अक्सर वजूद खोता है ।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 8 149 Share Dr fauzia Naseem shad 24 Feb 2022 · 1 min read खुशियाँ नहीं आती जो दुःख भी मिलें तुमको तो सह जाओ उसे भी। हर एक के हिस्से में वैसे भी खुशियाँ नहीं आतीं ।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 7 367 Share Dr fauzia Naseem shad 24 Feb 2022 · 1 min read अपने अंदर भी झांकने का जो शौक़ रखते हैं । अपने अंदर भी झांक सकते हैं ।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 8 1 202 Share Dr fauzia Naseem shad 24 Feb 2022 · 3 min read क्या भीड़ का चेहरा नहीं होता ? कहते हैं कि भीड़ का कोई चेहरा नहीं होता वास्तव में देखा जाए तो यह बात अपनी जगह सही भी है जब एक जगह बहुत अधिक संख्या में लोग एकत्रित... Hindi · लेख 20 626 Share Dr fauzia Naseem shad 24 Feb 2022 · 2 min read सवालों के घेरे में देश का भविष्य खेलने की उम्र में कूड़े के ढेर से कूड़ा बीनते बच्चे, ट्रैफिक सिगनल पर कला बाज़ियां खाते, तमाशा दिखाते, भीख मांगते, खिलौने, पेन्सिल, अखबार, गुब्बारे, फूल आदि बेचते बच्चे, देखने... Hindi · लेख 12 401 Share Dr fauzia Naseem shad 24 Feb 2022 · 1 min read आपका स्वभाव जीवन में मान-सम्मान केबल पद और दौलत से नहीं कमाया जाता बल्कि अपने अच्छे कर्मों और अपने अच्छे व्यवहार से भी अर्जित किया जाता है जीवन बहुत सरल हो जाता... Hindi · लेख 11 281 Share Dr fauzia Naseem shad 24 Feb 2022 · 1 min read कल का ज़िक्र कल का ज़िक्र न कभी किया जाए। आज बस आज को जिया जाए।। तू भी सोचे मुझे मैं भी सोचूं तुझे। इतना सर दर्द क्यों लिया जाए।। भूल जिसको हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 9 166 Share Dr fauzia Naseem shad 24 Feb 2022 · 1 min read ह्रदय में जब संतोष ह्रदय में जब संतोष पलता नहीं है। जीवन में भी आनंद मिलता नहीं है। । सपनों की पूर्णता का सामर्थ्य हो तुममें। पक्षी भी बिना पंख के उड़ता नहीं है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 11 276 Share Dr fauzia Naseem shad 24 Feb 2022 · 1 min read कल का ज़िक्र कल का ज़िक्र न कभी किया जाए। आज बस आज को जिया जाए।। तू भी सोचे मुझे मैं भी सोचूं तुझे। इतना सर दर्द क्यों लिया जाए।। भूल जिसको हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 9 233 Share Dr fauzia Naseem shad 24 Feb 2022 · 1 min read मन को न जानते हैं मन को न जानते हैं जिस्मों को देखते हैं सदियों से ये तमाशा आंखों से देखते हैं तन पर पड़े हुए कपड़ो को देखते हैं किस वक़्त घर से निकली... Hindi · कविता 9 300 Share Dr fauzia Naseem shad 24 Feb 2022 · 1 min read जब सवाल हो स्वयं से एक निर्णय हो स्वयं से एक भेट हो स्वयं से सीमा न हो समय की जब संवाद हो स्वयं से न रिक्तता हो मन में जब प्रेम हो स्वयं से... Hindi · कविता 18 548 Share Dr fauzia Naseem shad 24 Feb 2022 · 1 min read जीवन है मेरा जीवन है मेरा अधिकार है मेरा स्वीकार है मेरा अस्वीकार है मेरा मेरी हदो का आकाश है मेरा मैं हूं तो है अस्तित्व ये मेरा जो मैं न रहूं तो... Hindi · कविता 10 185 Share Dr fauzia Naseem shad 24 Feb 2022 · 1 min read शांत सा जीवन शांत सा जीवन जी कर देखो। हंस कर क्रोध को पी कर देखो।। रब को अपना करके देखो। उसकी इच्छा से जी कर देखो।। जीवन कितना शेष है इनमें ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 13 403 Share Dr fauzia Naseem shad 24 Feb 2022 · 1 min read ह्रदय की वेदना को ह्रदय की वेदना को मन की संवेदना को जो व्यक्त कर सके जो विभक्त कर सके पीड़ा की मूकता को रिश्तों की चूकता को वो शब्द ढूंढने हैं वो निःशब्द... Hindi · कविता 10 329 Share Dr fauzia Naseem shad 23 Feb 2022 · 1 min read अपनी ज़िन्दगी में अपनी ज़िन्दगी में उस रिश्ते को पूरी अहमियत दीजिए जिसमें आपको बदलने की ज़रूरत न हो, क्योंकि जो बदलाव चाहते हैं वो आपको नहीं बल्कि उस बदलाव को चाहते हैं... Hindi · कोटेशन 19 465 Share Dr fauzia Naseem shad 23 Feb 2022 · 1 min read एक ज़िंदगी में जानता है वही जो इस दर्द से गुज़रता है एक ज़िन्दगी में कोई कितनी मौत मरता है ।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 8 1 333 Share Dr fauzia Naseem shad 23 Feb 2022 · 1 min read वक़्त ने वक़्त की वक़्त ने वक़्त की दुहाई दी। चोट इसकी कहां दिखाई दी।। वक़्त की धुंध में खो गये ऐसे । वक़्त ने जिनकी खुद गवाही दी।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · मुक्तक 10 145 Share Dr fauzia Naseem shad 23 Feb 2022 · 1 min read जिसपे करते हैं जिसपे करते हैं टूट जाता है। अब किसी पे यकीं नहीं करते ।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 8 355 Share Dr fauzia Naseem shad 23 Feb 2022 · 1 min read अपनी शिद्दत को अपनी शिद्दत को क्या बयां करते । हक़ मोहब्बत का कुछ अदा करते ।। तू सलामत रहे कहीं भी रहे । वास्ते तेरे बस यही दुआ करते ।। डाॅ फौज़िया... Hindi · मुक्तक 9 183 Share Dr fauzia Naseem shad 23 Feb 2022 · 1 min read हिम्मत और हौसलों की हिम्मत और हौंसलों की ऊंची उड़ान रखना । जज़्बो में अपने शामिल मंज़िल की प्यास रखना । अपनी हर सांस की फिर क़ीमत चुका सकोगे। बस ज़िन्दगी का हर पल... Hindi · मुक्तक 9 144 Share Dr fauzia Naseem shad 23 Feb 2022 · 1 min read जिस्म और रूह भी फक़्त चार दिन की इस जिंदगानी में, फ़ानी क़ायनात मेरी क्या होगी । मेरा होकर भी जब कुछ नहीं मेरा, जिस्म और रूह भी मेरी क्या होगी ।। डाॅ फौज़िया... Hindi · मुक्तक 12 450 Share Dr fauzia Naseem shad 23 Feb 2022 · 1 min read ज़ेहन का बोझ फ़िक्र-ए-ज़िंदगी में आप बहुत एहतियात रखिएगा। ज़ेहन का बोझ अक्सर दिल-ए-नाज़ुक पर पड़ता है ।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · मुक्तक 9 216 Share Dr fauzia Naseem shad 22 Feb 2022 · 1 min read हिम्मत और हौसलों की हिम्मत और हौंसलों की ऊंची उड़ान रखना । जज़्बो में अपने शामिल मंज़िल की प्यास रखना ।। अपनी हर सांस की फिर क़ीमत चुका सकोगे । बस ज़िन्दगी का हर... Hindi · मुक्तक 11 315 Share Dr fauzia Naseem shad 22 Feb 2022 · 1 min read कोशिशों से क्या नहीं मिलता क्यों मुश्किलों का हल नहीं मिलता । क्यों मुकद्दर पे बस नहीं चलता ।। खुद पर बस एतबार हो हमको । कोशिशों से क्या नहीं मिलता ।। डाॅ फौज़िया नसीम... Hindi · मुक्तक 9 148 Share Dr fauzia Naseem shad 22 Feb 2022 · 1 min read जब एक ज़िंदगी है और जीना है हर एक सांस पे समझौता किस लिए। जब एक ज़िन्दगी है जीना है एक बार ।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 6 184 Share Dr fauzia Naseem shad 22 Feb 2022 · 1 min read बदल जाओ तुम भी सांचे से अपने निकल जाओ तुम भी । जो बदले ज़माना बदल जाओ तुम भी ।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · मुक्तक 8 150 Share Dr fauzia Naseem shad 22 Feb 2022 · 1 min read दूसरी दुनिया का बिछड़ जाता है जो उम्र भर के लिए, फिर वह क्यों नहीं मिलता। दूसरी दुनिया का कोई दरवाज़ा, मेरी दुनिया में क्यों नहीं खुलता । डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · मुक्तक 9 148 Share Dr fauzia Naseem shad 22 Feb 2022 · 1 min read क्या कहें क्या कहें कोई भी जवाब न था । मेरी आंखों में कोई ख़्वाब न था ।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 8 399 Share Dr fauzia Naseem shad 22 Feb 2022 · 1 min read दर्द को ज़िन्दगी बना बैठे इतना हस्सास-ए-दिल मिला हमको । दर्द को ज़िन्दगी बना बैठे ।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 7 158 Share Dr fauzia Naseem shad 22 Feb 2022 · 1 min read नींद किस्तो में नींद किस्तो में हमनें पाई थी । क़ीमत ख़्वाबो की क्या अदा करते ।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 7 146 Share Dr fauzia Naseem shad 22 Feb 2022 · 1 min read वक़्त भर देता है वक़्त भर देता है जब ज़ख़्म सारे । हम फिर ज़ख़्मों पे क्या मरहम रखते ।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 7 147 Share Dr fauzia Naseem shad 22 Feb 2022 · 1 min read हर फ़ासला हर फ़ासला सफ़र का तय वो कर चुके हैं। गिरना भी उनका क्या जो नज़रों से गिर चुके है।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 7 145 Share Dr fauzia Naseem shad 22 Feb 2022 · 1 min read एहसास हो अपनी क्षमता पर स्वयं का पूर्ण विश्वास हो । मन में स्वस्थ मानसिकता का भी आवास हो ।। ईश्वर का दृष्टि में इससे अधिक नहीं कुछ विशिष्ट । मनुष्य होकर... Hindi · मुक्तक 11 316 Share Dr fauzia Naseem shad 22 Feb 2022 · 1 min read आंखों में कभी आंखों में कभी जिनके कोई खवाब नहीं सजते । मुफ़लिस के यह बच्चे कभी नाज़ों में नहीं पलते ।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 7 188 Share Dr fauzia Naseem shad 22 Feb 2022 · 1 min read अस्थिर मन अस्थिर मन और मन की इच्छा स्वयं का दोषी कर देती है मन में उठती निर्मूल आशंका जीवन- मृत्यु सा कर देती है भोग-विलास की मन की इच्छा दुःख का... Hindi · कविता 9 184 Share Dr fauzia Naseem shad 22 Feb 2022 · 1 min read खुद को पाने में वक़्त लगता है कोशिशों में कमी नहीं रखना । खुद को पाने में वक्त लगता है ।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 7 205 Share Dr fauzia Naseem shad 22 Feb 2022 · 1 min read मुझे मैं भी चाहिए था मुझसे इस जिंदगी की अदावत थी इसलिए । जीने की ख़्वाहिशों में मुझे मैं भी चाहिए था ।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 7 173 Share Dr fauzia Naseem shad 22 Feb 2022 · 1 min read हमारी मानसिकता नारी की शारीरिक शुचिता के अन्तर्गत नारी का समूचा अस्तित्व केवल नारी का शरीर नहीं हो सकता उसे उसके चरित्र से जोड़कर देखा जाना हमारी प्रगतिशील मानसिकता पर तो प्रश्न... Hindi · कोटेशन 8 196 Share Dr fauzia Naseem shad 22 Feb 2022 · 1 min read हारा नहीं है बह जाये विपरीत वो धारा नहीं है। सत्य, असत्य से कभी हारा नहीं है।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 8 289 Share Dr fauzia Naseem shad 22 Feb 2022 · 1 min read मिल न पायेंगे नैन एक दिन ये थक ही जायेंगे नीर इतना अगर बहायेंगे कह दिया था ये हमनें पहले ही अब जो बिछड़े तो मिल न पायेंगे । डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · मुक्तक 8 170 Share Dr fauzia Naseem shad 22 Feb 2022 · 1 min read खुद पर यकीन सब मुश्किलों का हल खुद में वह पायेगा । खुद पर यकींन कर के जो खुद को आज़मायेगा ।। दुश्वार रास्तों पर अपने क़दम जो बढ़ायेगा । मुमकिन नहीं वह... Hindi · मुक्तक 9 191 Share Dr fauzia Naseem shad 22 Feb 2022 · 1 min read वक़्त किसे कहते हैं वक़्त किसे कहते हैं तुझे एहसास दिला देगा। पहुंचा के बुलंदी पर तुझे मिट्टी में मिला देगा ।। गुज़रेगा कभी ऐसे भी तेरी पहचान मिटा देगा। अपने और पराये का... Hindi · मुक्तक 14 396 Share Dr fauzia Naseem shad 21 Feb 2022 · 1 min read मेरे लबों की दुआ का किसी भी ग़म की न कभी तेरे हिस्से में कोई शाम आये तेरे हिस्से में मुस्कुराता हुआ तेरा हर एक पल आये तमाम ख़ुशियाँ जहाँ की तेरा मुकद्दर हों मेरे... Hindi · कविता 9 303 Share Dr fauzia Naseem shad 21 Feb 2022 · 1 min read जीवन का इतना सम्मान करना जीवन का इतना सम्मान करना। कभी न स्वयं पर अभिमान करना ।। कर्तव्य तेरा हो उद्देश्य ए-जीवन । देश पर प्राणों का बलिदान करना ।। नहीं दान कोई इससे बड़ा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 12 400 Share Dr fauzia Naseem shad 21 Feb 2022 · 1 min read ज़िंदगी का गुरूर कैसा है सांस एक भी नहीं तेरे बस में । ज़िन्दगी का गुरूर कैसा है ।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 8 178 Share Dr fauzia Naseem shad 21 Feb 2022 · 1 min read अपनी नज़र में अपनी नज़र में खुद, पूरा था हर कोई । सबकी अना का अपना मेयार था ।। डाॅ फौज़िया नसीम शाद Hindi · शेर 7 150 Share Dr fauzia Naseem shad 21 Feb 2022 · 3 min read बाल विवाह समस्या हमारे भारतीय समाज में नारियों का यह दुर्भाग्य रहा है कि इस देश में नारी को देवी बना कर पूजने की प्रथा तो रही है लेकिन इसके साथ ही उसके... Hindi · लेख 21 2k Share Dr fauzia Naseem shad 21 Feb 2022 · 2 min read कितना बदल रहे हैं हम ? कितना बदल रहे हैं हम ? ये ऐसा विचारणीय प्रश्न है, जिसकी गहराई में जाकर ही हम इसका सही उत्तर दे सकते हैं, ये सही है कि आज वक़्त ही... Hindi · लेख 18 463 Share Dr fauzia Naseem shad 21 Feb 2022 · 2 min read न टूटे रिश्तो की मर्यादा आज जिस तीव्रता के साथ हमारे नैतिक व सामाजिक मूल्यों में गिरावट आ रही है, वह वास्तव में चिंता का विषय है, रिश्तों को कलंकित करती समाज में दिन प्रतिदिन... Hindi · लेख 11 600 Share Previous Page 52 Next