जगदीश लववंशी Language: Hindi 531 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid जगदीश लववंशी 16 Nov 2024 · 1 min read बहुत प्यारी है प्रकृति सुखद सुहावनी भोर है, यह प्रकृति का उपहार। आओ देखें यह नजारे, फिर मिले आनंद अपार।। दिन गुजरे मस्त मस्त, और आलस्य रहे दूर । आओ घूमे प्रभात में, आनंद... Hindi 1 34 Share जगदीश लववंशी 3 Nov 2024 · 1 min read दीपावली के अवसर पर दीपावली के अवसर पर, हो जाता मित्रों से मिलना। भूली बिसरी यादों के, हो जाता फूलों का खिलना।। गांव की पावन धूल को, हो जाता गले लगाना। मंदिर की सायंकाल... Hindi 1 26 Share जगदीश लववंशी 15 Oct 2024 · 1 min read सुबह सुबह का घूमना सुबह-सुबह का घूमना ,देता बहुत सुकून। मन प्रसन्नता से भरे , देख खिलते प्रसून।। मौसम सर्द सुहावना, ठंडी चले बयार। कलरव कर पंछी उड़े, है सब तरफ बहार।। देखो सूरज... Hindi 30 Share जगदीश लववंशी 12 Sep 2024 · 1 min read आओ बाहर, देखो बाहर आओ बाहर, देखो बाहर, फूल खिले है डाली डाली। गुमसुम गुमसुम क्यों बैठे, होकर इतने खाली खाली।। उड़ रही है तितली प्यारी, चल रही है मंद मंद पवन। छोड़ो अपने... Hindi 83 Share जगदीश लववंशी 23 Aug 2024 · 1 min read !!!! सब तरफ हरियाली!!! शहर से चले गांव की ओर, देखने खेत और खलिहान। सब तरफ फैली है हरियाली, देख मन में खिली मुस्कान।। यह देखो है तालाब हमारा, अभी भरा हुआ है आधा... Hindi 1 71 Share जगदीश लववंशी 4 Aug 2024 · 1 min read बचपन के दिन... बचपन के दिन कितने सलोने थे, हम सब छोटे - छोटे खिलौने थे, हर तरफ खुशियां नजर आती थी, बारिश की बूंदे भी कुछ गाती थी, साथ पढ़ना साथ खेलना... Hindi 89 Share जगदीश लववंशी 19 Jun 2024 · 1 min read जीवन संगिनी हँसते हँसते ये पल, जाए ऐसे ही बीत। साथ रहें तेरा मेरा, और बनी रहें प्रीत।। संग- संग चलते रहे, गुजरे साल इक्कीस। बढ़ता गया प्रेम स्नेह, मन में नहीं... Hindi 2 97 Share जगदीश लववंशी 22 May 2024 · 1 min read माटी माटी से है रिश्ता गहरा, माटी से बचपन की यारी। माटी की गोद में हम खेले, माटी से है खुशियाँ सारी।। बड़े हुए माटी में खेलकर, माटी से प्रेम है... Hindi 2 144 Share जगदीश लववंशी 18 May 2024 · 1 min read होता नहीं कम काम जीवन की भाग दौड़ में, खो रही है सुबह शाम। दिन भर रहते व्यस्त है, होता नहीं कम काम ।। तरसते है हम सुनने को , चिड़ियों की चहचहाहट। अपने... Hindi 2 102 Share जगदीश लववंशी 21 Apr 2024 · 1 min read कल की चिंता छोड़कर.... इसकी उसकी मानते, जीवन जाता बीत। सुनने को मिलते नहीं, खुशी भरे वो गीत ।।1 क्या क्या हम सब सोचते, होता है कुछ और। मन का सब होता नहीं, नहीं... Hindi 2 97 Share जगदीश लववंशी 17 Apr 2024 · 1 min read सब दिन होते नहीं समान इतनी सी है बस एक ख्वाहिश , कुछ पल मिल जाए सुकून भरे। बहुत हो चुकी है यह दौड़ धूप, मन है अशांत , चिंता को धरे ।। सुबह की... Hindi 1 172 Share जगदीश लववंशी 25 Mar 2024 · 1 min read !!! होली आई है !!! आओ खेलें रंग से, होली आई द्वार । रंगो का यह पर्व है, रंगीला त्योहार।। नीले पीले रंग से, रंगो उसके गाल। बच पाए कोई नहीं, ऐसा करो धमाल।। पकड़ो... Hindi 2 178 Share जगदीश लववंशी 24 Mar 2024 · 1 min read कितना प्यारा कितना पावन कितना प्यारा कितना पावन। यह पर्व हमारा है मन भावन।। देखो आई होली आई होली । गलियारों में देखो आई टोली।। उड़ रहे हैं देखो रंग गुलाल। रंग बिरंगे हुए... Hindi 1 119 Share जगदीश लववंशी 2 Mar 2024 · 1 min read !!! भिंड भ्रमण की झलकियां !!! छुक छुक करती रेल से, फिर देखी बस राह। एक चुनौती की डगर , फिर भी मन में चाह।। यह भू भिंडी ऋषि की, भिंड कहे सब आज। यहां खड़े... Hindi 141 Share जगदीश लववंशी 21 Feb 2024 · 1 min read हरे भरे खेत खेत हरे भरे हरियाली चहुंओर। देखो सुंदर है यहां का हर छोर ।। खुशबू से महक रही है दिशाएं। मन सुंदर सा गीत गुनगुनाएं।। ऊपर है नीला नीला गगन। नीचे... Hindi 1 167 Share जगदीश लववंशी 15 Feb 2024 · 1 min read कितनी प्यारी प्रकृति सुबह शाम की बेला , लगती है बड़ी सुन्दर। मन प्रफुल्लित होता, देख सुनहरा अंबर।। उड़ते पंछी बहती हवा, रवि चमके दूर गगन। रंग भरे से लगते बादल, देख दृश्य... Hindi 1 160 Share जगदीश लववंशी 22 Jan 2024 · 1 min read श्री राम अयोध्या आए है आओ मिलकर दीप जलाएं, श्री राम अयोध्या आए है। वर्षो की अभिलाषा पूर्ण हुई, आज श्री राम घर आए है।। हो रही है जय जयकार, सुनाई दे रहा राम नाम... Hindi 138 Share जगदीश लववंशी 21 Jan 2024 · 1 min read गांव की बात निराली गांव की बात बड़ी निराली, चारो तरफ फैली हरियाली, खुला खुला सा इक आंगन, चांद सितारों से भरा गगन, पंछियों का कलरव प्यारा, प्यारा लगता है गांव हमारा, हरे भरे... Hindi 203 Share जगदीश लववंशी 27 Dec 2023 · 1 min read उड़ चल रे परिंदे.... उड़ चल रे परिंदे, उड़ चल रे परिंदे, अपना कोई नहीं यहां, रूठा लगता सारा जहां, तू बता रे अब ठहरे कहां, ले चल रे मुझे दूर वहां, जहां न... Hindi 2 168 Share जगदीश लववंशी 17 Nov 2023 · 1 min read *एकांत* जब मन होता है उदास, चला आता हूं तेरे पास, खुला गगन बहती पवन, देख देख करूं मन प्रसन्न, टिम टिम करते तारे सारे, कल कल बहते झरने प्यारे, हर... Hindi 1 282 Share जगदीश लववंशी 7 Nov 2023 · 1 min read !!! नानी जी !!! बचपन बीता जिनकी छांव में, कंधे पर मुझे घुमाया गांव में, किस्से कहानी सुने उनकी जुबानी, ऐसी थी मेरी प्यारी - प्यारी नानी, मेरे बचपन की हर सुबह शाम, गुजरती... Hindi 2 225 Share जगदीश लववंशी 2 Oct 2023 · 1 min read !! गुजर जायेंगे दुःख के पल !! गुजर जायेंगे दुःख के पल भी, थोड़ा धीरज रख ले मेरे यार । मन को तू कभी मत हारने दे, तेरी हिम्मत ही लगाएगी पार।। फिर से दिन होंगे खुशियों... Hindi 1 410 Share जगदीश लववंशी 8 Sep 2023 · 1 min read !!! सदा रखें मन प्रसन्न !!! जब मन में हम सोचते, अच्छे नेक विचार। खुश रहता है मन सदा, रहते दूर विकार।। मन को प्रसन्न राखिए, मन से बनते काम। बिन मन के होती नहीं, खुशियों... Hindi 1 457 Share जगदीश लववंशी 2 Sep 2023 · 1 min read !!!! सबसे न्यारा पनियारा !!!! ---------------------------------------------- सबसे प्यारा, सबसे न्यारा, जंगल बीच बसा पनियारा , संत आश्रम की यह स्थली, फल फूलों से लदी हर कली, एक कुंड जिसका निर्मल नीर, बैठ यहां पर भूल... Hindi 2 1 216 Share जगदीश लववंशी 6 Aug 2023 · 1 min read मित्रता जिनके आने से भरे, मन में खूब उमंग। हर पल देते साथ वो, छोड़े कभी न संग।।१ सूनेपन की राह में, दुःख हरती मशाल। हर पल चाहे यही, मित्र रहें... Hindi 2 221 Share जगदीश लववंशी 26 Jul 2023 · 1 min read प्रकृति की ओर खिले खिले यह फूल है , प्यारे से अनमोल। हर पल लगता सुखद है, सुंदर यह माहौल।। पवन सुगंधित नित बहे, गुंजन करता भृंग। देखों सुंदर यह धरा, बिखरे है... Hindi 1 439 Share जगदीश लववंशी 24 Jun 2023 · 1 min read नन्हीं सी प्यारी कोकिला दिन मंगल आषाढ़ का, शुक्ल पक्ष की दूज। घर लक्ष्मी आगमन से, हुई खुशी की गूंज।।1 नल संवत्सर ग्रीष्म ऋतु, उतरायण का काल। दो सहस्त्र अस्सी हुआ, विक्रम संवत साल।।2... Hindi 255 Share जगदीश लववंशी 10 Jun 2023 · 1 min read भोजन अपने हाथ का भोजन अपने हाथ का, देता बहुत सुकून। बन जाता भोजन सदा, होना एक जुनून।। भोजन अपने हाथ का, खाकर रहें निरोग। रूखा सूखा भी लगे, जैसे छप्पन भोग।। भोजन अपने... Poetry Writing Challenge 1 354 Share जगदीश लववंशी 10 Jun 2023 · 1 min read श्री गणेशाय नमः प्रथम पूज्य है देवता, नमन करें संसार। हर बाधा दूर करते, भरे ज्ञान भंडार।। जयति जयति जय हो गजानन, शुभकर्ता दुःख हर्ता गौरी नंदन, रिद्धि सिद्धि बुद्धि के हो दाता,... Poetry Writing Challenge 129 Share जगदीश लववंशी 10 Jun 2023 · 1 min read हिंदी का गुणगान हिंदी भाषा मधुर है, जिसमे प्रेम अपार। सागर जैसा झलकता, शब्दों का भंडार।। हिंदी सुधा समान है, करती दूर अज्ञान। हर दिल में हिंदी बसी, हिंदी है वरदान।। हिंदी मेरा... Poetry Writing Challenge 284 Share जगदीश लववंशी 10 Jun 2023 · 1 min read विश्वास विश्वास मन के विश्वास को, कम न होने दे यार । तेरी सकारात्मकता से, दुश्मन जाएंगे हार ।। इतना मत सोच, मन को न कर अशांत । मन की जीत... Poetry Writing Challenge 275 Share जगदीश लववंशी 10 Jun 2023 · 1 min read धूम्रपान मत कीजिए धूम्रपान मत कीजिए, होते रोग अनेक । बात हमारी मानिए, देते सलाह नेक ।। तम्बाकू सेवन जो करें । तन में बीमारियाँ वो धरे । इतना ही नहीं सुन यारा,... Poetry Writing Challenge 260 Share जगदीश लववंशी 10 Jun 2023 · 1 min read पेड़ों से ही अपना जीवन पेड़ो से ही अपना जीवन पेड़ो से ही अपना जीवन, मत करो इनका तुम दोहन, तपती धरती कटते जंगल, बोलो कैसे हो फिर मंगल, घुमड़ – घुमड़ मेघ आते, बिन... Poetry Writing Challenge 190 Share जगदीश लववंशी 10 Jun 2023 · 1 min read मन को मत हारने दो संकट कितना बड़ा हो, चाहे जिद पर अड़ा हो, मन को मत हारने दो, जीत उसी की जो लड़ा हो, समय के साथ चलना है, नहीं किसी को छलना है,... Poetry Writing Challenge 313 Share जगदीश लववंशी 10 Jun 2023 · 1 min read आओ हम पेड़ लगाए आओ हम पेड़ लगाए, हरियाली के गीत गाए, हरियाली हर मन को भाती, छोटे बड़े सबको खूब सुहाती, हरियाली से आती खुशहाली, कोई कोना रहे न फिर खाली, कब होगा... Poetry Writing Challenge 198 Share जगदीश लववंशी 10 Jun 2023 · 1 min read बेटी से मुस्कान है बेटी मेरा मान है, बेटी ही सम्मान। बेटी से संसार है, बेटी से मुस्कान।। बेटी लक्ष्मी रूप है, बेटी है वरदान। बेटी देती है सदा, जीवन में पहचान।। बेटी खुशियों... Poetry Writing Challenge 275 Share जगदीश लववंशी 10 Jun 2023 · 1 min read काम का बोझ बोझ काम का बढ़ रहा, होती रोज थकान। बीत गए दिन बहुत से, बिन देखें मुस्कान।। नित नित पड़ती डांट है, चाहे कर लो काम। काम ख़त्म होता नहीं, हो... Poetry Writing Challenge 90 Share जगदीश लववंशी 10 Jun 2023 · 1 min read हर युग में जय जय कार सुंदर छवि श्री राम की, रग रग में श्री राम। राम नाम पल पल भजूं, बोलो जय श्री राम।। धनुष बाण है हाथ में, कंधे पर तूणीर । बैठे प्रभु... Poetry Writing Challenge 109 Share जगदीश लववंशी 10 Jun 2023 · 1 min read बोली है अनमोल सोच समझकर बोलिए, बोली है अनमोल। मीठे मीठे बोल से , सदा अमृत रस घोल।। जीवन में भरते नहीं, कटु बोली के घाव। सोच समझकर बोलिए, तुम बोली के भाव।।... Poetry Writing Challenge 107 Share जगदीश लववंशी 10 Jun 2023 · 1 min read जीवन में बहुत मोड़ है जीवन में बहुत मोड़ है, शूल भरे यहाँ के रोड़ है, सुख दुःख का जोड़ है, स्वार्थ की यहां दौड़ है, मतलब का मीठा जहर है, बरस रहा बन कहर... Poetry Writing Challenge 83 Share जगदीश लववंशी 10 Jun 2023 · 1 min read फिर भी करना है संघर्ष चाहे जीवन में कष्ट हो, खुशियां सारी नष्ट हो, अपने भी जब रुष्ट हो, तन नहीं हष्ट पुष्ट हो, फिर भी करना है संघर्ष, जीना है हमको लिए हर्ष, आएंगे... Poetry Writing Challenge 113 Share जगदीश लववंशी 10 Jun 2023 · 1 min read हार नहीं मान लेना है हताश नहीं होना है, निराश नहीं होना है, यह अंतिम अवसर नहीं, फिर से प्रयास होना है, कोई काम कठिन नहीं, और यह अंतिम दिन नहीं, संघर्ष की हर राह... Poetry Writing Challenge 94 Share जगदीश लववंशी 10 Jun 2023 · 1 min read किताब जब तुम होती हो मेरे साथ, कट जाता है फिर मेरा एकांत। पढ़कर तुम्हारे हर पन्ने को, मन हो जाता है मेरा शांत।। खो जाता हूं तुम्हारे शब्दों में, ऐसी... Poetry Writing Challenge 1 133 Share जगदीश लववंशी 7 Jun 2023 · 1 min read पहला सुख निरोगी काया पहला सुख है निरोगी काया, निर्भर करता, क्या है खाया, शुद्ध सात्विक ताजा हो खाना, पोषक तत्वों का हो खजाना, तले गले से रहें दूर, अंकुरित खाए जरूर, ज्वार बाजरा... Poetry Writing Challenge 389 Share जगदीश लववंशी 7 Jun 2023 · 1 min read श्री हरि भक्त ध्रुव आओ बच्चों तुम्हें सुनाऊं एक कहानी, जिसमे है एक राजा और दो दो रानी, यह कथा है विष्णु पुराण की, भक्ती,भक्त और भगवान की, उत्तानपाद राजा सुनीति सुरुचि थी रानी,... Poetry Writing Challenge 3 565 Share जगदीश लववंशी 5 Jun 2023 · 1 min read पेड़ लगाओ तुम .... तपती धरती कर रही पुकार, पेड़ लगाओ तुम अबकी बार , आओ पेड़ लगाए हम एक, यह काम करें मिलकर नेक, पेड़ो से ही सबका जीवन है, पेड़ो से तन... Poetry Writing Challenge 3 1 211 Share जगदीश लववंशी 28 May 2023 · 1 min read गांव की सैर कच्ची पक्की सड़कों से चले, पहुंच गए हम जंगल के गांव। चहुंओर फैली थी हरियाली, आम नीम पीपल की थी छांव।। खेत ककड़ी से थे खूब भरे, आम के पेड़... Poetry Writing Challenge 2 602 Share जगदीश लववंशी 27 May 2023 · 1 min read पेड़ लगाए पास में, धरा बनाए खास आया ऐसा नौतपा, चले कहां अब भाग। सूरज का पारा चढ़ा, बरस रही है आग।। देखो तुम मजदूर को, करता नहीं विश्राम। करते करते थक गया,होता खत्म न काम।। तपती... Poetry Writing Challenge 1 697 Share जगदीश लववंशी 19 May 2023 · 1 min read वही खुला आँगन चाहिए वही खुला आँगन चाहिए , जिसमे आती थी सुनहरी धूप । हम खेला करते थे मिलकर, कोई चोर बनता था कोई भूप।। फुदकती थी गौरैया रानी, कौआ करता था काँव... Poetry Writing Challenge 397 Share जगदीश लववंशी 15 May 2023 · 1 min read मंदिर जाना चाहिए मंदिर जाना चाहिए, कहते है संस्कार। दर्शन कर भगवान के, मिटे सारे विकार।। मंदिर जाना चाहिए, कहे हमारा धर्म। दर्शन कर भगवान के, मिले हमें सद्कर्म। मंदिर जाना चाहिए, मन... Poetry Writing Challenge 1 280 Share Page 1 Next