Shyam Sundar Subramanian Tag: कविता 522 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next Shyam Sundar Subramanian 20 May 2023 · 1 min read अहं मुँह अंधेरे सवेरे किसी ने मुझे झिंझोड़कर जगाया , उठकर देखा तो सामने एक साए को खड़ा पाया , मैंने पूछा कौन हो तुम ? तुमने मुझे क्यों जगाया ?... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 1 2 250 Share Shyam Sundar Subramanian 20 May 2023 · 2 min read वार्तालाप समय ने नियति से कहा , तू सब कुछ करती है, लोग नाहक मुझे दोष देते हैं , नियति बोली , मैं कुछ भी अपनी मर्जी से नही करती, सृष्टि... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 161 Share Shyam Sundar Subramanian 20 May 2023 · 1 min read राम दर्शन राम आदि से अनंत है , राम से जीव जीवंत है , राम ही कल्प है , राम ही संकल्प है , राम ही सृष्टि है ,राम ही दिव्य दृष्टि... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 2 3 208 Share Shyam Sundar Subramanian 19 May 2023 · 1 min read यक्ष प्रश्न कुछ प्रश्नों के हल हमें जीवनपर्यंत नहीं मिलते , ये प्रश्न सदैव हमारे अंतःकरण में रहते डोलते , कुछ व्यवहार के प्रश्न , कुछ विचार के प्रश्न , कुछ आचरण... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 178 Share Shyam Sundar Subramanian 19 May 2023 · 1 min read भाव - श्रृँखला समुद्र से विशाल अंतर्मन निहित गतिशील भावनाओं की तरंगें , कभी अभिनव कल्पनाओं विभोर उमंगें , कभी नियति प्रभावित संतप्त मनोभाव , कभी परिस्थितिजन्य असहाय भाव , कभी अंतरतम मनोबल... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 2 265 Share Shyam Sundar Subramanian 19 May 2023 · 1 min read अंदर का चोर घर के पिछले दरवाजे से चुपके से घुसने वाला वो कोई चोर नहीं है , वह घर वाला है जिसके दिल में बैठा चोर वही है , यह दिल में... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 324 Share Shyam Sundar Subramanian 18 May 2023 · 2 min read गौमाता की व्यथा मैं उसे रोज अपने दरवाजे पर आते देखा करता , कातर दृष्टि से व्यक्त उसकी मूक याचना देखा करता , उसे कुछ बासी रोटियों से तृप्त आभार व्यक्त करते देखा... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 261 Share Shyam Sundar Subramanian 18 May 2023 · 1 min read जीवन संवाद एक दिन चींटी ने मधुमक्खी से कहा , तुम्हारे और मेरे जीवन का लक्ष्य परिश्रम है , मैं परिश्रमरत् संघर्षपूर्ण जीवन निर्वाह करती हूं , तुम भी जीवन भर परिश्रम... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 1 2 187 Share Shyam Sundar Subramanian 18 May 2023 · 1 min read गणपति अभिनंदन हे शिव सुत पार्वती नंदन गजानना। हे दुख भंजन विघ्न विनाशक गजवदना। हे हेरम्ब विद्यारंभ सिद्धिविनायक गजानना। हे परब्रह्मं सच्चिदानंद सर्वज्ञ ज्ञान गम्यम गणेशाना। हे दीनबंधु अनाथनाथा सकल विश्व पालक... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 1 301 Share Shyam Sundar Subramanian 17 May 2023 · 1 min read अस्तित्व कभी किसी शिल्पकार की मूर्ति में, कभी किसी चित्रकार की कृति में , कभी किसी कवि की भावाभिव्यक्ति में , कभी किसी गायक के गायन श्रुति में, कभी किसी वादक... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 489 Share Shyam Sundar Subramanian 17 May 2023 · 1 min read चोर एक व्यक्ति से मैंने पूछा, तुम क्या करते हो ? किस तरह अपना गुजारा चलाते हो ? उसने कहा मैं चोरी करता हूं , मैंने पूछा तुम क्या चुराते हो... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 347 Share Shyam Sundar Subramanian 16 May 2023 · 1 min read आत्मसंवाद एक दिन मन ने प्रज्ञा से कहा , तुम मुझ पर हमेशा लगाम लगाए रखती हो , मुझे अपने मर्जी की नहीं करने देती हो , मैं उन्मुक्त रहना चाहती... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 214 Share Shyam Sundar Subramanian 16 May 2023 · 1 min read बचपन एक बचपन अपने अधनंगे बदन को मैले कुचैले कपड़ों मे समेटता , अपनी फटी बाँह से बहती नाक को पौछता , बचा खुचा खाकर भूखे पेट सर्द रातों में बुझी... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 1 2 214 Share Shyam Sundar Subramanian 16 May 2023 · 1 min read नारी अस्मिता मन उपवन की नन्ही कली , जो घर आंगन में पली-बढ़ी , फूल से चेहरे पर खिली उसकी मुस्कान , माता पिता, बंधु बांधव , मित्रों की जान , सदा... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 2 4 531 Share Shyam Sundar Subramanian 16 May 2023 · 1 min read मौन मौन एक मूक भाषा है , मौन अंतरात्मा की अभिव्यक्ति है , मौन निशब्द भावनाओं का व्यक्त मूक प्रतिवेदन है , मौन हृदय से हृदय तक संवेदनाओं का स्पंदन है... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 281 Share Shyam Sundar Subramanian 16 May 2023 · 1 min read मजदूर की अन्तर्व्यथा मैं उस बेबस लाचार मजदूर को देखता हूं, जो रोज सुबह सवेरे चौराहे पर इकट्ठी दिहाड़ी मजदूरों की भीड़ का हिस्सा बनता है, अपनी बारी आने का इंतज़ार करता है... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 354 Share Shyam Sundar Subramanian 16 May 2023 · 1 min read व्यावहारिक सत्य कुछ समझ में नहीं आता क्या गलत है ? क्या सही ? सही को गलत सिद्ध किया जाता है , और गलत को सही , अब तो यही लगता है... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 499 Share Shyam Sundar Subramanian 16 May 2023 · 1 min read बात कुछ कहते कहते, कुछ सुनते सुनते , उम्र बीत गई ,कुछ सहते सहते, बात कभी बन गई ,कभी बिगड़ गई, कभी बतंगड़ बन गई, कुछ कही, कभी अनकही, दूर तक... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 183 Share Shyam Sundar Subramanian 15 May 2023 · 1 min read एक बालक की अभिलाषा एक बालक से मैंने पूछा तुम बड़े होकर क्या बनना चाहोगे ? उसने कहा मैं एक राजनेता बनना चाहूंगा , क्योंकि उसके लिए कोई पढ़ाई लिखाई का झंझट नहीं ,... Poetry Writing Challenge · कविता · काव्य प्रतियोगिता 1 280 Share Shyam Sundar Subramanian 14 May 2023 · 1 min read गरिमामय प्रतिफल अभिभूत भावनाओं के चरमोत्कर्ष पर जिसका उदय होता है, अंतस्थ से यह उभरता है, और व्यवहार में दृष्टिगोचर होता है , पवित्र वाणी एवं विचारों से यह सुशोभित होता है... Poetry Writing Challenge · कविता 225 Share Shyam Sundar Subramanian 14 May 2023 · 1 min read भ्रम हर कोई अपने आप के एक भ्रम मे जी रहा है , कभी संबंधों के, तो कभी अनुबंधों के , कभी अपेक्षा के, तो कभी प्रतीक्षा के , कभी भाग्य... Poetry Writing Challenge · कविता 410 Share Shyam Sundar Subramanian 14 May 2023 · 1 min read जीवनामृत इस धरा में जीव की उत्पत्ति एवं विकास का सत्व , भौतिक जगत में प्राणि मात्र के अस्तित्व का मुख्य तत्व , निसर्ग की संरचना एवं पर्यावरण निर्माण का प्रमुख... Poetry Writing Challenge · कविता 440 Share Shyam Sundar Subramanian 14 May 2023 · 1 min read मैं कवि हूं मैं कवि हूं , भावनाओं के समुद्र में बहता, डूबता, उबरता रहता हूं , कल्पनाओं के नभ में उन्मुक्त पंछियों की तरह विचरण करता रहता हूं , कभी मानवीय संवेदना... Poetry Writing Challenge · कविता 302 Share Shyam Sundar Subramanian 9 May 2023 · 1 min read इंतिज़ार लब़ खामोश हैं पर आंखों से इज़हार -ए - हाल करती हो , हुस्ऩ -ए - मुजस्स़िम होठों की गुलाबी , नैनो की कटारी , ज़ुल्फों की बदली, चूड़ियों की... Hindi · कविता 356 Share Shyam Sundar Subramanian 9 May 2023 · 1 min read दिल -ए- ज़िंदा दिल का एहसास बुज़ुर्ग को भी जवाँ बना देता है , दिल से हारे जवाँ को भी वक्त से पहले बूढ़ा बना देता है , ज़िंदादिली से जो जीते हैं... Hindi · एहसास · कविता 429 Share Shyam Sundar Subramanian 3 May 2023 · 1 min read ज़िदादिली खुशी क्या होती है तुम ये क्या जानो , मसर्रत के लम्हों को तुम कैसे पहचानो , ज़िंदादिल इंसां औरों को खुश देख खुश होता है , उनका ग़म बांटकर... Hindi · एहसास · कविता 1 1 291 Share Shyam Sundar Subramanian 30 Apr 2023 · 1 min read अपने इंसान दुनिया जीतकर भी अपनों से हार जाता है , कभी-कभी अपनों से जीतकर भी अपने आप से हार जाता है , कभी-कभी उसके अपने ही उसकी हार का कारण... Hindi · एहसास · कविता 316 Share Shyam Sundar Subramanian 23 Apr 2023 · 1 min read आज बीते कल को छोड़ो , आज को थाम लो , जो गुज़र चुका उसका क्यूँ ख़याल हो ? कल की बातों का दिल में क्यूँ मलाल हो ? कल क्या... Hindi · कविता · नेक सलाह 365 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Apr 2023 · 1 min read बे-ख़ुद वक्त की दहलीज़ पर ठहरा हुआ सा एक लम्हा, हवा में लहराता हुआ सा एक बबूला, संगे -ए- राह सा ठोकर खाता हुआ, एहसास -ए- दर्द बना फ़ुगाँ होता हुआ... Hindi · एहसास · कविता 191 Share Shyam Sundar Subramanian 14 Apr 2023 · 1 min read बदलाव बदलते वक्त के साथ ग़र हम बदल न पाएं , इस सफर -ए - जीस्त में कहीं ठहर कर ना रह जाएं, बदलते वक्त हालात बदलते हैं , बदलते हालात... Hindi · कविता · ख़यालात 284 Share Shyam Sundar Subramanian 7 Apr 2023 · 1 min read यथार्थ कल्पना लोक में विचरण कितना सुखद होता है , परंतु उस व्योम के बादल छंटने पर यथार्थ का अनुभव दुःखद होता है, हम समझ नही पाते सत्य सदैव कड़वा होता... Hindi · कविता 2 2 355 Share Shyam Sundar Subramanian 5 Apr 2023 · 1 min read लहर दिल में कुछ इस कदर लहर सी उठती है , कुछ कहती भी है , पर कुछ समझ ना आती है, एहसास के समंदर मे हम डूबते - उभरते रहते... Hindi · एहसास · कविता 394 Share Shyam Sundar Subramanian 29 Mar 2023 · 1 min read एक नसीहत चले थे प्रधानमंत्री बनने पर अपने अनर्गल प्रलापों की वजह से , अपनी प्राथमिक सदस्यता तक गवां बैठे, देश के कानून एवं संविधान को अपनी बपौती समझने वाले राजकुमार ,... Hindi · कविता · नेक सलाह 2 1 243 Share Shyam Sundar Subramanian 28 Mar 2023 · 1 min read हादसे ये क्या हुआ , कैसे हुआ ,क्यूँ हुआ , कुछ ऐसे अचानक हादसे हो जाते हैं , जिनको हम कभी समझ नही पाते हैं , जितना समझने की कोशिश करें... Hindi · एहसास · कविता 212 Share Shyam Sundar Subramanian 17 Mar 2023 · 1 min read असंवेदनशीलता सब कुछ देखकर भी हम अनजान से बन जाते हैं , सब कुछ सुनकर भी हम अनसुनी कर जाते हैं , शायद हमारे पूर्व कटु अनुभव हमें इसलिए बाध्य करते... Hindi · एहसास · कविता 179 Share Shyam Sundar Subramanian 16 Mar 2023 · 1 min read स्वाभिमान उस रात किसी ने मुझे झिंझोड़कर जगा दिया , उठकर देखा तो सामने एक साया था , मैंने पूछा कौन हो तुम ? उसने कहा मैं तुम्हारा स्वाभिमान हूँ ,... Hindi · कविता 360 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Mar 2023 · 1 min read चाहत किसी की चाहत में हम खुद को भुला बैठे , होश जब आए तब इल्म़ हुआ क्या कुछ गवां बैठे , खुद को दीवाना बना भटकते रहे सराबों में ,... Hindi · एहसास · कविता 2 274 Share Shyam Sundar Subramanian 9 Mar 2023 · 1 min read बिना तुम्हारे बिना तुम्हारे गुज़रती इस शब की कोई सहर नही , इस रहगुज़र के सफ़र की कोई मंज़िल नही , इस उठते दर्द का कोई ठिकाना नही , इन दिल के... Hindi · एहसास · कविता 220 Share Shyam Sundar Subramanian 6 Mar 2023 · 1 min read अपने जिन्हें हम अपना समझते हैं , वो अपने नही निकलते हैं , कुछ गैर भी वक्त आने पर अपनों से ऊपर निकलते हैं , अपनेपन के भरम में हम जिनका... Hindi · कविता 339 Share Shyam Sundar Subramanian 5 Mar 2023 · 1 min read हिद्दत-ए-नज़र कुछ ना कहकर भी वो बहुत कुछ कह जाते हैं , आंखों - आंखों में दिल का हाल बता जाते हैं , कुछ ना सुनकर भी वो सब कुछ भांप... Hindi · कविता 527 Share Shyam Sundar Subramanian 5 Mar 2023 · 1 min read दर्द इस दिल पे कोई काबू नहीं रहता , मुस्कुराने की कोशिश भी करें , तो ये दिल नहीं मानता , ग़म छुपाने की लाख कोशिश भी करें , तो भी... Hindi · कविता 385 Share Shyam Sundar Subramanian 1 Mar 2023 · 1 min read शरीक-ए-ग़म उनकी आँखों के दरिया में हसरतों की कश्तियाँ डूबतीं - उभरतीं रहतीं है , उनके दिल में छुपे जज़्बों का मंज़र पेश करतीं रहतीं हैं , सब्र की इंतिहा में... Hindi · कविता 2 4 229 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Feb 2023 · 1 min read बात बात से बात बनती है , कभी-कभी बात बढ़ती ही जाती है, बढ़ते- बढ़ते कभी-कभी बड़तंग बन जाती है, बात कभी सुनी, कभी अनसुनी रह जाती है, कभी समझ से... Hindi · कविता 174 Share Shyam Sundar Subramanian 20 Feb 2023 · 1 min read अवसान अशांत हृदय, दिग्भ्रामक आयाम, उद्विग्न मन, प्राकृतिक आपदा, युद्ध की विभीषिका , मानवता का हनन् , निरीह उत्पीड़ित संघर्षरत् मानव, छल -कपट एवं छद्म का वर्चस्व, लुप्तप्रायः धैर्य एवं साहस,... Hindi · कविता 444 Share Shyam Sundar Subramanian 17 Feb 2023 · 1 min read मतिभ्रष्ट हे ईश्वर ! आज के मानव को ये क्या हो गया है ? वह तुम्हारे अस्तित्व को बांटकर देखने के लिए उद्यत हो गया है , उसे कौन बताऐ राम... Hindi · कविता 240 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Feb 2023 · 1 min read लिप्सा लिप्सा कभी खत्म नही होती है, एक के बाद दूसरी फिर तीसरी ,चौथी, निरंतर बढ़ती ही जाती है , आत्मसम्मान , रिश्तों - संबंधों तक को दांव पर लगाने से... Hindi · कविता 1 217 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Feb 2023 · 1 min read आव्हान नवप्रभात रश्मियों स्पंदित नवजीवन हो ! आव्हान करें ! नवस्फूर्ति मनस संचरित हो ! विगत विषाद अवसान करें ! वर्तमान संकल्प प्रतिबद्ध हो ! परिणित भविष्य सुखद हो ! निर्माण... Hindi · कविता 187 Share Shyam Sundar Subramanian 10 Feb 2023 · 1 min read उदासीनता कभी -कभी हम देख-समझ कर भी अनजान से बनते है, वातावरण से अप्रभावित उदासीन होने की चेष्टा करते हैं , शायद हमारी अंतर्मानसिकता हमें इसलिए बाध्य करती है , या... Hindi · कविता 264 Share Shyam Sundar Subramanian 9 Feb 2023 · 1 min read अपूर्ण प्रश्न आयुष्यातील काही प्रश्न अपूर्ण राहणे, आपण जीवनासाठी काय म्हणायचे आहे सापडत नाही, काही नाती, काही संबंध, असे दिसते, ज्याचा विचार करूनही आम्हाला समजत नाही, वेशात वास्तव लपून राहते, लाख प्रयत्नानंतरही... Marathi · कविता 1 167 Share Shyam Sundar Subramanian 7 Feb 2023 · 1 min read त्रासदी कुछ समझ में नहीं आता ये क्या हो रहा है ? कहीं युद्ध की विभीषिका, कहीं प्राकृतिक आपदा , कहीं महामारी, कहीं आर्थिक तंगी, कहीं बेकारी बेरोजगारी , कहीं आतंकी... Hindi · कविता 204 Share Previous Page 5 Next