Dr Manju Saini Tag: कविता 480 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Dr Manju Saini 19 Oct 2021 · 1 min read शीर्षक:चाँद सोलह कलाओं से परिपूर्ण चाँद आता हैं शरद पूर्णिमा का चाँद स्वेत धवल होता हैं दिव्य अमृत रश्मि में स्नान करती रश्मियां हैं होती औषधीय गुणों की खान उसकी किरणे... Hindi · कविता 422 Share Dr Manju Saini 17 Oct 2021 · 2 min read तेरा ही अंश हूँ माँ शीर्षक:"तेरा ही अंश हूँ माँ" तेरा ही अंश हूँ माँ",तू मेरी परछाई माँ। और परछाई सुना कभी साथ नही छोड़ती माँ।। माँ मुझे बोझ मत समझो मैं भी अंश तुम्हारा... Hindi · कविता 421 Share Dr Manju Saini 16 Oct 2021 · 1 min read शीर्षक:पराजिता सी मैं शीर्षक:पराजिता सी मैं जीवन चक्र में गतिमान मैं और शरीर को साथ लिए मैं चेतना के संगम में डूबती हुई विचारधारा के प्रवाह में जीवन लिए विरुद्ध दिशा में बहता... Hindi · कविता 165 Share Dr Manju Saini 15 Oct 2021 · 1 min read शीर्षक:आखिर क्यों नही? शीर्षक:आखिर क्यों नही? क्यो नही......? क्यो एक औरत मस्जिद की मौलाना नहीं बन सकती, क्यो मंदिर की मुख्य पुजारी नहीं बन सकती और क्यो चर्च की पादरी नहीं बन सकती... Hindi · कविता 226 Share Dr Manju Saini 15 Oct 2021 · 1 min read विषय:महिषासुर वध विषय:महिषासुर वध महिषासुर असुर आया पृथ्वी पर रूप बदलता रहता था वो अपनी मर्जी पर घोर तपस्या जरके उसने पाया विष्णु वर नही मार सकता था मानव कोई पृथ्वी पर।... Hindi · कविता 382 Share Dr Manju Saini 13 Oct 2021 · 1 min read विषय:नारी /नारायणी/देवी विषय:नारी /नारायणी/देवी तू नारी है तू ही शक्ति की अवतारी है तू ही नर की भी तो जीवन दात्री हैं सरस्वती रूप में तू ही विद्या की अधिकारी हैं माँ... Hindi · कविता 239 Share Dr Manju Saini 9 Oct 2021 · 1 min read मेरी तो आदत है मेरे लिखे पर मत जाया कर तू मस्त रह अपनो में हर पल तू मेरी तो आदत है.. लेखनी उठाकर उससे अपने गहरे दर्द कुरेदने की मेरी तो आदत है..... Hindi · कविता 214 Share Dr Manju Saini 3 Oct 2021 · 1 min read शीर्षक:बदलना बस यूँ ही... प्रकृति का नियम ही होता है बदलना.. तभी सभी का वक़्त बदलता है बदलना.. हर मौसम का चक्र व मिज़ाज है बदलना... तुममें भी चाहा यूँ ही... Hindi · कविता 191 Share Dr Manju Saini 1 Oct 2021 · 1 min read शब्द चिंगारी क्यों नहीं जला लेती शब्दो मे चिंगारी सी उठा ले तू जजबात अपने अंदर तूफान से बार- बार शब्दो को चिंगारी की ज़रूरत ही नहीं पड़ती कुछ बोलने की बस... Hindi · कविता 1 234 Share Dr Manju Saini 29 Sep 2021 · 3 min read रात यूँ ही बीत रही है शीर्षक: रात यूं ही बीत रही है निःशब्द कर मुझे, निरंतर ढलान की और थी निः स्तब्ध सी, वो रात मेरे अंदर अनेक प्रश्न लिए दिल मेरा बस जलता है... Hindi · कविता 258 Share Dr Manju Saini 26 Sep 2021 · 1 min read हम बेटियाँ हम बेटियाँ सवाल यह नही की बेटी को क्यो नही पढ़ाया सवाल यह भी नही की बेटी को क्यो नही बचाया सवाल तो है कि खुद में पढ़ने की जागृति... Hindi · कविता 1 2 157 Share Dr Manju Saini 26 Sep 2021 · 1 min read बचपन के वो दोस्त बचपन के वो दोस्त पुराने दिन बीत जाते हैं कहानी सी सुहानी यादें बनकर, यादे,वादे रह जाते है नश्तर सा बनकर, वो बचपन के दोस्त तो हमेशा दिल के करीब... Hindi · कविता 260 Share Dr Manju Saini 26 Sep 2021 · 2 min read वो पुराने दोस्त याद आते हैं वो स्कूल वाले दिन बहुत याद आते हैं। कमीने दोस्तो तुम बहुत याद आते हैं।। मेरे सारे दोस्त तो कमीने हुआ करते थे फिर भी न जाने क्यों हम साथ... Hindi · कविता 378 Share Dr Manju Saini 25 Sep 2021 · 1 min read अपनी मंजिल शीर्षक: अपनी मंजिल मंजिलें क्या है,जीवन की डगर मात्र रास्ता क्या है,जीवन सफर मात्र हौसला है तो फिर मंजिल भी हैं फ़ासला क्या है चल उठ पहुंच होंसला मत डगमगाने... Hindi · कविता 1 1 204 Share Dr Manju Saini 23 Sep 2021 · 1 min read संदेश ये झूर्रियाँ.. न जाने क्यों होती हैं..? वक्त का फैसला सुनाती हैं या पुनः नवजीवन दर्शाती हैं या संदेश दे जाती हैं पुनःजीवन यात्रा का न जाने क्यो क्षण भर... Hindi · कविता 427 Share Dr Manju Saini 23 Sep 2021 · 2 min read खुशी का पल फिर से आया खुशी का पल फिर से आया मन ही मन मचल रहे हैं, बच्चों के स्कूल खुल रहे है कोरोना को मात देकर फिर से स्कूल चल गए है स्कूल भेषभूषा... Hindi · कविता 2 3 203 Share Dr Manju Saini 22 Sep 2021 · 1 min read संतृप्ति विषय:संतृप्ति स्वर्ण जड़ित सिंहासन राजा के फिर वो क्यो अतृप्त सा रहता नैन कटीले क़ातिल प्रेयसी के फिर क्यो घोर अंधेरा जीवन आकर्षण उसका सजीला फिर भी क्यो व्यथित मन... Hindi · कविता 200 Share Dr Manju Saini 21 Sep 2021 · 1 min read भेदभाव भेदभाव मैं भारत में की वासी हूँ नित दिन भेद भाव को सहती हूँ मैं छोटी जाति की बोली जाती हूँ और ऊँची जाति वालो के ताने सहती हूँ पहले... Hindi · कविता 187 Share Dr Manju Saini 21 Sep 2021 · 1 min read पितृ पक्ष शीर्षक:पितृ पक्ष पितृ पक्ष अपने संग कई यादें ले आया भीगी पलकें और यह दिल आज भर आया निगाहें ढूँढे फ़िर से माँ पापा का साया ममता के आँचल बिन... Hindi · कविता 427 Share Dr Manju Saini 20 Sep 2021 · 1 min read आशिकी बस आशिकी वही पुरानी सी हैं बस जाती हैं तो नया फसाना बनकर आती हैं प्यार रूपी बाढ़ सी लेकर जाती हैं तो बाढ़ सी तहस नहस करके आती हैं... Hindi · कविता 2 203 Share Dr Manju Saini 20 Sep 2021 · 1 min read शीर्षक पितृ पक्ष शीर्षक:पितृपक्ष जीते जी कोई आया नही पूछने को सुध न ली कभी दुःख और सुख को बोल न बोले कभी दो मीठे प्यार से बात न की कभी बैठ तसल्ली... Hindi · कविता 2 1 215 Share Dr Manju Saini 20 Sep 2021 · 2 min read मैं पंछी बन उन्मुक्त गगन में क्यो न पंछी बन उन्मुक्त ऊडू गगन में... कभी कभी मन जब होता है एकाकी सा तो उन व्यतीत करे उन क्षणों को जंगल के साथ जी लेती हूँ कुछ... Hindi · कविता 1 180 Share Dr Manju Saini 20 Sep 2021 · 2 min read वो काली रात बीत रही यूँ ही… शीर्षक:वो काली रात बीत रही यूँ ही… निःशब्द कर मुझे, निरंतर ढलान की और थी निः स्तब्ध सी, वो रात मेरे अंदर अनेक प्रश्न लिए वो काली रात बीत रही... Hindi · कविता 202 Share Dr Manju Saini 19 Sep 2021 · 2 min read शीर्षक:पल उस पल के इंतजार में वह पड़ा पस्त हाल कि कोई टी आएगा जो देगा एक निवाला जो मैं उठ सकूँ ,चलने की हिंम्मत आये मात्र उस निवाले से मेरे... Hindi · कविता 261 Share Dr Manju Saini 17 Sep 2021 · 1 min read विषय:दुश्मनी विषय:दुश्मनी बहुत कुछ कह देती है अक्सर चुप रहकर भी चूप्पी तेरी दुश्मनी से भी ज्यादा मुझे दुख देती हैं ये चूप्पी तेरी। "लिखे" से भी ज्यादा कह देना चाहती... Hindi · कविता 125 Share Dr Manju Saini 15 Sep 2021 · 1 min read विषय:माँ के दिल की कोमलता विषय:माँ के दिल की कोमलता माँ तूने अपने नाम के साथ मेरा नाम जोड़ दिया मुझे तूने जीवनदान दिया अपनी कोमलता खोकर तूने मुझे जन्म दिया तुझसा कोई हो नही... Hindi · कविता 1 518 Share Dr Manju Saini 15 Sep 2021 · 1 min read वो दिन वो दिन आज भी... जब तुम औऱ मै आपस मे मिले थे पहली बार याद आता हैं वो पल गले मिलने की वो बात। वो दिन आज भी... तुम तो... Hindi · कविता 1 1 164 Share Dr Manju Saini 14 Sep 2021 · 2 min read शीर्षक: मैं हिंदी हूँ शीर्षक:मैं हिंदी हूँ मैं आपकी ही हूँ आपकी पहचान हिन्दी हूं थोड़ी घबराई हुई और डरी डरी सी हूं। अपने अस्तित्व के खो जाने के डर से विचलित हूं कहीं... Hindi · कविता 2 2 202 Share Dr Manju Saini 14 Sep 2021 · 1 min read शीर्षक:दुश्मनी विषय:दुश्मनी बहुत कुछ कह देती है अक्सर चुप रहकर भी चूप्पी तेरी दुश्मनी से भी ज्यादा मुझे दुख देती हैं ये चूप्पी तेरी। "लिखे" से भी ज्यादा कह देना चाहती... Hindi · कविता 319 Share Dr Manju Saini 7 Sep 2021 · 1 min read शीर्षक:चल स्वयं ही चल"मंजु"अब खुश रहने की पुरजोर कोशिश कर तुझे पता है ना कि तेरे दुःख में भी कोई शामिल होने वाला नही रहा मुस्कुरा हर पल क्योंकि तुझे रोते हुए भी... Hindi · कविता 139 Share Dr Manju Saini 6 Sep 2021 · 1 min read स्पर्धा विषय:स्पर्धा निरंतर आगे बढती चल तू मंजु कभी निराश न होना बस चलती जाना न हताश होना बस बढ़ती जाना आगे आगे चलना होगा नही पीछे मुड़कर कभी देखना होगा... Hindi · कविता 2 315 Share Dr Manju Saini 6 Sep 2021 · 1 min read समाधान विषय:समाधान समाधान हर मुश्किल का है होता ही हैं मुश्किल जब आती तो समाधान साथ आता हैं समाधान हर मुश्किल का है बस सब्र करना है समय बड़ा बलवान अपनी... Hindi · कविता 1 165 Share Dr Manju Saini 6 Sep 2021 · 1 min read विश्वासघात शीर्षक:विश्वासघात जीवन में कुछ लोग ऐसे भी मिलते है सभी को जो विश्वास में रख कर धोखा कर जाते है उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि गलत किया होता हैं... Hindi · कविता 301 Share Dr Manju Saini 5 Sep 2021 · 1 min read ईश्वर रूप मेरी माँ शीर्षक:ईश्वर रूप मेरी माँ ईश्वर सा रूप मेरी माँ तू ही बरकत तू ही मन्नत तू ही मेरी दुआ और दवा तेरे बिना अधूरा जीवन जब से तू गई माँ... Hindi · कविता 2 205 Share Dr Manju Saini 4 Sep 2021 · 1 min read निष्कर्म विषय:निष्कर्म निष्कर्म भाव से ही,प्रकृति देती हमको सब क्यो फिर पीछे हैं मानव उसके पोषण में अब। धरा के रूप को नमी को सवारना होगा अब अब चेत जा ओ... Hindi · कविता 1 1 179 Share Dr Manju Saini 4 Sep 2021 · 1 min read अपनो बिन प्रकाश न भाए प्रकाश का मार्ग, अतिसुंदर देखने मे मनमोहित होता हैं पर न जाने क्यो मुझे रीतापन सा लगता हैं चारो और रंगीन लाइटो की चकाचोंध तो है बेशक पर क्या मानसिक... Hindi · कविता 1 2 164 Share Dr Manju Saini 3 Sep 2021 · 2 min read शीर्षक:तख़्ती विषय: तख़्ती मेरे मन मे प्रश्नों का ज्वालामुखी उफनता विषय (नेमप्लेट मेरे नाम की) मैं स्त्री पूरा जीवन किया समर्पित फिर क्यों न लटकी मेरे नाम की तख़्ती न माँ... Hindi · कविता 192 Share Dr Manju Saini 3 Sep 2021 · 1 min read तख़्ती शब्द:तख़्ती तख़्ती पे तख्ती, तख्ती पे दाना कल की छुटटी परसो को आना’’ दादी ने सिखाया था ये गाना खेल खेल में सिखाया गया लिखना। आज सिसक सिसक खत्म हो... Hindi · कविता 1 362 Share Dr Manju Saini 2 Sep 2021 · 1 min read हमारे गुरु शीर्षक:हमारे गुरु दीपक सा जलता है जो वह गुरु फैलाने ज्ञान का प्रकाश वह गुरु है न भूख उसे किसी दौलत की वह गुरु है न कोई लालच न आस... Hindi · कविता 2 2 405 Share Dr Manju Saini 1 Sep 2021 · 1 min read आसमान आसमान इंसान के वजूद के लिए आसमान का होना बेहद ज़रूरी है, इसी से हमें बारिश मिलती है और इसी से हमें धूप भी मिलती है। इसी से आसमान के... Hindi · कविता 1 158 Share Dr Manju Saini 1 Sep 2021 · 1 min read वंदना विषय:वंदना हे ईश्वर मैं करूँ कामना दुख मेरे सब हरना हर सुबह तुम सुहानी लाना खुशियां मेरी झोली में भरना। हम सब बालक तेरे नादान हम न करे कभी अभिमान... Hindi · कविता 1 387 Share Dr Manju Saini 30 Aug 2021 · 1 min read शीर्षक:प्रेमधुन विषय:प्रेमधुन प्रेम धुन बजाओ बांसुरी से कान्हा दरस दो अब तो मुझे आकर कान्हा घायल कर जाओ नैनो के तीर से आओ दरस दो मैं प्यासी दीदार को तेरे इन्तजार... Hindi · कविता 271 Share Dr Manju Saini 30 Aug 2021 · 1 min read नटखट नंदलाल शीर्षक:नटखट नंदलाल दरस दो हे मेरे नटखट नंदलाल.. घायल कर जाओ नैनो के तीर से आओ दरस दो मैं प्यासी दीदार को तेरे इन्तजार कान्हा तेरा आठो पहर मुझे घायल... Hindi · कविता 1 2 365 Share Dr Manju Saini 29 Aug 2021 · 1 min read दीदार शीर्षक:दीदार इंतजार तेरे दीदार का... हंसी आ सकती है आज भी मुझको तुम्हे याद करके जब तुममेरी बात को सुनकर हस दिया करते थे तुम्हे क्या मालूम था कि मैं... Hindi · कविता 1 308 Share Dr Manju Saini 28 Aug 2021 · 2 min read मुझ में समाहित मुझ में समाहित नही जानती हूँ मैं कि कैसे भूल पाऊँ तुझे लिखे खतों को नहीं जानती हूं मैं कि दिल से इजहार करने का कोई तरीका बस समझ आया... Hindi · कविता 196 Share Dr Manju Saini 25 Aug 2021 · 2 min read वक्त ठहरता नहीं विषय:वक्त ठहरता नही जिंदगी कुछ यूँ बसर हो रही हैं वक्त है कि कभी ठहरता ही नही जैसे सीढ़िया ऊपर लेकर जाती हैं जीवन की गति आगे लेकर जाती हैं... Hindi · कविता 1 238 Share Dr Manju Saini 25 Aug 2021 · 1 min read दिल की वफाई दिल की वफाई जब भी उससे मिलती हूँ कम्बख्त दिल जोर से धड़कता हैं टूट गया था उसकी बेवफ़ाई से पर आज भी उसको देख सलीके से याद करता है... Hindi · कविता 1 194 Share Dr Manju Saini 23 Aug 2021 · 1 min read सफर वाला प्रेम मेरा प्रेम ऐसा ही हैं बस मैं और वो मिले एक ट्रेन के सफर में आमने सामने की सीट मिली दोनो को वही मिली आंखे और हुआ प्रेम का सफर... Hindi · कविता 1 217 Share Dr Manju Saini 22 Aug 2021 · 1 min read रक्षाबंधन पर मेरा अटूट रिश्ता ?रक्षाबंधन पर मेरा अटूट रिश्ता? मैं उन्हें राखी नहीं बांधूगी जो सिर्फ मेरी ही रक्षा करेगा उन्हें ही पुजूँगी व राखी बांधूगी जो बेटियों की रक्षा करेगा जो सिर्फ चोट... Hindi · कविता 1 189 Share Dr Manju Saini 22 Aug 2021 · 1 min read भूख विषय:भूख अकाल आज रोटी का देखा एक आदमी को भूख से बिलबिलाते देखा भूख पर उसको मातम मनाते देखा आओ मेरे साथ दर्द भरी हकीकत को देखो। भरे पेट हड़ताल... Hindi · कविता 1 291 Share Previous Page 4 Next