Umesh उमेश शुक्ल Shukla 233 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Umesh उमेश शुक्ल Shukla 9 Apr 2022 · 1 min read नई लीक.... जो शख्स अपने अतीत से लेते हैं नहीं कोई सीख उनके हिस्से सदा आया करती पराजय की टीस पुरखों के अनुभवों की जो लोग करते हैं तिरस्कार इतिहास उनके हिस्से... Hindi · कविता 286 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 6 Apr 2022 · 1 min read मत पूछिए... कभी किसी युवा से मत पूछिए रोजगार की बात राजनीतिकों ने ही दी सदा उन्हें प्रतिकूलता की सौगात रोजगार के अवसर हो गए हैं अब गूलर के फूल की मानिंद... Hindi · कविता 166 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 3 Apr 2022 · 1 min read बाग बाग में... बाग बाग में आम खोजते बच्चों की छोटी बड़ी टोली खाली हाथ रहे बच्चों से दूजों की हंसी ठिठोली इमली पाने की खातिर ऊंचे पेड़ पर चढ़ जाना मिले फलों... Hindi · कविता 149 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 31 Mar 2022 · 1 min read सुनो हे इंद्रप्रस्थ सरकार ! सुनो हे इंद्रप्रस्थ सरकार! अब महंगाई है अपरंपार रोटी.दाल औ सब्जी सब पर महंगाई का भूत सवार डीजल.पेट्रोल के मूल्य कर रहे हैं सबका जीना दुश्वार दीनदयाल की कसम तुम्हें... Hindi · कविता 1 2 165 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 23 Mar 2022 · 1 min read नश्वर है यह जगत नश्वर है यह जगत सबको है आभास फिर भी धन संग्रह में जुटे सभी लोग सायास साथ नहीं कुछ भी जाएगा चाहे जितना लगा ले जोर इतना सब कुछ जानकर... Hindi · कविता 176 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 22 Mar 2022 · 1 min read लेखनी से न्याय औरों को जो दे सके कुछ सार्थक संदेश गाने में भी आसान हो रस कुछ मिले विशेष मानव मन को कुरेद दें पीड़ा से कराएं साक्षात्कार अंतर्वेदना को शब्दों में... Hindi · कविता 1 2 310 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 18 Mar 2022 · 1 min read हे कान्हा हे कान्हा करना कृपा तन. मन रहे खुशहाल प्रकृति को सदा निरख परख होता रहूं निहाल अपनी कृपा दृष्टि से देते रहना सन्मति मुझे मुरारी तेरी महिमा गाके निर्विघ्न गुजरे... Hindi · कविता 315 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 18 Feb 2022 · 1 min read किसानों का दर्द किसानों का दर्द सुनने से जो करते रहे इंकार अबकी चुनाव में उनकी नैया डूबेगी बीच मझधार झूठे वायदों और दावों के साथ अब घूम रहे गांव गांव पर जनता... Hindi · कविता 436 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 17 Feb 2022 · 1 min read जुमलों के सब सौदागर... जुमलों के सब सौदागर कब चाहें जन कल्याण सिर्फ ढिंढोरा पीटना ही इन सबका लक्ष्य प्रधान भलीभांति मालूम उन्हें है अपनी रणनीतिक खामी फिर भी जनता के बीच में बनें... Hindi · कविता 223 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 9 Feb 2022 · 1 min read जनता भी याद रखती है... नेता अब सभी परोस रहे हैं आंकड़ों के कुरकुरे बताशे मगर जनता भी याद रखती है अस्मिता से जुड़े तमाशे जनता ही जनार्दन है शायद इस सत्य को गए सब... Hindi · कविता 372 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 6 Feb 2022 · 1 min read लताजी को नमन जिनके स्वरों के मुरीद रहे पूरे भारत के नर औ नारी संगीत क्षेत्र में रहा जिनका स्थान सदा औरों पर भारी माँ सरस्वती की कृपा उन पर रही सदा सर्वदा... Hindi · कविता 2 2 201 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 2 Feb 2022 · 1 min read आज बहुत हलकान विप्र धेनु सुर संत सब आज बहुत हलकान झूठे दावे सुन सुनकर ही पक रहे इन सभी के कान सच सुनने के लिए अब राजनेता कहीं नहीं तैयार ऐसे में... Hindi · कविता 264 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 30 Jan 2022 · 1 min read यूपी क्यों रहा सदा फिसड्डी जन संसाधन में नंबर वन यूपी क्यों रहा सदा फिसड्डी राजनेताओं ने लूटपाट कर खोखली कर दी इसकी हड्डी आजादी के बाद से लोकतंत्र का यहाँ उड़ता रहा मखौल नेताओं... Hindi · कविता 434 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 28 Jan 2022 · 1 min read नेताओं की होगी पौ बारह यूपी के हर क्षेत्र में अब है विधानसभा चुनाव की धूम जनता को मोहने के लिए अनेक जादूगर रहे हैं घूम बातों और शब्द जाल से वो सब जुटा रहे... Hindi · कविता 210 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 24 Jan 2022 · 1 min read किसानों को रहना होगा बहुत सावधान धरतीपुत्रों के वजूद को जो कल तक पहुंचा रहे थे चोट वे मजबूरीवश उनके सामने हाथ फैला मागेंगे अब वोट मत और समर्थन पाने के लिए करेंगे वो खूब मनुहार... Hindi · कविता 258 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 22 Jan 2022 · 1 min read वर्चस्व की अजब होड़ लोकतंत्र में सभी राजनीतिक दलों में वर्चस्व की अजब होड़ चुनाव जीतने के लिए सब कर रहे दूजे दलों से बेमेल जोड़ तोड़ सब दिल में पाले हुए चुनाव जीत... Hindi · कविता 430 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 22 Jan 2022 · 1 min read भविष्य का रोडमैप सबके सामने भविष्य का रोडमैप अब साफ अपना भविष्य खुद चुनना है आत्मा करेगी न माफ चुनना है बेहतर सरकार अब रखना पूरा ध्यान जन जन की चैतन्यता ही बढ़ाएगी... Hindi · कविता 425 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 19 Jan 2022 · 1 min read खुराफात परिवारवाद का विरोध जो शख्स करते हैं दिन औ रात वे दूजों के परिवार में सेंध को मान रहे अपनी बड़ी करामात खुराफात और खुरपेंच को मान रहे हैं जो... Hindi · कविता 362 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 18 Jan 2022 · 1 min read स्वार्थ सिद्धि की काई चोला ओढ़ अब सज्जनता की कई पहुंच रहे चुनाव मैदान जिनकी करतूतों से कभी तंग रहे समाज के अनेक इंसान राजनीतिक दलों की दृष्टि पर जमी है स्वार्थ सिद्धि की... Hindi · कविता 609 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 17 Jan 2022 · 1 min read छुट्टा पशुओं से किसान रहे हलकान पांच साल तक छुट्टा पशुओं से सब किसान रहे हलकान अब वो ब्याज सहित चुकाएंगे जन प्रतिनिधियों का अहसान पशुओं के नाम पर होती रहीं राज्य में सदा घोषणाएं तमाम... Hindi · मुक्तक 2 240 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 12 Jan 2022 · 1 min read दल बदल का खेल यूपी के सियासी मंच पर जारी दल बदल का खेल सत्ता पर कब्जे को कर रहे नए सिरे से तालमेल सत्तानशीनों के हमकदम भी अब बदल रहे हैं पाला नुक्स... Hindi · कविता 179 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 12 Jan 2022 · 1 min read लोकतंत्र लोकतंत्र तभी और मजबूत हो जब निरंतर होते रहें बदलाव अन्यथा सत्ताधीश खुद को मान बैठते हैं भाग्यविधाता का पर्याय जनता के लिए मुफीद यही कि वो बदलती रहे सदा... Hindi · कविता 203 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 10 Jan 2022 · 1 min read मेघों की... मेरी राहें रोक सकती नहीं मेघों की झंकार लक्ष्य नयनों में रचे बसे पैरों में ऊर्जा का संचार Hindi · दोहा 397 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 9 Jan 2022 · 1 min read खास संदेश जाते जाते दे जाती है शाम इक खास संदेश अंधेरों से मत घबराना बढ़ते रहना बिना क्लेश Hindi · मुक्तक 354 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 7 Jan 2022 · 1 min read सब्र की जांच विरह वेदना दिल को कर देती है कमजोर तन और मन को भी खूब देती है झकझोर ईश्वर कृपा ही दूर रखती आप से विरह की आंच विरह की बेला... Hindi · कविता 252 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 6 Jan 2022 · 1 min read सदाशयता के मूल्य राजनीति के खेल से गायब हुए क्यों अब सदाशयता के मूल्य अधिकांश नेता अब तल्ख बातों से बिखेर रहे केवल शूल ही शूल नेताओं की कारगुजारियों से नित चकित हो... Hindi · कविता 1 352 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 31 Dec 2021 · 1 min read नेह की डोर सदा प्रबल ही बनी रहे नेह की डोर इत ऊत चहुंओर संबंधों में गर्मी और ऊर्जा कायम रहे बिना किसी शोर सदा सर्वदा काम आ सकूं मैं अपनों के हित... Hindi · कविता 325 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 28 Dec 2021 · 1 min read भटक रहा हर शख्स बेजार भव सागर में प्रारब्ध लेकर भटक रहा हर शख्स बेजार अनजाना सा राही ज्यों भटके पाने को अच्छा सा कोई करार अच्छे बुरे का फर्क भी हरेक को समझाता उसका... Hindi · गीत 419 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 27 Dec 2021 · 1 min read हे बांकेबिहारी सुन लीजिए... हे बांकेबिहारी सुन लीजिए ! निज भक्त की कातर पुकार बच्चों के जीवन पथ से स्वत: दूर हो जाएं कंटक औ गुबार मन मानस उनका रहे सदैव उत्साह और ऊर्जा... Hindi · कविता 219 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 26 Dec 2021 · 1 min read युवाओं को... युवाओं को लुभाने को बांट रहे आज राजनेता उपहार भूल गए वो युवा ही सदैव बहाते रहे बदलाव की बयार युवा सदा सर्वदा से रहा है बड़े बदलाव का पैरोकार... Hindi · गीत 154 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 26 Dec 2021 · 1 min read नेताओं की... नेताओं की बात कब कहां रही विश्वसनीय राजनीति में सक्रिय वही जो कभी रहे बड़े दयनीय सबसे फिसड्डी छात्र यहाँ सदा करता रहा राजनीति झूठ फरेब की फितरतों ने बनाया... Hindi · गीत 243 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 25 Dec 2021 · 1 min read सही राह पर रहें सदा मेरे जज्बात सनातनी परिवार में जन्म दे ईश्वर ने किया उपकार सारी दुनिया को मानते हैं मेरे पुरखे अपना परिवार सर्वे भवंतु सुखिन: मंत्र का हम करते हैं निरंतर जाप फिर भी... Hindi · गीत 422 Share Umesh उमेश शुक्ल Shukla 25 Dec 2021 · 1 min read संबल मिलता है अपार सांता क्लास की कथा हम सब बचपन से सुनते आए दया औ परोपकार की सीख हम उस चरित्र से सदा पाए ईसाइयों ने इस कथा को पूरी दुनिया में खूब... Hindi · गीत 563 Share Previous Page 5