DR.MDHU TRIVEDI Language: Hindi 796 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 5 Next DR.MDHU TRIVEDI 19 Aug 2021 · 1 min read प्रिय मिलन की आस शान्त कोमल नीरवता सन्नाटे भरी गर्जन में जब वृक्ष के पात भी किसी अनजान दहशत में न जाने कोन सी घड़ी गुमसुम क्यों बैठी सजनी पिया मिलन की आस है... Hindi · कविता 77 661 Share DR.MDHU TRIVEDI 19 Aug 2021 · 1 min read पिया तूने मिलन के बिना दिल जुदा कर दिया अजब काम तूने पिया कर दिया रही बैठि मैं टकटकी जो लगा जता प्यार तूने हँसा कर दिया डसे नागिनें जब निशा बन... Hindi · कविता 75 599 Share DR.MDHU TRIVEDI 19 Aug 2021 · 1 min read जिन्दगी जिन्दगी भर को तुझे अपना बनाते है जिन्दगी की शाम को हर पल लुभाते है प्यार की राहें चलें मिल छोड़ नफरत को भूल जो हमने कभी की अब भुलाते... Hindi · कविता 76 1 335 Share DR.MDHU TRIVEDI 19 Aug 2021 · 1 min read जमीन आसमान से जमीन मिलाइए भेद आपसी जाति पाँति मिटाइए रक्त का बस इक ही पहचान पत्र समता नर पशु सबमें बनाइए पाप कर्म जमीन पर बढ जायेगा नर इतना अब... Hindi · कविता 76 446 Share DR.MDHU TRIVEDI 19 Aug 2021 · 1 min read जी. एस. टी सरकार को इमानदार बतलाते है जी एस टी जैसा घुन भी लगवाते है छोटे उधोग आज हुए है जब चौपट मजदूरों का हक हर रोज छिनाते है दो वक्त की... Hindi · कविता 77 335 Share DR.MDHU TRIVEDI 19 Aug 2021 · 1 min read सनम माथ की बिन्दियाँ बन सनम माँग में रोज तू सज सनम सांवरी औ सलोनी दिखूँ कान्ति चेहरे की बन दिख सजन हाव औ भाव की भंगिमा आपसे ही रहे खिल... Hindi · कविता 77 553 Share DR.MDHU TRIVEDI 19 Aug 2021 · 1 min read रोटी जीवन की एक ही धुरी चारों ओर रहे रोटी जन्म मिला इन्साँ को जब बस पेट को भरे रोटी दूध लगे पीने बालक तब उसको न खले रोटी शान्त करे... Hindi · कविता 76 344 Share DR.MDHU TRIVEDI 19 Aug 2021 · 1 min read ईश की बनाई दुनियाँ ईश की बनाई दुनियाँ प्रेम से सजाई दुनियाँ सत्य की डगर चल न सकूँ झूठ की सताई दुनियाँ सबके मुख पर सबकी सी क्यों करे बुराई दुनियाँ जब खिले कमल... Hindi · कविता 76 1 543 Share DR.MDHU TRIVEDI 19 Aug 2021 · 1 min read आओ गोपाल आओ गोपाल हो रही है भूमि विकल , अब आओ गोपाल । पाप धरा से मिटे कब , जनता करे सवाल । जनता करे सवाल ,जीवन जन जन का खार... Hindi · कविता 77 1 322 Share DR.MDHU TRIVEDI 19 Aug 2021 · 1 min read सीमा पर खडा प्रहरी, सीमा पर खडा प्रहरी, करे सबको सचेत | केवल मेरी बदौलत , सोये वतन अचेत || सोये वतन अचेत , न काहू को रहे खौफ | पर जवान देश का... Hindi · कविता 76 1 392 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Aug 2021 · 1 min read सरजू की लहरें भरे उफान सरजू की लहरें भरे उफान , गा रही है मंगल गीत बहुत दिनों बाद वापस विराजे रामलला अयोध्या धाम आओ सखि री मिल गाओ री मंगल गीत और बधाईयां राग... Hindi · कविता 77 1 541 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Aug 2021 · 1 min read अयोध्या में मच रही है धूम अयोध्या में मच रही है धूम पड़े पग निकले ध्वनि झूम कर रहे कलरव खगवृन्द होती पावन अयोध्या भूमि Hindi · मुक्तक 78 1 381 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Aug 2021 · 1 min read हो रहा है अयोध्या में मन्त्रोच्चार हो रहा है अयोध्या में मन्त्रोच्चार करते सन्तजन मुनि सद उच्चार मनेगी आज झूम कर दीवाली तैयार कर लूं मैं तिलक थाली बसे हैं रामलला बरसों बाद यहां जाने न... Hindi · कविता 75 1 360 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Aug 2021 · 1 min read बरखा बहार आई बरखा बहार आई , उड़ा कर साजन का प्यार लाई मंद -मंद मुस्कराए , पिय मिलन की फुहार लाई गजगामिनी सी हुई चाल निखर रहे है सब साथ श्रृंगार बरखा... Hindi · कविता 74 345 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Aug 2021 · 1 min read हे अखण्ड, अजेय सच्चिदानन्द हे अखण्ड, अजेय सच्चिदानन्द इस मन सांवले को छोड़ कोई न भाया ले पुनः अवतार आज इस धरा पर जन जन को विश्वास दिलाया चित्त चोर रण छोर कहलाओ नित... Hindi · कविता 77 390 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Aug 2021 · 1 min read हे राम मेरे क्षमा करना हे राम मेरे क्षमा करना ****************** हे राम मेरे क्षमा करना प्राण प्रतिष्ठा हेतु अदालत जाना पडा । पर था करना जरूरी यह भी तर्क वितर्क किये अनगिनत तब ऐतिहासिक... Hindi · कविता 75 350 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Aug 2021 · 1 min read विदा कितना असहज है अपने किसी को विदा करना चाहे घर का हो या बाहर का कितना असहज हैं अपने किसी को विदा करना । गर हो बेटी तो बहुत मुश्किल... Hindi · कविता 77 587 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Aug 2021 · 1 min read साथी ऐ साथी मेरे जीवन के ले चल तू साथ आज अपने छोड़ रीति दुनियाँ की अब तू नित्य सजा प्रीति साज अपने हाथ हाथ में ले मेरा तू सँभाल ले... Hindi · कविता 76 613 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Aug 2021 · 1 min read क्या दोष था मेरा क्या दोष था मेरा माँ कचरे के ढेर पटक दिया भ्रूण हत्या से बढ़ कुकर्म कचरे के ढ़ेर पटक दिया नौ माह कोख में कष्ट झेला शीत , ताप ,बारिश... Hindi · कविता 76 558 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Aug 2021 · 1 min read बोझ आँख खुली , फिर बोझ तले दबा था जिस बोझ को ले सोया जागने पर ज्यों का त्यों अनवरत कोशिश की कुछ हल्का कर लूँ मन का गुबार निकाल दूँ... Hindi · कविता 77 527 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Aug 2021 · 1 min read शिव डम डम डमरू का अनहद तांडव का सृष्टि और विनाश में शिव ही साधक है गरल सुधा जो पीए जटा में गंग वो धारे शुभ और अशुभ में शिव ही... Hindi · कविता 76 353 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Aug 2021 · 1 min read पत्थर राह पाषाण अब तक धरा रह गया मन्दिरों में वही बन दुआ रह गया मार ठोकर बढ़ा जा रहा आदमी रोज देवालयों जा झुका रह गया मान भगवां जिसे पूजता... Hindi · कविता 77 328 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Aug 2021 · 1 min read हूक एक हूक उठती है उठ उठ दीपक लौं सदृश गिरती जानते हो तुम ! वो क्या है फरवरी माह का भीना प्रणय स्पर्श याद तुमको भी तो आता होगा सुषुप्त... Hindi · कविता 77 1 548 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Aug 2021 · 1 min read शिकारी और प्रेम प्यासी हिरनी वन वन को झूमै अम्बु चाह में धरा से नभ तलक पसरता घोर तम है निर्विकार सी आकृति बनाती जो उड़ी रेत से देख उसको आतुर डालने को... Hindi · हाइकु 76 2 359 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Aug 2021 · 1 min read मेरै देश की कश्ती न जाने क्यों थम गई मेरे देश की कश्ती । हँसता खेलता प्यारा बच्चा क्या जाने क्या करे डर है कोई अन्जान और अज्ञात सा मन में माँ के मना... Hindi · कविता 77 1 551 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Aug 2021 · 1 min read मौत का मंजर एक तरफ मौत का मंजर दूसरी ओर युद्ध की ललकार ऊपर वाले तू सृष्टा औ हन्ता तो चारों ओर कैसी हाहाकार मानवता चीत्कार कर रही सिस्टम पर प्रश्न खडा कर... Hindi · कविता 76 2 412 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Aug 2021 · 2 min read लाकडाउन ? .. दुनियाँ की पूरी अर्थ व्यवस्था जिन मजदूरों पर निर्भर करती है पर लाकडाउन के साथ मजदूरों के साथ स्व वतन वापसी को ले जो घटनाएं घटीं वे बहुत... Hindi · लेख 76 377 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Aug 2021 · 1 min read बचपन 1. बचपन था नादान कितना ये हम सबका 2. याद करिए शरारत से भरा मस्ती से भरा 3. मम्मी की परी पापा की मैं लाडंली कहलाती थी 4. जिद करती... Hindi · हाइकु 77 626 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Aug 2021 · 1 min read मास.सावन 1- दी है दस्तक मास श्रावन ने आ शिव औ शक्ति भू उतर है आये करने दिव्य यात्रा 2- जन- मन हो खुश ह़ोकर झूमे हो शुभारम्भ शिव जलाभिषेक मंदिर-... Hindi · कविता 75 463 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Aug 2021 · 1 min read साहित्य में सकारात्मक पक्ष के स्थान पर नकारात्मक पक्ष वर्तमान परिवेश में साहित्य में सकारात्मक पक्ष के स्थान पर नकारात्मक पक्ष को अधिक महत्व देने की प्रासंगिकता । साहित्य समाज का दर्पण कहलाता है जैसा समाज में घटित होता... Hindi · लेख 77 736 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Aug 2021 · 1 min read हे प्रभो प्रभो फिर से धरा पर तू उतर आ , कष्ट हरने को । यहाँ चहु ओर बैठे नाग काले , रोज डसने को ।। इरादें नेक हो सकते न ,... Hindi · कविता 77 1 482 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Aug 2021 · 1 min read आदमी क्यों फँसा कर के झुकाया जा रहा है आदमी दर्द दे कर क्यों सताया जा रहा है आदमी ध्यान उसकी हर खुशी रखते न जो कोई तभी तेज नश्तर सा... Hindi · कविता 75 590 Share DR.MDHU TRIVEDI 17 Aug 2021 · 1 min read चाँदनी गजल ******* हर पल तू संग संग चली साथ चाँदनी चली गई क्यूँ किसी ओर हाथ चाँदनी बचपन में हर पल संग -संग खेली बिंदियाँ बन ओर के सजी माथ... Hindi · कविता 77 630 Share DR.MDHU TRIVEDI 15 Aug 2021 · 1 min read जश्न मनाए आजादी का आओ मिल जश्न मनाए आजादी का आवश्यकता है मान रखे खादी का सात दशक बीत चुके है स्वतंत्र हुए जरा विचारिए कितने सीने छलनी हुए आजाद , भगत , राजगुरु... Hindi · कविता 73 2 348 Share DR.MDHU TRIVEDI 15 Aug 2021 · 1 min read आजादी तोड़ पराधीनता की बेड़ी नयी सुबह का आगाज हुआ उन्मुक्त गगन में चहचहाये पंछीं जन - मन में उल्लास का हास हुआ आता जब दिन पन्द्रह अगस्त खून मेरा खोल... Hindi · कविता 71 311 Share DR.MDHU TRIVEDI 12 Aug 2021 · 3 min read बस्तों के बोझ तले दबता बचपन बस्तों के बोझ तले दबता बचपन ✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍✍ जब सुकुमार छोटे बच्चों को बस्ते के बोझ से झुका स्कूल जाते देखतीं हूँ तो सोचती हूँ कि देश मेरांआजाद हो गया पर... Hindi · लेख 76 1 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 12 Aug 2021 · 2 min read बहू बेटी की तरह होती है यह कथन सत्य है या असत्य " ---------------------------------------------------------------------- " बहू बेटी की तरह होती है यह कथन सत्य है या असत्य " ---------------------------------------------------------------------- बहू और बेटी " में समानता और असमानता केवल सोच की है जो बेटी है... Hindi · लेख 77 382 Share DR.MDHU TRIVEDI 12 Aug 2021 · 1 min read सभ्यता आदि मानव बन्दर ही थे हमारे पूर्वज जिनसे विकसित हो हम मानव बने ।पत्थर से पत्थर घिस आग उत्पन्न की अपनी उपलब्धियाँ हमको अर्पण की । वो आदि सभ्यता कितनी... Hindi · लेख 76 370 Share DR.MDHU TRIVEDI 12 Aug 2021 · 3 min read स्त्री देह और बाजारवाद हर घंटे बलात्कार होते हैं, सिर्फ बलात्कार नहीं होते, बाॅडी की चीरा फाड़ी होती है लड़कियों के शरीर की फजीहत की जाती है स्तन काटे जाते हैं वेजाइना में कांच,... Hindi · लेख 79 2 969 Share DR.MDHU TRIVEDI 4 Aug 2021 · 1 min read प्रीत मेरी प्रीत मेरी तुम हो प्रीत का संसार बसा दो अमूल्य रत्न हो जिन्दगी को सार बना दो एक रोज जिन्दगी महकेगी सोचा न था आगमन तेरा महकाए मुझे सोचा न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 80 1 476 Share DR.MDHU TRIVEDI 29 Jul 2021 · 1 min read तट नदी बैठा रहा जब तट नदी बैठा रहा सुरभि बसंत तकता रहा बहने लगी धीमे पवन वातावरण महका रहा खिलने लगे पंखुड़ी कमल मैं देख कर खोया रहा आयी नवोढ़ा इक तभी तब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 78 1 526 Share DR.MDHU TRIVEDI 27 Jul 2021 · 1 min read गुरू आये जब आषाढ तो, गुरू पुर्णिमा जान आदि गुरु का अवतरण, जिसे सदा ही मान वेदों का लेखन किया , ऐसा है विश्वास गुरू शिरोमणि बढ़ाये, गुरू जनों की शान Hindi · मुक्तक 76 1 415 Share DR.MDHU TRIVEDI 24 Jul 2021 · 1 min read पावस 1 वर्षा सुन्दरी झूम रही है बाँध पैरों पायल 2 पड़े नभ से अवनि पर कुछ सकुचा कर 3 कभी खेलती केश घटाएं फैला उच्च गगन में 4 झनन झन... Hindi · हाइकु 79 607 Share DR.MDHU TRIVEDI 24 Jul 2021 · 1 min read प्रकृति पोषित कर प्रकृति हरा भरा बनाती है रोपित कर प्रकृति हमें खाना खिलाती है इसलिये खिलवाड़ प्रकृति से मत करिए ऐसा कर जीवन अभिशापित मत करिए इसलिये प्रकृति है जीवन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 79 2 593 Share DR.MDHU TRIVEDI 23 Jul 2021 · 1 min read जीने की चाह जागी है देख मौत का खौफनाक तांडव जीने की चाह फिर से जगी है है मारा मारी आक्सीजन की हास्पीटल की मनमर्जी चली है खांसी , जुखाम , बुखार से पीड़ीत कोरोना... Hindi · कविता 78 366 Share DR.MDHU TRIVEDI 20 Jul 2021 · 1 min read महफिलें सजती नहीं महफिलें सजती नहीं पायलें बजती नहीं हो रहे बर्बाद हम मुख हँसी दिखती नहीं दौर जो ऐसा चला बुद्धि भी चलती नहीं खूब बदला वक्त को पर तनिक चलती नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 79 2 1k Share DR.MDHU TRIVEDI 19 Jul 2021 · 1 min read अंकुश भावों का अंकुश लगा दिल तुम्हारा बाँध लेता दुर्गम राहों पर चल कर कटघरे में कैसे रखता बाँध कर पिजड़े रखा पर स्वच्छन्द सा घूमता जैसे केसरी हो उन्मुक्त निर्जन... Hindi · कविता 78 362 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Jul 2021 · 1 min read सभ्यता नगरीकरण का द्योतक सभ्यता उत्थान पतन की सूचक सभ्यता भौतिक प्रगति को बतलाती निरक्षर से अक्षर ज्ञान करवाती प्रतिभा का परचम मनवाती ऐसी रही है अब तक मेरी सभ्यता सिन्धु... Hindi · कविता 79 2 713 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Jul 2021 · 1 min read तीसरी लहर क्या कम थी दो लहर जो आनी है तीसरी लहर क्या कम विनाश हुआ है जो आनी है तीसरी लहर रोजगार छिने गरीब जनता के मस्त बस सरकारी अमला के... Hindi · कविता 79 360 Share DR.MDHU TRIVEDI 18 Jul 2021 · 1 min read रिमझिम रिमझिम रिमझिम बदरा बरसे सावन के पड़ गये है झूले खेत खलिहानों में हरियाली छाई नाच उठे तटिनी के कूले अवनि पहने धानी चूनरी मद मस्त हो अम्बर तक झूली... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 77 452 Share Previous Page 5 Next