रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 232 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 2 Sep 2024 · 1 min read मुझे पता है तुम सुधर रहे हो। मुझे पता है तुम सुधर रहे हो। अपनी बातों से मुकर रहे हो।। दिल में कुछ हलचल सी होती है, घर नजदीक से गुजर रहे हो।। --- ननकी 02/09/2024 Quote Writer 59 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 2 Sep 2024 · 1 min read *मनः संवाद----* *मनः संवाद----* *02/09/2024* *मन दण्डक -- नव प्रस्तारित मात्रिक (38 मात्रा)* *यति-- (14,13,11) पदांत-- Sl* अब किस पर विश्वास करें, मित्र छुरा से घोपता, जान समय प्रतिकूल। सारे काँटें मित्र... 43 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 1 Sep 2024 · 1 min read तुम्हें पता है तुझमें मुझमें क्या फर्क है। तुम्हें पता है तुझमें मुझमें क्या फर्क है। तू सारहीन जड़ मुझमें बेहद अर्क है।। मेरे आसपास साम्राज्य स्वर्ग का सदा, तू जहाँ चला जाता बन जाता नर्क है।। ---... Quote Writer 72 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 1 Sep 2024 · 1 min read *मनः संवाद----* *मनः संवाद----* *01/09/2024* *मन दण्डक -- नव प्रस्तारित मात्रिक (38 मात्रा)* *यति-- (14,13,11) पदांत-- Sl* खेतीबारी अब उन्नत, किये नये तकनीक से, हर्षित सभी किसान। वैज्ञानिक उपकरणों से, सहूलियत कृषि... 57 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 31 Aug 2024 · 1 min read आओ जमीन की बातें कर लें। आओ जमीन की बातें कर लें। किसी गमगीन की बातें कर लें।। सभी थके हारे से लगते हैं, अभी जहीन की बातें कर लें।। --- ननकी 31/08/2024 Quote Writer 72 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 31 Aug 2024 · 1 min read *मनः संवाद----* *मनः संवाद----* *31/08/2024* *मन दण्डक -- नव प्रस्तारित मात्रिक (38 मात्रा)* *यति-- (14,13,11) पदांत-- Sl* ऋतम्भरा चित्तवृत्ति हो, धारण करती सत्य जो, अति दुर्लभ सौभाग्य। ज्ञानार्थी आगे बढ़ता, प्रेरणीय सानिध्य... 69 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 30 Aug 2024 · 1 min read दुखड़े छुपाकर आ गया। दुखड़े छुपाकर आ गया। सब सुख लुटाकर आ गया।। जो भी खजाने में बचा, उनको बताकर आ गया।। --- ननकी 30/08/2024 Quote Writer 79 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 30 Aug 2024 · 1 min read *मनः संवाद----* *मनः संवाद----* *30/08/2024* *मन दण्डक -- नव प्रस्तारित मात्रिक (38 मात्रा)* *यति-- (14,13,11) पदांत-- Sl* स्वालंबी बन मूरख मन, पर मुख तू क्यों ताकता, अब तक पड़ा निराश। टुकड़ों में... 1 53 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 28 Aug 2024 · 1 min read *मनः संवाद----* *मनः संवाद----* *28/01/2024* *मन दण्डक -- नव प्रस्तारित मात्रिक (38 मात्रा)* *यति-- (14,13,11) पदांत-- Sl* मेरे मन की भी सुन लो, कहने को बेताब हूँ, अवसर दो सरकार। रोज यहाँ... 39 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 25 Aug 2024 · 1 min read शरारती निगाह में वही हँसी खुमार है। शरारती निगाह में वही हँसी खुमार है। लुभावनी शिकायतें अजीब सी पुकार है।। जले बुझे कई दिनों न हास है विलास है, अभी तलक कहा नहीं मुझे तुम्हीं से प्यार... Quote Writer 55 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 25 Aug 2024 · 1 min read *मनः संवाद----* *मनः संवाद----* *25/08/2024* *मन दण्डक -- नव प्रस्तारित मात्रिक (38 मात्रा)* *यति-- (14,13,11) पदांत-- Sl* साँसों के हर मनके में, जपता तेरा नाम हूँ, करता एकालाप। यादों में छाये रहते,... 43 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 24 Aug 2024 · 1 min read न रंग था न रूप था खरीददार थे मिले। न रंग था न रूप था खरीददार थे मिले। लिया विशेष दाम में न वो थमे न वो हिले।। हमीं गुनाहगार थे न कद्र भी किया कभी, अजीब थी मुसीबतें... Quote Writer 41 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 24 Aug 2024 · 1 min read दण्डक *मनः संवाद----* *24/08/2024* *मन दण्डक -- नव प्रस्तारित मात्रिक (38 मात्रा)* *यति-- (14,13,11) पदांत-- Sl* झूठे हैं सजना मेरे, जान गई मैं री सखी, सौतन से है प्रीत। मुझसे पहले... 37 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 22 Aug 2024 · 1 min read चलो बहें सनातनी सुपंथ के बयार में। चलो बहें सनातनी सुपंथ के बयार में। कुदृष्टि छोड़ प्राप्ति की विराग हो विचार में।। मनः तपस्थली करें महान चेतना जगे, विभावरी सुगंध दे सनेह से पुकार में।। --- ननकी... Quote Writer 43 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 22 Aug 2024 · 1 min read अगर हकीकत से प्यार है। अगर हकीकत से प्यार है। मुझे कहाँ फिर इन्कार है।। कई परिंदे यूँ आजाद हैं, सबके अलग कारोबार है।। --- ननकी 22/08/2024 Quote Writer 43 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 22 Aug 2024 · 1 min read *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* 22/08/2024 (1) --- प्रथम, द्वितीय पद तथा तृतीय, पंचम पद पर समतुकांत। अपत। करते असत।। भावना शून्य व्यवहार। अनिष्ट होने का कोई दुख नहीं, बड़े विचित्र... 38 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 20 Aug 2024 · 1 min read *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* 20/08/2024 (1) --- प्रथम, द्वितीय पद तथा तृतीय, पंचम पद पर समतुकांत। ये दादी। है यथार्थवादी।। अनुभवों की होती पुंज। चलती फिरती गूगल होती है, आशीर्वाद... 43 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 20 Aug 2024 · 1 min read चुनौती मानकर मैंने गले जिसको लगाया है। चुनौती मानकर मैंने गले जिसको लगाया है। कभी अपना बना था जो वही खंजर चुभाया है।। न ये मालूम था मुझको कभी दुश्मन बनेगा वो, जुदा मुझसे हुआ जब से... Quote Writer 57 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 19 Aug 2024 · 1 min read *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* 19/08/2024 (1) --- प्रथम, द्वितीय पद तथा तृतीय, पंचम पद पर समतुकांत। ठान लो। फिर संज्ञान लो।। कभी न होगी कठिनाई। अपने तरीके स्वयं ही बनाओ,... 60 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 19 Aug 2024 · 1 min read मन के दरवाजे पर दस्तक देकर चला गया। मन के दरवाजे पर दस्तक देकर चला गया। हमने सुना किसी से कुछ ज्यादा ही छला गया।। फैली है आग समुंदर के सभी दिशाओं में, लपटों में अभी मुस्कुराता वो... Quote Writer 59 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 18 Aug 2024 · 1 min read बड़ी हसीन रात थी बड़े हसीन लोग थे। बड़ी हसीन रात थी बड़े हसीन लोग थे। चमक रही थी चाँदनी ग्रहों के भी सुयोग थे।। नजर जिसे थी ढूँढ़ती वही नहीं दिखा मुझे, खबर छपी सुबह ये कायनात... Quote Writer 53 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 18 Aug 2024 · 1 min read *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* 18/08/2024 (1) --- प्रथम, द्वितीय पद तथा तृतीय, पंचम पद पर समतुकांत। ये गंदे। होते हैं मुस्टंडे।। काम करें चमचागिरी। अनैतिकता की सुपारी लेते हैं, जिंदगी... 23 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 17 Aug 2024 · 1 min read इस सफर में कहो कौन कैसा कहाँ। इस सफर में कहो कौन कैसा कहाँ। तू पड़ा है यहाँ मैं पड़ा हूँ वहाँ। कौन हँसता मिला कौन रोता हुआ, उम्र भर कौन है याद करता यहाँ।। --- ननकी... Quote Writer 70 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 17 Aug 2024 · 1 min read *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* 17/08/2024 (1) --- प्रथम, द्वितीय पद तथा तृतीय, पंचम पद पर समतुकांत। बरस। मिला महारस।। मनचाही सभी इच्छाएँ। पूरी कर ही डाली समय पर, विधायुक्त छंदमय... 37 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 16 Aug 2024 · 1 min read हद से ज्यादा बढी आज दीवानगी। हद से ज्यादा बढी आज दीवानगी। आज मस्ती में है सारी वीरानगी।। मैं तुम्हारी हुई है खुदा की कसम, जिंदगी हँस पड़ी खत्म बेगानगी।। --- ननकी 15/08/2024 Quote Writer 109 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 16 Aug 2024 · 1 min read *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* 16/08/2024 (1) --- प्रथम, द्वितीय पद तथा तृतीय, पंचम पद पर समतुकांत। भारती। विद्या को बाँटती। वरदायिनी हे विमला। तू अनुकूलता की देवी है माता, स्वर... 87 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 15 Aug 2024 · 1 min read *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* 15/08/2024 (1) --- प्रथम, द्वितीय पद तथा तृतीय, पंचम पद पर समतुकांत। यज्ञेश। नमन देवेश। आप शुभिच्छा पूरी करें। विश्व में शांति स्थिरता को प्राप्त हो,... 46 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 15 Aug 2024 · 1 min read आजादी भी अनुशासित हो। आजादी भी अनुशासित हो। कहीं न कोई मन बाधित हो।। चलो आत्मनिर्भरता पायें, ये जीवन नहीं पराश्रित हो।। --- ननकी 15/08/2024 Quote Writer 82 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 14 Aug 2024 · 1 min read ये बेरुखी अच्छी नहीं बातें करो। ये बेरुखी अच्छी नहीं बातें करो। फिर से नयी शुरुआत सौगातें करो।। ये सिलसिले अब खत्म ही होंगे नहीं, सब भूलकर बस तुम मुलाकातें करो।। --- ननकी 14/08/2024 Quote Writer 58 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 14 Aug 2024 · 1 min read *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* 14/08/2024 (1) --- प्रथम, द्वितीय पद तथा तृतीय, पंचम पद पर समतुकांत। सुखान्त। न होता अशान्त।। करता है समायोजित। समयानुकूल सभी घटनाएं, निर्णय भी लेता रहता... 46 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 13 Aug 2024 · 1 min read चुप अगर रहें तो व्यवधान नहीं है। चुप अगर रहें तो व्यवधान नहीं है। नातों को जीना आसान नहीं है।। कुछ कह दें तो करें नसीहत मुझको, उन्हें लगे हमको कुछ ज्ञान नहीं है।। --- ननकी 13/08/2024 Quote Writer 57 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 13 Aug 2024 · 1 min read *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* 13/08/2024 (1) --- प्रथम, द्वितीय पद तथा तृतीय, पंचम पद पर समतुकांत। गैया। ढ़ूँढ़ती कन्हैया।। हो चुका है अतिक्रमण। गोचारण भूमि भी खत्म हो चुकी, सड़क... 54 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 12 Aug 2024 · 1 min read यूँ तो दुनिया में मेले बहुत हैं। यूँ तो दुनिया में मेले बहुत हैं। जिंदा रहे तो झमेले बहुत हैं।। तू खुशनसीब है जो हमसफर है, देख आसपास अकेले बहुत हैं।। --- ननकी 12/08/2024 Quote Writer 1 53 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 12 Aug 2024 · 1 min read *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* 12/08/2024 (1) --- प्रथम, द्वितीय पद तथा तृतीय, पंचम पद पर समतुकांत। तुलसी। जाती है कुचली।। कैक्टस उगाये जाते हैं। मंदिरों पर आस्था की कमी दिखे,... 43 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 11 Aug 2024 · 1 min read हजार मन में सवाल आते नहीं किसी का जवाब पाया। हजार मन में सवाल आते नहीं किसी का जवाब पाया। ये दिल है करता कहें उन्हीं से मगर कहूँ क्या हिजाब आया। वो जी रहे हैं न जाने कैसे है... Quote Writer 60 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 11 Aug 2024 · 1 min read *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* 11/08/2024 (1) --- प्रथम, द्वितीय पद तथा तृतीय, पंचम पद पर समतुकांत। हिसाब। रहा लाजवाब।। हुआ है अब बराबर। तुम जिस तरह मैं भी वैसा ही,... 29 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 10 Aug 2024 · 1 min read हुआ उजाला धरती अम्बर, नया मसीहा आया। हुआ उजाला धरती अम्बर, नया मसीहा आया। परम सत्य है क्या इस जग में, भेद सभी बतलाया।। सब उलझे थे जंजालों में, देख रहे भौचक्के, हाथ पकड़ कर बड़े प्रेम... Quote Writer 60 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 10 Aug 2024 · 1 min read हुआ उजाला धरती अम्बर, नया मसीहा आया। हुआ उजाला धरती अम्बर, नया मसीहा आया। परम सत्य है क्या इस जग में, भेद सभी बतलाया।। सब उलझे थे जंजालों में, देख रहे भौचक्के, हाथ पकड़ कर बड़े प्रेम... Quote Writer 52 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 10 Aug 2024 · 1 min read *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* 10/08/2024 (1) --- प्रथम, द्वितीय पद तथा तृतीय, पंचम पद पर समतुकांत। उजाला। कौन देने वाला। अपने दीये को जलाओ। यहाँ तो सबको अपनी पड़ी है,... 55 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 9 Aug 2024 · 1 min read ठिकाने सभी अब बताने लगेंगे। ठिकाने सभी अब बताने लगेंगे। कई दिलजले कुछ छुपाने लगेंगे।। मिलेंगे नहीं खोजकर देख लेना, मुझे खोजने में जमाने लगेंगे।। --- ननकी 09/08/2024 Quote Writer 83 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 8 Aug 2024 · 1 min read *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* 08/08/2024 (1) --- प्रथम, द्वितीय पद तथा तृतीय, पंचम पद पर समतुकांत। चकित। सदा ही व्यथित।। कुकर्मों के फंदे में फँसा। परिणाम से अनभिज्ञ भी नहीं,... 72 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 8 Aug 2024 · 1 min read मुझे किसी से गिला नहीं है। मुझे किसी से गिला नहीं है। न तुमसा कोई मिला नहीं है।। समय जो गुजरा बदल गये सब, है कोई अब तक हिला नहीं है।। --- ननकी 08/08/2024 Quote Writer 102 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 7 Aug 2024 · 1 min read कल जिंदगी से बात की। कल जिंदगी से बात की। जबरन वहीं पर रात की।। तू माफ कर इस रिन्द को, फेरे वहीं पर सात की।। --- ननकी 07/08/2024 Quote Writer 63 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 7 Aug 2024 · 1 min read *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* 07/08/2024 (1) --- प्रथम, द्वितीय पद तथा तृतीय, पंचम पद पर समतुकांत। क्रमांक। बदले तुल्यांक।। शास्त्र की श्रेष्ठ संकल्पना। जिसने विज्ञान को नई दिशा दी, ऊष्मा... 39 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 6 Aug 2024 · 1 min read बहुत फर्क पड़ता है यूँ जीने में। बहुत फर्क पड़ता है यूँ जीने में। एक हूक सी उठती है सीने में।। खुशियों की भी हो चुकी विदाई, डूब रहा अपने इसी सफीने में।। --- ननकी 06/08/2024 Quote Writer 87 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 6 Aug 2024 · 1 min read *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* 06/08/2024 (1) --- प्रथम, द्वितीय पद तथा तृतीय, पंचम पद पर समतुकांत। सम्पर्क। ज्ञान का है अर्क।। छूटती जब सुसंगत। कुविचारों का होता है आक्रमण, दुष्प्रवृत्तियों... 58 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 5 Aug 2024 · 1 min read मुझसे मेरा ही पता पूछते हो। मुझसे मेरा ही पता पूछते हो। असफल से क्यों सफलता पूछते हो।। नाकामियां मिली हर मुकाम पर दोस्त, कब कहाँ पर हुई खता पूछते हो।। --- ननकी 05/08/2024 Quote Writer 82 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 5 Aug 2024 · 1 min read *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* 05/08/2024 (1) --- प्रथम, द्वितीय पद तथा तृतीय, पंचम पद पर समतुकांत। सम्राट। व्यक्तित्व विराट।। शौर्यशाली प्रजापालक। विक्रमादित्य के जैसे अब कहाँ शेर के दाँत गिनने... 54 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 4 Aug 2024 · 1 min read नित्य अमियरस पान करता हूँ। नित्य अमियरस पान करता हूँ। अमृत कलश मैं दान करता हूँ।। पाणिनि पिंगल की धरोहर का, संरक्षण गतिमान करता हूँ।। --- ननकी 03/08/2024 Quote Writer 97 Share रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.) 4 Aug 2024 · 1 min read *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* *परिमल पंचपदी--- नवीन विधा* 04/08/2024 (1) --- प्रथम, द्वितीय पद तथा तृतीय, पंचम पद पर समतुकांत। कामिनी। भावों की पाणिनी।। अप्रतिम रस वारिधि। नेहानुप्रास की अनूठी प्रणेता, छांदस काव्य की... 72 Share Previous Page 4 Next