Shyam Sundar Subramanian Language: Hindi 1073 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next Shyam Sundar Subramanian 27 Jan 2024 · 1 min read स्वाभिमान उस रात किसी ने मुझे झिंझोड़कर जगा दिया , उठकर देखा तो सामने एक साया था , मैंने पूछा कौन हो तुम ? उसने कहा मैं तुम्हारा स्वाभिमान हूँ ,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 2 85 Share Shyam Sundar Subramanian 26 Jan 2024 · 1 min read मतिभ्रष्ट हे ईश्वर ! आज के मानव को ये क्या हो गया है ? वह तुम्हारे अस्तित्व को बांटकर देखने के लिए उद्यत हो गया है , उसे कौन बताऐ राम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 72 Share Shyam Sundar Subramanian 26 Jan 2024 · 1 min read जागृति दुनिया देखने वाले क्या तुमने कभी खुद के अंदर झांक कर देखा है ? अपने अंदर धधकती दावानल सी क्रोध , द्वेष , क्लेश की अग्नि को कभी पहचाना है... Poetry Writing Challenge-2 172 Share Shyam Sundar Subramanian 26 Jan 2024 · 1 min read अस्तित्व पत्थर पर गिरते ही शीशा चूर-चूर होता है , और शीशे पर पत्थर पड़ते ही शीशा चूर-चूर बिखरता है , हर बार शीशे को तोड़कर पत्थर अपनी ह़स्ती जताता है... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 90 Share Shyam Sundar Subramanian 26 Jan 2024 · 1 min read ईश्वर एक बार मुझसे यह प्रश्न किया गया कि क्या तुमने ईश्वर को देखा है ? मैंने कहा हाँ ! मैंने उन्हें मासूम बच्चों की मुस्कुराहटों में देखा है , तपती... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 2 131 Share Shyam Sundar Subramanian 26 Jan 2024 · 1 min read भाव गणित खुशी बाँटने से बढ़ती है , दुःख बाँटने से कम होता है , ज्ञान बाँटने से बढ़ता है , दान देने से धन बढ़ता है , अहंकार से निरंकुशता बढ़ती... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 94 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read किंकर्तव्यविमूढ़ एक दिन मैंने ज़िंदगी से पूछा तुम इतनी निष्ठुर क्यों हो ? ज़िंदगी बोली यह मेरा कसूर नहीं है , मैं तो हालातों के हाथों मजबूर हूँ , मैंने हालातो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 1 93 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read माँ माँँ वह छांव है जिसके तले हम पले बड़े है, वह सुखद अनुभूति है जिसे हम बचपन से अब तक संजोये रहे है, वह एक प्रेरणा स्त्रोत है जो हमारे... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 93 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read पत्थर की अभिलाषा राह पर पड़े पत्थर ने सोचा इक दिन यह भी क्या जीवन है ? नित प्रतिदिन ठोकरें खाता फिरता हूं, दिशाहीन मैं इधर-उधर लुढ़कता टूटता बिखरता रहता हूं, हेय दृष्टि... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 86 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read अश्रु की भाषा अश्रु की अपनी भाषा होती है। कभी कष्ट के , तो कभी प्रसन्नता के , कभी आघात के , तो कभी पश्चाताप के , कभी मिलन के , तो कभी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 85 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read पुष्प की व्यथा पुष्प हूँ काँटो में रहना पड़ता है, टूट कर मिट्टी में मिल जाना पड़ता है, मेरी सुगंध और सौंदर्य कुछ पल के हैं, मुरझाने पर मेरा स्थान धरती तल के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 84 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read काव्य भावना किसलय की मुस्कान बनी , मृगनयनी का श्रृंगार बनी , चंद्रप्रभा चंचल किरणों का वर्णन बनी, नभ आच्छादित नक्षत्र मंडल सौंदर्य भान बनी , रवि आगम प्रकाश पुंजों का आव्हान... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 88 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read कर्णधार उसकी आंखों में एक अजीब सी चमक मैंने देखी थी , जिंदगी में कुछ कर गुजरने की उमंग उसमें मैंने देखी थी , परिस्थिति का मारा वो बेचारा, सम्बलविहीन ,कटु... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 99 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read प्रतिशोध क्रोध , वैमनस्य, प्रतिस्पर्धा की उत्पत्ति , विवेक भंजन नकारात्मक संहारक शक्ति , अंतस अनल उत्सर्जित दहन भावना , घृणा प्रेरित विनाशक प्रतिकार कामना , ह्रदय कंटक बनी कष्ट कारक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 133 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read प्रेम प्रेम एक लगन है , इसमें रहते प्रेमी मगन हैं , यह हृदय से हृदय का स्पंदन है , यह बुझाए ना बुझे वह अगन है , यह एक सतत... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 109 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read सत्याधार का अवसान सत्य क्यों इतना प्रतीत निष्ठुर है ? असत्य क्यों इतना प्रतीत मधुर है ? क्यों सत्य सबसे अलग इतना एकाकी पड़ गया है ? क्यों असत्य का साथ देने वालों... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 141 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read नारी अस्मिता मन उपवन की नन्ही कली, जो घर आंगन में पली-बढ़ी, फूल से चेहरे पर खिली उसकी मुस्कान, माता पिता, बंधु बांधव, मित्रों की जान, सदा निस्वार्थ सेवा, सहायता को तत्पर,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 91 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read जीवनमंथन मैं कौन हूं ? कहां से आया था? कहां जाना है? इन सबसे अनिभिज्ञ कुछ पाकर खुश होता, कुछ खोकर दुःखी होता, अपने अहं में डूबा हुआ भ्रम टूटने पर... Poetry Writing Challenge-2 1 128 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Jan 2024 · 1 min read पत्थर पत्थर के उपयोग भी बड़े अजीब होते हैं , कभी बच्चों के झगड़ों में सिरफुटौवल बनते हैं , कभी पुलिस के दमन से आक्रोशित जन समूह प्रतिकार का अस्त्र बनते... Poetry Writing Challenge-2 106 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Jan 2024 · 1 min read नारी वेदना के स्वर कल मुंहअंधेरे सवेरे मुझे पड़ोस से नारी क्रंदन स्वर सुनाई दिया , यह किसी घरेलू हिंसा प्रताड़ित गृहणी की वेदना का स्वर था , या किसी पुत्र एवं पुत्रवधू द्वारा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 117 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Jan 2024 · 1 min read वर्तमान लोकतंत्र देश का वर्तमान लोकतंत्र , राजनीति की बिछाई शतरंज , लोकहित लुभावने वादों का प्रपंच , जाति , धर्म ,संप्रदाय ,आधारित षड्यंत्र , आम आदमी जिसका बना मोहरा , नेताओं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 114 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Jan 2024 · 1 min read समझ कुछ लोग कही बात समझ नहीं पाते हैं , कुछ समझ कर भी अनजान से बने रहते हैं , कुछ अपने आप को दूसरों से समझदार समझते हैं, कुछ अपनी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 88 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Jan 2024 · 1 min read ज़िंदगी के मर्म सुख-दु:ख की धूप छांव है ये ज़िंदगी , कभी सूरज सी प्रचंड , कभी चंद्रमा सी शांत है , ये ज़िंदगी , कभी हर्ष का उत्कर्ष , कभी कल्पित धारणा... Hindi · कविता · सार-तत्व 85 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Jan 2024 · 1 min read वक्त लगता है चलते-चलते वक्त कुछ पीछे छूट गया , कुछ ऐसे गुजरा की कुछ पता ही नहीं चला , हम कहां थे ? कहां से कहां आ गए ? हम... Hindi · एहसास · कविता 1 90 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Jan 2024 · 1 min read डबूले वाली चाय डबूले वाली चाय का मज़ा तुम क्या जानो ? मिट्टी की सौंधी खुशबू के साथ भाप वाली कड़क चाय का मज़ा तुम क्या जानो ? कँपकपाती सर्दी में हर चुस्की... Hindi · कविता 125 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Jan 2024 · 1 min read संकल्प जीवन के इस पायदान में मैने यह संकल्प लिया है, इस माया- मोह के बंधन से स्वयं को मुक्त किया है, अतीत की स्मृतियों को छोड़ वर्तमान अपना लिया है,... Hindi · कविता 131 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Jan 2024 · 1 min read नश्वर संसार इस नश्वर संसार में ये अनुप्रीति कैसी ? जब कुछ शाश्वत नहीं तो ये अनुभूति कैसी? जब सब कुछ यहीं छोड़ जाना है तो ये बंधन कैसा ? जो बिछड़... Hindi · कविता 142 Share Shyam Sundar Subramanian 7 Jan 2024 · 1 min read शु'आ - ए- उम्मीद कहीं कुछ अटका सा कुछ भटका सा बेचैन दिल लिए फिरता हूं, कुछ कहे कुछ अनकहे दर्द लिए रहता हूं , कुछ कह ना पाऊं के अपनों की फ़ितरत ने... Hindi · कविता 2 99 Share Shyam Sundar Subramanian 4 Jan 2024 · 4 min read ईश्वर का अस्तित्व एवं आस्था ईश्वर अथवा अलौकिक शक्तियों का अस्तित्व है या नहीं यह आदिकाल से एक शोध का विषय है । ईश्वर अथवा अलौकिक शक्तियों पर आस्था रखने वालों का यह मानना है... Hindi · लेख 1 2 195 Share Shyam Sundar Subramanian 1 Jan 2024 · 1 min read प्रतीक्षा गत वर्ष जो बीत गया , कुछ खट्टी- मीठी ,कड़़वी यादें छोड़ गया , कुछ रिश्ते टूटे कुछ नए नातों को जोड़ गया , कुछ आशाएं धूमिल हुईंं , कुछ... Hindi · कविता 131 Share Shyam Sundar Subramanian 30 Dec 2023 · 1 min read प्रायश्चित क्यूँ भूला है अपनी राह पथिक ? मरीचिका के भ्रम में भटका हुआ , लालसा - वासना छद्म में अटका हुआ , तर्क को कुतर्क से नष्ट करता हुआ ,... Hindi · कविता · संदेश 171 Share Shyam Sundar Subramanian 29 Dec 2023 · 2 min read देशभक्ति एवं राष्ट्रवाद देशभक्ति और राष्ट्रवाद दो अलग-अलग आदान-प्रदान हैं। देशभक्ति व्यक्ति के गहरे इष्टभाव और समर्पण को दर्शाती है, जबकि राष्ट्रवाद एक सामाजिक-राजनीतिक तत्व है जो राष्ट्र की एकता और समृद्धि के... Hindi · लेख 151 Share Shyam Sundar Subramanian 28 Dec 2023 · 1 min read परिणति कुंठित भावना , निरर्थक कामना , शोषित मनुष्यत्व ,त्रस्त भंगुर अस्तित्व , छद्म लालसा, आभासी आशा, , कपटपूर्ण व्यवहार, विस्तृत अनाचार , सत्य कठोर , असत्य भावविभोर , मंतव्य कलुषित... Hindi · अनुभूति · कविता 109 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Dec 2023 · 1 min read दहन ये धुआँ सा कहाँ से उठता है ? फ़िज़ा में ये सुगबुगाहट कैसी है ? लगता है कहीं कुछ जल रहा है , माहौल में ये चुप्पी कैसी तारी है... Hindi · एहसास · कविता 112 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Dec 2023 · 1 min read वो बातें रात तो बीत गई पर कुछ कही , कुछ अनकही बातें रह गई , कुछ दिल को बेचैन कर गई , कुछ ज़ेहन को मुज़्महिल कर गई , श़ब -ओ-सहर... Hindi · एहसास · कविता 1 2 216 Share Shyam Sundar Subramanian 21 Dec 2023 · 1 min read आस ख़्वाहिशों के महल बनते रहते हैं , हालातो के झोंके इन्हें बिखराते रहते हैं , हसरतों की पतंगें ऊँची उड़़ाने लेती रहतीं हैं , हक़ीक़त के मांझे की धार डोर... Hindi · कविता 100 Share Shyam Sundar Subramanian 21 Dec 2023 · 1 min read रुख़्सत इस शहर की यादगारों को साथ ले चला हूं , बीते हुए लम्हों का हिसाब साथ ले चला हूं , रंजिशे, अदावतें छोड़, प्यार साथ ले चला हूं , सरगर्मी... Hindi · कविता 137 Share Shyam Sundar Subramanian 21 Dec 2023 · 1 min read ये ज़िंदगी सांसों के तार पर टिकी हुई है ये ज़िंदगी , कुछ हक़ीकत, कुछ ख्वाबों की बसर है ये जिंदगी , लम़्हा भर वक्त की दहलीज़ पर ठहरी है ये जिंदगी... Hindi · कविता 1 2 131 Share Shyam Sundar Subramanian 20 Dec 2023 · 1 min read हालातों का असर कुदरत की रा'नाईओं का भी असर होता है , तन्हा वीरानियों का भी सफ़र होता , ख़िज़ाँ में सूखे पत्तों का भी शजर होता है , बादलों में छुपा हुआ... Hindi · एहसास · कविता 163 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Dec 2023 · 1 min read तेरी जुस्तुजू तुझे ढूंढता रहा मैं वादियों के नज़ारों में, तन्हा भटकता रहा मैं वीरान राहों में, पता ढूंढा तेरा दीनी तज़्किरो की मजलिसों में , खोजता रहा तुझे दानिश-मंदों की सोहबतों... Hindi · कविता 80 Share Shyam Sundar Subramanian 17 Dec 2023 · 1 min read कमबख़्त इश़्क जबसे हमने तुम्हें अपना बना लिया , कर खुद को तुम्हारे हवाले दर्द दिल में बसा लिया , बावफ़ा हो ता-'उम्र हमने वफ़ा का निबाह किया , फ़ितरत से मा'ज़ूर... Hindi · कविता 157 Share Shyam Sundar Subramanian 8 Dec 2023 · 4 min read अ'ज़ीम शायर उबैदुल्ला अलीम उर्दू शायरी ( Urdu Poetry) के महान् शायर उबैदुल्ला अलीम का जन्म 12 जून 1939 को भोपाल में हुआ था। भारत और पाकिस्तान विभाजन के समय इनके पिता पाकिस्तान चले... Hindi · लेख · श्रृद्धांजली 194 Share Shyam Sundar Subramanian 7 Dec 2023 · 1 min read ज़मीर क्यूँ ढूँढ़ता है ? अपने ज़ख़्मों का मुदावा जो इस ज़माने में ना मिलेगा , इस बेदर्द ज़माने में तेरे जख़्मों का चारा-गर कभी ना मिलेगा , इस ख़ुदगर्ज़ जहाँ... Hindi · कविता · सलाह 2 145 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Dec 2023 · 1 min read तसव्वुर मसर्रत की ऐसी हवा चली है , माहौल की सरगर्मियां लुत्फ़-अंदोज़ हो रहीं हैं , लगता है अभी-अभी किसी ने मुझे प्यार से छूआ है , ज़ेहन में अजब सी... Hindi · एहसास · कविता 1 95 Share Shyam Sundar Subramanian 29 Nov 2023 · 1 min read असर निग़ाहे नाज़ का ये असर है जिससे तू बे-ख़बर है , दीवाना बना दे ज़माने को ऐसी तेरी नजर है , चश्मे साग़र से पिला मदहोश कर देती हो ,... Hindi · एहसास · कविता 1 170 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Nov 2023 · 1 min read समझदार बेवकूफ़ एक गधे ने दूसरे गधे से कहा , लोग खामखां हमें बदनाम करते हैं , पर इंसान कुछ ऐसे काम करते हैं , जिन्हें देखकर कहते हमें शर्म आती है... Hindi · कविता · व्यंग्य 2 175 Share Shyam Sundar Subramanian 26 Nov 2023 · 1 min read अतीत अतीत के व्योम में विचरण करते हुए , कुछ सुखद अनुभूति लिए , कुछ दुःखों को समेटे हुए , वारिदों से घिरा पाता हूँ , कुछ अपराध बोध ग्रसित पश्चाताप... Hindi 2 164 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Nov 2023 · 1 min read संकल्प क्या जीत ? क्या हार ? समय से बंधा सारा संसार , किसी दिन जीत है तो किसी दिन हार , सब नियति का चक्र है, कर मत अधिक विचार,... Hindi · कविता 1 156 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Nov 2023 · 3 min read राजनीतिक संघ और कट्टरपंथी आतंकवादी समूहों के बीच सांठगांठ: शांति और संप्रभुता पर वैश्विक प्रभाव राजनीतिक सहयोग और संबद्धता वैश्विक शांति की गतिशीलता और राष्ट्रों की संप्रभुता को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कट्टरपंथी आतंकवादी समूहों के साथ राजनीति के अंतर्संबंध के दूरगामी... Hindi · लेख · सामयिकी 1 122 Share Shyam Sundar Subramanian 9 Nov 2023 · 1 min read आगाह वहशी दरिन्दों पर हमदर्दी जताना छोड़ दो , सियासत को दहश़़तग़र्दी से मिलाना छोड़ दो , जो अपनो के ना हुए वो तुम्हारे किस- क़दर बनेंगे , ये ख़ुदगर्ज़ वक्त... Hindi · कविता 107 Share Previous Page 4 Next