सुखविंद्र सिंह मनसीरत Tag: कविता 1348 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 6 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Oct 2021 · 1 min read मैं तुम हम ** मैं-तुम-हम ** ************** तुम बिना मैं नहीं, मैं बिना तुम नहीं। मैं -तुम से हम हैं, हम से मैं-तुम हैं। जब से मैं-तुम-हम, फिर है कैसा गम। हम ही... Hindi · कविता 228 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Oct 2021 · 1 min read ख्वाब ***** रमणीय ख्वाब ***** ********************** हम तुम्हे दिल में ही बसा लेते, अगर तुम रमणीय ख्याब होते। हम कभी पीते मय को नहीं हैं, हम नशीले नैनों में नवाब होते।... Hindi · कविता 1 1 475 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Oct 2021 · 1 min read तोता मैना तोता-मैना(माहिया) *************** 1 कंधे बैठा तोता, अबला से कहता, दिनभर मैं हूँ रोता। 2 तोते से वो बोली, क्या मैना रूठी, थी तेरी हमजोली। 3 चोंच भरी मय पी ली,... Hindi · कविता 177 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Oct 2021 · 1 min read पावन पर्व दशहरा **पावन पर्व दशहरा (चौपाई)** ************************* पावन पर्व दशहरा आया। खुशियों की झोली भर लाया।। छल - बल रावण सीता छीनी। सती सावित्री अबला दुख दीनी।। लंका पर थी चढ़ी चढ़ाई।... Hindi · कविता 193 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Sep 2021 · 1 min read राजनीति हलचल राजनीतिक - हलचल (व्यंग्य) ********************** रंधावा ने बांटी मिठाई, पर वो किसी काम नहीं आई। कांग्रेस की खोटी जो चवन्नी, सीएम बना चरणजीत चन्नी, शायद बची थी यही दवाई। पर... Hindi · कविता 2 2 234 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Sep 2021 · 1 min read शिक्षक दिवस गुरुवर चरण वंदन ****गुरुवर चरण वंदन**** *****शिक्षक दिवस ****** ********************** प्रभु सम गुरुवर चरण वन्दन, कोटि कोटि करते अभिनंदन। किन शब्दों में करूँ शुकराना, तुम सा नहीं जीवन में दर्शन। कुदरत से भी... Hindi · कविता 437 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Aug 2021 · 1 min read तेजिंद्र सिंह गुरुजी श्री तेजिंदर जी के लिए दो शब्द ******************************* आपने किया हमारा उत्थान, आभार आपका, साहित्य जगत में विशेष स्थान,आभार आपका। हम थे कच्ची मिट्टी के गोले, जानते थे खाना... Hindi · कविता 163 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Aug 2021 · 1 min read प्रभु जी जरा **प्रभु जी जरा (भजन)** ********************* प्रभु जी जरा नजर रखियो, सुख-शान्ति-समृद्धि रखियो। दुख न कोय छूने पाए, कष्ट - क्लेश दूर हो जाए, सुख का सदा असर रखियो। सुख-शान्ति-समृद्धि रखियो।... Hindi · कविता 202 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Aug 2021 · 1 min read माँ का हाल बेहाल हैं ***माँ का हाल बेहाल हैं **** *********************** माँ का हाल हुआ बेहाल है, बेटे बहुओं संग खुशहाल है। बड़ी दुआओं और मन्नतों से, जान जोखिम से जन्मे लाल है। जठराग्नि... Hindi · कविता 201 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Aug 2021 · 1 min read राखी का त्योहार *खुशियों भरा त्योहार है राखी* ************************ खुशियों भरा त्योहार है राखी, बहन भाई का श्रृंगार है राखी। रेशमी धागे की यह डोर नहीं, छिपा है जिसमें प्यार है राखी। मोह,माया,... Hindi · कविता 367 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Aug 2021 · 1 min read राखी का त्योहार ******** राखी का त्योहार ******** ****************************** राखी का यह पावन त्योहार आया है, बहन भाई की खुशियाँ हजार लाया है। रेशम की डोर से निभता है ये रिश्ता, प्रेम रंग... Hindi · कविता 303 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Aug 2021 · 1 min read होंसलों से जीत होगी ********हौसलों से होगी जीत ******* ******************************** हौसलें होंगे गर मजबूत तो तेरी जीत होगी, बहे पसीने के हों सबूत,तो तेरी जीत होगी। सदा ही,कदमों के नीचे होगी तुम्हारी मंजिल, निश्चय... Hindi · कविता 1 278 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Aug 2021 · 1 min read सुन्नपात है जिंदगी ********सुन्नपात है जिंदगी********** ******************************** सदमों के हिमपात से सुन्नपात है जिंदगी, आँसुओं की बरसात से आघात है जिंदगी। जिस पर भी करें यकीं वो दरकिनार करे, नैया फंसी मंझदार बनी,खैरात... Hindi · कविता 1 249 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Aug 2021 · 2 min read क्या दिन वही ठीक थे परतन्त्र भारत के क्या दिन वही ठीक थे परतंत्र भारत के ***************************** देख कर यह हालात स्वतंत्र भारत के, क्या दिन वही ठीक थे परतंत्र भारत के। फिरंगियों ने तो लूटा था हमें... Hindi · कविता 1 1 275 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Aug 2021 · 1 min read बीत जाएगा जल्दी पहर *बीत जाएगा जल्दी पहर* ********************* जब आ ही गए हो तुम दर, पल दो पल जाओ तो ठहर। घड़ी दो घड़ी की बात है, बीत जाएगा जल्दी पहर। हो जाओगे... Hindi · कविता 1 248 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Jul 2021 · 1 min read बेहतर थे बुरे दिन बेहतर थे बुरे दिन ********************* अच्छे दिनों से कहीं बेहतर थे, वो पुराने जो थे बुरे दिन, स्वच्छ नीर से साफ थे, झूठे बिल्कुल भी नहीं ख्याब थे, उनमें न... Hindi · कविता 1 358 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Jul 2021 · 2 min read हरियाणा को जाने हरियाणा को जाने (चौपाई) ********************** 1 बहुत प्यारा राज्य हरियाणा। कला साहित्य भरा खजाना।। संस्कृति यहाँ की हरी - भरी। सितारों से खूब धरा भरी।। 2 खेलों में रहा नहीं... Hindi · कविता 243 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Jul 2021 · 1 min read ताया जी हमारे ***** ताया जी हमारे ****** ************************ ताया जी हमारे बहुत प्यारे, छोड़ कर हमें क्यों स्वर्ग सिधारे। किस नगरी में ठिकाना बनाया, बिना बताए किधर हो पधारे। अंगुली पकड़ चलना... Hindi · कविता 3 1 395 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Jul 2021 · 1 min read मनसीरत जन्मदिवस ****** मनसीरत जन्मदिवस ******* ****************************** आया जन्मदिवस बिटिया रानी आज, जियो हजारों साल दुआ करूँ मैं आज। नन्हें कदम जब से पड़े हमारे घर द्वार, निलय में आई खुशियो की... Hindi · कविता 210 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Jun 2021 · 1 min read जोड़ी ***जोड़ी (माहिया)*** ****************** 1 किस्मत से आप मिले, शुक्रिया कैसे करूँ, दिल में है फूल खिले। 2 हंसों जैसी जोड़ी, कभी न नजर लगे, कोई न कसर छोड़ी। 3 पलकों... Hindi · कविता 199 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Jun 2021 · 1 min read दिन रात रोई **** माहिया ***** ***दिन रात रोई *** **************** 1. दिन रात रही रोई, जग है देख लिया, तुम सा हसीं न कोई। 2 बागों में फूल खिले, राही क्या करता,... Hindi · कविता 188 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Jun 2021 · 1 min read गले की फांस रिस्तेदार गले की फांस रिस्तेदार ******************* मन मे है कसक, दूर नही हो रही है ठसक, ये कैसी हैं रिश्तेदारियाँ, नहीं समझती मजबूरियाँ, करती रहती मौके की तलाश, पूर्णरूप से करती... Hindi · कविता 232 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Jun 2021 · 1 min read जन्मदिवस मुबारकबाद मुस्कान जन्मदिवस मुबारकबाद मुस्कान ************************** घर में जन जन मुख की मुस्कान, प्यारी सी राजकुमारी है मुस्कान। हुआ रोशन गृह का कोना कोना, जब से निलय में आई है मुस्कान। माँ-बाप-भाई... Hindi · कविता 256 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Jun 2021 · 1 min read गर्व की बात **** गर्व की बात **** ****************** ये बहुत गर्व की बात है, इंसानियत मेरी जात है। धर्म की आड़ में चुप हैं, यही तो शर्म की बात है। चाहे छाये... Hindi · कविता 315 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Jun 2021 · 1 min read पिता दिवस का सच ********** पिता दिवस का सच ********** ************************************ भई सुना है आज बेटे पिता दिवस मना रहे हैं, वृद्धाश्रम में किस किस के पिताश्री से आ रहे हैं, पितृ दिवस पर... Hindi · कविता 188 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Jun 2021 · 1 min read शिक्षा का अलख ***** शिक्षा का अलख (गीत) **** **************************** मिलकर शिक्षा का अलख जगाना है, सरकारी स्कूलों में दाखिला बढ़ाना है। कोई भी बच्चा छूट ना जाए, जन- गण -मन है शैक्षिक... Hindi · कविता 1 1 395 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Jun 2021 · 1 min read विरह गीत ***** विरह गीत ***** ******************* छोड़ आई मैं घर परिवार। आ गई हूँ प्रीतम दरबार। लंबी है जुदाई तुम्हारी, प्रेम किया है खता हमारी, हुए चारों ओर बंद द्वार। आ... Hindi · कविता 2 193 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Jun 2021 · 1 min read तेज हवा पौने चार वर्षीय बिटिया मनसीरत कौर की पहली दो पंक्तियों की तुकबन्दी ************************ तेज हवा तूफान चला, पापा मैं तो नहीं डरा। ****************** मनसीरत कौर Hindi · कविता 374 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Jun 2021 · 1 min read श्री जयपाल कमान अधिकारी *****श्री जयपाल कमान अधिकारी****** ********************************** बहुत ही कर्तव्यनिष्ठ मिलनसार है अधिकारी, शीत, शालीन श्री जयपाल कमान अधिकारी। नाप तोल कर बोलते हैं मधु-मृदुल-अल्पभाषी, अपराधी तक मोम बना दें सूझवान अधिकारी।... Hindi · कविता 1 291 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Jun 2021 · 2 min read प्रतिकार *************** प्रतिकार (लघु कथा)***************** ************************************************* रामू श्याम सेठ के यहाँ नौकर के रूप में ईमानदारी से कार्य करता था,जिस पर सेठ खुद से ज्यादा विश्वास करता था।सेठ के तीन लड़के... Hindi · कविता 1 453 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Jun 2021 · 1 min read मानव मन चंचल सा *** मानव मन चंचल सा *** *********************** मानव मन चंचल नटखट सा, सागर लहरों सा लहराता है, फूल देखकर सुंदर गुलाब सा, जुबान सा फिसल जाता है। पुरुष प्रेम है... Hindi · कविता 568 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Jun 2021 · 1 min read सखियाँ ***सखियाँ (तोटक छंद)**** 112 112 112 112-12 वर्ण ************************* मिलती पथ में बिछड़ी सखियाँ। मिलके बहती चहकी अखियाँ।। खिलती कलियां महकी बगिया। जगती बुझती रहती लड़ियाँ।। सहमी सहमी करती बतियां,... Hindi · कविता 447 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 May 2021 · 1 min read गजरा **** गजरा (चौपाई)***** ********************* केश में गूँथ गजरा आई, थोड़ा सा गोरी शरमाई। नैनो से था किया इशारा, मर गया नादान कुंवारा। दीवाने ने सुध - बुध खोई, विरह में... Hindi · कविता 502 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 May 2021 · 1 min read मेरा घर ****** मेरा घर ****** ******************* मेरा घर सब से प्यारा है, सारे ही जग से न्यारा है। कच्ची माटी से बना हुआ, पक्के दिलों से सँवारा है। सारे रिस्ते घर... Hindi · कविता 1 226 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 May 2021 · 1 min read जन जन बेसहारा **** जन जन बेसहारा ***** ************************ हाथों में लिया हुआ झोला, कहते सब जन उसको मौला। बातों से बना जगत भोला, विष जन गण मन अन्दर घोला। झूठ का भरा... Hindi · कविता 229 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 May 2021 · 1 min read सितारे ********** सितारे (रोला) ********** ******************************** नभ में निकले आज,चाँद के संग सितारे। चाँदनी हुई रात , हो गए वारे न्यारे।। सिर पर शोभित ताज,अंबर है वो अवनि का। भूषण है... Hindi · कविता 1 344 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 May 2021 · 1 min read मेरा परिवार घर संसार *मेरा परिवार घर संसार* ******************* स्वर्गतुल्य मेरा परिवार है, मेरे जीवन का आधार है। मेरा मान और सम्मान है, खुशियों से भरा संसार है। कुछ नही है पहचान मेरी, मेरा... Hindi · कविता 2 2 260 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 May 2021 · 1 min read सितम ढा गई ***सितम ढा गई (गजल) **** *बह्र:- 122 122 122 12* रदीफ़-गई,क़ाफ़िया-आ,भा,छा, ************************* सजा प्यार की है सितम ढा गई, खुशी की घड़ी शोक में छा गई। बयारें चली है यहाँ... Hindi · कविता 2 235 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 May 2021 · 1 min read तूफ़ां फिर से कब आएगा तूफ़ां फिर से कब आएगा ******************** कभी सोचा न था, गुजर जाएगा, तूफ़ां यू पास से, छोड़ जाएगा, तन्हां सा जीवन में, पंछी प्यार का, बगल से उड़ा के, सोया... Hindi · कविता 1 172 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 May 2021 · 1 min read दहेज प्रथा ****** दहेज प्रथा ****** ********************* दहेज प्रथा घिनौना पाप है, कन्याओं हेतु अभिशाप है। जो बेटी चढ़े दाज की बलि, माँ बाप का बढ़े रक्तताप है। जब पैदा होती है... Hindi · कविता 308 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 May 2021 · 1 min read दिल की आवाज ****दिल की आवाज **** ********************* दिल से आई है आवाज, बज रहा है प्यारा सा साज। कोशिश कर ली बार हजार, नहीं बनता है प्रेम का काज। हो रहा है... Hindi · कविता 1 321 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 May 2021 · 1 min read भाई ***** भाई ***** ************** मैं और मेरा भाई, एक ही हमारी माई। दुख या फिर कष्टी, गले लगता है भाई। साथ साथ है खेलें, करते कभी लड़ाई। बचपन का साथ,... Hindi · कविता 1 352 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 May 2021 · 1 min read आम की टोकरी ****आम की टोकरी**** ***** बाल कविता ***** ******************** टोकरी में रख मीठे आम, गुड़िया बांटती है बिन दाम। रसदार बहुत मधु से मीठे, सुच्चे हैं ना बिल्कुल जूठे। चाचा ,... Hindi · कविता 4 463 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 May 2021 · 1 min read होठों पर नाम आ गया ***होठो पर नाम आ गया*** **** 222 222 1212 **** ********* गजल ********* होठों पर तेरा नाम आ गया, मिलने का है पैगाम आ गया। दिल मेरा तेरे बिन उदास... Hindi · कविता 1 235 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 May 2021 · 1 min read आम की टोकरी एक बाल कविता पर कोई विवाद हुआ है मैने उस कविता को ऐसे सोच और अपने मानस से ऐसे लिखने का एक छोटा सा प्रयास किया। ******************************** *********आम की टोकरी***********... Hindi · कविता 236 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 May 2021 · 1 min read जग बहुत सुन्दर है **जग बहुत सुन्दर है** ******************* गम का गहरा समंदर है, ये जग बहुत ही सुन्दर है। रंग बिरंगे रंगों से है रंगा ये कितना हसीन मंजर है। दुख सुख से... Hindi · कविता 279 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 May 2021 · 1 min read आग दिल मे लगाने लगे *आग दिल मे लगाने लगे* ********************* *** 212 212 212 *** ******* गजल ******** आग दिल में लगाने लगे, आप हम को सताने लगे। जान बुझ कर बुझाते नहीं, तेल... Hindi · कविता 255 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 May 2021 · 1 min read देखकर तुम्हें जीने लगे ** देख कर तुम्हें जीने लगे *** *** 212 222 221 2 ***** ************************ देख कर हम तुम्हें जीने लगे, जाम मय के भर भर पीने लगे। आप भी देखो... Hindi · कविता 192 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 May 2021 · 1 min read नारी ******नीर (चौपाई)****** ********************** नारी नैनन से नीर बहे। हृदय में जब जब पीर रहे।। अकेली ही कष्ट दर्द सहे। निज मुँह से न दो शब्द कहे।। प्रेयसी नीर बहुत बहाती।... Hindi · कविता 1 1 504 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 May 2021 · 1 min read दादी माँ का प्यार ******** दादी माँ का प्यार ******* ****************************** भुलाए नहीं भूलता दादी माँ का प्यार, नसीबों से है मिलता दादी माँ का प्यार। याद आती रहती परियों की कहानियाँ, पास बस... Hindi · कविता 1 614 Share Previous Page 6 Next