Shweta Soni 433 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Shweta Soni 21 Apr 2024 · 1 min read मैं अपनी आँख का ऐसा कोई एक ख्वाब हो जाऊँ मैं अपनी आँख का ऐसा कोई एक ख्वाब हो जाऊँ किताब ए शक्ल में मैं अपनी एक किताब हो जाऊँ तमन्ना आज दरवाजे पर दस्तक दे रही है और है... Quote Writer 101 Share Shweta Soni 21 Apr 2024 · 1 min read ज़िंदगी चाहती है जाने क्या ज़िंदगी चाहती है जाने क्या ज़िंदगी सोचती है जाने क्या एक दिन सबसे ऊब जाती है ज़िंदगी ढूँढती है जाने क्या Quote Writer 77 Share Shweta Soni 21 Apr 2024 · 1 min read उदास शख्सियत सादा लिबास जैसी हूँ उदास शख्सियत सादा लिबास जैसी हूँ मैं किसी शाख़ पर अटकी कपास जैसी हूँ Quote Writer 71 Share Shweta Soni 21 Apr 2024 · 1 min read कोई किसी से सुंदरता में नहीं कभी कम होता है कोई किसी से सुंदरता में नहीं कभी कम होता है अलग-अलग फूलों का अपना-अपना मौसम होता है Quote Writer 1 104 Share Shweta Soni 21 Apr 2024 · 1 min read ग़ज़ल जिसने कर रखी है दोस्ती क़िताबों से उसकी खुशबास है जिंदगी क़िताबों से 🌹 जो लड़ाई न जीती जा सके बयानों से उसकी कर लेना कभी पैरवी किताबों से 🌹... 86 Share Shweta Soni 21 Apr 2024 · 1 min read . . मत देना पंख अपनी ख्वाहिशों को मत करना साहस अपनी इच्छाओं की दरिया को पार करने का मत बढ़ाना पहला कदम अपनी पहचान बनाने की ओर पहला कदम हो... 58 Share Shweta Soni 20 Apr 2024 · 1 min read जिंदगी की कहानी लिखने में जिंदगी की कहानी लिखने में कुछ भी सोचा गया नहीं होता Quote Writer 94 Share Shweta Soni 20 Apr 2024 · 1 min read Below the earth Below the earth Above the sky It's very difficult To rise Quote Writer 1 97 Share Shweta Soni 20 Apr 2024 · 1 min read दस रुपए की कीमत तुम क्या जानोगे दस रुपए की कीमत तुम क्या जानोगे दस रुपए में कविता एक बिक जाती है Quote Writer 95 Share Shweta Soni 20 Apr 2024 · 1 min read निराला का मुक्त छंद निराला का मुक्त छंद भी मैं ही हूँ पंत का प्रकृति प्रेम भी मैं ही हूँ प्रसाद का आनंदवाद भी मैं ही हूँ महादेवी की रहस्यमई अनुभूति भी मैं ही... Quote Writer 127 Share Shweta Soni 20 Apr 2024 · 1 min read कुछ कुछ दास्तानें मोहब्बत की नहीं दर्ज होती कहीं नहीं लिखी जाती कागज पर गीत गजल या अशआर बनकर समय की देह पर लिखी जाती हैं वो दास्तानें जिन्हें समय ही... Quote Writer 103 Share Shweta Soni 20 Apr 2024 · 2 min read कत्थई गुलाब,,, शेष अंतिम शादी की तारीख़ पड़ गई, तैयारियाँ शुरू हो गईं।माँ की दिनचर्या और भी व्यस्त हो गई। वह और भी ज़्यादा काम करने लग गईं थी। शादी के दिन निरंजना उससे... 44 Share Shweta Soni 20 Apr 2024 · 1 min read कत्थई गुलाब-शेष सुलेखा थक गई है,इस विषय पर बात करने से क़तराते हुए। निरंजना से ज़रूर कहा था उसने," नीरू,,शादी करना कोई बड़ी बात नहीं होती,,शादी में सामंजस्य बिठाना बड़ी बात होती... 35 Share Shweta Soni 19 Apr 2024 · 1 min read मैं तुझसे बेज़ार बहुत मैं तुझसे बेज़ार बहुत तू मुझसे मायूस बहुत किससे कौन ज़ियादा है तय कर पाना मुश्किल है!! Quote Writer 1 95 Share Shweta Soni 19 Apr 2024 · 1 min read कत्थई गुलाब-शेष संबंध कितने अजीब होते हैं न,,, प्याज़ के छिलके,,,परत दर परत,,हटाते जाओ और अंत में क्या मिलता है,, वही एक प्याज़ की परत। चाहे जितनी कोशिश कर लो,ये रहस्य सुलझ... 1 43 Share Shweta Soni 19 Apr 2024 · 1 min read कत्थई गुलाब-शेष "जानती है नीरू,,, जब भी शाम होती है न,,मेरा मन एक अजीब से अनुभव में खो जाता है।मुझे अपने आस-पास ईश्वर के होने का एहसास होता है। शाम बड़ी सुंदर... 1 25 Share Shweta Soni 19 Apr 2024 · 1 min read A beautiful space A beautiful space I have ever imagined For the world,,, Of my words !! Quote Writer 83 Share Shweta Soni 19 Apr 2024 · 1 min read कितना कुछ सहती है कितना कुछ सहती है फिर भी चुप रहती है,, अपनी हीं छाती पर अपने हीं बच्चों का पाँव-बोझ सहती है जननि होकर हीं तो जाना है मैंने धरा की पीड़ा,... Quote Writer 148 Share Shweta Soni 19 Apr 2024 · 1 min read न हँस रहे हो ,ना हीं जता रहे हो दुःख न हँस रहे हो ,ना हीं जता रहे हो दुःख अजीब है ये तुम्हारी इज़हार ए खुशी Quote Writer 81 Share Shweta Soni 18 Apr 2024 · 1 min read एक उदासी एक उदासी नाम तुम्हारे शाम तुम्हारे Quote Writer 100 Share Shweta Soni 18 Apr 2024 · 1 min read आकाश मेरे ऊपर आकाश मेरे ऊपर धरा मेरे नीचे,, अग्नि,,,मेरे अंदर !!! Quote Writer 107 Share Shweta Soni 18 Apr 2024 · 1 min read मुझमें भी कुछ अच्छा है मुझमें भी कुछ अच्छा है अब मैंने ये जाना है, ख़ुद को इतना क़ाबिलतर अब मैंने पहचाना है !! Quote Writer 1 116 Share Shweta Soni 18 Apr 2024 · 1 min read स्त्री स्त्री आज भी ठिठकती है, दहलीज़ पर उदास होती है खिड़कियों के पीछे, निराशा घेरती है उसे अपने हर प्रथम प्रयास में, हताश हो जाती है वो आगे बढ़ने से... Quote Writer 96 Share Shweta Soni 18 Apr 2024 · 1 min read ये क़िताब ये क़िताब मेरी लेखनी की कोख का पहला बच्चा है,,,,,आज मैंने इसकी किलकारियाँ,, अपने कानों में बहुत देर तक सुनी।। Quote Writer 1 80 Share Shweta Soni 18 Apr 2024 · 1 min read अपने पुस्तक के प्रकाशन पर -- अपने पुस्तक के प्रकाशन पर -- मैं एक बिखरा हुआ दस्तावेज थी,मुझे समेटकर एक क़िताब की शक़्ल में ढ़ाल दिया है,साहित्य पीडिया ने। मेरी ज़िंदगी के तमाम ख्वाबों की ,एक... Quote Writer 91 Share Shweta Soni 16 Apr 2024 · 1 min read अनुभूति अनुभूति कभी कह जाते हैं आक्रोशित मन की, ये दहकते अंगारों जैसे पलाश भी !!! Quote Writer 1 104 Share Shweta Soni 16 Apr 2024 · 1 min read वह एक हीं फूल है वह एक हीं फूल है जो देवता पर गिरने के बाद चढ़ाया जाता है, जो गिरने के बाद देवता को और प्रिय हो जाता है, हे मेरे देव! क्या अपनाओगे... Quote Writer 143 Share Shweta Soni 16 Apr 2024 · 1 min read हरसिंगार हरसिंगार Quote Writer 92 Share Shweta Soni 15 Apr 2024 · 1 min read कहानी-कत्थई गुलाब (पहलाअंश) शाम हो गई थी।सुलेखा माँ की राह देख रही थी।सड़क की तरफ देखने के लिए वो टेरिस पर आ गई। ।अचानक उसकी नज़र गुलाब के गमले पर गई। अरे,,,आज कत्थई... 42 Share Shweta Soni 14 Apr 2024 · 1 min read रात भर नींद भी नहीं आई रात भर नींद भी नहीं आई रात भर चाँद भी नहीं आया, Quote Writer 1 115 Share Shweta Soni 14 Apr 2024 · 1 min read उनको शौक़ बहुत है,अक्सर हीं ले आते हैं उनको शौक़ बहुत है,अक्सर हीं ले आते हैं दीवारों पर रोज़ नई तस्वीर लगाते हैं।। Quote Writer 1 143 Share Shweta Soni 14 Apr 2024 · 1 min read स्त्री स्त्री मृत्यु से बहुत पूर्व हीं मृत्यु को प्राप्त हो चुकी होती है वह सारी उम्र केवल अपना शव अपने कंधों पर ढोती है। Quote Writer 2 2 167 Share Shweta Soni 14 Apr 2024 · 1 min read रेत पर रेत पर मछली का चलना उन्हें उतना हीं आश्चर्यजनक लगता है जितना कि एक स्त्री का पुरुष के सहारे के बिना जीना।। 112 Share Shweta Soni 14 Apr 2024 · 1 min read स्वाभिमान स्वाभिमान और आत्म सम्मान के साथ जीने के अतिरिक्त पुरुष ने, स्त्री को वह सबकुछ करने दिया है जो वह करना चाहती है!! 95 Share Shweta Soni 13 Apr 2024 · 1 min read कविता कितना ज़रूरी है ना जीवन में किसी का होना,, कितने अकेले हैं न हम किसी के बिना,, कितना सोचती हूँ न मैं बेकार, बेवजह!! 82 Share Shweta Soni 13 Apr 2024 · 1 min read यादों में यादों में रंग भर लो या रंगों में याद,, रंगों की तस्वीर बना लो या यादों का कोलाज,, मानते हो ना कि ज़िंदगी में याद और रंग दोनों ज़रूरी हैं!! Quote Writer 122 Share Shweta Soni 13 Apr 2024 · 1 min read बादलों की उदासी बादलों की उदासी क्या पढ़ी है कभी तुमने, बादलों की पीड़ा बरसी थी एक दिन मेह बनकर क्या गहा था तुमने!!! Quote Writer 164 Share Shweta Soni 12 Apr 2024 · 1 min read दो अपरिचित आत्माओं का मिलन दो अपरिचित आत्माओं का मिलन एक-दूजे के लिए मन में लगन हो नहीं संशय कहीं सूत्र परिणय का यही #shweta# Quote Writer 1 114 Share Shweta Soni 12 Apr 2024 · 1 min read बुरा ख्वाबों में भी जिसके लिए सोचा नहीं हमने बुरा ख्वाबों में भी जिसके लिए सोचा नहीं हमने हमारे साथ वो भी शख्स तो अच्छा नहीं करता Quote Writer 147 Share Shweta Soni 12 Apr 2024 · 1 min read समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता समय संवाद को लिखकर कभी बदला नहीं करता तरीक़ों से कभी अपने वो समझौता नहीं करता Quote Writer 1 147 Share Shweta Soni 12 Apr 2024 · 1 min read कमरा उदास था कमरा उदास था तेरा बिस्तर उदास था तू हो गई विदा तो सारा घर उदास था, बैठक में जहाँ बैठ के करती थी पढ़ाई करने लगीं वो कुर्सियाँ मुझसे हीं... 1 138 Share Shweta Soni 12 Apr 2024 · 1 min read मैं अपने बिस्तर पर मैं अपने बिस्तर पर अपनी नींद, तकिये पर अपने ख़्वाब छोड़ आई हूँ, अपने सींचे पौधों में खुशियाँ अपनी, अपने काढ़े मेज़पोश में हुनर मेरा, अपनी पहचान वहीं किताबों की... Quote Writer 122 Share Shweta Soni 12 Apr 2024 · 1 min read मेरा हर राज़ खोल सकता है मेरा हर राज़ खोल सकता है वो कुछ का कुछ भी बोल सकता है, मैं उसके हाथ का खिलौना हूँ वो चाहे जब ये तोड़ सकता है, उसे है अख्तियार... Quote Writer 109 Share Shweta Soni 12 Apr 2024 · 1 min read आप जब तक दुःख के साथ भस्मीभूत नहीं हो जाते,तब तक आपके जीवन क आप जब तक दुःख के साथ भस्मीभूत नहीं हो जाते,तब तक आपके जीवन की कोई सार्थकता नहीं है। दुःख क्या है,इसी की खोज में गए,राजकुमार सिद्धार्थ,,,बुद्ध होकर लौटे। जब दुःख... Quote Writer 164 Share Shweta Soni 12 Apr 2024 · 1 min read स्त्रियाँ स्त्रियाँ जीवन भर नहीं पार कर पाती वह चौखट जिसके एक ओर संत्रास था और दूसरी ओर उन्हें इस संत्रास में ढकेलने वाले लोग थे। Quote Writer 174 Share Shweta Soni 12 Apr 2024 · 1 min read ये ये मेरे और तुम्हारे बीच की दूरी ये ,जानते हो,,, क्या था ये केवल कहने और ना कहने का द्वंद्व था ये महज़, समझने और ना समझने की लड़ाई थी!!!! Quote Writer 135 Share Shweta Soni 11 Apr 2024 · 1 min read मायके से लौटा मन मायके से लौटा मन कमरे की चीजों को समेटना नहीं चाहता रसोई के बर्तनों पर जमी धूल पोंछना नहीं चाहता बेतरतीब हुआ पूरा घर सहेजना नहीं चाहता, बस कुछ देर... 74 Share Shweta Soni 11 Apr 2024 · 1 min read और क्या ज़िंदगी का हासिल है और क्या ज़िंदगी का हासिल है जो है साबित वही तो क़ाबिल है Quote Writer 156 Share Shweta Soni 9 Apr 2024 · 2 min read अस्तित्व कुछ साल पहले एक फिल्म आई थी,'अस्तित्व '।कुछ ऐसी हीं फिल्मों को ढूंढ-ढूंढ कर देखना शौक है मेरा।इस तरह की फिल्में स्त्रियों के कुछ अनछुए किरदार को उजागर करती हैं।... 137 Share Shweta Soni 9 Apr 2024 · 2 min read अर्थ 1982 में आई दो दिग्गज अदाकाराओं की एक बेहतरीन मूवी है,अर्थ। शबाना आज़मी और स्मिता पाटिल, ये दो अभिनेत्रियाँ ऐसी हैं,जिन्होंने किरदारों को नहीं जिया,किरदारों ने इन्हें जिया है। पूजा,इन्दर... 137 Share Previous Page 4 Next