Raj Vig 151 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next Raj Vig 29 Oct 2017 · 1 min read खोफ सजा से तेरी यहां अब कोई डरता नही माथे को तेरे द्वार पे टिकाने के बाद गुनाह करने से कोई झिझकता नही । कौन है तू कैसा है तू वास्तविकता... Hindi · कविता 2 716 Share Raj Vig 15 Oct 2017 · 1 min read कालेज का प्यार कालेज के दिनो का प्यार आज पहलू मे आ बैठा था दिल मे बरसो से छुपे अरमान आज फिर जुबान पर आ बैठे थे । पहले से ज्यादा निखरा था... Hindi · कविता 2 381 Share Raj Vig 7 Oct 2017 · 1 min read लकीरें खिंची हैं मेरे हाथों मे कुछ टेढ़ी मेढ़ी सी लकीरें कंयू मिटती नहीं है लिखी गयी हैं जो तकदीरें । आंखों से नज़दीक दिखते हैं जो कंयू रिश्ते बनते नही... Hindi · कविता 1 268 Share Raj Vig 30 Sep 2017 · 1 min read सांसें आंखों से आंसू टप टप गिर रहे थे सीने से गमो के तूफान उठ रहे थे बोटी बोटी इन्सानियत का कत्ल हुआ था एक जंगली भेड़िये से इन्सान डर रहा... Hindi · कविता 314 Share Raj Vig 23 Sep 2017 · 1 min read उम्मीदों के पुल देर से ही सही आ गया हूं उन राहों मे जहां मिलने लगा है सकून जिन्दगी के चलते सफर मे । मौसम के बिना ही फूल खिलने लगे हैं शाखाओं... Hindi · कविता 316 Share Raj Vig 17 Sep 2017 · 1 min read सीख जंत्र मंत्र तंत्र सब करके देख लिया पंडित ज्ञानी ध्यानी सब पूछ के देख लिया । उनका कहना करना सब करके देख लिया लोगों के मन को भांप के देख... Hindi · कविता 291 Share Raj Vig 9 Sep 2017 · 1 min read दिल के करीब मुद्दतों के बाद फिर कोई दिल के करीब आया है नया चेहरा लेकर जज्बात वो पुराने लाया है । आंखों मे प्यार बसा कर कोई वीरान जिन्दगी मे चाहत ले... Hindi · कविता 577 Share Raj Vig 1 Sep 2017 · 1 min read पहली बार वादा किया है जिन्दगी से मैने पहली बार करना नही पड़ेगा अब उसे और इन्तजार ले जाऊंगा उसे मै सपनो के द्वार महकेगी जब जिन्दगी पतझड़ भी हो जायेगा बहार... Hindi · कविता 529 Share Raj Vig 26 Aug 2017 · 1 min read गुजरे लम्हे गुजर गये हैं जो लम्हे जिन्दगी के लौट कर नही आयेंगे वो मुकाम बीते सफर के । गुजर गये हैं जो तूफान गमो के साथ उड़ा ले गये है सैलाब... Hindi · कविता 354 Share Raj Vig 20 Aug 2017 · 1 min read कृपा दृष्टि की आस कृपा दृष्टि की आस लिये ढूंढ रहा है, वो तुझे मुरारी वृन्दावन की उन गलियों मे जहां गूंजी थी, तेरी किलकारी । मोह माया से, त्याग लिये घूम रहा है,... Hindi · कविता 431 Share Raj Vig 12 Aug 2017 · 1 min read शान जंगल मे जानवर बहुत हैं भालू, चीता, हाथी सबकी अपनी आन है लेकिन जब निकलता शेर अपनी मांद से है उसकी अलग अपनी शान है । बाजार मे आभूषण बहुत... Hindi · कविता 555 Share Raj Vig 6 Aug 2017 · 1 min read किसी की खातिर रास्ते तो बहुत मिले थे मंजिलो को पाने के किसी की आंखों की नमी देख कदम मैने उठाया ही नही । मौके तो बहुत दिये थे जिन्दगी ने अपना पराया... Hindi · कविता 702 Share Raj Vig 2 Aug 2017 · 1 min read चिन्तन चिन्तन करने लगा हूं मै उस जहान का लौटा नही जहां से कोई मै उस आसमान का । चिन्तन करने लगा हूं मै हवा के उस झोंके का दिखता नही... Hindi · कविता 698 Share Raj Vig 22 Jul 2017 · 1 min read अन्तर्मन की चेतना वो पिटता लुटता रहा वो लहुलुहान होता रहा वो चिल्लाता पुकारता रहा मै वीडियो बनाता रहा । उसके पास जाने से मै कतराता रहा आवाज निकालने से मै डरता रहा... Hindi · कविता 493 Share Raj Vig 18 Jul 2017 · 1 min read ये कैसी अखबार ये कैसी अखबार मै पढ़ने लगा हूं दिन दहाड़े सबके सामने झपट मारी रोज बेआबरू होती अबला नारी छोटी छोटी बातों मे मारा मारी । ये कैसी अखबार मै पढ़ने... Hindi · कविता 270 Share Raj Vig 9 Jul 2017 · 1 min read प्यार के दो अल्फाज इशारे वो इस कदर दिन मे आजकल करने लगे हैं नींद कम और सपने ज्यादा अब रात आने लगे हैं । जुंबा से चुप हैं मगर आंखों से सब बताने... Hindi · कविता 687 Share Raj Vig 1 Jul 2017 · 1 min read सूखा पत्ता वो भी कभी बहारों का हुआ करता था हिस्सा गिरा पड़ा था सड़क पर जो सूखा निर्जीव पत्ता । प्रकृति ने साथ दिया नही जडों ने पोषण किया नही चंद... Hindi · कविता 810 Share Raj Vig 24 Jun 2017 · 1 min read जो किये थे कसूर अपमान किया है उसने किसी का बेआबरू कर दिखाया है गरूर दी है सजा उसने किसी को जो था बिल्कुल बेकसूर । मिलेगा उसे इसका दण्ड रोयेगा इक दिन हो... Hindi · कविता 415 Share Raj Vig 17 Jun 2017 · 1 min read कल्पना से परे कल्पना से परे जो जहान है मिले तुझे ये मेरा अरमान है फूलों से भरी जो राहें हैं मिले उन्हें जो तेरे पांव हैं ।। चमकता जो रात मे चांद... Hindi · कविता 405 Share Raj Vig 10 Jun 2017 · 1 min read कितना वो गरीब हुआ करता था गुजरा जब मै उस बस्ती से जहां वो रहा करता था रोंगटे मेरे खड़े हो गये कैसे वो जिया करता था । धुंए से भरी झोंपड़ी मे गिनती का समान... Hindi · कविता 420 Share Raj Vig 4 Jun 2017 · 1 min read पन्ने मिटा दिये हैं मैने रूलाते थे बहुत जब याद आते थे अतीत के मायूस पन्ने । कोशिशें की हैं मैने भुलाने की नफरतें उभर न आये निशानियां फाड़ दिये हैं... Hindi · कविता 548 Share Raj Vig 27 May 2017 · 1 min read नमन करूं द्वार तेरे मै पावन निर्मल हुआ है तन मन उज्ज्वल हुआ है जीवन चरणों मे जब मिली शरण मेरे जगत प्रभु रघुनंदन । सुखमय हुआ है अन्तर्मन हर सांस हुई है चन्दन किया जब,... Hindi · कविता 600 Share Raj Vig 22 May 2017 · 1 min read नरक का दंड कर्मो का समय जब मेरा पूरा हुआ प्रभु के आदेश से यमराज दूतों के साथ प्रकट हुए मुझे मेरे शरीर से अलग किया गया और प्रभु के समक्ष पेश किया... Hindi · कविता 575 Share Raj Vig 13 May 2017 · 1 min read क्यूं प्यार को तरसा रही है दिल से ये आवाज बार बार आ रही है जितना मै तुझे चाह रहा हूं उससे ज्यादा तू मुझे चाह रही है । मेरी आंखें तेरी आंखों से बार बार... Hindi · कविता 489 Share Raj Vig 7 May 2017 · 1 min read खिल उठा है कमल खत्म हुआ है सिलसिला अब बातों का आ गया है वक्त कछ कर जाने का । गुजर गया है दौर तूफानो का आया है मौसम लौट के फिर से मुसकाने... Hindi · कविता 307 Share Raj Vig 29 Apr 2017 · 1 min read जिन्दगी माया के चक्र मे भ्रमित है हर इक जिन्दगी अधूरी इच्छाओं से ग्रसित है हर इक जिन्दगी । चिन्ताओं के भंवर मे कल्पित है हर इक जिन्दगी सुबह शाम की... Hindi · कविता 454 Share Raj Vig 22 Apr 2017 · 1 min read मुकद्दर से हारा है तू दामन को आंसुओं से कयूं भिगोता है तू कर्मो से नही मुकद्दर से हारा है तू । मुश्किलों के तूफानो से कयूं डरता है तू अपने मुकद्दर से कयूं नही... Hindi · कविता 210 Share Raj Vig 16 Apr 2017 · 1 min read दोस्त बदला है रूप जिन्दगी ने दोस्तों ने चेहरे बदल लिये चलते थे जो रोज साथ साथ उन्होंने आज रस्ते बदल लिये । आंखों से पहचानते हैं वो दिल मे बदली... Hindi · कविता 556 Share Raj Vig 8 Apr 2017 · 1 min read रूप गज़ब है ख्वाब लिये मै आंखों मे पहुंचा हूं उन गलियों मे जहां नाम तेरे की चर्चा है गलियारों और मयखानों मे । रूप गज़ब है यौवन मे निकले जब तू राहों... Hindi · कविता 384 Share Raj Vig 1 Apr 2017 · 1 min read सड़क किनारे सिसकता सुबकता वो सारी रात रहा दो रोटी की जुगाड़ मे भटकता वो सारा दिन रहा । गरीब कमजोर होने की सजा वो बर्दाश्त करता रहा आंखों मे आंसुओं को... Hindi · कविता 1 294 Share Raj Vig 25 Mar 2017 · 1 min read 21वीं सदी का इन्सान गली मे आज फिर लगी है भीड़ कत्ल हुआ है इन्सानियत का देखती रह गयी है भीड़ खोफ की पहचान बन गया है हैवान लूट कर ले गया है किसी... Hindi · कविता 315 Share Raj Vig 18 Mar 2017 · 1 min read गमो का बोझ गमो का बोझ जब दिल से उठाया न गया आंखों से अश्कों का राज़ भी छुपाया न गया । दर्दे दिल चाह कर भी किसी को बताया न गया जख्म... Hindi · कविता 513 Share Raj Vig 15 Mar 2017 · 1 min read एक बार करता रहा मै जिन पलों का इंतजार जिंदगी मे लौट कर नही आए, एक बार । देखा करता था जिन्हे सपनो मे कई बार हकीकत मे वो पल भी नही... Hindi · कविता 345 Share Raj Vig 11 Mar 2017 · 1 min read यादों के झोकें यादों के तेरे जब झोकें चले आते हैं सांसों मे तेरी महकों के गुलाब चले आते हैं । ख्वाबों मे गुजरे हुए हसीन वो पल चले आते हैं उठती हुई... Hindi · कविता 485 Share Raj Vig 8 Mar 2017 · 1 min read उम्र होगी जब आपकी उम्र होगी जब आपकी लिखने की ख्वाहिश होगी आपकी एक हाथ मे कापी आपकी दूसरे हाथ मे होगी कलम आपकी दिल की तमाम बाते आपकी लोगों मे आम होगीं आपकी... Hindi · कविता 400 Share Raj Vig 5 Mar 2017 · 1 min read आंखें मोटी मोटी बड़ी बड़ी वो खूबसूरत आंखें सुन्दर चेहरे पे लगती वो प्यारी आंखें छलकती हुई वो आसमानी आंखें झुकती पलको मे अदा लगती कज़रारी आंखे उठती पलको मे गज़ब... Hindi · कविता 1 665 Share Raj Vig 4 Mar 2017 · 1 min read मेहनत के फल गलती करते करते पहुंचेगा वो उस रस्ते जहां मिल जायेंगे उसे कामयाबी के गुलदस्ते । डरेगा नही वो हालात कितने भी हो खस्ते चढ़ जायेगा वो सीढ़ी ख्वाबों की हंसते... Hindi · कविता 410 Share Raj Vig 25 Feb 2017 · 1 min read खूशियों के पल जी भर के आज वो मुस्कराया है बाद मुद्दत के खूशियों का पल झोली मे उसकी आया है । खूशियों का पैमाना आंखों से छलक आया है पाने को इस... Hindi · कविता 1 497 Share Raj Vig 23 Feb 2017 · 1 min read जीवन की बाजी पल दो पल के जीवन मे क्या खोया, पाया मैंने इन सब बातों को मै भूल चुका हूं । कुछ वादों को, कुछ नातों को मै तोड़ चुका हूं जीवन... Hindi · कविता 616 Share Raj Vig 18 Feb 2017 · 1 min read अजनबी गुजरते हुए पल बोझिल से लग रहे हैं आशाओं के दीपक बुझते से लग रहे हैं । बदली हुई डगर मे अपने पराये लग रहे हैं नज़रो से दिखते रस्ते... Hindi · कविता 440 Share Raj Vig 16 Feb 2017 · 1 min read दूर बहुत दूर बहुत कोई चला गया न जाने कौन सी दुनिया मे वो बसर गया अपना सब कुछ यहीं पर छोड़ गया सपने वादे रिश्ते नाते सब इक पल मे तोड़... Hindi · कविता 760 Share Raj Vig 12 Feb 2017 · 1 min read गांव गांव मे शहर गति प्रगति की तेज हो गयी रात दिन चौगुनी हो गयी नयी दिशा की राह मिल गयी पुरानी बातें सब हवा हो गयीं । चंद सालो की बात है और... Hindi · कविता 259 Share Raj Vig 9 Feb 2017 · 1 min read प्रभु संदेश प्रभु के दरबार मे आज इंसाफ हो रहा था दूध दूध पानी पानी हिसाब हो रहा था किये हुए कर्मो का भुगतान हो रहा था दूसरे को सजा मिलते देख... Hindi · कविता 607 Share Raj Vig 5 Feb 2017 · 1 min read तेरा साथ तू पास रहे या दूर रहे दिल मे बस तू वास करे जन्म जन्म तुझे पाने की दिल मे अमिट प्यास रहे । फूलो और बहारों को संग तेरे पर... Hindi · कविता 1 1k Share Raj Vig 3 Feb 2017 · 1 min read राहें खुद ब खुद बदल गयी हैं राहें मंजिल का पता बता रही हैं राहें जाना था किधर कहां जा रही हैं राहें मुश्किल थी बहुत आसान हो गयी हैं राहें... Hindi · कविता 488 Share Raj Vig 1 Feb 2017 · 1 min read फेरा कुछ नही जाना साथ मे मेरे न पैसा न बंगले मेरे न काया न बंदे मेरे माया के सब बंधन तेरे सहारे जीते हैं सब तेरे कुछ तो कर दे... Hindi · कविता 512 Share Raj Vig 28 Jan 2017 · 1 min read सुबह सुहानी किताबों मे खो जायेगी इक दिन मेरी कहानी घड़ियों की रफ्तार मे खो जायेगी मेरी जवानी । क्यूं न फिर मै अरमानो को जाम पिला दं जब तक है ये... Hindi · कविता 364 Share Raj Vig 25 Jan 2017 · 1 min read खुशबु फूलों से निकल कर खुशबु कमरे मे आ रही थी हल्की हल्की भीनी भीनी खुशबु दिल को लुभा रही थी कमरे का कोना कोना महका रही थी अन्दर जाती हुई... Hindi · कविता 2 573 Share Raj Vig 23 Jan 2017 · 1 min read शहर के लोग मेरे शहर मे जो रहते है लोग अलग से वो सब लगते हैं लोग दूसरो को नसीहत देते हैं लोग खुद सब गलत करते हैं लोग । सड़को पर मरना... Hindi · कविता 440 Share Raj Vig 20 Jan 2017 · 1 min read कर्म कौन देखता है बार बार यही सोच कर हर बार इन्सान कर लेता है गुनाह कई बार पड़ जाती है जब कर्मो की मार पहुंच जाता है प्रभु के दरबार... Hindi · कविता 364 Share Previous Page 3 Next