Shekhar Chandra Mitra Language: Hindi 3940 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read वीज़ा के लिए इंतज़ार आज भी खड़ा है अंबेडकर वीज़ा के इंतजार में क्या कोई जगह ही नहीं है उसके लिए इस दयार में... (१) जात-पात के नाम पर जैसे ज़ुल्म ढाए गए हैं... Poetry Writing Challenge · गीत 250 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read एक और इंकलाब सदियों से ज़ारी ज़ुल्म का हिसाब इंकलाब है चाहे कोई सवाल हो ज़वाब इंकलाब है... (१) सरदार भगतसिंह और भीमराव अंबेडकर जिसके लिए फ़ना हुए वो ख़्वाब इंकलाब है... (२)... Poetry Writing Challenge · गीत 234 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read और ज़रा-सा ज़ोर लगा ऐ थके-हारे सेनानी और ज़रा-सा ज़ोर लगा हो चुकी ज़ंजीर पुरानी और ज़रा-सा ज़ोर लगा... (१) बस थोड़ी ही देर में अब ख़त्म होने वाली यह ज़ुल्म की आख़िरी निशानी... Poetry Writing Challenge · गीत 203 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read ललकार सुन, ऐ साथी अख़बार के कहना जाकर सरकार से दया नहीं, अधिकार चाहिए भीख नहीं रोज़गार चाहिए... (१) जाति-धर्म के झगड़ों में भाषा-प्रांत के रगड़ों में कब तक उलझे रहेंगे... Poetry Writing Challenge · गीत 266 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read खोखली बुनियाद न ज़ुबान की वज़ह से न अंदाज़ की वज़ह से कुछ ख़ास हैं मेरी ग़ज़लें इंकलाब की वज़ह से... (१) आख़िर कौन-सा सिकंदर और कहां का सिकंदर मैं तो यूनान... Poetry Writing Challenge · गीत 176 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read आ रहे हैं बुद्ध आज-कल तो पूरी दुनिया में छा रहे हैं बुद्ध तुम स्वागत की कर लो तैयारी आ रहे हैं बुद्ध... (१) नफ़रत की आग में कहीं पूरी मानवता न जल जाए... Poetry Writing Challenge · गीत 287 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read हरा-भरा बगीचा यह जो हरा-भरा बगीचा है पूरखों ने लहू से सींचा है कोई पौधा उखड़ने मत देना तुम इसको उजड़ने मत देना... (१) रंग-रंग की चिड़ियां इसमें चहकती रहें तो बेहतर... Poetry Writing Challenge · गीत 569 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read पुरानी ज़ंजीर जिस्म की हो या ज़ेहन की तुम तोड़ डालो हर ज़ंजीर खोखली इबादत से नहीं, मेहनत से बनती तक़दीर... (१) सरकार भरोसे भारत का अब कुछ नहीं होने वाला नौजवानों... Poetry Writing Challenge · गीत 221 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read एक बेरोजगार शायर दुनिया में हर चीज़ मिलती दौलत से नहीं, ऐ दोस्त कुछ भी बढ़कर कुदरत की रहमत से नहीं, ऐ दोस्त... (१) कुछ नादीदा निगाहों की इनायत भी इसमें शामिल मेरी... Poetry Writing Challenge · गीत 461 Share Shekhar Chandra Mitra 15 May 2023 · 1 min read कबीर: एक नाकाम पैगंबर हवाओं पर दर्ज़ करने मुहब्बत का पैग़ाम उतरा था वह ज़मीन पर छोड़ कर आसमान... (१) हिंदी-उर्दू से उसका कोई वास्ता न था वह बोलता था दिल की धड़कनों की... Poetry Writing Challenge · गीत 213 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read पढ़ना सीखो, बेटी अंगुली छोड़कर चलना सीखो, बेटी पूर्वजों से आगे बढ़ना सीखो, बेटी... (१) घर हो या बाहर ख़तरे कहां नहीं हैं हरेक चुनौती से लड़ना सीखो, बेटी... (२) इसी से निकलेगा... Poetry Writing Challenge · गीत 397 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read किसी शायर का ख़्वाब कुछ जहीन भी हो कुछ हसीन भी हो वह एक इंसान बेहतरीन भी हो... (१) हाथ छूएं उसके चांद-सितारे और पांव के नीचे ज़मीन भी हो... (२) वह किसी हाल... Poetry Writing Challenge · गीत 135 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read संसार चलाएंगी बेटियां घर-बार चलाएगी बेटियां सरकार चलाएगी बेटियां एक मौक़ा तो मिले उन्हें संसार चलाएगी बेटियां… (१) तुमने उन्हें क्या समझा है अब तक केवल गुंगी गुड़ियां पढ़-लिख लें तो क़लम से... Poetry Writing Challenge · गीत 224 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read गाए जा, अरी बुलबुल ***शेर*** ना समझ है माली फिर भी! शातिर है शिकारी फिर भी!! तेरे ख़िलाफ़ नाना साजिशें! सदियों से हैं ज़ारी फिर भी!! ***गीत*** तू गाए जा अरी बुलबुल गुनगुनाए जा... Poetry Writing Challenge · गीत 243 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read ख़त पहुंचे भगतसिंह को सरदार भगतसिंह देख रहे हो न तुम आज के हिंदुस्तान को जिस पर तुम्हें था बहुत भरोसा क्या हुआ उस नौजवान को... (१) अदब से लेकर मीडिया और पुलिस से... Poetry Writing Challenge · गीत 136 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read यारों का यार भगतसिंह सभी यारों का एक यार भगतसिंह खुशमिजाज और दिलदार भगतसिंह... (१) ज़िंदगी से कहीं ज़्यादा करता था अपनी आज़ादी से प्यार भगतसिंह... (२) समझता था फांसी के फंदे को मेहबूब... Poetry Writing Challenge · गीत 168 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read तमाशबीन जवानी जब तक तमाशबीन है नौजवानी हिंदुस्तान की क़ायम रहेगी दुनिया में बदनामी हिंदुस्तान की... (१) पुलिस और अदालत की हरकतों से तो लगता है जल्दी नहीं मिटने वाली पशेमानी हिंदुस्तान... Poetry Writing Challenge · गीत 326 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read नौजवानों से अपील नौजवानों का विद्रोही व्यवहार होना चाहिए जीना है तो मरने को तैयार होना चाहिए... ( १) कोई लाश नहीं हम कि लहरों में डोला करें अब आर होना चाहिए या... Poetry Writing Challenge · गीत 281 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read आदिवासी कैसा देश-किसका देश जिसका होगा-उसका देश भगतसिंह ने-कब सोचा था निकलेगा एक दिन-ऐसा देश... (१) सुनकर गालियां और खाकर लातें सड़कों पर गुजरतीं हमारी रातें अपना तो एक-घर भी नहीं... Poetry Writing Challenge · गीत 509 Share Shekhar Chandra Mitra 14 May 2023 · 1 min read भगतसिंह का क़र्ज़ अरे तू तो निभा गया अपना हर फ़र्ज़, भगत सिंह अब कैसे चुकाएंगे हम तेरा क़र्ज़, भगत सिंह... (१) तू मूर्दों की बस्ती में था एक मर्द, भगत सिंह अब... Poetry Writing Challenge · गीत 245 Share Shekhar Chandra Mitra 13 May 2023 · 1 min read आओ बुद्ध की ओर चलें अब आओ बुद्ध की ओर चलें हम आओ बुद्ध की ओर चलें... (१) जात-पात और ऊंच-नीच की छुआछूत और भेदभाव की सारी जंजीरों को तोड़ चलें हम आओ बुद्ध की... Hindi · गीत 326 Share Shekhar Chandra Mitra 13 May 2023 · 1 min read हिंदी शायरी का एंग्री यंग मैन जो नाराज़ या शर्मिंदा है यहां वही शख़्स अब ज़िंदा है... (१) समय का सच कहने वाला हर शायर तो चुनिंदा है... (२) लूटा जिसे रहबरों ने ही उसी शहर... Hindi · गीत 520 Share Shekhar Chandra Mitra 12 May 2023 · 1 min read मूर्दों की बस्ती न तो खुलकर जी सकती है न ही खुलकर मर सकती है अरे, यह मूर्दों की बस्ती है बस हाय-हाय कर सकती है... (१) क्या लेखक-क्या पत्रकार क्या खिलाड़ी-क्या कलाकार... Hindi · गीत 1 305 Share Shekhar Chandra Mitra 11 May 2023 · 1 min read किसी नौजवान से अपनी शर्त पर जीना है तुम्हें अपने अंदाज में मरना है तुम्हें... (१) जो भी कहे तुमसे दिल तुम्हारा अब तो वही काम करना है तुम्हें... (२) सच्चाई की राह... Hindi · गीत 1 283 Share Shekhar Chandra Mitra 11 May 2023 · 1 min read हाशिए के लोग जो सरकार के कुकर्मों का अब फल रहे हैं भोग कब आएंगे मुख्य धारा में ये हाशिए के लोग... (१) शिक्षा और नौकरी तो बड़ी दूर की बात है यहां... Hindi · गीत 412 Share Shekhar Chandra Mitra 10 May 2023 · 1 min read भगतसिंह कांधे पर अपने जब सलीब रखता है तभी कोई शख़्स एक अदीब बनता है... (१) होठों से छूए बिना प्याला ज़हर का किसी का बोलना अब अजीब लगता है... (२)... Hindi · गीत 1 319 Share Shekhar Chandra Mitra 10 May 2023 · 1 min read आदि शंकराचार्य सत्य बस शूद्र की छाया है शेष सब यहां मोह-माया है! सत्य बस स्त्री की काया है शेष सब यहां मोह-माया है!! शंकराचार्य के इसी दर्शन ने हमारे देश का... Hindi · कविता 553 Share Shekhar Chandra Mitra 9 May 2023 · 1 min read मत रो लाल मत रो मत रो मत रो लाल कभी तो बदलेगा अपना हाल... (१) जैसे बीते पिछले बरस बीत जाएंगे बाक़ी साल... (२) कल मिलेंगे सारे पकवान आज दुभर है रोटी-दाल...... Hindi · गीत 165 Share Shekhar Chandra Mitra 8 May 2023 · 1 min read चिढ़ है उन्हें चढ़ती हुई जवानियों से चिढ़ है उन्हें प्यार की कहानियों से चिढ़ है उन्हें... (१) समय की शिला पर हमारे पैरों से बनती हुई निशानियों से चिढ़ है उन्हें... (२)... Hindi · गीत 153 Share Shekhar Chandra Mitra 1 May 2023 · 1 min read सामाजिक न्याय तुम भीख-खैरात नहीं कोई हमें हमारा हिस्सा दे दो! एकाएक ही अगर नहीं तो आहिस्ता-आहिस्ता दे दो!! जिसमें सबको थी आज़ादी जिसमें सबको थी बराबरी! खून-पसीने से लिखा हुआ वही... Hindi · कविता 233 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Apr 2023 · 1 min read हल्लाबोल तेरी कमज़ोरी ताक़त है उसकी! तेरी बुजदिली जुर्रत है उसकी!! बेबाकी है उसकी तेरी ख़ामोशी! तेरी तमाशबीनी शोहरत है उसकी!! #राजनीति #सरकार #विपक्ष #सत्ता #मीडिया #जनता #नौजवान #अवाम #पत्रकार #लेखक... Hindi · कविता 1 315 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Apr 2023 · 1 min read मेहनतकश अवाम जो मज़दूर या-किसान है, मालिक! वह भी तो एक-इंसान है, मालिक!! जिसे समझ बैठे हैं-आप रोबोट उसमें भी दिल-और जान है, मालिक!! #सरकार #राजनेता #पूंजीपति #श्रमिक #मेहनतकश #अवाम #शोषण #गरीब... Hindi · कविता 302 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Apr 2023 · 1 min read देश का दुर्भाग्य जहां गालियां मिलती हैं जहीनों को! जहां तालियां मिलती हैं कमीनों को!! बर्बादी मिलती है उस देश को केवल जहां गोलियां मिलती हैं नगीनों को!! #अभिव्यक्ति_की_स्वतंत्रता #नफरत #आहत #भावना #कट्टरता... Hindi · कविता 468 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Apr 2023 · 1 min read मेरी पसंद हिटलरशाही से हिमाकत पसंद है! सुकरात की तरह सदाकत पसंद है!! मूर्दों की पसंद ही हुआ करती रवायत! मैं जिंदा हूं, मुझे- बगावत पसंद है!! #राजनीति #धर्म #विद्रोह #क्रांति #इंकलाब... Hindi · कविता 605 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Apr 2023 · 1 min read मानवता की चीखें हिंदू-मुसलमान से आगे भी कुछ है! भारत-पाकिस्तान से आगे भी कुछ है!! मानवता की चीखें कहती हैं हमसे! कि नफा-नुकसान से आगे भी कुछ है!! #StopWar #riots #politics #humanity #Peace... Hindi · कविता 460 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Apr 2023 · 1 min read बेगुनाही की सज़ा मैं हूं बेगुनाह कोई कम तो नहीं न! मेरा यह गुनाह कोई कम तो नहीं न!! जिस दौर में सबकी सियासत पर नज़र है! मुहब्बत पर निगाह कोई कम तो... Hindi · कविता 661 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Apr 2023 · 1 min read डियर कामरेड्स हम इस देश के सबसे ज्यादा पढ़ने-लिखने वाले लोगों में से एक हैं। बर्बर कबीलों की तरह मार-काट करना हमें बिलकुल पसंद नहीं। यकीनन हमारे सिस्टम में बहुत कुछ ऐसा... Hindi · कविता 506 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Apr 2023 · 1 min read आंखों देखा सच बेशक मैं बागी हूं इंकलाबी हूं! लेकिन न नक्सल हूं, न जेहादी हूं! अपने शेरों और गीतों के ज़रिए! कड़वे सच कहने का आदी हूं! #कम्यूनिस्ट #मार्क्सवादी #प्रगतिशील #कवि #शायर... Hindi · कविता 336 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Apr 2023 · 1 min read अक्ल के दुश्मन सवालों के दुश्मन जवाबों के दुश्मन! कलमों के दुश्मन किताबों के दुश्मन!! कैसे हो सकते रहनुमा हमारे! ख्यालों के दुश्मन ख़्वाबों के दुश्मन!! #नालंदा_विश्वविद्यालय #jnu #धर्म #पुस्तकालय #शिक्षा #ज्ञान #बुद्ध... Hindi · कविता 466 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Apr 2023 · 1 min read विश्वगुरु बहुत ज़्यादा पढ़-लिख लेने से नौजवानों के दिमाग़ खराब हो जाते हैं। लाज़िम है कि सारे विश्वविद्यालय और पुस्तकालय नष्ट कर दिए जाएं। कोई मज़ाक थोड़े ही है! आख़िर भारत... Hindi · कविता 427 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Apr 2023 · 1 min read आज़ादी की क़ीमत वह आज़ादी जो हमें मिली थी गोलियां खाने के बाद! वह आज़ादी जो हमें मिली थी गालियां सुनने के बाद!! क्या ऐसे ही हम खो देंगे अब सोचकर देना ज़वाब!... Hindi · कविता 355 Share Shekhar Chandra Mitra 24 Apr 2023 · 1 min read नफ़रत के सौदागर जिससे प्यार के गीत निकलें उन्हें उस कलम से नफ़रत है! जो दो दिलों को पास ले आए उन्हें उस चलन से नफ़रत है! जात-पात और ऊंच-नीच की सारी दीवारें... Hindi · कविता 426 Share Shekhar Chandra Mitra 24 Apr 2023 · 1 min read गिव मी सम सन शाइन इंसानी टैलेंट की तो कोई कद्र ही नहीं यहां! ग्रेट साइंस या लिट्रेचर पैदा होगा किस तरह!! वक़्त का हर जीनियस स्यूसाइड कर लेता है! टार्चर किया जाता है उसे... Hindi · कविता 389 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Apr 2023 · 1 min read रोमांटिक रिबेल शायर यह अश्क ईनामे-इश्क है सज़ा तो नहीं! गमे-यार गमे-जहां से जुदा तो नहीं! आख़िर हम महबूब के लिए मक़सद क्यों भूलें! वह तो महज़ एक बुत है, ख़ुदा तो नहीं!... Hindi · कविता 367 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Apr 2023 · 1 min read अंबेडकर और भगतसिंह मैं इंकलाब का शाहीन हूं तो मुहब्बत का हूं फाख्ता ! न तो मज़हब से रिश्ता मेरा न ही सियासत से वास्ता! भगतसिंह और अंबेडकर के बीच से होकर जाता... Hindi · कविता 1 231 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Apr 2023 · 1 min read दंगे-फसाद न तो हिन्दू तबाह होता है न ही मुसलमान तबाह होता है! इन दंगे-फसादों में केवल हिंदुस्तान तबाह होता है! मुझे आती है अपने आप पर कितनी ज़्यादा शर्म न... Hindi · कविता 613 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Apr 2023 · 1 min read देश-विक्रेता खेत बेच खाएंगे खलिहान बेच खाएंगे! ज़मीर बेच खाएंगे ईमान बेच खाएंगे!! कुछ न बचेगा जब तो देखना ये हरामखोर! देश बेच खाएंगे संविधान बेच खाएंगे!! #politics #opposition #सच #HallaBol... Hindi · कविता 464 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Apr 2023 · 1 min read सुकरात के शागिर्द जब सुकरात को मुर्शीद मान लिए हम सच कहना कैसे छोड़ेंगे! अब तो सूली मिले या ज़हर हमें अंज़ाम से मुंह नहीं मोड़ेंगे!! हम अपनी बेबाक तक़रीरों और गुस्ताख़ तहरीरों... Hindi · कविता 324 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Apr 2023 · 1 min read हादसे पैदा कर तू सारी मुश्किलों का दिलेरी से सामना कर! दिल और दिमाग़ से कोई भी फ़ैसला कर!! अपने किरदार को एक मेयार देने के लिए! तू अपनी ज़िंदगी में कुछ हादसे... Hindi · कविता 199 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Apr 2023 · 1 min read हश्र का मंज़र बेरूख़ी के बावजूद मुझे तुमसे प्यार होता! एक तरफा ही सही मैं तुम्हारा यार होता! अगर मैं न देख लेता हश्र का वह मंज़र! तो मरके भी तुम्हारा मुझे इंतज़ार... Hindi · कविता 425 Share Previous Page 5 Next