Mahender Singh Language: Hindi 807 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Mahender Singh 15 Jun 2023 · 1 min read मजदूर की पीड़ा दो वक्त की रोटी को जिंदगी छोटी पड़ जाती है, सुबह का निवाला खाकर, जब धूप निकल आती है, संध्या होने तक कष्ट सहा भरपूर, कष्ट और भी गहरा जाता... Poetry Writing Challenge 90 Share Mahender Singh 10 Jun 2023 · 1 min read दोहे - सुलह नज़र रख विचारों पर, खोज ले अपनी कमी उठने वाला तूफां उड़ा लेगा पैरों तले जमीं . चिंता भविष्य की त्याग तत्क्षण ले संभाल अनुभव अतीत का उतारे पार रखे... Poetry Writing Challenge 87 Share Mahender Singh 9 Jun 2023 · 1 min read दोहे - अटपटे वादा खिलाफी न करो, ये चरित्र पर दाग, बोलने से पहले सोच, भड़क न जाये आग. . अनुभवहीन के भाष सुन खोते अपने मूल. कुदरत की महिमा कांटों संग खिलते... Poetry Writing Challenge 1 328 Share Mahender Singh 9 Jun 2023 · 1 min read दोहे खटपट जैसे भाव मन में हैं वैसा ही धरातल तैयार, प्रेम भाव से सींचा करो उग आयेगा प्यार.. . जिस देश में गूंजती, महिलाओं की चीख, ऐसे दरिंदे देखो देते ,,... Poetry Writing Challenge 1 371 Share Mahender Singh 9 Jun 2023 · 1 min read दोहे - सरपट मानक मणियां पहनकर, पारख लाज लगाव, बिन सुध बुध ठोकर खाये,आये कौन बचाव,. . मनोरंजन के खेत में बोये जाते संज्ञाहरण बीज, मनोभंजन एक कला, लौट आयेंगे सब अजीज़. .... Poetry Writing Challenge 1 175 Share Mahender Singh 8 Jun 2023 · 1 min read दोहे - झटपट छोटी छोटी बातों पर, छिड़ रहा विवाद, अति जल्द सुलह करें ,शुरू करें संवाद. . संवाद पर विराम न लगे रखें हरदम याद, गुस्से से किनारे करें करना सदा फरियाद.... Poetry Writing Challenge 1 204 Share Mahender Singh 9 May 2023 · 1 min read मेरी दादी मेरी मां मेरे बच्चों की दादी कुछ इस तरह बतियाती पुराने जमाने का आइना बच्चों के लिए एक झूला, अपने बुढापे को छुपाकर अपने बचपन परवरिश के दस्तावेज दिखाया करती... Hindi 339 Share Mahender Singh 25 Apr 2023 · 1 min read चांदनी रात कोई तप कर सोना बनता है, कोई जल कर प्रकाश देता है हीरे को किरण का प्रकाश खुद की धूरी पर घूमते घूमते धरती के चक्कर लगाते हुए. सूरज से... Hindi 268 Share Mahender Singh 24 Apr 2023 · 1 min read समुद्र की पुकार शांत रहने वाले समुद्र में हलचल है आज, जैसे एक करवट में अशांत गिरेगी गाज़ चंद्रमा पूर्ण यौवनावस्था में बिखरे आगाज इकट्ठा हुए मछुआरे, सिर पर लेकर ताज, बाट जोहते... Hindi 166 Share Mahender Singh 6 Apr 2023 · 1 min read हम सफर एक ही रास्ते के मुसाफिर, कोई अपना जो दुख दर्द बांट लें, बिन किसी मकसद दो प्रेमी हो सकते है, भाई बहन माता पिता संग, जो गालियों पर भी हंसे,... Hindi 117 Share Mahender Singh 19 Mar 2023 · 1 min read झरोखे अतीत के झरोखे हैं, कुछ है, कुछ मिटा दिये गये कुछ सहायक, राह में रोड़े अधिक, फैला दिये गये मील के पत्थर, सहायक, मार्ग सही है, आगे बढें , हर... Hindi 1 239 Share Mahender Singh 14 Nov 2022 · 1 min read समसामयिक कुण्डलियां छंद खुली बहोत टकसाल, वोट साधन बारे, काम न आई एक हुई, सब बेकार ब्यौरे, सब बेकार ब्यौरे, बढ़ गई बेगार लाचारी, जनता हुई कर्जदार,फैली अखत बिमारी, कह हंस कविराय,सबनै इब... Hindi 1 1 145 Share Mahender Singh 5 Nov 2022 · 1 min read किरदार अपना अपना कौन तय करता है किरदार कौन है नियंता, किसके हाथ है डोर, कोई है सिरमौर, जाने न कोई ओर, मगर कोई है अगर, तुम खुद हो यार, तय कर तारीख... Hindi 1 169 Share Mahender Singh 28 Oct 2022 · 1 min read नास्तिक लोगों का योगदान नास्तिक लोग काम को थोड़े अलग ढंग से करते है, काम अलग नहीं होते, वे ही सब होते है, करने का तरीका अलग होता है . दुनिया में जितना शोर,... Hindi 1 286 Share Mahender Singh 27 Oct 2022 · 1 min read जुआरी सब कुछ खो गया, पाने के चक्कर में, जो पास था, ध्यान नहीं था उस पर, रहते रहते निर्भर, निर्भार न हो सका, अधूरी ख्वाहिशें, पूरी करने खातिर, दर दर... Hindi 2 1 179 Share Mahender Singh 7 Aug 2022 · 1 min read समयातीत साधक सब चालों की काट उकाब वक्त बही धार, लहर उठे सो मन वक्त के अनुबंध के पार, . . साधु साधक एक है मत पैदा करो मतभेद, साधु निर्लिप्त निसर्ग... Hindi 1 158 Share Mahender Singh 27 Jul 2022 · 1 min read दर्शन शास्त्र के ज्ञाता, अतीत के महापुरुष जनता पूछना चाहती है, महापुरुष का फ्रेम क्या है. (मूर्ख जवाब देते हैं) मन की बात करते है. पर समाधान नहीं देते. . बाबा साहेब का जीवन किसी, एक वर्ग... Hindi 3 2 369 Share Mahender Singh 22 Jul 2022 · 2 min read अमृत महोत्सव अमृत के बारे में, आप क्या सोचते हो ! . अमृत का जिक्र आते ही, एक बात याद में जरूर आती है, समुद्र मंथन. सुर और असुर, बाई प्रोडक्ट, अमृत... Hindi 1 244 Share Mahender Singh 28 Jun 2022 · 1 min read ठिकरा विपक्ष पर फोडा जायेगा ठिकरा विपक्ष पर फोडा जायेगा, नंबर सबका आयेगा, बिन इंतजार, ये पैसा अमीरी का कर रहा सफर, पंद्रह लाख खाते में,जायेंगे अखर, सुन अभी रुक, इतना मत बिफर . बात... Hindi 1 1 247 Share Mahender Singh 26 Jun 2022 · 1 min read उडान कैसी मेरी उडान व्यक्तिगत नहीं, गिरते समय पैराशूट तो.. उडते समय हवाई जहाज, प्रत्यक्ष उड्डयन है ये सब. . सोच विचार व्यवहार सब कैद यांत्रिक है सब कुछ, गारी आवत एक,पलटत... Hindi 247 Share Mahender Singh 19 Jun 2022 · 1 min read देश और आठ साल आदमी हर तरह से निचौड़ दिया गया, 8 नवंबर,2016 की बात है. सुबह उठा सब अव्यवस्थित था, मेरे अपने पैसे के लिए लम्बी कतार में था, जन धन खाते खोले... Hindi 155 Share Mahender Singh 18 Jun 2022 · 1 min read समय करवट लेता है समय करवट लेता है, मालूम नहीं उसे, जिनका ध्यान ईश्वर रखते हैं . बडे बडे दिग्गज धराशायी हो गये.. संध्या होना, गोधूली छा जाना, पक्षियों के कलरव बंद होना, मुहूर्त... Hindi 2 2 202 Share Mahender Singh 16 Jun 2022 · 1 min read अशांत मन चिंतित है मन,अशांत अधीर है मन, वर्तमान की समस्याओं को देखकर. पानी मिलता नहीं, शराब की भरमार, मंहगाई डायन बैठी लम्बे पांव पसार.. बेईमान की पहचान,मांगता अनहोनी, जो है उसे... Hindi 1 2 258 Share Mahender Singh 11 Jun 2022 · 1 min read धरती कहें पुकार के अल्फाज तेरे सुन कर, अरमान तेरे देख कर लगता नहीं तुम्हें चिंता है डगमग व्यवस्था देखकर. आंखें तेरी छीन कर. यांत्रिक तुम्हें बना कर, शब्दों के चक्रव्यूह रच कर, उमड़... Hindi 3 2 381 Share Mahender Singh 8 Jun 2022 · 1 min read नज़्म मेरे चलने से वो चलती है, ठहर जाती है रुकने पर, सांसें नहीं वो आये जाये. परछाई है अपनी माँ की, भविष्य निधि एक दूजे नू . तेरी हर बात... Hindi · शेर 1 1 217 Share Mahender Singh 31 May 2022 · 1 min read एक महिला साथी आरक्षण समाप्त कर बेहतर समाज बनाने की कल्पना करे तो कैसा लगे बहुत अच्छी पहल, आपकी श्रेणी को भोग्या कहा. वंचित रखा गया, कोई अधिकार निहित नहीं थे, एक शक्सियत. ज्योतिबाफुले और सावित्रीबाई फुले ने पहला महिला स्कूल खोला. आप जैसी उस... Hindi · लेख 5 5 365 Share Mahender Singh 26 May 2022 · 1 min read कैसे मान ले ये मजहबी बातें ठीक हैं तुम इसे स्वप्न मान भूल चुके, यह मेरे लिए एक दंश हैं तूने जिस चीज़ को ढाल बनाया मुश्किलें हमारी बढ़ी सम्मान से दो टूक कमाई में सामुहिक जगह है... Hindi · कविता 3 3 261 Share Mahender Singh 26 May 2022 · 1 min read दोहे है व्यवस्था इंसानी निसर्ग को गये भूल बोये पेड़ बबूल के पैदा होंगे लेकर शूल . संविदा इजाजत देता नहीं वोट में हो खोट, एक गुप्त मतदान कारणे,करे गहरी चोट,... Hindi · दोहा 1 1 179 Share Mahender Singh 22 May 2022 · 1 min read पैसा या सम्मान मुझे सम्मान चाहिए अर्धांगिनी को पैसा. पुरुषार्थ चार होते. धन से काम धर्म से मोक्ष मनुष्य काम की पूर्ति के लिए पैसा कमाया करता है. जिससे स्त्री खुश और बहुत... Hindi · लेख 3 2 280 Share Mahender Singh 21 May 2022 · 1 min read बचपन स्कूल और उद्देश्य बचपन शिक्षा और स्वप्न *-*-*-*-*-*-*-*-*-* हमारे समय में ज्यादा मौके नहीं थे, एक अध्यापकों का समूह जो मेहनत करके संस्कार भरते थे. स्कूल के द्वार पर लिखा होता था शिक्षार्थ... Hindi · लेख 3 2 316 Share Mahender Singh 20 May 2022 · 1 min read सोशल मीडिया की सच्चाई आप कुछ भी लिखे, आपसे संबंधित आदमी. गलत रहते आपको गलत नहीं ठहरायेंगे. बल्कि पैरवी करेंगे ! . ऐसा क्यों होता है, क्योंकि वै नहीं चाहते. आप सही दिशा का... Hindi · लेख 2 1 188 Share Mahender Singh 20 May 2022 · 1 min read क्या हिंदुत्व ही भारतीयता है. भारतीय के नाम पर तो कुछ बचा नहीं, जैसे भारतीय रेल, भारतीय वायुसेना, भारतीय ऑयल कॉर्पोरेशन, भारतीय जीवन बीमा. . ये कैसी विडम्बना है, इस तरीके को सरकार देशहित राष्ट्रवाद... Hindi · लेख 1 1 216 Share Mahender Singh 18 May 2022 · 1 min read धर्म आधारित राजनीति जहान् की जहां से भी सुनी, हताशा ही हरदम हाथ लगी, धंधा धेले का नहीं, चार माणस सब अलबाधी, कमाई धेले की नहीं, एक हजार का सिलेंडर, सब्सिडी एकदम टूटी,... Hindi · कविता 2 1 229 Share Mahender Singh 17 May 2022 · 1 min read जल है जीवन में आधार वारि पे वारी जाऊं बिन भूलें उपयोग, पानी के उद्भव बहुत तरवर ते संयोग. . जल की महत्ता पर सुंदर किया बखान. आओ सब मिलकर पेड़ लगाएं श्रीमान. . पानी... Hindi · दोहा 2 2 376 Share Mahender Singh 15 May 2022 · 1 min read ऊपज धरा निपजे सोना धन, धान्य सदाबहार, हंसा तो मोती चुगे पाश संग खरपतवार, . नहीं साधना नेता की,खाती बगुले से मेल बगुले का श्वेत रंग,नेता करते नाहक खेल . ढपली... Hindi · दोहा 5 3 594 Share Mahender Singh 9 May 2022 · 1 min read छद्म राष्ट्रवाद की पहचान बाहर धूप बहुत है, छतरी बिकती, क्यों नहीं, घर में है सिलेंडर, एक हजार रुपये पास नहीं, मंगता है मगर, मांगता है पैसे, रोटी खाता नहीं, भूख नहीं है तलब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 4 1 487 Share Mahender Singh 5 May 2022 · 1 min read वर्तमान परिवेश और बच्चों का भविष्य बद से बदतर. देश में रैगिंग और धर्म के नाम रेकी चल रही है. सरवर,तरवर,संतजन है नहीं . खत्म सब संपदा. बंद पड़े सब रोजगार. शिक्षा चिकित्सा पहुंच से दूर... Hindi · लेख 2 2 292 Share Mahender Singh 23 Apr 2022 · 1 min read वो पिता देव तुल्य है पिता है तो घोसला है वरन् एक ढकोसला है जिंदगी है गर एक मेला मेले का हर सामान मेरा है गर , जीवन एक खेला शेष रहता नहीं, कोई झमेला.... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 14 13 417 Share Mahender Singh 23 Apr 2022 · 2 min read आस्था पर प्रहार आजकल पता नहीं क्या हो गया लोगों को. पहले ईश्वरीय शक्ति के सजगता बनाने की बजाय. आस्था का दोहन करने के बजाय. अपना पक्ष बनने से पहले. निसर्ग को. जवाब... Hindi · लेख 1 386 Share Mahender Singh 15 Apr 2022 · 1 min read सिक्का एक, पहलू दो. बहुतेरे ऐसे लोग हैं, देखे उज्ज्वल पात, वो ही वाहक हैं, पूजन वाले जात पात. . एक तराजू पलडे दो, एक शोधक मध्य, दोनों पलडे़ अशांत , हो सके तो... Hindi · दोहा 3 439 Share Mahender Singh 14 Apr 2022 · 1 min read बाबा साहेब जन्मोत्सव बाबा साहेब भीमराव रामजी अम्बेडकर, पर जितने संगठन और शोध, चल रहे है, उन्हें जानकर, ऐसा लगता है, जो उनकी कार्य शैली रही, उसको समझने में और क्रियान्वित करने में... Hindi · लेख 7 4 566 Share Mahender Singh 12 Apr 2022 · 1 min read आदतें और आदमी आदतें मनुष्य खुद इख्तियार करता है, उसी से चरित्र बनता है, चरित्र से मनुष्य की छवि, बुरी आदतें, वे होती हैं, जिनके साथ जीना, मुश्किल हो जाता है, सीमाओं का... Hindi · लेख 2 2 187 Share Mahender Singh 12 Apr 2022 · 1 min read हम भारत के लोग हम भारत के लोग. ताकत हैं देश की, लेने देन में देनदार है सबसे पहले. जन्मोपरांत एक लाख के कर्जदार है .. सोचो सांस की कीमत मेरे देश की.. .... Hindi · कविता 3 2 354 Share Mahender Singh 11 Apr 2022 · 1 min read चिट्ठी का जमाना और अध्यापक एक हास्य व्यंग्य *.*.*.*.*.*.*.* डाकघर और चिट्ठी कालीन समय में. दो चार पांच गावों एकाध पढ़े लिखा व्यक्ति मिला करते थे. चिट्ठी लिखना और पढना, एक मुश्किल भरा दौर था,... Hindi · कविता 2 892 Share Mahender Singh 9 Apr 2022 · 1 min read अस्त व्यस्त कट गये पेड़ बच गये ठूंठ तपती धूप, बढ़ती झूठ, निगल गये हरियाली सहमे फरियादी, चढ़ गई फ्लैट सी बेल बढ़ गये बैल, अजब खेल, एकाध पार्क नाम के उपवन,... Hindi · कविता 4 4 278 Share Mahender Singh 6 Apr 2022 · 2 min read मास्क समझ पैदा नहीं करता एक आदमी मेरे क्लीनिक पर एक मास्क लेने आया, मैंने पूछा, किस रंग का दूं शायद उस आदमी को, जानकारी नहीं थी, उसके लिए, महज, एक पसंद खड़ी हो गई,... Hindi · कहानी 1 184 Share Mahender Singh 2 Apr 2022 · 1 min read दूर कहीं दूर दूर कहीं दूर निकल न जाना, बस यूं ही समीप बने रहना कम से कम खुदी खोज लेना ग्रास बनने से बचते रहना. मिलते रहेंगे यूं ही हरेक मोड पर,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 281 Share Mahender Singh 1 Apr 2022 · 1 min read भेड और गडरिया मिल गई गडरिये को भेड़, भेड़ों को गडरिया मिल गया, भेड़ के कान पर, चप्पल रखने की आदत, पर काम कर गया, अपनी बरबादी पर जश्न, मनाने वाले, लोगों का,... Hindi · कविता 2 352 Share Mahender Singh 31 Mar 2022 · 1 min read दोहा काणे और खोडे शौक नवाबों आले, हालात जमा माडे. कतई चांदी काट रहे,काणे और खोडे. . वार के दस्तूर बुरे, बारंबार ढाल अडाते, चैस का खेल नहीं, राजा पडोस लखाते Hindi · दोहा 1 196 Share Mahender Singh 29 Mar 2022 · 1 min read तुम हो कहाँ किसी ने कहां तुम मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे, गिरिजाघर, में हो, मैंने कहा, तुम्हें तो कण-कण में बताने वाले लोग हैं तुम हो कहाँ, पेड़ पौधों में, पशु पक्षियों में, बहते... Hindi · कविता 2 219 Share Previous Page 3 Next