Jaikrishan Uniyal Language: Hindi 240 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Jaikrishan Uniyal 8 May 2018 · 1 min read यमनोत्री धाम में यमुना जी कि छवि वर्णन यम कि बहन यमुना जी, हिम शिखरों से यह बह निकली, श्वेत,धवल, इसकी धारा, दृश्य मनोरम अति प्यारा, शान्त स्वरुपा सी यह निश्छल भी, धारण किये हुए है यह शीतलता... Hindi · कविता 189 Share Jaikrishan Uniyal 30 Apr 2018 · 2 min read बदलता समय,बदलते हालात,पर न बदलता नजरिया ७८कि बाढ से लेकर,९१ कि कांपती धरती तक, एक दशक से अधिक समय बीत गया, सोचें जरा हम,इस बीच क्या नहीं बदला, जो तब चलना भी नहीं,सीखे थे, वह आज... Hindi · कविता 520 Share Jaikrishan Uniyal 29 Apr 2018 · 2 min read अंग्रेजी का जब से ये दौर चला जब से अंॻेजी का दौर चला,कहने सुनने वालो का होता भला,न कह सकने वालों का हो गया बुरा,परदेश से आया और यहीं का हो चला, भारत कि माटी में यह... Hindi · कविता 474 Share Jaikrishan Uniyal 24 Apr 2018 · 1 min read हेमवतीनन्दन रुपी मेरा सूरज ऐ सुर्य देव,तुम्हारा अवसान हर साझं को होता है, लेकिन हर सुबह,तुम्हारे प्रकाष से शुरु होती है। इस रोज मेरा सुरज भी डूबा, सत्रह मार्च,उन्नीस सौ नव्वासी के दिन, क्या... Hindi · कविता 506 Share Jaikrishan Uniyal 23 Apr 2018 · 1 min read गठबन्धन पार्ट टू साइनिंग इन्डिया के बाद भी, सरकार अटल जी से फिसल गई, छींका टुट कर गिरा ही था, सोनिया ने थाम लिया, हाथ बढा कर पकड उसे, मनमोहन को थमा दिया,... Hindi · कविता 1 373 Share Jaikrishan Uniyal 3 Apr 2018 · 1 min read तीसरा मोर्चा➖एक मौका➖धोखा ही धोखा बी ० पी० तेरे शासन में, मण्डल कमण्डल की चासन में, जनता खडी है अनुशासन में, कैरासिन हो या गैस घरेलु, डीजल हो या पैट्रौल, हर जगह है लाईन लम्बी,... Hindi · कविता 229 Share Jaikrishan Uniyal 3 Apr 2018 · 1 min read पंक्तिवद्ध होना,यानि की लाइन लगाना पंक्तिवद्ध होना यानि की लाइन में लगना, लाइन लाइन ही है,चाहे वह छोटी हो या लम्बी,लाइन लाइन है,आडी हो या तिरछी, लाइन लाइन है,चाहे वह डीजल कि हो, या पैट्रोल... Hindi · कविता 225 Share Jaikrishan Uniyal 2 Apr 2018 · 2 min read अटल जी मोहे,मैं नहीं प्याज खायो अटल जी मोहे,मैं नहीं प्याज खायो, साझं ढले,जब मण्डी गयो, तो प्याज का भाव चकरायो, आलू चौदह,टमाटर चालीस, प्याज सत्तर बतलायो, लौकी,तोरी,भिण्डी ,करैला,भी नही ले पायो, गोभी,मटर को तो भाव... Hindi · कविता 175 Share Jaikrishan Uniyal 27 Mar 2018 · 2 min read जार्ज ठहरे सयोंजक,यह अतिरिक्त है भार । अटल जी कि टीम में,हैं बडे बडे मठाधीस, झुकता नहीं एक दूजे के सम्मुख,इनका शीष, अटल जी को सालती रहती इसकी टीस, दो दर्जन दलों से मिलकर बना है ये... Hindi · कविता 1 301 Share Jaikrishan Uniyal 25 Mar 2018 · 1 min read गठवन्धन पार्ट वन अटल जी हुए लाचार,कैसे चलाएं वो सरकार, करुणानिधि पर जया कि तलवार, ज्योतिबसु पर ममता का वार, बंसी से चौटाला कि खार, माया मुलायम कल्याण पर सवार, दिगविजय का पटवा... Hindi · कविता 215 Share Jaikrishan Uniyal 21 Mar 2018 · 1 min read ऐ बलिदानी,अमर सैनानी,कोटि कोटि है नमन तुम्हे ऐ बलिदानी,अमर सैनानी, कोटि कोटि है नमन तुम्हे, अटल निश्चयी,अनशन कारी, है तेरी बलिहारी, सौंपा जो तुमने,आजाद चमन । राजशाही से तुमने टकरा के तानाशाही से मुक्त कराके, शिक्षित होने... Hindi · कविता 200 Share Jaikrishan Uniyal 21 Mar 2018 · 1 min read गुम होती,ईमानदारी,व इन्सानियत सोने कि चिडिया कहते थे, जिसे कभी, उस देश में आज हम, धारण कर चुके हैं भेडिये का रुप। आदम जात,आज आदमी को काट खाने को है तत्पर,इस बात से... Hindi · कविता 301 Share Jaikrishan Uniyal 13 Feb 2018 · 1 min read क्यों होता है यह झगडा झगडा ➖झगडा है आज हर तरफ यह झगडा, पर है किस कारण यह झगडा, उधर देखो दो देषों में झगडा, ईधर भी है दो राज्यों का झगडा, कहीं पर है... Hindi · कविता 237 Share Jaikrishan Uniyal 12 Feb 2018 · 1 min read झगडा,मन्दिर मस्जिद का आज कल है फिर,यह हल चल, मस्जिद है बाबरी,या फिर जन बल । जन्म राम ने लिया जहाँ, था बना मन्दिर वहाँ ❓ कौन गवाह है अब यहाँ, खसरा खतौनी... Hindi · कविता 206 Share Jaikrishan Uniyal 6 Feb 2018 · 1 min read काट नही पेड लगा वो देखो कोई,पेड काटता, उसे रोको, टोको, वह जो पेड काटता, कहो उससे, औरों के लिए ना सही, अपने लिए ही सही, क्यों,पर्यावरण का खोते हो सन्तुलन, बिना स्वच्छ वायु... Hindi · कविता 217 Share Jaikrishan Uniyal 4 Feb 2018 · 1 min read समाज कल्याण,एक मत्रांलय एक अदद मत्रांलय है, जिसका नाम है समाज कल्याण, जहाँ नितियां तो तय होनी थी, हर समाज के लिये, पर प्राथमिकताएं,आरक्षित हैं, कुछ ही समुदायिक समाज के लिये, जी हाँ,आज... Hindi · कविता 266 Share Jaikrishan Uniyal 30 Jan 2018 · 1 min read हरजन कल्याण यह कैसा हरिजन कल्याण, हरि के जनो के मध्य मची हो, जहाँ,लुट और खींचतान, कौन नही यहाँ हरि का जन, फिर क्यों बांटते इनका मन, किया किसी ने क्या सोध... Hindi · कविता 228 Share Jaikrishan Uniyal 29 Jan 2018 · 1 min read बेटीयां, बेटे अब सास की सोचें, मॅा बाप की सोचे बेटी, जमीन जायदाद के मोह में बेटे, पर बझंर रहती खेती,। नित इस बात पे खटपट होती, सोच नयी यह बिकसित... Hindi · कविता 239 Share Jaikrishan Uniyal 27 Jan 2018 · 1 min read पुरा होता एक और कार्यकाल साल दर साल, पुरा होता एक और कार्य काल, सफलता व असफलता पर तकरार, सत्ता धारियों एवम् विपक्षियों में छिडी है रार, जनता होती बेकरार, टुटते सपने,टुटती आस, टुटता हुआ... Hindi · कविता 1 203 Share Jaikrishan Uniyal 23 Jan 2018 · 1 min read खिलौने कितने ही रुपों में होते हैं खिलौने, किन्तु उनका एक मात्र प्रयोजन होता है किसी के हाथों खेला जाना। खिलौने जो सिर्फ बच्चों के लिए होते हैं, बच्चे जिन्हे अपनी... Hindi · कविता 225 Share Jaikrishan Uniyal 20 Jan 2018 · 1 min read सृष्टि ऐ सृष्टि, कहाँ है तेरी दृष्टि, कभी अतिवृष्टि, तो कहीं अनावृष्टि। ऐ सृष्टि, ये जो आषाड है, मेघों की चिंघाड है, उफनती बाढ है, तो कहीं टूटता पहाड है। ऐ... Hindi · कविता 508 Share Jaikrishan Uniyal 19 Jan 2018 · 1 min read अभिलाषा कुछ किया नहीं ऐसा,पर विशिष्ठ स्थान मिले, ऐसी चाहत लिये जी रहा हूँ मैं। शुभ कामनाओं को ओढे,कल्पना लोक में रहकर, यथार्त के धरातल पर जब रखा कदम, तो दिल... Hindi · कविता 213 Share Jaikrishan Uniyal 18 Jan 2018 · 1 min read जीवन की उत्कण्ठाऐं कल्पना से शुरु किया, कामनाओं से होकर गुजरा, एवंम् कुशुम पर आकर ठहर गया । और फिर, यहीं से शुरु हुई एक उलझन, प्रथम परिणय, प्रेम पास, और आलिंगन, कुछ... Hindi · कविता 251 Share Jaikrishan Uniyal 17 Jan 2018 · 1 min read लोक तन्त्र और आतंकवाद हर रोज,हर वक्त। रेडियो,दूरदर्शन,और समाचार पत्र। में, पक्ष,एवं विपक्ष,एक स्वर एक मत । देते हैं,यह बयान, लोकतन्त्र में,हत्या और आतंकवाद का, नहीं है कोइ स्थान। और अगली ही सुबह, आता... Hindi · कविता 542 Share Jaikrishan Uniyal 16 Jan 2018 · 1 min read मां मां, सिर्फ रिस्ता नहीं है , अहसास है । मां सिर्फ शब्द नहीं है, विश्वास है। मां का होना भरोशाा है, मां का न रहना आघात भी, मां, मांता ही... Hindi · कविता 374 Share Jaikrishan Uniyal 15 Jan 2018 · 1 min read चलो जलाएं दिये ,शाम होने को है राह मे चलते हुए,मिल जाते हैं कितने ही राहगीर, और बिछुड जाते हैं,दो राहों पर, जो चले थे ,साथ साथ हम तब, पर यह देखना भी हमारा ही काम है,कौन... Hindi · कविता 180 Share Jaikrishan Uniyal 14 Jan 2018 · 2 min read पहाड की नारी पहाडी पगडण्डियों पर पैदल चलती नारी, सिर पर घास का बोझ पीठ पर बंधा नन्हा प्राणी, दोपहरी की चढती धूप में पसीने से तरबतर, हांफती हुइ वह लौटती है घर।... Hindi · कविता 277 Share Jaikrishan Uniyal 13 Jan 2018 · 1 min read राजनीति के गुणा भाग में राजनीति के गुणाभाग में, चुनावों के राग रंग में, माना सोनिया,हो जाये भाजपाई, और काग्रेंसी हो जायें नरेन्द्र भाई, तब नारों कि क्या दशा होगी, जनता कि तब मनसा क्या... Hindi · कविता 420 Share Jaikrishan Uniyal 12 Jan 2018 · 1 min read सपने मेरे और उनके सपना जो हो सका न अपना, मात्र स्वपन बन कर रह गया, ले सका न कोई आकार, हो सका न जो साकार, किन्तु फिर भी मै सपने देखता रहा, और... Hindi · कविता 308 Share Jaikrishan Uniyal 11 Jan 2018 · 2 min read आज कि जिन्दगी मैं, जा रहा था ,सडक के उस पार, देख गाडियों कि रफ्तार, प्रतिक्षा करता रहा,खाली सडक का, तब जाके वह पल आया, जब सडक, को खाली पाया, मैने जाने को... Hindi · कविता 1 321 Share Jaikrishan Uniyal 10 Jan 2018 · 1 min read हिन्दी सेल मेरे भारत वर्ष में,यानि कि अपने हिन्दोस्तान में, देशी भाषाओं के विकास को,प्रयत्नशील हैं सभी, अपने अपने तरीकों से, किन्तु सवांद,बनाये रखने को,हम एक दुसरे से, अग्रेंजी मे ही बतियाते... Hindi · कविता 425 Share Jaikrishan Uniyal 9 Jan 2018 · 1 min read किसान और बादल उमड,घुमड के आते बादल, गोरे बादल,काले बादल, गरज गरज के गाते बादल, बिन बरखे,जब जाते बादल, उम्मीदों को करके घायल, ये काले बादल,ये गोरे बादल, उमड घुमड कर जब जाते... Hindi · कविता 293 Share Jaikrishan Uniyal 8 Jan 2018 · 1 min read सौ दिन का काम,मनरेगा है नाम सौ दिन का है काम,मनरेगा है नाम। खर्चे कि मजबूरी,एक सौ चौहत्तर कि मजदूरी। खर्चे का है यह ब्यौरा,जो मिलता वह है थोडा। टमाटर, सब्जी,पर खर्चा पच्चास, दुध दही पर... Hindi · कविता 464 Share Jaikrishan Uniyal 5 Jan 2018 · 1 min read लडना चुनाव मेरी,पत्नि का मेरी पत्नि ने भी एक चुना लडा, वह ना ना करती, मै हाँ हाँ करता, मुश्किल से उसे तयार किया। मेरी पत्नि ने भी एक चुनाव लडा, लिया टिकट,किया नामाकनं,... Hindi · कविता 448 Share Jaikrishan Uniyal 4 Jan 2018 · 1 min read कमाई से महगांई तक कि जंग मजदूर और किसान, अन्नदाता और बिकास कि जान, फिर भी हैं परेशान, जो कमाया, वो खाया,पिया,और पचाया, कुछ बचा नही पाया। मजदूर और किसान, दोनो रीड हैं,अर्थ ब्यवस्था की, किन्तु... Hindi · कविता 529 Share Jaikrishan Uniyal 1 Jan 2018 · 1 min read स्कुली बच्चे मूसलाधार बर्षा से लेकर, कडकडाती ठन्ड मे होकर चिलचिलाती धूप मे चलकर, उन बच्चों,कि स्थिथि पर गौर करें, जिन्हे नसीब नही है, चलने को प्रयाप्त पगडण्डी भी। और,दुसरी ओरयह भी... Hindi · कविता 425 Share Jaikrishan Uniyal 31 Dec 2017 · 1 min read ग्रह नक्षत्र, तरक्की के इस दौर में वैज्ञानिकों ने चान्द मंगल जैसे सितारों(उपग्रह) तक, तय कर ली है अपनी यात्रा, अपने बनाये उपॻहों के माध्यम से, और एक हम हैं कि, अब... Hindi · कविता 325 Share Jaikrishan Uniyal 29 Dec 2017 · 1 min read आविष्कार,आवश्यकता कि जननी है कहते हैं कि आवश्यकता आविष्कार,आवश्यकता कि जननी है, और आविषकार नित नये रुप में मेरे समक्ष आकर, अपनी सुनहरी तस्वीर प्रस्तुत करते हैं, और जब भी मैं, उन्हे अमल में... Hindi · कविता 588 Share Jaikrishan Uniyal 28 Dec 2017 · 1 min read सपना , मेरा भी,था एक सपना एक घर हो,अपना ्और घर में होंगी, जरुरत कि सभी,वस्तुऐं पर यह क्या, घर तो,जैसे,तैसे बना ही दिया, पर जरुरत कि उन वस्तुओं का क्या करुं,... Hindi · कविता 2 424 Share Jaikrishan Uniyal 24 Dec 2017 · 1 min read नया नवेला,अपना आंचल,नाम मिला हमें उत्तरांचल नया नवेला,अपना आंचल,नाम मिला हमे उत्तरांचल,नकद रोकडा ना सही,ठन ठन पर प्रकृति का है,सुन्दर उपवन, चार धामों का तीर्थाटन है,अर्धकुम्भी,हरिद्वार है,उधम सिहं,पर उधोग का भार है,पर्यटन को नैनीताल,मसुरी। अल्मोडा में... Hindi · कविता 516 Share Previous Page 5