ललकार भारद्वाज 171 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ललकार भारद्वाज 24 Nov 2024 · 1 min read जीवन में जो समझ खाली पेट और खाली जेब सिखाती है वह कोई और नही जीवन में जो समझ खाली पेट और खाली जेब सिखाती है वह कोई और नहीं सिखा सकता, सूखे पत्तों की तरह मत बनाओ अपनी जिंदगी इस दुनिया में ऐसे बहुत... Quote Writer 1 9 Share ललकार भारद्वाज 23 Nov 2024 · 1 min read जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं की उसने जीवन में कभी कुछ नया कर जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं की उसने जीवन में कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की, हम हमेशा शिकायत करते हैं कि दूसरे ने मेरे साथ गलत किया... Quote Writer 1 12 Share ललकार भारद्वाज 22 Nov 2024 · 1 min read सुखी जीवन बनाने के लिए बहुत कम की आवश्यकता होती है; यह सब आप सुखी जीवन बनाने के लिए बहुत कम की आवश्यकता होती है; यह सब आपके भीतर है, आपके सोचने के तरीके में है, जब आप लोगों को चुनौती देते हैं, तो... Quote Writer 14 Share ललकार भारद्वाज 21 Nov 2024 · 1 min read सफलता एक वाहन है जो कर्म के पहियों पर चलती है लेकिन आत्मविश् सफलता एक वाहन है जो कर्म के पहियों पर चलती है लेकिन आत्मविश्वास के ईंधन के बिना यात्रा करना असंभव है। जीवन की वास्तविकता कभी नहीं बदल सकती क्योंकि समय... Quote Writer 1 22 Share ललकार भारद्वाज 19 Nov 2024 · 1 min read संघ के संगठन के सम्बन्ध में मेरे कुछ विचार 🙏संगठन में नियम न संघ के संगठन के सम्बन्ध में मेरे कुछ विचार 🙏संगठन में नियम नहीं व्यवस्था होती है, संगठन में सूचना नहीं समझ होती है, संगठन में क़ानून नहीं अनुशासन होता है,... Quote Writer 20 Share ललकार भारद्वाज 18 Nov 2024 · 1 min read कहने के लिए तो बहुत शब्द लाया हूँ । कहने के लिए तो बहुत शब्द लाया हूँ । आज मैं कवि बनने के लिए आया हूँ ।। अब देखना है, क्या है मेरी किस्मत मे । क्योकि कविता मे... Hindi · मुक्तक 1 2 23 Share ललकार भारद्वाज 18 Nov 2024 · 1 min read स्वयं के जीवन में अगर हम दूसरे की सफलता को स्वीकार नहीं करते स्वयं के जीवन में अगर हम दूसरे की सफलता को स्वीकार नहीं करते तो, वो ईर्ष्या बन जाती है और अगर स्वीकार कर लें तो, वो प्रेरणा बन जाती है...🙏🏃🏻♂️मुस्कराते... Quote Writer 17 Share ललकार भारद्वाज 17 Nov 2024 · 1 min read अच्छा हृदय और अच्छा स्वभाव दोनों आवश्यक है वो इसलिए क्योंकि अच्छा हृदय और अच्छा स्वभाव दोनों आवश्यक है वो इसलिए क्योंकि अच्छे हृदय से कई रिश्ते बनेंगे और अच्छे स्वभाव से ये रिश्ते जीवन भर निभेंगे। आज से हम अपने... Quote Writer 21 Share ललकार भारद्वाज 16 Nov 2024 · 1 min read जीवन में कभी किसी को दोष मत दो क्योंकि हमारे जीवन में सभी की जीवन में कभी किसी को दोष मत दो क्योंकि हमारे जीवन में सभी की अपनी अपनी भूमिका होती है। अच्छे लोग हमें खुशी देते हैं जबकि बुरे लोग हमें अपने... Quote Writer 23 Share ललकार भारद्वाज 15 Nov 2024 · 1 min read दूध, दही, छाछ, मक्खन और घी सब एक ही वंश के हैं फिर भी सब की दूध, दही, छाछ, मक्खन और घी सब एक ही वंश के हैं फिर भी सब की कीमत अलग-अलग होती है क्योंकि श्रेष्ठता जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्म, कला और... Quote Writer 1 27 Share ललकार भारद्वाज 14 Nov 2024 · 1 min read यू इतनी जल्दी कोई भी सो नही सकता, यू इतनी जल्दी कोई भी सो नही सकता, अपने यार के इन्तजार मे खो नही सकता । हमको भी देखो बेपनाह करते है मोहब्बत, इतना पत्थर दिल महबूब हो नही... Hindi · मुक्तक 1 22 Share ललकार भारद्वाज 14 Nov 2024 · 1 min read बचपन नन्हे से बन्दे, बाबा के कन्धे, बचपन के धन्धे। बैठके वो शान से, इतराते गुमान से, बाबा के प्राण से।।1।। पापा तो सुनते नहीं, डर भी तो लगता हैं, मम्मी... Hindi · बाल कविता 1 2 22 Share ललकार भारद्वाज 14 Nov 2024 · 1 min read मैं तेरा हूँ जिस्म मेरा और दिल तेरा है। इस दिल की धड़कन तेरी है।। रूह मेरी और चाह तेरी है। इस चाहत की राह तेरी है।। हँसी मेरी और बात तेरी है।... Hindi · कविता 17 Share ललकार भारद्वाज 14 Nov 2024 · 1 min read तेरे लिए तेरे लिए जगे भी हम और तडफे भी हम । तुझसे बात करने के लिए तरसे भी हम ।। तेरे मुख से तीन शब्द सुनने का इन्तज़ार किया । तेरे... Hindi · ग़ज़ल 17 Share ललकार भारद्वाज 14 Nov 2024 · 1 min read सन्तुलित मन के समान कोई तप नहीं है, और सन्तुष्टि के समान कोई सन्तुलित मन के समान कोई तप नहीं है, और सन्तुष्टि के समान कोई सुख नहीं है; लोभ के समान कोई रोग नहीं है, और दया के समान कोई गुण नहीं... Quote Writer 21 Share ललकार भारद्वाज 13 Nov 2024 · 1 min read 卐 🪔 🪷🪷 卐 卐 🪔 🪷🪷 卐 🪷 राधे राधे 🪷 राधे राधे 🪷 राधे राधे 🪷 राधे राधे 🪔 🪷🪷 🙏 🪷🪷 🪔 राधे राधे 🪷 राधे राधे 🪷 राधे राधे 🪷... Quote Writer 24 Share ललकार भारद्वाज 13 Nov 2024 · 1 min read आपके मन में विचारों का आवागमन जितना कम होगा, जीवन की यात्रा आपके मन में विचारों का आवागमन जितना कम होगा, जीवन की यात्रा उतनी ही आसान होगी, जिंदगी में रफ्तार से ज्यादा जरूरी हैं दिशाएं, हम स्पीडोमीटर देखने में इतने व्यस्त... Quote Writer 30 Share ललकार भारद्वाज 12 Nov 2024 · 1 min read "अहम्" से ऊँचा कोई "आसमान" नहीं, किसी की "बुराई" करने जैसा " "अहम्" से ऊँचा कोई "आसमान" नहीं, किसी की "बुराई" करने जैसा "आसान" कोई काम नहीं, "स्वयं" को पहचानने से अधिक कोई "ज्ञान" नहीं, और "क्षमा" करने से बड़ा कोई "दान"... Quote Writer 1 25 Share ललकार भारद्वाज 26 Aug 2024 · 1 min read चक्रधारी श्रीकृष्ण मेरे गिरधर मेरे नन्दलाल, मेरे गोपाल लगते हो। मेरे हमदम मेरे हमराज, मेरे तुम कौन लगते हो ।। कभी बाके कभी कान्हा, कभी रणछोर लगते हो। कभी तनमे कभी मनमे,... Hindi · कविता 1 2 34 Share ललकार भारद्वाज 23 Aug 2024 · 1 min read ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं और अनुभव से अर्थ समझ में आते ह ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं और अनुभव से अर्थ समझ में आते हैं, इंसान बहुत कमाल का प्राणी है पसन्द करे तो बुराई नही देखता, नफरत करे तो... Quote Writer 1 2 91 Share ललकार भारद्वाज 21 Aug 2024 · 1 min read हुंकार आज तुम्हारे सर पर भी तलवार पड़ी है। रहे अगर तुम सोए तो फिर मौत खड़ी है।। नही जगे तो देखो फिर पछताना होगा। भगे अगर तुम छोड़ देश तो... Hindi 1 45 Share ललकार भारद्वाज 10 May 2024 · 1 min read सम्बन्ध वो नहीं जो रिक्तता को भरते हैं, सम्बन्ध वो जो शून्यत सम्बन्ध वो नहीं जो रिक्तता को भरते हैं, सम्बन्ध वो जो शून्यता में साथ निभाते हैं! नेत्र हमें केवल दृष्टि प्रदान करते हैं परंतु हम कब किसमें क्या देखते हैं... Quote Writer 219 Share ललकार भारद्वाज 9 May 2024 · 1 min read परिवार, घड़ी की सूइयों जैसा होना चाहिए कोई छोटा हो, कोई बड़ा परिवार, घड़ी की सूइयों जैसा होना चाहिए कोई छोटा हो, कोई बड़ा हो, कोई स्लो हो, कोई फास्ट हो, पर जब किसी के 12 बजाने हो तो सब साथ हो,... Quote Writer 1 195 Share ललकार भारद्वाज 8 May 2024 · 1 min read ऐसे कैसे हिन्दू हैं केरल में वो क्रिश्चियन मुस्लिम, यूपी के वो हिंदू है। भेष बदलते रहते वो तो, कलंक लगे वो बिंदु है।। पप्पू पिंकी नाम हैं उनका, सब धर्मो के सिंधु हैं।... Hindi 1 3 80 Share ललकार भारद्वाज 6 May 2024 · 1 min read मनु और मोदी एक मनु और एक हैं मोदी, दोनो ने निष्पक्ष ही होके। संपूर्ण धर्म को एक किया, फिर भी अपनो ने बदनाम किया।। एक ने जीवन को दी थी ज्योति, एक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 60 Share ललकार भारद्वाज 4 May 2024 · 1 min read विवाह की 21वी वर्षगांठ समय लगाके पंख उड़े हैं, यादें ही बस रह जाती हैं। उन यादों में नोक झोंक और, खट्टी मीठी बातें रह जाती हैं।। 21 वर्ष तो बस ट्रेलर हैं ये,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · संस्मरण 70 Share ललकार भारद्वाज 3 May 2024 · 1 min read हमदर्द दर्द बताए तुमको कैसे, और दर्द छुपाए तुमसे कैसे। तुमको दर्द बताए अपने, अब तुमसे दर्द छुपाए कैसे।। तुम्ही तो हो जिसको हमने, राज बताए कैसे कैसे। तुम बिन हँसना... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 88 Share ललकार भारद्वाज 3 May 2024 · 1 min read मेरे भाव मेरे भाव जब तुम समझने लग जाओगी फिर किसी और की नहीं सिर्फ मेरी बन जाओगी कड़वा बोलता हूँ सिर्फ तुम्हारे लिए बोलता हूँ तुम मुझ में नहीं मेरी आत्मा... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 75 Share ललकार भारद्वाज 3 May 2024 · 1 min read माँ बनना कोई खेल नहीं दर्द सहोगी खुशहाल रहोगी, माँ बनना कोई खेल नहीं। माँ की ममता सबको प्यारी, माँ बनना कोई खेल नहीं।। नवजीवन को धरा पर लाना, माँ बनना कोई खेल नहीं। माँ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 75 Share ललकार भारद्वाज 3 May 2024 · 1 min read तुझमें बसते प्राण मेरे बस ऐसे ही ना तुझको चाहूं, तुझमें बसते प्राण मेरे हैं। प्राणों से भी प्यारी हो तुम, मेरी जिम्मेवारी हो तुम।। तुझ पर जीवन अपना वारू, देख अनोखा प्यार तू... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 135 Share ललकार भारद्वाज 3 May 2024 · 1 min read मेरी आँचल तुम मन के मालिक हो अपने, तुम मर्जी अपनी करती हो। तुम प्यार मुझे तो करती हो, पर खूब परेशा करती हो।। ये दिल तेरा भी धड़के हैं, ये दिल... Poetry Writing Challenge-3 · हास्य 77 Share ललकार भारद्वाज 3 May 2024 · 1 min read ललित ललित कहे हर शब्द ललित ही। ललित सुने हर शब्द ललित ही।। ललित जपे हर शब्द ललित ही। ललित ललित है ललित ललित ही।। ललित कलाएं और ललित बलाएं। ललित... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 2 59 Share ललकार भारद्वाज 2 May 2024 · 2 min read देश को कौन बचाएगा तुम्ही देश को फूंकोगे तो, देश को कौन बचाएगा? देश बचाने की खातिर, बलिदान कौन हो पाएगा?? देश फूंकने को आतुर, वो हर जुम्मे को रहते हैं। देश बने गजवा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 79 Share ललकार भारद्वाज 2 May 2024 · 1 min read अपराध बोध तू दर्द समेटे रहती हैं, तू मुझसे सब कुछ कहती हैं। तू मुझको अपना सखा कहे, तू खुद को मेरी सखी कहे।। तू भोली भाली प्यारी सी, तू सबसे प्यारी... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 47 Share ललकार भारद्वाज 2 May 2024 · 1 min read प्यार या तकरार तुम भोली भाली और मैं सीधा-साधा। तुम रस की गोली और मैं उसका आधा।। तुमने घर सवार और मैं तुम पर वारा। तुम करो शिकायत मैं बस मुस्कुराया।। कभी नोक... Poetry Writing Challenge-3 1 65 Share ललकार भारद्वाज 2 May 2024 · 1 min read तुम्हारा यूँ और तुम्हारी बस तुम्हारा यूँ गायब होना मुझे डरा देता है लगता है कहीं मुझसे कोई गलती तो नहीं हुई जिससे तुम नाराज हो गई हो तुम्हारा यूँ मुझको नजरअंदाज करना मुझे डरा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 51 Share ललकार भारद्वाज 2 May 2024 · 1 min read मौसम बारिश वाला बिजली चमक रही हैं, बादल गरज रहे हैं। बारिश बरस रही हैं, सर्दी भी लग रही हैं।। अच्छा हुआ जो हम भी, बिस्तर में घुस गए हैं। बिस्तर भी ठंडा... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 49 Share ललकार भारद्वाज 2 May 2024 · 1 min read भरोसा भरोसा कर लो मुझपर तुम, कभी ना दिल दुखाऊंगा। रहूंगा जब तलक जिंदा, सदा ही साथ निभाऊंगा।। नहीं कोई गलत रास्ता, तुम्हें मैं फिर दिखाऊंगा। सवारू मैं तेरा जीवन, तुझे... Poetry Writing Challenge-3 · गीत 1 55 Share ललकार भारद्वाज 2 May 2024 · 1 min read शादी और साली सर पर सेहरा बांध के मेरे, मंद मंद मुस्कानते हो। सारी चिंता सौंप के मुझको, बड़े चैन से जाते हो।। हंसी नहीं रुकती हैं अब तो, बहुत ही तुम इतराते... Poetry Writing Challenge-3 · हास्य-व्यंग्य 1 56 Share ललकार भारद्वाज 2 May 2024 · 1 min read दुर्घटनाएं दुर्घटनाएं घटती हैं, जाने मे अनजाने में। इनको कभी ना रखना तुम, दिल के तहखाने में।। ये दुखी सदा ही करती हैं, इन्हे अगर तुम याद रखो। जिस को जो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 49 Share ललकार भारद्वाज 2 May 2024 · 1 min read ममता तुम्हारी तुम्हारी हर परेशानी, परेशान कर जाती हैं। तुम्हारे लिए, कुछ ना कर सकूँ।। ये बात भी तो, परेशान कर जाती हैं। मैं तुम्हे चाहता हूँ, इस कद्र, कि... ये चाहत... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 45 Share ललकार भारद्वाज 2 May 2024 · 1 min read एक लड़की एक लड़की... मान हैं अभिमान हैं दो कुलो की शान हैं एक लड़की... गुमनाम हैं स्वाभिमान हैं दो कुलो का कीर्तिमान हैं एक लड़की... गुणवान हैं दयावान हैं सदा बहकाता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 27 Share ललकार भारद्वाज 2 May 2024 · 1 min read इजहारे मोहब्बत हम इजहारे मोहब्बत का इजहार करे कैसे? तुम्हे प्यार किया हमनें इकरार करे कैसे? अब तुम्ही हमे बतलाओ तुम्हे प्यार करे कैसे? हम इजहारे मोहब्बत का इजहार करे कैसे? ये... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 65 Share ललकार भारद्वाज 2 May 2024 · 1 min read मेरे नसीब मेरे नसीब मे नहीं तो क्या, जो हैं वो तो मिल ही जायेगा। जो नहीं हैं मेरे नसीब मे, मिल कर भी चला जायेगा।। मैं खुश हूँ बहुत, तुने इतना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 54 Share ललकार भारद्वाज 2 May 2024 · 1 min read मेरी जिन्दगी बेशक तू कहती हैं, कि, तू खूबसूरत नही ए जिन्दगी। पर मुझसे तो पूछ, मेरी तो, हर तमन्ना हैं तू जिन्दगी।। मेरी तो हर अर्जओ आरज़ू, तुझसे ही तो सुरू... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 36 Share ललकार भारद्वाज 2 May 2024 · 1 min read तुम बन जाना मैं नही बन सकता यदि कृष्ण तुम्हारा, तुम तो राधे बन जाना। मैं नही बन सकता यदि राम तुम्हारा, तुम तो सबुरी बन जाना।। मैं नही बन सकता यदि वामन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 63 Share ललकार भारद्वाज 2 May 2024 · 1 min read मित्र धर्म पोल खोल कर रख दोगे, क्या, मित्र धर्म को भूल गए मित्र छुपाए राज सभी, क्यो, मित्र शर्म को भूल गए हसी मजाक ठीक सभी, क्या, मित्र मर्म को भूल... Poetry Writing Challenge-3 · हास्य-व्यंग्य 49 Share ललकार भारद्वाज 2 May 2024 · 1 min read हंसते-हंसाते हंसते-हंसाते हर गम छुपा, खुशियां मनाते चल हम रहे है । सदियो के जख्मो को सिलते-सिलाते, मरहम लगाते बढ हम रहे है ।। अपना पराया ना करते है वो तो,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 42 Share ललकार भारद्वाज 2 May 2024 · 2 min read जब बनना था राम तुम्हे जब बनना था राम तुम्हे, दुर्योधन बन कर बैठ गये। जब करना था काम तुम्हे, स्वार्थ साध कर बैठ गये।। निगम रखा था नाम तुम्हारा, निर्गुण बन कर बैठ गये।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 65 Share ललकार भारद्वाज 2 May 2024 · 2 min read धर्म युद्ध जब चलना हो तो धर्म युद्ध जब चलना हो तो, निमंत्रण नही दिया जाता। कर्म शुद्ध जब हो अपना तो, इन्तजार नही किया जाता।। ललित लालसा हो समाज की तो, पुकार नही करी जाती।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 48 Share Page 1 Next