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अदना सा हूँ , आसमान छूने की ख़्वाहिश रखता हूं ,
मेरी हस्ती छोटी सही पर सोच छोटी नहीं ,
मेरे जज़्बों की उड़ान हमेशा ऊंची रही ,
मेरे एहसास अश़आर बन मेरी श़ायरी में उभरते ,
श़िद्दत -ए – एहसास कभी -कभी हर्फ़ों ना सिमटते ,
कोशिशों से अपना हौसला बुलंद रखता हूं ,
खुद पर भरोसे को दिल में जगाए रखता हूं ,
श़ुक्रिया !

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