मधुसूदन गौतम 250 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 मधुसूदन गौतम 16 Apr 2017 · 1 min read विमला छंद *विमला छन्द* (सगण+मगण+नगण+लघु+गुरु, ११ वर्ण, ४ चरण, दो-दो चरण समतुकान्त) 112 222 111 12 तुझसे मेरा जीवन महका। तुझसे मेरा आंगन चहका। तुझसे ही ये जीवन चलता । तुझमें ही... Hindi · कविता 598 Share मधुसूदन गौतम 8 Apr 2017 · 1 min read क्या फायदा? क्या फायदा बहर-212 212 212 212 ++++++++++++++++++++++++ धुन ++ तुम मगर साथ देने का वादा करो..... +++++++++++++++++++++++ **मतला** जान सब पर लुटाने से क्या फायदा। मान खोकर कमाने से क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 560 Share मधुसूदन गौतम 6 Apr 2017 · 1 min read धीरे देश चला रे पगले धीरे देश चला रे पगले देश मेरा यह बच्चा है। जल्दी बाज़ी मत कर लाला रोड बना यह कच्चा है। 0 माना आया तू आगे है ठोस इरादा लेकर के।... Hindi · गीत 1 507 Share मधुसूदन गौतम 5 Apr 2017 · 3 min read हाडौती में लेख एक दन एक कलम घसीटो मल ग्यो। अब मूं ठहरयो मास्टर तो मन देखता ही उंक करम प सळ पड़ग्यो। पास आर बोल्यो ।क्यू र मास्टर आजकाल थ्ह पढाओ काई... Hindi · लेख 311 Share मधुसूदन गौतम 4 Apr 2017 · 1 min read तीन मुक्तक रामनवमी पर जय श्री राम जय श्री राम के नारे तो लोमहर्ष हुए। लेकिन उसी समाज के द्वारा खंडित तुम्हारे आदर्श हुए। हें राम आज की दुनियां में आदर्श आपके जो भी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 694 Share मधुसूदन गौतम 2 Apr 2017 · 1 min read अभी अभी तो जन्मा हूँ अभी तो मै जन्मा हूँ,कुछ दिन मौज मनाने दो। अभी करो नही बड़ा,कुछ दिन तो इठलाने दो। आज नही तो फिर कभी बचपन तो छुटेगा ही। इतनी जल्दी काहे की... Hindi · कविता 377 Share मधुसूदन गौतम 2 Apr 2017 · 1 min read सखी बात हुई तुमसे री सखी। सारी बाते ही तुम्हे लिखी। पर देखो किस्मत का फेर सारी बातें कही और दिखी। नाम तुम्हारा देख न पाया। अति आनदं था मन समाया।... Hindi · कविता 677 Share मधुसूदन गौतम 1 Apr 2017 · 1 min read टूट जाएगा कलम घिसाई गजल की शक्ल में। आधारित गाना~ बहारो फूल बरसाओ ...... मतला अगर है साँस छोटी सी तो नगमा टूट जाएगा। किया वादा जो गाने का वो' वादा टूट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 269 Share मधुसूदन गौतम 30 Mar 2017 · 2 min read मेरा राजस्थान राजस्थान दिवस पर मेरी कलम घिसाई ******************************** अपने राजस्थान की गाथा सुनाता जितनी मुझे याद हे उतनी बताता। 1*उद्गम* एक नवम्बर 56को अस्तित्व में आया है। राजस्थान नाम तबसे इसने... Hindi · कविता 3 1 5k Share मधुसूदन गौतम 28 Mar 2017 · 2 min read प्रतिपदा प्रपंच अकडूमल एवं झगडूमल आज सुबह नाई की दुकान पर मिले। अभिवादन हुआ। अकडू बोला यार आज से नवरात्रि चालू हो जायेगी। नव वर्ष लग जाएगा तो सोचा सेविंग बनवा ही... Hindi · कविता 348 Share मधुसूदन गौतम 24 Mar 2017 · 1 min read के लिए गजल की शक्ल में कलम घिसाई 212 212 212 212 कौन डरता यहाँ निज कफन के लिए। चाहिए मौत हमको वतन के लिए।**0** राज सुखदेव ने वार तन को दिया।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 406 Share मधुसूदन गौतम 23 Mar 2017 · 3 min read एक व्यंग्य आज की शिक्षा दो दोस्त मोतीलाल एवं धोती लाल आपस में बातें कर रहे थे। यार लास्ट पेपर हो गया आज बोर्ड का अपन तो फ्री। अब साला सारा का सारा लोड टीचर... Hindi · लेख 2k Share मधुसूदन गौतम 19 Mar 2017 · 1 min read चार मुक्तक मै तुमको जीने की कला एकसिखलाता हूँ। अकिंचन हो जाने की राह तुम्हे बतलाता हूँ। लेकिन तुम पड़ो नही इन बातो में सुनलो। क्यों में लाखो की कारो में आता... Hindi · मुक्तक 626 Share मधुसूदन गौतम 15 Mar 2017 · 1 min read कुछ कुछ रंग दर्द में डूबे है। कुछ दर्द निमग्न है रंगो में। कुछ दर्द छलकते जामो में। कुछ रंग बिखरे सत्संगो में। कुछ रंग पलाशी निखरे है। कुछ होली वाले... Hindi · कविता 355 Share मधुसूदन गौतम 14 Mar 2017 · 2 min read होली संजू बिन उसको कितना था प्यार इस होली के त्यौहार से। उठते ही जो सुबह सुबह ही आ जाता था प्यार से। रंग उड़ाता मस्ती करता वो डांट मार भी खाता था।... Hindi · कविता 474 Share मधुसूदन गौतम 8 Mar 2017 · 1 min read जब से फागुन आया है। जब से फागुन आया है कौन कौन बौराया है। जबसे यह फागुन आया है। नारी और वारि के सह में, सवको मद चढ आया है। जब से फागुन आया है।... Hindi · गीत 625 Share मधुसूदन गौतम 8 Mar 2017 · 2 min read मंत्रमुग्ध(एक श्रृंगार कविता) * यात्रा में * मन्त्र मुग्ध सा मन मेरा अवलोकित उसको करता हे। पल पल पलक झुकाता हे शायद थोडा सा डरता हे। भाल रिक्त अलंकरण से पर अलंकार भी... Hindi · कविता 314 Share मधुसूदन गौतम 8 Mar 2017 · 1 min read कोचिंग कोटा के विद्यार्थियों के मन से * विद्यार्थी व्यथा * *******हाडौती में गीत******* अरी एरी बता, कद आवगी, मन म साता । पडबा लिखबा म ही बीत, जोबन की राता। पन्द्रह साल की उम्रिया म ,... Hindi · गीत 1 318 Share मधुसूदन गौतम 8 Mar 2017 · 1 min read परदेश में नियम परदेश में जाते हो तो इतना तो ध्यान लाना। रोकूँ न तुमे पलभर मर्जी हो जहाँ जाना। जो रजनी को भी साजन, तुम कहीं और गुजारोगे में भी निशा बिताऊंगी,... Hindi · गीत 359 Share मधुसूदन गौतम 8 Mar 2017 · 1 min read ले जाओ घर से 2122 212 1 22 जितने चाहे पैसे ले जाओ घर से। उड़ने मत दो परिंदों को पर से। जितने चाहे पैसे ले जाओ घर से। चंद अशार लिखवादो सुखनवर से।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 459 Share मधुसूदन गौतम 7 Mar 2017 · 1 min read चाय बनाई तो बनाई मैने चाय बनाई तो बनाई। नही बनाई तो नही बनाई। तुम्हारे पैसे तुम रखो जी मुझे नही करनी कमाई। मै तो अपने हिसाब से बनाता हूँ। मेरी रेट में ही... Hindi · कविता 742 Share मधुसूदन गौतम 4 Mar 2017 · 1 min read गीत * आखिर मिलना क्या है ?* इनका जीना मरना क्या है ? इनसे आखिर मिलना क्या है ? मख्खी मच्छर कीट पतंगे। निर्धन निर्बल नीच लफंगे। अपने लिय ही यह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 256 Share मधुसूदन गौतम 27 Feb 2017 · 1 min read वेलेंटाइन पर गजल लो सुनो अब हाल दिल क्या हो गया। इश्क का ही भूत सारा हो गया।* 0* * साथिया होती है मजबूरी कभी। देखिये तो फिर भी लिखना हो गया।*1* *... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 323 Share मधुसूदन गौतम 19 Feb 2017 · 1 min read निशाने आ गया वज़्न - 2122 2122 212 आज में तुमको बताने आ गया। दिल मिरा तेरे निशाने आ गया। ज़ीस्त सारी कट गई इक़ साँस में। प्यार जब मुझको डुबाने आ गया।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 461 Share मधुसूदन गौतम 18 Feb 2017 · 1 min read गीत ज्ञान बिचारा तड़प रहा 30 मात्रिक छंद ज्ञान बिचारा तड़प रहा था बरसों पकड़ किताबो को। सोच रहा था निकलू कैसे बाहर छोड़ ख़िज़ाबो को। 'व्हाट्सअप'औ फेसबुको का मानो फिर अवतार हुआ। दौड़ रहा... Hindi · गीत 444 Share मधुसूदन गौतम 14 Feb 2017 · 1 min read मैं गीत प्रेम के गाऊँगा साथी मुझको ताने ना दो, गीत खुशी के गाने ना दो। क्यों ?पीडा तुम्हें बताता हूँ , ओर गीत वफा के गाता हूँ। एक दिन मैं भी तुमको, मस्ती के... Hindi · गीत 355 Share मधुसूदन गौतम 13 Feb 2017 · 1 min read शारदे वन्दना वन्दनाएं/ प्रार्थना/धार्मिक ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ चरणों में रखकर माथ में जोडू दोनों हाथ किरपा तो मैया मुझपर करो। तुम जानो मन की बात हे सारे जग की मात। रहम तो थोडा मुझपर... Hindi · गीत 250 Share मधुसूदन गौतम 7 Feb 2017 · 1 min read देह कम्पित यूँ हुई मधुमास से गण रहित 20 मात्रिक छंद ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ देह कम्पित यूँ हुई मधुमास से। आया ज्यूँ भूकम्प कोई पास से। आ ही जब मधुकर गया यूँ सामने। तो छूटा पनघट पर कलश... Hindi · गीत 276 Share मधुसूदन गौतम 30 Jan 2017 · 2 min read गांधी बापू *रघुपति राघव राजाराम* ********************* आदरणीय महात्मा गाँधी जी परम्परागत अहिंसावादी जी। मै आपसे एक बात पूछूं। कि में आपको क्यों पूजूं। यहाँ हिन्द में अजीब रस्में हैं। सभी आपकी खाते... Hindi · कविता 282 Share मधुसूदन गौतम 29 Jan 2017 · 1 min read अभिव्यक्ति की आज़ादी *त्वरित कलम घिसाई* तुम्हे फ़िल्म बनाना आता है। हमे हाथ चलाना आता है। इसमें अलग कोई बात नही । सबको समझाना आता है। हुनर अपना अपना है जी। बात यह... Hindi · कविता 494 Share मधुसूदन गौतम 28 Jan 2017 · 1 min read ग़ज़ल/गीत 22 22 22 22 वाचिक मापनी आधारित काम करूँ तो काम न आये। राम जपूँ तो राम न आये। यह सोच वतन मेँ काम करूँ। मुझ पर तो इल्जाम न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 367 Share मधुसूदन गौतम 27 Jan 2017 · 1 min read रोटी बनाना बन्द कर 2122 2122 212 अब सनम रोटी बनाना बन्द कर। या भामिनी रोटी बनाना बन्द कर। यह चलन काफी पुराना बन्द कर।*0* अब सनम....... काम क्या रोटी बनाना एक का। आदमी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 291 Share मधुसूदन गौतम 27 Jan 2017 · 1 min read मुक्तक जिस मिट्टी में जन्म लिया उस पर सम्मान नही होता। गैरों को पूजा जाता हो अपनों का ध्यान नही होता। पर गैरो की धरती पर तो उसको मिलता जब मान... Hindi · मुक्तक 340 Share मधुसूदन गौतम 27 Jan 2017 · 1 min read तोतो को रटा दिया त्वरित कलम घिसाई *********************** कुछ तोतो को रटा दिया सबसे बड़ा एक मन्त्र। यह देश हमारा है लोगो अमर रहे गणतन्त्र। बस तबसे सारे ही तोते इसे दोहराये जाते है।... Hindi · कविता 302 Share मधुसूदन गौतम 25 Jan 2017 · 1 min read गणतन्त्र पर कलम घिसाई कलम घिसाई गणतन्त्र पर ************************ गणतन्त्र कहूँ जनतन्त्र कहूँ। या फिर होकर स्वतन्त्र कहूँ। कुछ भी बोलूँ पर डरता हूँ। बेहतर है खुद को यन्त्र कहूँ। 1 मैंने वृद्धा से... Hindi · कविता 1 314 Share मधुसूदन गौतम 25 Jan 2017 · 1 min read गणतन्त्र मेरी कुछ वर्ष पूर्व की कलम घिसाई ************************ गणतन्त्र कहूँ जनतन्त्र कहूँ। या फिर होकर स्वतन्त्र कहूँ। कुछ भी बोलूँ पर डरता हूँ। बेहतर है खुद को यन्त्र कहूँ। 1... Hindi · कविता 221 Share मधुसूदन गौतम 18 Jan 2017 · 1 min read मधुशाला छंद में हास्य हल्का सा एक कोशिश मधुशाला छंद पर 16 व् 14 पर यति अंत 2 गुरु से। ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ प्रेमचन्द की पूस रात सी शीत लहर ये आली है। गाली दे दे चाय बनायें... Hindi · गीत 1k Share मधुसूदन गौतम 18 Jan 2017 · 1 min read शुभ प्रभात ? *जय श्री कृष्ण*? काम और आराम दिन और रात की तरह है। वक्त के मुताबिक दोनों छोटे और बड़े होते है। जो बना लेते है सन्तुलन इनमें समझकर। वो... Hindi · मुक्तक 398 Share मधुसूदन गौतम 17 Jan 2017 · 2 min read साहित्य सार साहित्य सागर अपार है।इसके दो रूप मुख्यत नजर आते है। एक लिखित दूसरा श्रव्य ।लिखित में प्राचीन से लेकर अर्वाचीन तक लिखे गये ग्रन्थ पान्डूनिधि पत्र पात्रिका डॉयरी आदि आतेहै।... Hindi · लेख 1k Share मधुसूदन गौतम 11 Jan 2017 · 1 min read बिटिया वचन ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ पापा मुझे कुछ कहना है। बातें हमेशा करती हूँ। पर आज अलग ही करना है। पापा मैं आपकी बेटी हूँ। आज बड़ी पोस्ट पर बैठी हूँ । क्यों ?... Hindi · कविता 803 Share मधुसूदन गौतम 10 Jan 2017 · 2 min read बेटी के बोल ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ *उन्वान बेटी* 221 2122 221 2122 ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ इक बात पूछना है इतना मुझे बता दो। * ( इतना मुझे बता दो।) इक प्रश्न पर पड़ा जो पर्दा उसे हटा... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 836 Share मधुसूदन गौतम 4 Jan 2017 · 2 min read सोलहवा साल सोलहवें साल की अंतिम कलम घिसाई ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ अठारह मात्रिक ।कहीं पर लय भंग हो सकती है। ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ साल सोलहवे तुझे याद करूँ। तेरा दिल से मैं साधुवाद करूँ। जाने अनजाने... Hindi · कविता 222 Share मधुसूदन गौतम 2 Jan 2017 · 1 min read ग़ज़ल 2 ग़ज़ल 2 *********** 2122 2122 2122 2 पर मेरी कलम घिसाई ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ भोर हो गई है चलो सबको उठाते है। सो रहा यह देश अब उसको जगाते है।0 ÷ आँख... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 237 Share मधुसूदन गौतम 2 Jan 2017 · 1 min read *शब्द सुरभी* ग़ज़ल एक ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ लला ला लला ला ,… *शब्द सुरभी* ग़ज़ल एक ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ लला ला लला ला , ललाला ललाला ÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷÷ खिले फूल मस्ती के अंगना तुम्हारे सदा आपके लब बहुत मुस्कुराये।1 ÷ तुम्हे जिंदगी मेँ मिले ढेर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 505 Share मधुसूदन गौतम 2 Jan 2017 · 2 min read हैपी या अनहैपी न्यू इयर सुबह सुबह नव वर्ष मन गया वर्मा जी का। जब उन्होंने गुप्ता जी को बोल दिया हैपी न्यू इयर भाई साहब। वर्मा जी को भी लगा होगा किधर बर्र के... Hindi · लेख 203 Share मधुसूदन गौतम 14 Dec 2016 · 1 min read दुर्मिल सवैया दुर्मिल सवैया 8 सगण कलम घिसाई दुर्मिल छंद 4 सगण प्रत्येक पंक्ति। ****************************** पतवार लियो जब हाथ सखा, जलधार बही मञ्झधार सखा। सबको मरना शत बार सखा, लगता जब जीवन... Hindi · कविता 364 Share मधुसूदन गौतम 14 Dec 2016 · 1 min read शिखरनी छंद कभी आओ मेरे घर पर बहाना कुछ बना | तभी जानो मेरे सुख दुःख रहूँ क्यों अनमना | सभी बातों का सार मधु तुमको शायद मिले| बिना तेरे ये जीवन... Hindi · कविता 635 Share मधुसूदन गौतम 1 Jul 2016 · 1 min read कलम घिसाई 3 आज मै ऊँचे आसन पर आज मैं ऊँचे आसन पर मसनद के सहारे बैठा हूँ। देख जमीन पर लोगो को खूब घमन्ड में ऐंठा हूँ। * इस आसन पर चढ़ने में पर कितना जियादा गिरा... Hindi · कविता 434 Share मधुसूदन गौतम 29 Jun 2016 · 1 min read कलम घिसाई एक मुक्तक 32 मात्रिक भार की आज मैं ऊँचे आसन पर मसनद के सहारे बैठा हूँ। देख जमीन पर लोगो को खूब घमन्ड में ऐंठा हूँ। इस आसन पर चढ़ने में पर कितना जियादा गिरा हूँ... Hindi · मुक्तक 308 Share मधुसूदन गौतम 28 Jun 2016 · 1 min read कलम घिसाई 2 **वक्त** वक्त वक्त की बात है आये सबका वक्त। वक्त जिसके साथ नही वो ही है कमबख्त।। * कमबख्त है वो जिसका गया हाथ से वक्त। वीर होता वो ही जो... Hindi · कविता 581 Share Previous Page 5