सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2758 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 47 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Apr 2020 · 1 min read दीवाना दीवानी ****दीवाना-दीवानी****** ********************** बीत गई घड़ी बहुत सुहानी दीवाने संग रहती थी दीवानी दिल में थे प्रेम के अफसाने मनमोहिनी सूरत के दीवाने चंदा की मूरत थी वो दीवानी दीवाने संग... Hindi · कविता 352 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Apr 2020 · 1 min read सफर कट जाएग *******सफर कट जाएग******** ***************************** छाया तम का साया मिट ही जाएगा प्रेमगीत गाएंगे,अंधेरा छंट ही जाएगा सदा सोचो उजाले की तम निश्चेष्ट हो उजाले का जो पहरा,दीप जल पाएगा दुख... Hindi · कविता 2 204 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Apr 2020 · 1 min read परवाना रूठ गया *******परवाना रूठ गया********* ****************************** हम से तो लगे सारा जमाना रूठ गया जो था सबसे प्यारा मस्ताना रूठ गया रहगुजर का साथी आस्तीन का सांप छोड़ तन्हाई में तन्हा दीवाना... Hindi · कविता 338 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Apr 2020 · 1 min read इंसान रूपी भगवान **इंसान रूपी भगवान** ****************** ना आव देखा ना ही ताव खेल दिया जान का दांव छोड़ छोटे छोटे घर बच्चे करते आकर बीच बचाव करते नहीं जान परवाह रोगी का... Hindi · कविता 1 2 304 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Apr 2020 · 6 min read मेरी प्रेम गाथा अंतिम भाग (13) प्रेम कहानी अंतिम भाग(13) जैसा कि पिछले अंक में बताया था कि परी विद्यालय में चली गई थी और मैं लखनऊ म्यूजिक महविद्यालय में चला गया था।विद्यालय जा कर उसने... Hindi · कहानी 514 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Apr 2020 · 1 min read समाज के ठेकेदार चूर चूर कर डाले रिश्ते समाज के ठेकेदारों ने खुद के दोष रहे छिपाए लगे औरों को उछलाने में भावहीन भयमुक्त हो गए लगे औरों को धमकाने में छोटों को... Hindi · कविता 2 445 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Apr 2020 · 1 min read बदली जीवन रेखा है बदली जीवन रेखा है *************** जब से तुम्हें देखा है बदली जीवन रेखा है फिरते थे मारे - मारे मायूस थे बिन तुम्हारे हसीन ख्वाब देखा है बदली जीवन रेखा... Hindi · कविता 301 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Apr 2020 · 1 min read फूलों में गुलाब ***फूलों में गुलाब*** ***************** तुम फूलों में गुलाब हो मेरे ख्वाबी नकाब हो यौवन तेरा भरा - भरा तुम खिलता शवाब हो मयकशी शरबती आँखें आसुओं का सैलाब हो तनबदन... Hindi · कविता 239 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Apr 2020 · 1 min read भोलू का विवाह ***भोलू का विवाह***** ******************** भोलू का रख दिया विवाह विवाह भोलू की थी चाह गांव में डंका सा बज गया भोलू का विवाह रख दिया साई सप्पे भी पक्के हो... Hindi · कविता 1 3 349 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Apr 2020 · 5 min read मेरी प्रेम गाथा भाग 12 प्रेम कहानी भाग 12 सर्दियों की छुट्टियाँ बीत जाने के बाद परी ग्याररहवीं कक्षा की पढ़ाई हेतु नवोदय विद्यालय चली गई थी और मेरा लखनऊ म्यूजिक कॉलेज में फर्स्ट ईयर... Hindi · लघु कथा 323 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Apr 2020 · 1 min read अंजनी पुत्र हनुमान ***अंजनी सुत हनुमान***** *********************** पवन पुत्र हनुमान की जय हो अंजनी सुत हनुमंत की जय हो जब जब जग में विपदा है आई राम सेवक की तब याद है आई... Hindi · कविता 1 2 400 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Apr 2020 · 1 min read तोड़ो चक्रव्यूह **********तोड़ो चक्रव्यूह************ ********************************* धर्म ,जाति ,क्षैत्र भेदभाव का तोड़ो चक्रव्यूह आओ मिलजुलकर बनाएं इंसानी जन समूह खामख्वाह की कृति में क्यों ऊर्जा करें व्यर्थं ऊर्जा संचारित कर मानव जन बनाएं... Hindi · कविता 428 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Apr 2020 · 1 min read दोहरापन **********दोहरापन******** ************************* दिखावा होता सदा बड़ा खर्चीला अन्दर खाली बाहर चमके पतीला प्रदर्शन ने यह दुनिया अपंग बनाई बाहर चमक दमक अन्दर से ढीला बनावटीपन में इंसानियत चर हुई मानवता... Hindi · कविता 1 2 405 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Apr 2020 · 1 min read हमसफर हमसाया ****हमसफर हमसाया**** *********************** मेरा हमसफर मेरा हमसाया है बड़ी जद्दोजहद से प्रेम पाया है शिद्दत से जी भरके जिसे चाहा देर से ही आखिर दिन आया है प्रेम होता है... Hindi · कविता 1 2 286 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Apr 2020 · 5 min read मेरी प्रेम गाथा भाग 11 प्रेम कहानी भाग 11 परी और मेरी बॉर्ड की परीक्षाएं हो चुकी थी ,मित्र परिणाम शेष था।मैं अपने प्रिय नवोदय को छोड़ कर आ चुका था और परी वहीं पर... Hindi · कविता 539 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Apr 2020 · 1 min read मानव विकार *********मानव विकार********** ***************************** अहम वहम मनोरोग से मानव मन ग्रस्त आत्मविश्वास हथियार से हो जाता पस्त मानव मन मे अंदर पैदा करती है विकार मानव मानवीय मूल्य का करती हैं... Hindi · कविता 3 447 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Apr 2020 · 6 min read मेरी प्रेम गाथा भाग 10 प्रेम कहानी भाग 10 ********* और इस तरह नवोदय की यात्रा करते हुए मैं अब विद्यालय के अंतिम गंतव्य यानि नवोदय की अंतिम कक्षा बारहवीं का छात्र था और फरी... Hindi · कहानी 261 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Apr 2020 · 2 min read दूध और चाय की प्याली दूध और चाय की प्याली ******************** दूध और चाय की प्याली जंग छिड़ गई बहुत भारी दूध की प्याली यूँ बोली कान कर सुन चाय प्याली रंग में काली कलोटी... Hindi · कविता 2 607 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Apr 2020 · 1 min read घरवाली बाहरवाली *****घरवाली बाहरवाली****** ************************** आजादी में बंधन,बंधन में आजादी प्रेमिका से प्रेम करें, पत्नी से शादी पत्नी और प्रेमिका में अन्तर इतना जायज और नाजायज में है जितना सोच कभी कहीं... Hindi · कविता 2 2 908 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Apr 2020 · 1 min read प्रेम *********प्रेम*********** *********************** प्रेम ही निष्ठा हैं, प्रेम प्रतिष्ठा है प्रेम सम्मान है,प्रेम इम्तिहान है प्रेम इन्तजार है,प्रेम इजहार है प्रेम इकरार है,प्रेम ही इंकार है प्रेम तकरार है,प्रेम ही करार... Hindi · कविता 2 214 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Apr 2020 · 1 min read क्यों रोता है क्षण क्षण **क्यों रोता है क्षण क्षण** ******************** पल पल हर पल क्षण क्षण दिल रहे अशान्त क्षण क्षण शालीनता का वास है नहीं रहने लगा उदास क्षण क्षण संतुष्ट स्तर नित्य... Hindi · कविता 500 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Apr 2020 · 1 min read प्रेम प्रस्ताव *********प्रेम प्रस्ताव******* ************************* प्रेम प्रस्ताव जब स्वीकार होता है प्रेम का तीर दिल के पार होता है प्रेम भाषा कठिन समझ ना आए दिन में तड़फाती,रात को जगाए समझ आए... Hindi · कविता 2 251 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Apr 2020 · 1 min read होगा जन कल्याण *******होगा जन कल्याण******** ***************************** दीवाली सी बीती गई काली बोली रात जन गण ने दीप जला रोशन कर दी रात दीपशिखा लौ से जगमग सब गांव शहर जन मन अन्दर... Hindi · कविता 641 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Apr 2020 · 10 min read मेरी प्रेम गाथा भाग 9 प्रेम कहानी भाग 9 नवोदय विद्यालय में ग्रीष्मकालीन अवकाश हो गए और विद्या के अन्य विद्यार्थियों की भांति मैं भी अपने घर माँकी ममतामयी हाथों की रोटियां खाने घर आ... Hindi · कविता 298 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Apr 2020 · 1 min read कोरोना यौद्धा सम्मान ***कोरोना योद्धा सम्मान*** *********************** कोरोना योद्धाओं सम्मान में दीपक जलाएं निज मकान में अन्धेरे में प्रकाश जगाया है एकता का सन्देश पहुंचाया है तम में जुगनुओं से चमकते थे घर... Hindi · कविता 457 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Apr 2020 · 1 min read प्रेम गीत *********प्रेम गीत********** ************************* हम तेरे बिन कहीं रह नहीं सकते तुम बिन अब हम जी नहीं सकते जब से मिले हो ,हो गए हो अपने दिन-रात लें अब तुम्हारे ही... Hindi · कविता 1 283 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Apr 2020 · 1 min read आँखें भर आई हैं ****आँखें भर आई हैं***** ********************** आज दिल में तन्हाई छाई है लगता अपनों की रुसवाई है अपना जाए दिल दुखता है दुखदायी आज घड़ी आई है अकेलापन सदा लोचता है... Hindi · कविता 205 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Apr 2020 · 1 min read कोरोना मुक्ति मंत्र *********कोरोना मुक्ति मंत्र********* ******************************** लॉकडाऊन अभियान को सफल बनाओ कोरोना उन्मूलन तुम उपहारस्वरूप पाओ लॉकडाऊन की अगर धज्जियाँ उड़ाओगे निज को आइसोलेशन वार्ड में तुम पाओगे कोरोना वायरस की रक्त... Hindi · कविता 216 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Apr 2020 · 1 min read श्रद्धा रूप ***********श्रद्धा-रूप************* ******************************** आओ तुम्हे बताता हूँ, श्रद्धा रूप प्रकार कैसे - कैसे जन मन में आए श्रद्धा विचार जब जन मन अंदर दिखाने का भाव आए जन का ये दिखावा... Hindi · कविता 1 271 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Apr 2020 · 6 min read मेरी प्रेम गाथा भाग 8 प्रेम कहानी भाग 8 और इस प्रकार भय,बेईज्ज़ती और बदनामी के साये तले दसवें की परीक्षा अच्छे अंक अर्जन से उतीर्ण कर लु थी और विद्यालय की सबसे मस्त और... Hindi · कहानी 317 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Apr 2020 · 1 min read जमाने के संग तुम बदलो *********जमाने के संग तुम बदलो********* ************************************** कोई मुर्ख समझता हैं, तो कोई अज्ञानी मुझे समझे कोई भोला समझता हैं, तो कोई अंजान मुझे समझे लोगों की समझ तो देखो,मुझे क्या... Hindi · कविता 2 278 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Apr 2020 · 1 min read जागकर बीताई हर रात पूछेगा जागकर बीताई हर रात पूछेंगे ************************ जब मिल कर साथ साथ बैठेंगे बहुत बाते शेष साथ साथ करेंगे बहुत कुछ बाते अपनी सुनाएंगे कैस गुजारे दिनरैन हम बताएंगे दिल में... Hindi · कविता 208 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Apr 2020 · 1 min read आमर सिंह चमकीला अमर सिंह चमकीला ***************************** अमर सिंह चमकीला कमाल कर गया गायिकी में अमर अपना नाम कर गया 1. दुगरी का धनी राम जो बहुत था गरीब मगर आमजन दिल के... Hindi · कविता 316 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Apr 2020 · 1 min read रात्रि को दीपक जगाना है रात्रि को दीपक जलाना है ******************** रात्रि को दीपक जलाना हैं कोरोना जड़ से मिटाना है दीया ,मोमबत्ती या टॉर्च से तम में उजियारा जगाना हैं कोरोना वैश्विक महामारी है... Hindi · कविता 467 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Apr 2020 · 1 min read लॉकडाऊन में लव बर्डस लॉकडाऊन में लव बर्डस †****************** सदैव रॉकडाऊन हो जो रहते थे लव बर्डस प्रेममयी क्रियाओं और क्रीड़ाओं में लीन-विलीन अनुराग आनन्द अनुभूति अनुग्रहण में व्यस्त हो व्यतित करते यौवन काल... Hindi · कविता 237 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Apr 2020 · 1 min read दियासलाई और मानव दियासलाई और मानव ****************** माचिस की डिबिया में बंद दियासलाइयों सा है मानव चरित्रों का कर्म जैसे एक ही डिब्बी में बंद वो दियासलाइयां एक एक कर के क्रियाशील हो... Hindi · कविता 395 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Apr 2020 · 1 min read गैरतमंद कहाँ हमे मिले गैरतमंद कहाँ हमें मिले ****************** व्यवधान पैदा हैं करते समाधान कहाँ से मिले काँटो में रहते हम सदा बातें काँटों की हम करें बागों से फूल तोड़ते हार फूलों के... Hindi · कविता 573 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 3 Apr 2020 · 1 min read अंग संग रहेु अंग संग रहेंगे सदा ************** दिल की यही सदा होंगे कभी ना जुदा मौसम जैसा भी हो जिएंगे जीवन अदा मुश्किलें गर आएंगी डट कर लड़ेंगे सदा कैसी भी हो... Hindi · कविता 194 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Apr 2020 · 1 min read घर घर में अब विभिषण सारे लोग हो गए घर घर में अब विभिषण सारे लोग हो गए ******************************* मर्यादा पुरुषोत्तम राम जग से लोप हो गए घर घर में अब विभीषण सारे लोग हो गए राजा दशरथ जैसे... Hindi · कविता 2 733 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Apr 2020 · 1 min read कोरोना आया भारत में हैरान हो गया कोरोना आया भारत में हैरान हो गया ****************************** कोरोना आया भारत में हैरान हो गया देख रंग - ढंग भारतीय परेशान हो गया यहाँ पर धार्मिक,जातीय सीमाएं बहुत हैं हिन्दू-मुश्लिम... Hindi · कविता 1 2 169 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2 Apr 2020 · 1 min read घर मैं हूँ जैसे पड़ा समान प्रिये घर में हूँ जैसे पड़ा समान प्रिये *********************** तेरे दर पर रहूँ मैंदिन रात प्रिय तेरी सुनता रहूँ मैं हर बात प्रिये यारों संग छूट गए हैं साथ प्रिये तेरे... Hindi · कविता 516 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Apr 2020 · 8 min read मेरी प्रेम गाथा भाग 5 मेरी प्रेम गाथा भाग 5 ******************* मेरा हर दिन इसी तरह की दिनचर्या में से होकर गुजरता था। जन्माष्टमी का पर्व आने वाला था जिसे हम हम लोग बहुत धूम... Hindi · कहानी 1 446 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Apr 2020 · 1 min read बंदिशों में बंद घर मकान हो गया बंदिशों में बंद घर मकान हो गया ************************ घर में बैठ बन्द बुरा हाल हो गया बन्दा था काम का बेकार हो गया फुर्सत ए लम्हें, यार ना मिल पाते... Hindi · कविता 356 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 Mar 2020 · 1 min read बेअसर नीतिगत बेअसर नीतियां ************ नहीं होता है किसी सुझाव का कोई असर जब भूख का हो पेट पर असर कानून,भाषण और प्रभावमयी प्रवचन हो जाते हैं तब भूखों के लिए बेअसर... Hindi · कविता 1 235 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 Mar 2020 · 1 min read अनगर्जियाँ अनगर्जियाँ *********** 1 खुद को संवारा गैरों को बिगाड़ा ले डूबी हैं तुझे वो तेरी खुदगर्जियाँ 2 किसी की ना मानी सदा की मनमानी तेरे हाल की गवाह वो तेरी... Hindi · कविता 2 204 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 Mar 2020 · 7 min read मेरी प्रेम गाथा भाग 4 मेरी प्रेम गाथा भाग 4 ******************* प्रियांशु त्रिपाठी का जवाब सुनकर मेरे मन में हताशा आ गई थी और दिल का चैन उड़ गया था।लेकिन वह तो अनभिज्ञ थी कि... Hindi · कहानी 487 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 Mar 2020 · 1 min read गरीबों की बेच बोटियां बोटियां गरीबों की बेच बोटियां बोटियां *********************** कितनी सस्ती हो गई है गरीबी संकट में भाग जाते हैं करीबी भूख में अगर कोई दे निवाला खींच फोटो निकालते दिवाला लूटते लोगों... Hindi · कविता 249 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Mar 2020 · 1 min read नदी किनारे छोटा सा गांव हो नदी किनारे छोटा सा गांव हो ************************ नदी किनारे छोटा सा गांव हो पेड़ पौधों की हरी भरी छांव हो गांव में छोटा सा घर संसार हो घर में बसता... Hindi · कविता 2 576 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Mar 2020 · 1 min read यादों के सहारे जिंदगी है कटती यादों के सहारे जिंदगी है कटती ************************ आफतें हैं जिंदगी तबाह करती यादों के सहारे जिंदगी है कटती जब होते सामने,कोई मोल नहीं पीछे से ही दुनिया,है याद करती कट... Hindi · कविता 408 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Mar 2020 · 1 min read मेरी प्रेम गाथा भाग 3 मेरी प्रेम गाथा भाग 3 ************************** आखिर कुछ दिन बाद वो दिन भी आ गया जिस दिन का बेसब्री से इंतजार था,उसका जन्मदिन। एक दिन पूर्व ही शाम को असेंबली... Hindi · कहानी 283 Share Previous Page 47 Next