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412 posts
Page 4
दूध बन जाता है पानी
दूध बन जाता है पानी
कवि दीपक बवेजा
ये जो समुद्र है कि बड़े अकड़ में रहता है
ये जो समुद्र है कि बड़े अकड़ में रहता है
कवि दीपक बवेजा
किसी को इतना मत करीब आने दो
किसी को इतना मत करीब आने दो
कवि दीपक बवेजा
लोग आते हैं दिल के अंदर मसीहा बनकर
लोग आते हैं दिल के अंदर मसीहा बनकर
कवि दीपक बवेजा
शाखों के रूप सा हम बिखर जाएंगे
शाखों के रूप सा हम बिखर जाएंगे
कवि दीपक बवेजा
अगर जाना था उसको
अगर जाना था उसको
कवि दीपक बवेजा
कौन जिम्मेदार इन दीवार के दरारों का,
कौन जिम्मेदार इन दीवार के दरारों का,
कवि दीपक बवेजा
कस्ती धीरे-धीरे चल रही है
कस्ती धीरे-धीरे चल रही है
कवि दीपक बवेजा
कौन है जो तुम्हारी किस्मत में लिखी हुई है
कौन है जो तुम्हारी किस्मत में लिखी हुई है
कवि दीपक बवेजा
किसी की गलती देखकर तुम शोर ना करो
किसी की गलती देखकर तुम शोर ना करो
कवि दीपक बवेजा
मुझे बदनाम करने की कोशिश में लगा है.........,
मुझे बदनाम करने की कोशिश में लगा है.........,
कवि दीपक बवेजा
जब तक जरूरत अधूरी रहती है....,
जब तक जरूरत अधूरी रहती है....,
कवि दीपक बवेजा
जिन पांवों में जन्नत थी उन पांवों को भूल गए
जिन पांवों में जन्नत थी उन पांवों को भूल गए
कवि दीपक बवेजा
सीमा पर जाकर हम हत्यारों को भी भूल गए
सीमा पर जाकर हम हत्यारों को भी भूल गए
कवि दीपक बवेजा
जो गुरूर में है उसको गुरुर में ही रहने दो
जो गुरूर में है उसको गुरुर में ही रहने दो
कवि दीपक बवेजा
मां के हाथ में थामी है अपने जिंदगी की कलम मैंने
मां के हाथ में थामी है अपने जिंदगी की कलम मैंने
कवि दीपक बवेजा
मंजर जो भी देखा था कभी सपनों में हमने
मंजर जो भी देखा था कभी सपनों में हमने
कवि दीपक बवेजा
रास्ते जिंदगी के हंसते हंसते कट जाएंगे
रास्ते जिंदगी के हंसते हंसते कट जाएंगे
कवि दीपक बवेजा
रूह को खुशबुओं सा महकाने वाले
रूह को खुशबुओं सा महकाने वाले
कवि दीपक बवेजा
हर शाखा से फूल तोड़ना ठीक नहीं है
हर शाखा से फूल तोड़ना ठीक नहीं है
कवि दीपक बवेजा
लौट के आना होगा तो सबसे पहले तुझसे मिलेंगे और जी भर के मिलें
लौट के आना होगा तो सबसे पहले तुझसे मिलेंगे और जी भर के मिलें
कवि दीपक बवेजा
मेरे दिल में मोहब्बत आज भी है
मेरे दिल में मोहब्बत आज भी है
कवि दीपक बवेजा
मेरे दिल में मोहब्बत आज भी है
मेरे दिल में मोहब्बत आज भी है
कवि दीपक बवेजा
मैं उसके इंतजार में नहीं रहता हूं
मैं उसके इंतजार में नहीं रहता हूं
कवि दीपक बवेजा
जो भी मिलता है दिलजार करता है
जो भी मिलता है दिलजार करता है
कवि दीपक बवेजा
किसी की गलती देखकर तुम शोर ना करो
किसी की गलती देखकर तुम शोर ना करो
कवि दीपक बवेजा
वक्त के रूप में हम बदल जायेंगे...,
वक्त के रूप में हम बदल जायेंगे...,
कवि दीपक बवेजा
जिंदगी तुम्हें पुकार रही है
जिंदगी तुम्हें पुकार रही है
कवि दीपक बवेजा
ठोकरें कितनी खाई है राहों में कभी मत पूछना
ठोकरें कितनी खाई है राहों में कभी मत पूछना
कवि दीपक बवेजा
मत जला जिंदगी मजबूर हो जाऊंगा मैं ,
मत जला जिंदगी मजबूर हो जाऊंगा मैं ,
कवि दीपक बवेजा
अपना भी नहीं बनाया उसने
अपना भी नहीं बनाया उसने
कवि दीपक बवेजा
नींद आए तो सोना नहीं है
नींद आए तो सोना नहीं है
कवि दीपक बवेजा
अपना भी नहीं बनाया उसने और
अपना भी नहीं बनाया उसने और
कवि दीपक बवेजा
हवायें तितलियों के पर काट लेती हैं
हवायें तितलियों के पर काट लेती हैं
कवि दीपक बवेजा
यह सादगी ये नमी ये मासूमियत कुछ तो है
यह सादगी ये नमी ये मासूमियत कुछ तो है
कवि दीपक बवेजा
तमाम कोशिशें की, कुछ हाथ ना लगा
तमाम कोशिशें की, कुछ हाथ ना लगा
कवि दीपक बवेजा
हर खिलते हुए फूल की कलियां मरोड़ देता है ,
हर खिलते हुए फूल की कलियां मरोड़ देता है ,
कवि दीपक बवेजा
जनता के आगे बीन बजाना ठीक नहीं है
जनता के आगे बीन बजाना ठीक नहीं है
कवि दीपक बवेजा
ऐसा खेलना होली तुम अपनों के संग ,
ऐसा खेलना होली तुम अपनों के संग ,
कवि दीपक बवेजा
एक तू ही नहीं बढ़ रहा , मंजिल की तरफ
एक तू ही नहीं बढ़ रहा , मंजिल की तरफ
कवि दीपक बवेजा
किस हक से जिंदा हुई
किस हक से जिंदा हुई
कवि दीपक बवेजा
जिस्मौ के बाजार में दिलजार करते हो
जिस्मौ के बाजार में दिलजार करते हो
कवि दीपक बवेजा
पर्वतों का रूप धार लूंगा मैं
पर्वतों का रूप धार लूंगा मैं
कवि दीपक बवेजा
हर कोई जिंदगी में अब्बल होने की होड़ में भाग रहा है
हर कोई जिंदगी में अब्बल होने की होड़ में भाग रहा है
कवि दीपक बवेजा
तेरे लहजे पर यह कोरी किताब कुछ तो है |
तेरे लहजे पर यह कोरी किताब कुछ तो है |
कवि दीपक बवेजा
बिना मेहनत के कैसे मुश्किल का तुम हल निकालोगे
बिना मेहनत के कैसे मुश्किल का तुम हल निकालोगे
कवि दीपक बवेजा
मीलों का सफर तय किया है हमने
मीलों का सफर तय किया है हमने
कवि दीपक बवेजा
हमने यूं ही नहीं मुड़ने का फैसला किया था
हमने यूं ही नहीं मुड़ने का फैसला किया था
कवि दीपक बवेजा
कई लोगों के दिलों से बहुत दूर हुए हैं
कई लोगों के दिलों से बहुत दूर हुए हैं
कवि दीपक बवेजा
ना जाने कौन से मैं खाने की शराब थी
ना जाने कौन से मैं खाने की शराब थी
कवि दीपक बवेजा
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