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दिखने वाली चीजें
दिखने वाली चीजें
Ragini Kumari
4375.*पूर्णिका*
4375.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
निकाल कर फ़ुरसत
निकाल कर फ़ुरसत
हिमांशु Kulshrestha
4374.*पूर्णिका*
4374.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
4373.*पूर्णिका*
4373.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#कमसिन उम्र
#कमसिन उम्र
Radheshyam Khatik
*एक-एक कर जब दोषों से, खुद को दूर हटाएगा (हिंदी गजल)*
*एक-एक कर जब दोषों से, खुद को दूर हटाएगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
🙅सियासी मंडी में🙅
🙅सियासी मंडी में🙅
*प्रणय प्रभात*
4372.*पूर्णिका*
4372.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
4371.*पूर्णिका*
4371.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल _ लगी सदियां वफ़ा के ,मोतियों को यूं पिरोने में ,
ग़ज़ल _ लगी सदियां वफ़ा के ,मोतियों को यूं पिरोने में ,
Neelofar Khan
4370.*पूर्णिका*
4370.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🙅आजकल🙅
🙅आजकल🙅
*प्रणय प्रभात*
4369.*पूर्णिका*
4369.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
4368.*पूर्णिका*
4368.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
4367.*पूर्णिका*
4367.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वो ख्वाब सजाते हैं नींद में आकर ,
वो ख्वाब सजाते हैं नींद में आकर ,
Phool gufran
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मुझे ख़्वाब क्यों खलने लगे,
मुझे ख़्वाब क्यों खलने लगे,
Dr. Rajeev Jain
एक पल में
एक पल में
Shutisha Rajput
श्राद्ध पक्ष में दुर्लभ कागों को समर्पित एक देसी ग़ज़ल:-
श्राद्ध पक्ष में दुर्लभ कागों को समर्पित एक देसी ग़ज़ल:-
*प्रणय प्रभात*
नही तनिक भी झूठ
नही तनिक भी झूठ
RAMESH SHARMA
गरीबी के मार,बीवी के ताने
गरीबी के मार,बीवी के ताने
Ranjeet kumar patre
बो बहाता नहींं हैं वो पी लेता हैं दर्द में आंसुओ के समुद्र क
बो बहाता नहींं हैं वो पी लेता हैं दर्द में आंसुओ के समुद्र क
Ranjeet kumar patre
फिर से वो रफ्फूचक्कर हो जाएगा
फिर से वो रफ्फूचक्कर हो जाएगा
Dr. Kishan Karigar
पल
पल
*प्रणय प्रभात*
जयघोष
जयघोष
Vivek saswat Shukla
जब वो मिलेगा मुझसे
जब वो मिलेगा मुझसे
Vivek saswat Shukla
कभी हमसे पुछिए
कभी हमसे पुछिए
Vivek saswat Shukla
I dreamt of the night we danced beneath the moon’s tender li
I dreamt of the night we danced beneath the moon’s tender li
Manisha Manjari
इन राहों में सफर करते है, यादों के शिकारे।
इन राहों में सफर करते है, यादों के शिकारे।
Manisha Manjari
ये वादियों में महकती धुंध, जब साँसों को सहलाती है।
ये वादियों में महकती धुंध, जब साँसों को सहलाती है।
Manisha Manjari
बेघर
बेघर
Rajeev Dutta
4366.*पूर्णिका*
4366.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
उदास रातें बुझे- बुझे दिन न खुशनुमा ज़िन्दगी रही है
उदास रातें बुझे- बुझे दिन न खुशनुमा ज़िन्दगी रही है
Dr Archana Gupta
*बुरी बात को बुरा कह सकें, इतना साहस भर दो (गीत)*
*बुरी बात को बुरा कह सकें, इतना साहस भर दो (गीत)*
Ravi Prakash
"आरजू "
Dr. Kishan tandon kranti
चल रे कबीरा
चल रे कबीरा
Shekhar Chandra Mitra
संविधान के पहरेदार कहां हैं?
संविधान के पहरेदार कहां हैं?
Shekhar Chandra Mitra
सवाल खुद में, फिर एक
सवाल खुद में, फिर एक
Dr fauzia Naseem shad
उम्र के पन्नों पर....
उम्र के पन्नों पर....
sushil sarna
मैं बहुत हेट करती हूँ ……………
मैं बहुत हेट करती हूँ ……………
sushil sarna
वक़्त के साथ
वक़्त के साथ
Dr fauzia Naseem shad
मिले मुफ्त मुस्कान
मिले मुफ्त मुस्कान
RAMESH SHARMA
समझेंगे झूठा हमें
समझेंगे झूठा हमें
RAMESH SHARMA
खुद को कहें शहीद
खुद को कहें शहीद
RAMESH SHARMA
तुम अगर स्वच्छ रह जाओ...
तुम अगर स्वच्छ रह जाओ...
Ajit Kumar "Karn"
M
M
*प्रणय प्रभात*
“हम हो गए दीवाने”
“हम हो गए दीवाने”
DrLakshman Jha Parimal
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