पंकज कुमार कर्ण 260 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 6 पंकज कुमार कर्ण 12 Jun 2021 · 1 min read "महाभारत" (एक राजनीति).... "कौरव" कर रहा सेना तैयार, युधिष्ठिर को हराने को। दुर्योधन गया है, देखो; कर्ण को मनाने को।। कर्ण भी वचनबद्ध है, अपने दोस्ती निभाने को। दुःशासन भी है,साथ सदा; कुछ... Hindi · कविता 14 8 1k Share पंकज कुमार कर्ण 11 Jun 2021 · 1 min read "दहेजी प्यार"(सामाजिक व्यंगात्मक कविता) .... "दहेजी प्यार" *********** शादी में वहीं होता है, "प्यार"; जहां धन बिन, बसे संसार। क्या? दहेज़ी शादी में भी होता है प्यार; हां , होता है अगर,; तो क्या, वो... Hindi · कविता 8 2 880 Share पंकज कुमार कर्ण 10 Jun 2021 · 1 min read किसे क्या "गम" है..... सबकी लेखनी में कितना दम है। कोई नही, किसी से कम है। आखिर, लिखता है कोई क्यों; पता नही, किसे क्या गम है। स्वरचित सह मौलिक पंकज कर्ण कटिहार Hindi · मुक्तक 7 880 Share पंकज कुमार कर्ण 9 Jun 2021 · 1 min read "बरसाती बारात".... मुश्किल यहां, टिकने की बात है। यहां तो , कवियों की बारात है। अरे , नाच रहे है सब यहां , ऐसे ; जैसे, बैसाख में हुई बरसात है। स्वरचित... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · मुक्तक 9 2 657 Share पंकज कुमार कर्ण 8 Jun 2021 · 1 min read "कविताई" "कविताई" *********** "कविताई" करना इतना आसान नहीं; लिखने का, मुझे भी कोई ज्ञान नही। लिखता हूं,बस कुछ सच्चाई बताने को; आज के अदृश्य परिवेश को समझाने को।। आप इस लेखन... Hindi · कविता 5 5 931 Share पंकज कुमार कर्ण 7 Jun 2021 · 1 min read "मोबाइल बना खिलौना" "मोबाइल बना खिलौना" ******************* देखो, मोबाइल बना खिलौना, इसके असर से बच्चे हो रहे काना। जिसको देखो, बैठा है पकड़ एक कोना, दृश्य देखकर लगता कितना घिनौना।। बेटा देखे, बेटी... Hindi · कविता 8 2 741 Share पंकज कुमार कर्ण 6 Jun 2021 · 1 min read पावस की बूंदें ************** पावस की बूंदें ************** घटा जब छाये घनघोर, टर्र-टर्र और क्रेऊं क्रेऊँ, करते मेढक और मोर। ये रिमझिम- रिमझिम , ज्योहिं होती ऐसी वर्षा, भींगने को हर प्राणी का, सदा... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 16 17 1k Share पंकज कुमार कर्ण 5 Jun 2021 · 1 min read "फिर से चिपको" फिर से "चिपको" ************** धरती की अब यही पुकार, पेड़ पौधे सहित पर्यावरण का मिले प्यार। नही तो ये धरा बिखर जायेगी, फिर सब पर अपना कहर बरपाएगी।। इस धरा... Hindi · कविता 10 6 1k Share पंकज कुमार कर्ण 4 Jun 2021 · 1 min read संस्कारी पत्नी संस्कारी पत्नी ========= संस्कारी पत्नी अब कहीं नहीं दिखते हैं , बस कविता में ही कोई कोई ऐसी लालसा लिखतें है। ये पत्नी तो अब लुप्त प्राणी है, ये सोचना... Hindi · कविता 9 9 1k Share पंकज कुमार कर्ण 4 Jun 2021 · 1 min read कुछ तो है कुछ तो है, जो सेवक को लेखक बना दिया। एक गूंगे को गायक बना दिया।। कुछ तो है , जो बुद्धू को बुद्धिमान बना दिया। शक्तिहीन को शक्तिमान बना दिया।।... Hindi · कविता 16 9 979 Share Previous Page 6