Shyam Sundar Subramanian Language: Hindi 1073 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 6 Next Shyam Sundar Subramanian 18 May 2023 · 1 min read गणपति अभिनंदन हे शिव सुत पार्वती नंदन गजानना। हे दुख भंजन विघ्न विनाशक गजवदना। हे हेरम्ब विद्यारंभ सिद्धिविनायक गजानना। हे परब्रह्मं सच्चिदानंद सर्वज्ञ ज्ञान गम्यम गणेशाना। हे दीनबंधु अनाथनाथा सकल विश्व पालक... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 1 301 Share Shyam Sundar Subramanian 17 May 2023 · 1 min read अस्तित्व कभी किसी शिल्पकार की मूर्ति में, कभी किसी चित्रकार की कृति में , कभी किसी कवि की भावाभिव्यक्ति में , कभी किसी गायक के गायन श्रुति में, कभी किसी वादक... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 489 Share Shyam Sundar Subramanian 17 May 2023 · 1 min read चोर एक व्यक्ति से मैंने पूछा, तुम क्या करते हो ? किस तरह अपना गुजारा चलाते हो ? उसने कहा मैं चोरी करता हूं , मैंने पूछा तुम क्या चुराते हो... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 347 Share Shyam Sundar Subramanian 16 May 2023 · 1 min read आत्मसंवाद एक दिन मन ने प्रज्ञा से कहा , तुम मुझ पर हमेशा लगाम लगाए रखती हो , मुझे अपने मर्जी की नहीं करने देती हो , मैं उन्मुक्त रहना चाहती... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 214 Share Shyam Sundar Subramanian 16 May 2023 · 1 min read बचपन एक बचपन अपने अधनंगे बदन को मैले कुचैले कपड़ों मे समेटता , अपनी फटी बाँह से बहती नाक को पौछता , बचा खुचा खाकर भूखे पेट सर्द रातों में बुझी... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 1 2 214 Share Shyam Sundar Subramanian 16 May 2023 · 1 min read नारी अस्मिता मन उपवन की नन्ही कली , जो घर आंगन में पली-बढ़ी , फूल से चेहरे पर खिली उसकी मुस्कान , माता पिता, बंधु बांधव , मित्रों की जान , सदा... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 2 4 531 Share Shyam Sundar Subramanian 16 May 2023 · 1 min read मौन मौन एक मूक भाषा है , मौन अंतरात्मा की अभिव्यक्ति है , मौन निशब्द भावनाओं का व्यक्त मूक प्रतिवेदन है , मौन हृदय से हृदय तक संवेदनाओं का स्पंदन है... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 281 Share Shyam Sundar Subramanian 16 May 2023 · 1 min read मजदूर की अन्तर्व्यथा मैं उस बेबस लाचार मजदूर को देखता हूं, जो रोज सुबह सवेरे चौराहे पर इकट्ठी दिहाड़ी मजदूरों की भीड़ का हिस्सा बनता है, अपनी बारी आने का इंतज़ार करता है... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 354 Share Shyam Sundar Subramanian 16 May 2023 · 1 min read व्यावहारिक सत्य कुछ समझ में नहीं आता क्या गलत है ? क्या सही ? सही को गलत सिद्ध किया जाता है , और गलत को सही , अब तो यही लगता है... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 499 Share Shyam Sundar Subramanian 16 May 2023 · 1 min read दुविधा उस दिन एक युवा से बातचीत करने का अवसर मिला , वर्तमान परिपेक्ष पर चर्चा करने पर उसने कहा , आजीविका कमाने का उद्देश्य उसके लिए सर्वोपरि है , अन्य... Poetry Writing Challenge · काव्य प्रतियोगिता 234 Share Shyam Sundar Subramanian 16 May 2023 · 1 min read बात कुछ कहते कहते, कुछ सुनते सुनते , उम्र बीत गई ,कुछ सहते सहते, बात कभी बन गई ,कभी बिगड़ गई, कभी बतंगड़ बन गई, कुछ कही, कभी अनकही, दूर तक... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 183 Share Shyam Sundar Subramanian 15 May 2023 · 1 min read एक बालक की अभिलाषा एक बालक से मैंने पूछा तुम बड़े होकर क्या बनना चाहोगे ? उसने कहा मैं एक राजनेता बनना चाहूंगा , क्योंकि उसके लिए कोई पढ़ाई लिखाई का झंझट नहीं ,... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 1 280 Share Shyam Sundar Subramanian 14 May 2023 · 1 min read गरिमामय प्रतिफल अभिभूत भावनाओं के चरमोत्कर्ष पर जिसका उदय होता है, अंतस्थ से यह उभरता है, और व्यवहार में दृष्टिगोचर होता है , पवित्र वाणी एवं विचारों से यह सुशोभित होता है... Poetry Writing Challenge · कविता 225 Share Shyam Sundar Subramanian 14 May 2023 · 1 min read भ्रम हर कोई अपने आप के एक भ्रम मे जी रहा है , कभी संबंधों के, तो कभी अनुबंधों के , कभी अपेक्षा के, तो कभी प्रतीक्षा के , कभी भाग्य... Poetry Writing Challenge · कविता 410 Share Shyam Sundar Subramanian 14 May 2023 · 1 min read जीवनामृत इस धरा में जीव की उत्पत्ति एवं विकास का सत्व , भौतिक जगत में प्राणि मात्र के अस्तित्व का मुख्य तत्व , निसर्ग की संरचना एवं पर्यावरण निर्माण का प्रमुख... Poetry Writing Challenge · कविता 440 Share Shyam Sundar Subramanian 14 May 2023 · 1 min read मैं कवि हूं मैं कवि हूं , भावनाओं के समुद्र में बहता, डूबता, उबरता रहता हूं , कल्पनाओं के नभ में उन्मुक्त पंछियों की तरह विचरण करता रहता हूं , कभी मानवीय संवेदना... Poetry Writing Challenge · कविता 302 Share Shyam Sundar Subramanian 14 May 2023 · 1 min read चंद एहसासात जान कर भी अंजान से बन जाते हैं लोग , अपनों से भी अजनबी से बन जाते हैं लोग , ये वक्त का है तकाज़ा , या फ़ितरत का है... Hindi · एहसास · शेर 213 Share Shyam Sundar Subramanian 14 May 2023 · 1 min read चंद एहसासात दिल के ग़ुबार मुस्कुराहट से झुपते नहीं , नज़रों से बयाँ हो ही जाते हैं , दर्द-ए-दिल जज़्ब होता नहीं , अश़्क बन छलक ही जाता है । Hindi · एहसास · शेर 143 Share Shyam Sundar Subramanian 11 May 2023 · 9 min read फिरौती शांतिलाल जी उस दिन सुबह स्नान ध्यान एवं नाश्ता कर दुकान के लिए रवाना हुए , उन्होंने अपनी पत्नी मालती को आवाज देकर कहा कि मैं आज दोपहर को खाना... दोस्ती- कहानी प्रतियोगिता · कहानी · प्रतियोगिता 6 10 318 Share Shyam Sundar Subramanian 9 May 2023 · 1 min read इंतिज़ार लब़ खामोश हैं पर आंखों से इज़हार -ए - हाल करती हो , हुस्ऩ -ए - मुजस्स़िम होठों की गुलाबी , नैनो की कटारी , ज़ुल्फों की बदली, चूड़ियों की... Hindi · कविता 356 Share Shyam Sundar Subramanian 9 May 2023 · 1 min read दिल -ए- ज़िंदा दिल का एहसास बुज़ुर्ग को भी जवाँ बना देता है , दिल से हारे जवाँ को भी वक्त से पहले बूढ़ा बना देता है , ज़िंदादिली से जो जीते हैं... Hindi · एहसास · कविता 429 Share Shyam Sundar Subramanian 6 May 2023 · 1 min read परिदृश्य धर्मांधता का जुनून सर चढ़कर बोल रहा है, देश के सांप्रदायिक सद्भाव में ज़हर घोल रहा है, चंद सरफिरे नौजवान धर्म के ठेकेदार बन गए हैं , संकीर्ण मानसिकतायुक्त अपने... Hindi 252 Share Shyam Sundar Subramanian 4 May 2023 · 1 min read हस्ती रहगुज़र -ए-ज़ीस्त की उड़ती खाक बनकर रह गया हूं , सोज़ -ए -दिल से जलकर राख बनकर रह गया हूं , हसीन ख़्वाबों का फ़रेब-ए- सराब बन कर रह गया... Hindi · एहसास 280 Share Shyam Sundar Subramanian 3 May 2023 · 1 min read ज़िदादिली खुशी क्या होती है तुम ये क्या जानो , मसर्रत के लम्हों को तुम कैसे पहचानो , ज़िंदादिल इंसां औरों को खुश देख खुश होता है , उनका ग़म बांटकर... Hindi · एहसास · कविता 1 1 291 Share Shyam Sundar Subramanian 1 May 2023 · 4 min read आधुनिक परिवेश में वर्तमान सामाजिक जीवन कालांतर में सामाजिक जीवन में निरंतर बदलाव आते रहे हैं , जिसके प्रमुख कारक भौगोलिक परिस्थितियों में परिवर्तन, सामाजिक व्यवस्था में बदलाव की स्थिति एवं दैनिक जीवन निर्वाह शैली में... Hindi · लेख 361 Share Shyam Sundar Subramanian 30 Apr 2023 · 1 min read अपने इंसान दुनिया जीतकर भी अपनों से हार जाता है , कभी-कभी अपनों से जीतकर भी अपने आप से हार जाता है , कभी-कभी उसके अपने ही उसकी हार का कारण... Hindi · एहसास · कविता 316 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2023 · 1 min read आज बीते कल को छोड़ो , आज को थाम लो , जो गुज़र चुका उसका क्यूँ ख़याल हो ? कल की बातों का दिल में क्यूँ मलाल हो ? कल क्या... Hindi · कविता · नेक सलाह 365 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Apr 2023 · 1 min read बे-ख़ुद वक्त की दहलीज़ पर ठहरा हुआ सा एक लम्हा, हवा में लहराता हुआ सा एक बबूला, संगे -ए- राह सा ठोकर खाता हुआ, एहसास -ए- दर्द बना फ़ुगाँ होता हुआ... Hindi · एहसास · कविता 191 Share Shyam Sundar Subramanian 16 Apr 2023 · 3 min read काला दिन राजेश को उस दिन ऑफिस में काम निपटाते बहुत देर हो गई थी रात के 8 बज गए , उसे सभी खातों का मिलान कर त्रैमासिक रिपोर्ट बनाकर हेड ऑफिस... Hindi · कहानी 207 Share Shyam Sundar Subramanian 14 Apr 2023 · 1 min read बदलाव बदलते वक्त के साथ ग़र हम बदल न पाएं , इस सफर -ए - जीस्त में कहीं ठहर कर ना रह जाएं, बदलते वक्त हालात बदलते हैं , बदलते हालात... Hindi · कविता · ख़यालात 284 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Apr 2023 · 3 min read अस्मिता उस दिन शहर के चौराहे पर गधों जमघट था , शायद उनका कोई सम्मेलन था , उनमें से एक बड़ा सा गधा जो उनका नेता था, ने भाषण देना शुरू... Hindi · कटाक्ष · हास्य-व्यंग्य 317 Share Shyam Sundar Subramanian 7 Apr 2023 · 1 min read यथार्थ कल्पना लोक में विचरण कितना सुखद होता है , परंतु उस व्योम के बादल छंटने पर यथार्थ का अनुभव दुःखद होता है, हम समझ नही पाते सत्य सदैव कड़वा होता... Hindi · कविता 2 2 355 Share Shyam Sundar Subramanian 5 Apr 2023 · 1 min read लहर दिल में कुछ इस कदर लहर सी उठती है , कुछ कहती भी है , पर कुछ समझ ना आती है, एहसास के समंदर मे हम डूबते - उभरते रहते... Hindi · एहसास · कविता 394 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Apr 2023 · 1 min read मरासिम मरासिम जब नासूर बन जाए तो उसे तोड़ देना ही अच्छा , जी का जंजाल बन जाए तो उसे भूल जाना ही अच्छा , इक तरफा अहद -ए- वफ़ा का... Hindi 230 Share Shyam Sundar Subramanian 29 Mar 2023 · 1 min read एक नसीहत चले थे प्रधानमंत्री बनने पर अपने अनर्गल प्रलापों की वजह से , अपनी प्राथमिक सदस्यता तक गवां बैठे, देश के कानून एवं संविधान को अपनी बपौती समझने वाले राजकुमार ,... Hindi · कविता · नेक सलाह 2 1 243 Share Shyam Sundar Subramanian 28 Mar 2023 · 1 min read हादसे ये क्या हुआ , कैसे हुआ ,क्यूँ हुआ , कुछ ऐसे अचानक हादसे हो जाते हैं , जिनको हम कभी समझ नही पाते हैं , जितना समझने की कोशिश करें... Hindi · एहसास · कविता 212 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Mar 2023 · 2 min read अभिरुचि हम अपने स्वामित्व में संपत्ति का मूल्यांकन उसकी उपयोगिता मूल्य के स्थान पर उसके स्वामित्व मूल्य या भावनात्मक मूल्य से करते हैं। परिणामी प्रभाव यह होता है कि हम अपने... Hindi · लेख · सलाह 265 Share Shyam Sundar Subramanian 17 Mar 2023 · 1 min read असंवेदनशीलता सब कुछ देखकर भी हम अनजान से बन जाते हैं , सब कुछ सुनकर भी हम अनसुनी कर जाते हैं , शायद हमारे पूर्व कटु अनुभव हमें इसलिए बाध्य करते... Hindi · एहसास · कविता 179 Share Shyam Sundar Subramanian 16 Mar 2023 · 1 min read स्वाभिमान उस रात किसी ने मुझे झिंझोड़कर जगा दिया , उठकर देखा तो सामने एक साया था , मैंने पूछा कौन हो तुम ? उसने कहा मैं तुम्हारा स्वाभिमान हूँ ,... Hindi · कविता 360 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Mar 2023 · 1 min read चाहत किसी की चाहत में हम खुद को भुला बैठे , होश जब आए तब इल्म़ हुआ क्या कुछ गवां बैठे , खुद को दीवाना बना भटकते रहे सराबों में ,... Hindi · एहसास · कविता 2 274 Share Shyam Sundar Subramanian 9 Mar 2023 · 1 min read बिना तुम्हारे बिना तुम्हारे गुज़रती इस शब की कोई सहर नही , इस रहगुज़र के सफ़र की कोई मंज़िल नही , इस उठते दर्द का कोई ठिकाना नही , इन दिल के... Hindi · एहसास · कविता 220 Share Shyam Sundar Subramanian 8 Mar 2023 · 1 min read नियति जीवन घटनाओं के आपस में गुंथे हुए चरणों से मिलकर बना है , जिससे प्रत्येक व्यक्ति को गुजरना पड़ता है। आम तौर पर ये घटनाक्रम अप्रत्याशित होते हैं, लेकिन कभी-कभी... Hindi · लेख 1 2 165 Share Shyam Sundar Subramanian 6 Mar 2023 · 1 min read अपने जिन्हें हम अपना समझते हैं , वो अपने नही निकलते हैं , कुछ गैर भी वक्त आने पर अपनों से ऊपर निकलते हैं , अपनेपन के भरम में हम जिनका... Hindi · कविता 339 Share Shyam Sundar Subramanian 5 Mar 2023 · 1 min read हिद्दत-ए-नज़र कुछ ना कहकर भी वो बहुत कुछ कह जाते हैं , आंखों - आंखों में दिल का हाल बता जाते हैं , कुछ ना सुनकर भी वो सब कुछ भांप... Hindi · कविता 527 Share Shyam Sundar Subramanian 5 Mar 2023 · 1 min read दर्द इस दिल पे कोई काबू नहीं रहता , मुस्कुराने की कोशिश भी करें , तो ये दिल नहीं मानता , ग़म छुपाने की लाख कोशिश भी करें , तो भी... Hindi · कविता 385 Share Shyam Sundar Subramanian 1 Mar 2023 · 1 min read शरीक-ए-ग़म उनकी आँखों के दरिया में हसरतों की कश्तियाँ डूबतीं - उभरतीं रहतीं है , उनके दिल में छुपे जज़्बों का मंज़र पेश करतीं रहतीं हैं , सब्र की इंतिहा में... Hindi · कविता 2 4 229 Share Shyam Sundar Subramanian 28 Feb 2023 · 1 min read तन्हाईयाँ तन्हाईयाँ भी बातें करती है , छुपे - दबे जज्ब़ातों को बाहर लाती है , ज़ेहन में छाए बादलों को छांटकर हक़ीक़त की ज़मीन पर लातीं हैं , सच्चाई और... Hindi 1 247 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Feb 2023 · 1 min read बात बात से बात बनती है , कभी-कभी बात बढ़ती ही जाती है, बढ़ते- बढ़ते कभी-कभी बड़तंग बन जाती है, बात कभी सुनी, कभी अनसुनी रह जाती है, कभी समझ से... Hindi · कविता 174 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Feb 2023 · 1 min read सफ़र जितना साथ दे हमसफ़र, उतना ही काफ़ी है, इस ज़िदगानी पर कब किसका इख़्तियार, तब तक है ,जब तक सांस बाक़ी है , ख़्वाबों के अब्र आरज़ू़ -ए- आसमाँ में... Hindi 360 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Feb 2023 · 2 min read किसको दोष दें ? आसमान से गिरे खजूर में अटके , जा रहे थे रेलगाड़ी सफर में बैंगलुरू से चैन्नई , व्हाइट फील्ड स्टेशन में आ अटके , इंजन जो खराब हो गया, गाड़ी... Hindi 153 Share Previous Page 6 Next