आर.एस. 'प्रीतम' Tag: कविता 281 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 6 आर.एस. 'प्रीतम' 22 Dec 2016 · 1 min read कविता :वो अभागन.......माँ काँटों के बिस्तर पर काटा जीवन, धूप का मातम तन झुलसाता रहा। पाला-पोषा हृदय-स्नेह से सींचा, वो बेटा हाथ हिलाकर जाता रहा। परिश्रम की आँखों में सपने पाले, करुणा-कलित ममता... Hindi · कविता 318 Share आर.एस. 'प्रीतम' 21 Dec 2016 · 1 min read कविता : जैसी करनी वैसी भरनी सूरज ने विदाई ली,ये रात सजकर आ गई। चाँद मुस्कराने लगा,तारों को हँसी आ गई।। घिरके नींद जब आने लगी,आँखें सपनें सजाने लगी। मीठे-मीठे सपने देकर,ये रात गौरी बहलाने लगी।... Hindi · कविता 2k Share आर.एस. 'प्रीतम' 18 Dec 2016 · 1 min read जीवन-परिचय:राधेयश्याम बंगालिया नाम :राधेयश्याम बंगालिया "प्रीतम"। पिता का नाम:श्री रामकुमार बंगालिया माता का नाम:श्री मती किताबो देवी पत्नी:श्री मती उर्मिला भाई-बहिन:अनुज राजेंद्र,सुनीता एवं नीलम जन्म :सन१५जनवरी १९८०ई. जन्म स्थान:जमालपुर, तहसील बवानी खेड़ा,ज़िला... Hindi · कविता 313 Share आर.एस. 'प्रीतम' 18 Dec 2016 · 1 min read ??प्रीत मन से मन की?? अनुराग झरे नयन से,पुष्प हँसें तेरे लब पर। चन्द्रमुख से है उजाला, मेरे जीवन-शब पर।। हम मिले,मिलकर चले, प्रेम पथ पर प्रिया! नाम चमका इश्क़ में यूँ,ज्यों चाँद नभ पर।।... Hindi · कविता 206 Share आर.एस. 'प्रीतम' 18 Dec 2016 · 1 min read कविता :आज की शख़्सियत देश की हालत देखकर ज़मीं पाँँव से निकल गई। यूँ हुआ घायल मैं मानो छुरी ज़िग़र पर चल गई।। १.घोटालों का बाज़ार गर्म है, अख़बारों में ये समाचार गर्म है।... Hindi · कविता 607 Share आर.एस. 'प्रीतम' 17 Dec 2016 · 1 min read कविता : स्वदेशी स्वदेशी अपनाओ अगर विदेशी से अच्छा है। संज्ञा नहीं कार्य ही स्वेच्छा की एक सुरक्षा है। पहले तोलो फिर बोलो नीति कितनी सही है। दूध से मिठाइयाँ,लस्सी और बनती दही... Hindi · कविता 1 3k Share आर.एस. 'प्रीतम' 16 Dec 2016 · 1 min read ??चिरागे-मुहब्बत जलाकर देखिए?? हाथ से हाथ ज़रा मिलाकर देखिए। इंसानियत का गुल खिलाकर देखिए।। ज़िन्दगी किस तरह से संवरती है। चिरागे-मुहब्बत यार जलाकर देखिए।। परहित को दिल में पनाह दीजिए। गिरतों को ज़मीं... Hindi · कविता 243 Share आर.एस. 'प्रीतम' 15 Dec 2016 · 1 min read ??क्यों जोड़ा प्यार का बंधन?? सारा सावन बीत गया,बैठे हैं पलकें बिछाए। विरह में सावन-से बरसे,नयन आँसू छलकाए।। तुमसे अच्छी है याद तेरी,दिल में घर बनाए। देकर मिलने की दिलाशा,जीवन-उम्मीद जगाए।। आँखों में सजकर सपना,कहता... Hindi · कविता 419 Share आर.एस. 'प्रीतम' 14 Dec 2016 · 1 min read ??मिलकर मुस्क़रा दीजिए?? मेरे प्यार का यूँ सिला दीजिए। मिलकर दिल से मुस्क़रा दीजिए।। आँखों में मुहब्बत का जश्न हो। कभी भूलकर भी न गिला कीजिए।। प्रेम से मिलना,प्रेम से रहना है। यूँ... Hindi · कविता 264 Share आर.एस. 'प्रीतम' 12 Dec 2016 · 1 min read ??अपना- अपना नज़रिया?? दिल दिया जिसको,हो गया रक़ीब। वो राजदां था दिल के बहुत क़रीब।। बिस्मिल किया दिल,क़समें-वादे तोड़। अर्श से गिरा ज़मीं पर मेरा नशीब।। कौन जाने किसी को आज़माए बिन। अमीर... Hindi · कविता 284 Share आर.एस. 'प्रीतम' 10 Dec 2016 · 1 min read कविता :मज़दूर तेरी अज़ब कहानी तस्ला उठाए चली जा रही जर्जर काया, कोयले-सी काली ज्येष्ठ की दोपहरी में। किसी आवाज़ पर तेज़ होते थके क़दम, पेट जल रहा,फिर भी कर्मों पर जोर- जो लिखे हथेली... Hindi · कविता 556 Share आर.एस. 'प्रीतम' 9 Dec 2016 · 1 min read ?? हिना रंग लाती है सूख जाने के बाद?? सोना जेवर बनता है अग्नि में तप जाने के बाद। इंसान संभलता है ज़िन्दगी में ठोकर खाने के बाद।। हथेली पर सरसों कभी हरी नहीं होती मेरे,दोस्त! रंग लाती है... Hindi · कविता 682 Share आर.एस. 'प्रीतम' 8 Dec 2016 · 1 min read ??तेरी आँखों की मस्तियाँ?? पिलाए जा अपनी आँखों से प्यार के जाम। मिलाकर हृदय के शबनमी सरबती-से क़लाम।। मैं मदहोश हो जाऊँ तेरी नशीली आँखों में डूब। कभी बाहर न निकलूँ चाहे सुबह हो... Hindi · कविता 1 1 266 Share आर.एस. 'प्रीतम' 6 Dec 2016 · 1 min read कविता: वो बचपन की यादें आज फिर याद आई मुझे मेरे गाँव की। वो बचपन की यादों की वो पीपल की छांव की।। १.माँ की ममता के आँचल तले, कितने लाड़ प्यार से हम थे... Hindi · कविता 4k Share आर.एस. 'प्रीतम' 6 Dec 2016 · 1 min read कविता: भगवान का पता हमने लिखना खत चाहा,पर पता आपका पाया नहीं। हमने पूछा हर किसी से,पर किसी ने बताया नहीं।। १.हमने पूछा फूलों से,फूल मुस्क़रा दिए। हमने पूछा तारों से,तारे टिमटिमा दिए। हमने... Hindi · कविता 1 724 Share आर.एस. 'प्रीतम' 5 Dec 2016 · 2 min read हास्य-कविता: गधा गधा ही रहता है मास्टर जी पढ़ा रहे थे,एक बच्चे पर चिल्ला रहे थे,अरे मूर्ख पढ़ता नहीं है,खेला करता है। तू मुझे जानता नहीं, मुझे पहचानता नहीं, मैं गधे को आदमी बना सकता हूँ।... Hindi · कविता 4k Share आर.एस. 'प्रीतम' 5 Dec 2016 · 1 min read कविता:क़िताबें जब आदमी के हाथ में आती हैं क़िताबें। तब आदमी को आदमी बनाती हैं क़िताबें।। १.पढ़कर इन्हें कोई चाँद पर गया। कोई डाक्टर,कोई इंज़ीनियर बन गया। फ़र्श से अर्श की... Hindi · कविता 363 Share आर.एस. 'प्रीतम' 5 Dec 2016 · 1 min read ??नाज़ों की दुनिया?? सभ्य बनो,शिक्षित बनो,यही है नाज़ों की दुनिया। ज्ञान के फूलों से महकती है समाजों की दुनिया।। कुछ ऐसे कर्म करो कि दुनिया में नाम रहे अमर! सजती रहे दुनियां में... Hindi · कविता 234 Share आर.एस. 'प्रीतम' 4 Dec 2016 · 1 min read ??मालिक का नूर है कन्या?? मालिक ने नूर बख़्शा कन्या की फितरत से। मानव मिटा दिया तूने पुत्र की हसरत से।। अँधेरों में वो पली थी,उजालों में न ढ़ली थी। क्या बेटी थी इसलिए,हृदय में... Hindi · कविता 483 Share आर.एस. 'प्रीतम' 3 Dec 2016 · 1 min read कविता:प्रीतिभोज प्रीतिभोज का आयोजन,करता दिलों का समायोजन। प्यार की बहारों से खिलता है सदा दिले-चमन। प्यार से मिलना,प्यार से रहना,आनंद करता है उत्पन्न। विश्वास की दीवार इंसानियत को करती आई सदैव... Hindi · कविता 1k Share आर.एस. 'प्रीतम' 3 Dec 2016 · 1 min read परदेशी-परदेशी तुम जाना नहीं एक साहिब ने एक नौकर लगाया। नौकर ने अपना नाम परदेशी बताया। परदेशी ने ड्यूटी फर्ज ऐसा निभाया। चार दिन की छुट्टी मारी, एकदिन आफिस- को आया। साहिब को बहुत... Hindi · कविता 1 427 Share आर.एस. 'प्रीतम' 2 Dec 2016 · 1 min read नोटबंदी सियासत क्यों घबरा रही है। जब नोटबंदी चरमरा रही है। बडी मछलियां लज्जा रहीं हैं। गीत पागलपन के गा रही हैं।। शर्म धोखेबाजी से आ रही है। जनता हय्या ये... Hindi · कविता 491 Share आर.एस. 'प्रीतम' 2 Dec 2016 · 1 min read तेरी जुल्फ़ों का ज़ादू मैंने कहा श्री मान जी!तेरी जुल्फ़ों में तो ज़ादू है। श्री मानजी जी संवर उठे। चंदन-से बिखर उठे। सलमान-से निखर उठे। मैंने फिर से कहा---- श्री मान जी आपकी जुल्फ़ों... Hindi · कविता 772 Share आर.एस. 'प्रीतम' 1 Dec 2016 · 1 min read ??आज फिर भी?? जानते हैं वो मेरे दिल का हर राज फिर भी। देख छिप जाते शरमाकर वो आज फिर भी।। उनकी अदा का शौकीन हूँ मगर दाद न दूँगा। वैसे ही कम... Hindi · कविता 229 Share आर.एस. 'प्रीतम' 1 Dec 2016 · 1 min read ??घर से निकलकर देख लो?? तुझे चाहते हैं कितना,दिल में उतरकर देख लो। तेरे दीद की प्यासी आँखें,नज़रभरकर देख लो।। सागर की गहराई का किनारे से अन्दाज़ा नहीं लगता। तमन्ना गर मोती की है,मँझधार में... Hindi · कविता 379 Share आर.एस. 'प्रीतम' 30 Nov 2016 · 1 min read ??मुझे मार गए जानम ये तेरे बहाने?? दिल को तड़फाते हैं,ये तेरे बहाने। मुझे मार गए जानम,ये तेरे बहाने।। मैंने कहा तुमसे,घर मेरे आ जाना। ना-ना करने लगे पर,ये तेरे बहाने।। मैंने कहा तुमसे,राह में मिल जाना।... Hindi · कविता 251 Share आर.एस. 'प्रीतम' 30 Nov 2016 · 1 min read ??एक बात छोटी-सी?? हम बताते हैं,.... एक बात छोटी सी। फूलों की हँसी में है जो सौग़ात छोटी सी।। जीवन में अँधेरा है तो उजाला भी होगा। आएगी सुबह......है ये रात छोटी सी।।... Hindi · कविता 321 Share आर.एस. 'प्रीतम' 30 Nov 2016 · 1 min read ??तुझे याद करते-करते?? आँखों का समन्दर बह गया तेरी राह तकते-तकते। तेरे दीद को तरसी हैं आँखें,हाय! आह भरते-भरते।। देखते-देखते चाँद को सारी रात गुज़र गई। आँखों में न आई नींद तुझे याद... Hindi · कविता 244 Share आर.एस. 'प्रीतम' 30 Nov 2016 · 1 min read ??सरकार तुम्हारी आँखों में?? सजा है जन्नत का दरबार तुम्हारी आँखों में। खोया हुआ हूँ मैं तो सरकार तुम्हारी आँखों में।। कोई मंदिर,मस्ज़िद,गिरजा,गुरुद्वारों में खोजे। मुझे हो गया कुदरते-दीदार तुम्हारी आँखों में।। पर्वत से... Hindi · कविता 363 Share आर.एस. 'प्रीतम' 29 Nov 2016 · 2 min read "देश के हालत" "देश के हालत"--कविता ------------------------------ मेरे ख़्याल से ऐसे बिखरा है- मेरा देश जैसे बच्चा क़िताबें- इधर-उधर कर दे। क़त्ल कर क़ातिल किसी शख़्स का ग़वाह-ए-वारदात से सज़ा- मुख़्तसर कर दे।।... Hindi · कविता 488 Share आर.एस. 'प्रीतम' 28 Nov 2016 · 1 min read --तेरी गली से गुज़रेंगे-- तेरी गली से गुज़रेंगे तो तेरा प्यार देखेंगे। तेरी शख़्सियत को आज़माकर यार देखेंगे।। जानते हैं देख हमें दरवाज़ा बंद कर लोगे। खटखटाकर फिर भी हम बार-बार देखेंगे।। लबों से... Hindi · कविता 1 356 Share Previous Page 6