Mahender Singh Language: Hindi 831 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read भूखे की बेबसी हर बार भूखे ही कुचले जाते हैं, बने हुए है, समाज में फर्श (जमीं) सबको असुविधा से बचाते हैं, फिर भी हर बार, भूखे ही कुचले जाते हैं, . खुद... Poetry Writing Challenge 317 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read गृहस्थ आश्रम शांति की चाहत में, गया पहुंच जंगल में, मंगल की आश में, गये पहुंच दंगल में, मार्ग दर्शक थे जो बचपन के, वीणा कस, वाणी उनकी, सुनाते थे, परम पूज्य... Poetry Writing Challenge 345 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read लकीर के फकीर लकीर के फकीर कब तस्वीर बना पाते है, जो बैठे है भाग्य के भरोसे, कब तकदीर अपनी लिख पाते है उठ कर सुबह, हस्त-रेखाओं के दर्शन कर कर्म करने वाले,... Poetry Writing Challenge 280 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read तकलीफ और शिकायतें तकलीफ किसे बस शिकायतें हैं, जमाना गुजर गया तारीफ सुने हुए, होती गर तकलीफ, जरूर मिट गई होती, बस शिकायतों का चिट्ठा है, पढ कर प्रशासन में उच्च पद पाना... Poetry Writing Challenge 387 Share Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read मजदूर की पीड़ा दो वक्त की रोटी को जिंदगी छोटी पड़ जाती है, सुबह का निवाला खाकर, जब धूप निकल आती है, संध्या होने तक कष्ट सहा भरपूर, कष्ट और भी गहरा जाता... Poetry Writing Challenge 171 Share Mahender Singh 10 Jun 2023 · 1 min read दोहे - सुलह नज़र रख विचारों पर, खोज ले अपनी कमी उठने वाला तूफां उड़ा लेगा पैरों तले जमीं . चिंता भविष्य की त्याग तत्क्षण ले संभाल अनुभव अतीत का उतारे पार रखे... Poetry Writing Challenge 160 Share Mahender Singh 9 Jun 2023 · 1 min read दोहे - अटपटे वादा खिलाफी न करो, ये चरित्र पर दाग, बोलने से पहले सोच, भड़क न जाये आग. . अनुभवहीन के भाष सुन खोते अपने मूल. कुदरत की महिमा कांटों संग खिलते... Poetry Writing Challenge 1 420 Share Mahender Singh 9 Jun 2023 · 1 min read दोहे खटपट जैसे भाव मन में हैं वैसा ही धरातल तैयार, प्रेम भाव से सींचा करो उग आयेगा प्यार.. . जिस देश में गूंजती, महिलाओं की चीख, ऐसे दरिंदे देखो देते ,,... Poetry Writing Challenge 1 466 Share Mahender Singh 9 Jun 2023 · 1 min read दोहे - सरपट मानक मणियां पहनकर, पारख लाज लगाव, बिन सुध बुध ठोकर खाये,आये कौन बचाव,. . मनोरंजन के खेत में बोये जाते संज्ञाहरण बीज, मनोभंजन एक कला, लौट आयेंगे सब अजीज़. .... Poetry Writing Challenge 1 370 Share Mahender Singh 8 Jun 2023 · 1 min read दोहे - झटपट छोटी छोटी बातों पर, छिड़ रहा विवाद, अति जल्द सुलह करें ,शुरू करें संवाद. . संवाद पर विराम न लगे रखें हरदम याद, गुस्से से किनारे करें करना सदा फरियाद.... Poetry Writing Challenge 1 384 Share Mahender Singh 9 May 2023 · 1 min read मेरी दादी मेरी मां मेरे बच्चों की दादी कुछ इस तरह बतियाती पुराने जमाने का आइना बच्चों के लिए एक झूला, अपने बुढापे को छुपाकर अपने बचपन परवरिश के दस्तावेज दिखाया करती... Hindi 447 Share Mahender Singh 25 Apr 2023 · 1 min read चांदनी रात कोई तप कर सोना बनता है, कोई जल कर प्रकाश देता है हीरे को किरण का प्रकाश खुद की धूरी पर घूमते घूमते धरती के चक्कर लगाते हुए. सूरज से... Hindi 420 Share Mahender Singh 24 Apr 2023 · 1 min read समुद्र की पुकार शांत रहने वाले समुद्र में हलचल है आज, जैसे एक करवट में अशांत गिरेगी गाज़ चंद्रमा पूर्ण यौवनावस्था में बिखरे आगाज इकट्ठा हुए मछुआरे, सिर पर लेकर ताज, बाट जोहते... Hindi 311 Share Mahender Singh 6 Apr 2023 · 1 min read हम सफर एक ही रास्ते के मुसाफिर, कोई अपना जो दुख दर्द बांट लें, बिन किसी मकसद दो प्रेमी हो सकते है, भाई बहन माता पिता संग, जो गालियों पर भी हंसे,... Hindi 292 Share Mahender Singh 19 Mar 2023 · 1 min read झरोखे अतीत के झरोखे हैं, कुछ है, कुछ मिटा दिये गये कुछ सहायक, राह में रोड़े अधिक, फैला दिये गये मील के पत्थर, सहायक, मार्ग सही है, आगे बढें , हर... Hindi 1 325 Share Mahender Singh 14 Nov 2022 · 1 min read समसामयिक कुण्डलियां छंद खुली बहोत टकसाल, वोट साधन बारे, काम न आई एक हुई, सब बेकार ब्यौरे, सब बेकार ब्यौरे, बढ़ गई बेगार लाचारी, जनता हुई कर्जदार,फैली अखत बिमारी, कह हंस कविराय,सबनै इब... Hindi 1 1 263 Share Mahender Singh 5 Nov 2022 · 1 min read किरदार अपना अपना कौन तय करता है किरदार कौन है नियंता, किसके हाथ है डोर, कोई है सिरमौर, जाने न कोई ओर, मगर कोई है अगर, तुम खुद हो यार, तय कर तारीख... Hindi 1 255 Share Mahender Singh 28 Oct 2022 · 1 min read नास्तिक लोगों का योगदान नास्तिक लोग काम को थोड़े अलग ढंग से करते है, काम अलग नहीं होते, वे ही सब होते है, करने का तरीका अलग होता है . दुनिया में जितना शोर,... Hindi 1 394 Share Mahender Singh 27 Oct 2022 · 1 min read जुआरी सब कुछ खो गया, पाने के चक्कर में, जो पास था, ध्यान नहीं था उस पर, रहते रहते निर्भर, निर्भार न हो सका, अधूरी ख्वाहिशें, पूरी करने खातिर, दर दर... Hindi 2 1 254 Share Mahender Singh 7 Aug 2022 · 1 min read समयातीत साधक सब चालों की काट उकाब वक्त बही धार, लहर उठे सो मन वक्त के अनुबंध के पार, . . साधु साधक एक है मत पैदा करो मतभेद, साधु निर्लिप्त निसर्ग... Hindi 1 240 Share Mahender Singh 27 Jul 2022 · 1 min read दर्शन शास्त्र के ज्ञाता, अतीत के महापुरुष जनता पूछना चाहती है, महापुरुष का फ्रेम क्या है. (मूर्ख जवाब देते हैं) मन की बात करते है. पर समाधान नहीं देते. . बाबा साहेब का जीवन किसी, एक वर्ग... Hindi 3 2 675 Share Mahender Singh 22 Jul 2022 · 2 min read अमृत महोत्सव अमृत के बारे में, आप क्या सोचते हो ! . अमृत का जिक्र आते ही, एक बात याद में जरूर आती है, समुद्र मंथन. सुर और असुर, बाई प्रोडक्ट, अमृत... Hindi 1 433 Share Mahender Singh 28 Jun 2022 · 1 min read ठिकरा विपक्ष पर फोडा जायेगा ठिकरा विपक्ष पर फोडा जायेगा, नंबर सबका आयेगा, बिन इंतजार, ये पैसा अमीरी का कर रहा सफर, पंद्रह लाख खाते में,जायेंगे अखर, सुन अभी रुक, इतना मत बिफर . बात... Hindi 1 1 394 Share Mahender Singh 26 Jun 2022 · 1 min read उडान कैसी मेरी उडान व्यक्तिगत नहीं, गिरते समय पैराशूट तो.. उडते समय हवाई जहाज, प्रत्यक्ष उड्डयन है ये सब. . सोच विचार व्यवहार सब कैद यांत्रिक है सब कुछ, गारी आवत एक,पलटत... Hindi 340 Share Mahender Singh 19 Jun 2022 · 1 min read देश और आठ साल आदमी हर तरह से निचौड़ दिया गया, 8 नवंबर,2016 की बात है. सुबह उठा सब अव्यवस्थित था, मेरे अपने पैसे के लिए लम्बी कतार में था, जन धन खाते खोले... Hindi 275 Share Mahender Singh 18 Jun 2022 · 1 min read समय करवट लेता है समय करवट लेता है, मालूम नहीं उसे, जिनका ध्यान ईश्वर रखते हैं . बडे बडे दिग्गज धराशायी हो गये.. संध्या होना, गोधूली छा जाना, पक्षियों के कलरव बंद होना, मुहूर्त... Hindi 2 2 331 Share Mahender Singh 16 Jun 2022 · 1 min read अशांत मन चिंतित है मन,अशांत अधीर है मन, वर्तमान की समस्याओं को देखकर. पानी मिलता नहीं, शराब की भरमार, मंहगाई डायन बैठी लम्बे पांव पसार.. बेईमान की पहचान,मांगता अनहोनी, जो है उसे... Hindi 1 2 352 Share Mahender Singh 11 Jun 2022 · 1 min read धरती कहें पुकार के अल्फाज तेरे सुन कर, अरमान तेरे देख कर लगता नहीं तुम्हें चिंता है डगमग व्यवस्था देखकर. आंखें तेरी छीन कर. यांत्रिक तुम्हें बना कर, शब्दों के चक्रव्यूह रच कर, उमड़... Hindi 3 2 466 Share Mahender Singh 8 Jun 2022 · 1 min read नज़्म मेरे चलने से वो चलती है, ठहर जाती है रुकने पर, सांसें नहीं वो आये जाये. परछाई है अपनी माँ की, भविष्य निधि एक दूजे नू . तेरी हर बात... Hindi · शेर 1 1 334 Share Mahender Singh 31 May 2022 · 1 min read एक महिला साथी आरक्षण समाप्त कर बेहतर समाज बनाने की कल्पना करे तो कैसा लगे बहुत अच्छी पहल, आपकी श्रेणी को भोग्या कहा. वंचित रखा गया, कोई अधिकार निहित नहीं थे, एक शक्सियत. ज्योतिबाफुले और सावित्रीबाई फुले ने पहला महिला स्कूल खोला. आप जैसी उस... Hindi · लेख 5 5 475 Share Previous Page 5 Next