सुखविंद्र सिंह मनसीरत 2758 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 41 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Aug 2020 · 1 min read मेरी अर्द्धांगिनी ********* मेरी अर्द्धांगिनी *********** ******************************** आज के दिन ही जन्मी थी मेरी अर्द्धागिनी खूबसूरत हैं वो बलां की मेरी अर्द्धांगिनी सुख दुख की साथिन है मेरी हर घड़ी की चोट... Hindi · कविता 2 1 360 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Aug 2020 · 1 min read यह इश्क नहीं आसान ******* यह इश्क नहीं आसान ****** ******************************* यह इश्क नहीं है आसान बहुत रूलाता है तड़फा कर निकाले जान बहुत रूलाता है तारे गिन गिन के नहीं कटती काली रात... Hindi · कविता 1 1 324 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Aug 2020 · 1 min read बाबा रोशन धन धन बाबा रोशन जी ****************** धन धन बाबा रोशन जी तेरी महिमा है अपरंपार सारे जग दा तू रखवाला गुण गांवदा सारा संसार जग नूँ तारण सी आया दुखियाँ... Hindi · कविता 2 2 279 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Aug 2020 · 1 min read होई जै बैड़ा पार **बरादरिया का होईजै बेड़ा पार** *************************** सुनी लो भाइयो और सुनी लो यार काहें को आपसां में करी रै तकरार चार दिनां की जिन्दड़ी सारी हैगड़ी मिली जुली कै करिलौ... Hindi · कविता 1 210 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Aug 2020 · 1 min read रक्षाबंधन का त्योहार **रक्षाबंधन का त्योहार*** ********************** बहना भाई का हैं त्योहार रक्षाबन्धन का है त्योहार संग में खेले संग मे खाये प्रेम प्यार भरे दिन थे बिताये कभी रूठें तो कभी मन... Hindi · कविता 2 2 479 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Aug 2020 · 1 min read मुंशी प्रेमचंद उपन्यासकार कहानीकार मुंशी प्रेमचंद ***************************** करूँ शत शत नमन मुंशी प्रेमचंद को साहित्य के कर्णधार मुंशी प्रेमचंद को माता आनंदी की कोख से जन्म पाया मुंशी अजायबराय था पिता का... Hindi · कविता 1 549 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 Jul 2020 · 1 min read भांतु बरादरी उठाइलो ***** भांतु बरादरी उठाइलो ***** **************************** करी लो शुकराना बाबे रोशना का भांतुवों पर मेहरबान बाबे रोशना का करि दिये कट्ठे. बिखरोड़े कोमां को वारी वारी जांगड़ै बाबे रोशना का... Hindi · कविता 1 439 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 31 Jul 2020 · 1 min read राखी का त्योहार राखी त्योहार *********** १ रक्षाबंधन प्यार का त्योहार भाई बहन २ श्रावण मास पुर्णिमा को है आए राखी तयोहार ३ थाली सजाए रोली कुमकुम से टीका लगाए ४ बांधे कलाई... Hindi · हाइकु 1 310 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 30 Jul 2020 · 1 min read भाव ********* भाव ********* ********************** मनोविचार से बनता है भाव बातों से ही संवरता है भाव शेयर मार्केट सा हाल होता है बढ़ता और घटता रहता भाव मन में पैदा जब... Hindi · कविता 273 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक बोध ************* मुक्तक बोध *********** दिल को भा गया सनम तेरा यूँ शररमा जाना बेइंतहा प्यार मैं करुं देखता रहता है जमाना मुकम्मल जहां किसी को कभी भी नहीं मिला फ़लक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 223 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Jul 2020 · 1 min read धूँए की आँच से ****** धूँए की आँच से ******** *************************** दम सा घुटने लगा धूँए की आँच से सिर चकराने लगा धूँए की आँच से नाक,आँख,कान से आने लगा पानी मन घबराने लगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 190 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Jul 2020 · 1 min read मृत्तिका ******मृत्तिका***** ***************** माटी में है जन्म लिया माटी में है खेला कूदा माटी में ही रच बस के माटी में ही सिमट लिया मिट्टी से खिलौने बनाए उनसे निज मन... Hindi · कविता 2 396 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Jul 2020 · 1 min read भांतु समाज जिन्दाबाद *****जिन्दाबाद भांतु समाज***** *************************** यो म्हारा भांतु समाज जिन्दाबाद जिन्दाबाद यो म्हारा भांतु समाज कहीगे वड्डे वडेरे यो सारियां बातां किदा गुजारियाँ थियाँ कालियाँ राता नाहीं बदले हैगड़े म्हारे रिति... Hindi · कविता 1 604 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Jul 2020 · 1 min read दो शब्द ****** दो शबद ******** ********************* दो शब्द सुन लो तुम प्यार से दो शब्द कह लो तुम प्यार से पहला बोले और दूसरा सुने दूसरा बोले और पहला सुने दो... Hindi · कविता 1 353 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Jul 2020 · 1 min read सैलाबी कर लेता नैया पार ***सैलाबी कर लेता नैया पार*** ************************** जल जीवन का है अमूल्य उपहार वन, वन्य, धान्य,प्राणी का आधार जब धारता है कभी रूप विनाशक सैलाब बन के देता धन जन संहार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 370 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Jul 2020 · 1 min read शिक्षक हूँ शिक्षण की चिंता सता रही शिक्षक हूँ ,शिक्षण की है चिंता सता रही ******************************* शिक्षक हूँ , शिक्षण की चिंता सता रही बंद पड़े हैं शिक्षालय यह स्थिति बता रही आदतन मुंह से निकलते शिक्षाप्रद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 411 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Jul 2020 · 1 min read मोती माला बिखर जाती है *मोती माला बिखर जाती है* ********************** जब प्यार की आँधी आती है बेचैनी बढ़ा कर जाती है रिद्धि,सिद्धि कहीं पे खो जाए बुद्धि लब्धि शून्य हो जाती है संवेदना से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 151 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Jul 2020 · 1 min read मयनोशी सी आँखों के है क्या कहने मयनोशी सी आँखों के हैं क्या कहने *************************** मयनोशी सी आँखों के है क्या कहने नैनों के अफसानों के हैं क्या कहने नैन कटोरे जैसे मदिरा के प्याले आसव रूपी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 490 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Jul 2020 · 1 min read मौकोंपर व्यापार होते है ंंव ****मौकों पर व्यापार होते हैं***** **************************** कहने को तो दो और दो चार होते हैं पुरानी शराब से प्यारे यार होते है फूलों से खुशबू जुदा हो नहीं सकती भौरें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 439 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Jul 2020 · 1 min read दबी दबी सी बंद जुबान है *** दबी दबी सी बंद जुबान है *** *************************** दबी दबी हुई सी बंद हर जुबान है चलने वाली हर रहगुजर सुनसान है खोया हर कोई अपनी अपनी धुन में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 395 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Jul 2020 · 1 min read Keep the life in motion Keep The Life in Motion ************************* Sensitivity of emotions Keep the life in a motion Happiness and sadness Important life's notions Having no way to survive Just to have precautions... Hindi · कविता 1 2 416 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Jul 2020 · 1 min read खिले फूल मुरझाने लगे **खिले फूल मुरझाने लगे** ********************** खिले थे फूल हैं मुरझाने लगे भौंरें घर को लौट जाने लगे दिलबर सुदूर, हों प्रत्यावर्तन हद से ज्यादा याद आने लगे नभ में छाये... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 228 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Jul 2020 · 1 min read मातृभाषा हिंदी *** मातृभाषा हिंदी *** ****************** औरत के माथे की बिंदी लुप्त हो रही भाषा हिंदी अंगेजी से शोषित हुई जन गण मातृभाषा हिंदी मधुरिम मधुर है रसभरी भारतवर्ष की भाषा... Hindi · कविता 1 2 462 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Jul 2020 · 1 min read घोड़ी कभी चढ़ना नहीं घोड़ी कभी चढ़ना नहीं ***************** तेरे बिना जीना नहीं तेरे बिना मरना नहीं राह में चाहे फूल हों तेरे बिना चलना नहीं परियाँ चाहे हमें मिले तेरे बिना बढ़ना नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 239 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Jul 2020 · 1 min read खाली बादलो से क्यों घुमड़ रहे हो *खाली बादलो से क्यों उमड़ रहे हो* **************************** मौसम की तरह तुम यूँ बिगड़ रहे हो बिन बात के गलत राह पकड़ रहे हो हाल ए दिल मजाज है रुसवां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 448 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Jul 2020 · 1 min read तीज महोत्सव ******* तीज महोत्सव ******* ************************** भारत देश में मनाएं उत्सव अनेक तीज महोत्सव भी हैं उनमें से एक सावन मास तृतीय शुक्ल पक्ष आए खुशियों भरा तीज त्यौहार हैं मनाएं... Hindi · कविता 2 1 533 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Jul 2020 · 1 min read शब्द तीर ******* शब्द तीर ******* ********************** जब सीधे मन लगते शब्द तीर आर पार हो जाते शब्द तीर अखियों से खूब बहता है नीर जब सीने में चुभते शब्द तीर जख्म... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 249 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Jul 2020 · 1 min read याद आते हो तुम ****** याद आते हो तुम ****** ************************** वक्त से बेवक्त याद आते हो तुम दिलोदिमाग में छाये रहते हो तुम आँखों में नींद नहीं दिल है बेचैन काली सी रातों... Hindi · कविता 2 1 615 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Jul 2020 · 1 min read कैसे गाँए गीत मल्हार *** कैसे गाँए गीत मल्हार *** ************************* कोरोना वायरस की झेलें मार दुनिया भर में मच गया हाहाकार जन जन में हो रही चीख चित्कार भला हम कैसे गाँए गीत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 191 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Jul 2020 · 1 min read शब्दबाण से परेशान ******* शब्दबाण से परेशान ******* ****************************** शब्दबाण करते परेशान , तड़फते रहे तनिक तन में रही नहीं जान,तड़फते रहे तीखे तीखे तीर तन - मन चीरते रहते दिल के अंदर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 4 456 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Jul 2020 · 1 min read बिटिया है होती कोहिनूर का हीरा बिटिया है होती कोहिनूर का हीरा ************************* बिटिया है होती कोहिनूर का हीरा जाऊँ बलिहारी कोहिनूर का हीरा भोली सी सूरत दिखती जैसे मूरत दौलत है सारी कोहिनूर का हीरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 451 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Jul 2020 · 6 min read निबंध 1 ***********लॉकडाऊन के मध्य जीवन ********* **************** निबंध******************** ***************************************** कुदरत या बीमारी का जब बरसता कहर, तबाह हो जाते है तब बड़े शहर के शहर। कोरोना वायरस के प्रभाव के... Hindi · लेख 1 2 414 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Jul 2020 · 1 min read एक दिन मंजिल मिल जाएगी एक दिन मंजिल मिल जाएगी *********************** हौसलें कभी भी ना हो पस्त चाहे दिनकर जाए हो अस्त चिता सी चिन्ताएँ भी त्यागिए मस्ती में तुम रहो सदैव मस्त अर्जुन सा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 573 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Jul 2020 · 1 min read नारी फिर भी महान है नारी फिर भी महान है ***************** समाज पुरुष प्रधान है नारी फिर भी महान है अन्दर से सदैव सड़ती घुट घुट हैं रहती मरती बातें हैं दिल में रखती रहती... Hindi · कविता 3 1 178 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Jul 2020 · 1 min read रा दी सियासत बदल के ******* रख दी सियासत बदल के ******** *********************************** सियासतदानों ने रख दी सियासत बदल के सच्ची राजनीतिक गाथा और रियासत बदल के जातिवाद और क्षेत्रवाद को हैं बढ़ावा मिल रहा... Hindi · कविता 5 2 214 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Jul 2020 · 1 min read बदल गया संसार ********** बदल गया संसार *********** *********************************** राहें बदली, सोच बदली ,बदल गया सभ्याचार अंबर में काली बदली बदली,बदल गया संसार दुनियादारी के कायदे , रंग , ढंग बदल गए शुरुआतें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 172 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Jul 2020 · 1 min read अंबिए कदो दा फेरा ******* अंबिए कदो दा फेरा ****** ***************************** रूहा न उदासियाँ अंबिए कदो दा फेरा अखां न प्यासियाँ अंबिए कदो दा फेरा माए नी मेरिए दस कित्थे लाया तू डेरा अखां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 339 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Jul 2020 · 1 min read चाँद तारे गवाह है **** चाँद तारे गवाह **** ******************** चाँद तारे सारे गवाह है तेरा मेरा हुआ निकाह है पेड़ पौधे खुशी से झुके है चलने लगी हवा पूर्वाह है लहरें किनारों से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 290 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Jul 2020 · 1 min read चाँद मिल गया ******* चाँद मिल गया ****** ************************* देखा जो तुझे तो चाँद मिल गया धरती पर मुझे तो चाँद मिल गया नभ का शशि फीका फीका है लगे बिना दुआ माँगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 226 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Jul 2020 · 1 min read तुमसे मेरी बनी पहचान है **तुमसे मेरी बनी पहचान है** *********************** सुहाना मौसम बेईमान है छाया मन मे ये घमासान है गमों के बोझ से दिल है बोझिल चेहरों पर दिखती मुस्कान है आँखो में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 2 386 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Jul 2020 · 1 min read कवि कुमार विश्वास **** प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास ****** ******************************* हिन्दी साहित्य का एक चमकता ध्रुव तारा नवरस का श्रृंगारिक कवि है सबसे न्यारा प्रवक्ता का बेटा प्राध्यापक पेशा अपनाया पिता के पदचिन्हों... Hindi · कविता 2 2 275 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Jul 2020 · 1 min read मोहरे बना देते हैं ****** मोहरे बना देते हैं ******** **************************** दिल में है क्या चेहरे बता देते हैं पल भर में वो मोहरे बना देते हैं मासूमियत सी है सदा रहती दिखती नाजायज़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 235 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Jul 2020 · 1 min read वगे मट्ठी मट्ठी पूर्वे दी हवा ***** वगे मट्ठी मट्ठी पूर्वे दी हवा ******* ******************************** वगे मट्ठी पट्ठी पूर्वे दी हवा वे सोहणया दिल दर्दां दी दस तां की है दवा वे सोहणया निकी निकी कणियाँ... Hindi · कविता 1 212 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Jul 2020 · 1 min read राजनीतिक मसले राजनीतिक मसले *************** ये राजनीतिक मसले होते हैं समझ से पार कब,कौन,किसका हो जाए कौन ,किसको है छोड़ जाए होती है जैसे बंद दुकान पर्दे के पीछे बिकता है ईमान... Hindi · कविता 1 2 251 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 15 Jul 2020 · 1 min read आम का पेड़ रे ********* आम का पेड़ रे ********** ******************************* घर आंगन द्वार बाहर लगा आम का पेड़ रे हरी भरी पार्क साथ सटा आम का पेड़ रे गुब्बारों से हैं दिखें पीले... Hindi · कविता 3 1 226 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Jul 2020 · 1 min read झींक आने लगी ***** झींक आने लगी ***** *********************** पौह की ठंड में वो बुलाने लगी मुझे सर्दी लगी जान जाने लगी उस वाक्या हम जिक्र कैसे करें शुरू करते शर्म सी आने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 258 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Jul 2020 · 1 min read रुत प्यार की ******** रुत प्यार की ******** *************************** आ गई है देखो फिर , रुत प्यार की प्रेमी परिंदों के पर , रुत प्यार की १ कस लीजिएगा कमर , रहे ना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 414 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक प्यार *********** मुक्तक (प्यार) ************ 1 दिल की बात जो समझे उसे दिलदार कहते है पीठ पर खंजर घोंपे उसे गद्दार कहते हैं जमाने की दीवारों से है जो टकरा जाए... Hindi · मुक्तक 2 3 378 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक जिंदगी *****मुक्तक (जिंदगी) ******* ************************* 1 वक्त के थपेड़ों ने मुझे बताया है जिन्दगी नहीं आसान ये सुझाया है सिर पर आए सफेद बाल ये कहते प्रेम से प्रेम ही मिलता... Hindi · मुक्तक 2 532 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Jul 2020 · 1 min read मुक्तक प्रेम ******** मुक्तक(प्रेम) ******** ************************** 1 हम जानते यह सब अज्ञानी नहीं हैं जानबूझ कर किया नादानी नहीं है टप टप जो बरसे नैनों से इस कदर आँखों से बहें आँसू... Hindi · मुक्तक 1 3 649 Share Previous Page 41 Next