Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Page 31
आख़िर तुमने रुला ही दिया!
आख़िर तुमने रुला ही दिया!
Ajit Kumar "Karn"
आप कितने अपने हैं....
आप कितने अपने हैं....
TAMANNA BILASPURI
कितना अच्छा होता .....
कितना अच्छा होता .....
sushil sarna
क्षणिका ....
क्षणिका ....
sushil sarna
क्षणिका  ...
क्षणिका ...
sushil sarna
शेष है अभी...
शेष है अभी...
sushil sarna
एक रुबाई...
एक रुबाई...
आर.एस. 'प्रीतम'
लोगों की मजबूरी नहीं समझ सकते
लोगों की मजबूरी नहीं समझ सकते
Ajit Kumar "Karn"
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
लौट कर आने की अब होगी बात नहीं।
लौट कर आने की अब होगी बात नहीं।
Manisha Manjari
सब भूल गये......
सब भूल गये......
Vishal Prajapati
"युग -पुरुष "
DrLakshman Jha Parimal
हौसला है कि टूटता ही नहीं ,
हौसला है कि टूटता ही नहीं ,
Dr fauzia Naseem shad
तमाम बातें मेरी जो सुन के अगर ज़ियादा तू चुप रहेगा
तमाम बातें मेरी जो सुन के अगर ज़ियादा तू चुप रहेगा
Meenakshi Masoom
*दिल का कद्रदान*
*दिल का कद्रदान*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
" हकीकत "
Dr. Kishan tandon kranti
" नाम "
Dr. Kishan tandon kranti
"ये आईने"
Dr. Kishan tandon kranti
सुबह हर दिन ही आता है,
सुबह हर दिन ही आता है,
DrLakshman Jha Parimal
कश्ती का सफर
कश्ती का सफर
Chitra Bisht
जो कि मैं आज लिख रहा हूँ
जो कि मैं आज लिख रहा हूँ
gurudeenverma198
पाखंड का खेल
पाखंड का खेल
पूर्वार्थ
धर्म का पाखंड
धर्म का पाखंड
पूर्वार्थ
#लंबी_कविता (तवील नज़्म)-
#लंबी_कविता (तवील नज़्म)-
*प्रणय प्रभात*
"अबला" नारी
Vivek saswat Shukla
कवि प्रकृति के विपरीत है...!
कवि प्रकृति के विपरीत है...!
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Sometimes even after finishing the chapter and bidding it a
Sometimes even after finishing the chapter and bidding it a
Chaahat
बहकते हैं
बहकते हैं
हिमांशु Kulshrestha
शुभांगी छंद
शुभांगी छंद
Rambali Mishra
प्यार समर्पण माँगता,
प्यार समर्पण माँगता,
sushil sarna
प्यार ईश की वन्दना,
प्यार ईश की वन्दना,
sushil sarna
पावन सच्चे प्यार का,
पावन सच्चे प्यार का,
sushil sarna
97.8% से अधिक विद्वान साहित्यकार 24 घण्टे में एक बार 2-4 लाइ
97.8% से अधिक विद्वान साहित्यकार 24 घण्टे में एक बार 2-4 लाइ
*प्रणय प्रभात*
#विनम्रता
#विनम्रता
Radheshyam Khatik
बेटे का जन्मदिन
बेटे का जन्मदिन
Ashwani Kumar Jaiswal
जितनी लंबी जबान है नेताओं की ,
जितनी लंबी जबान है नेताओं की ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
नहीं कहीं भी पढ़े लिखे, न व्यवहारिक ज्ञान
नहीं कहीं भी पढ़े लिखे, न व्यवहारिक ज्ञान
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
समझाओ उतना समझे जो जितना
समझाओ उतना समझे जो जितना
Sonam Puneet Dubey
खुश्किस्मत ऐसा भी
खुश्किस्मत ऐसा भी
Chitra Bisht
4405.*पूर्णिका*
4405.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
4404.*पूर्णिका*
4404.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🙅यक़ीन मानिए🙅
🙅यक़ीन मानिए🙅
*प्रणय प्रभात*
4403.*पूर्णिका*
4403.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
4402.*पूर्णिका*
4402.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
4401.*पूर्णिका*
4401.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
फिर आयी सेल
फिर आयी सेल
Chitra Bisht
#आज_की_बात-
#आज_की_बात-
*प्रणय प्रभात*
एक स्त्री का प्रेम प्रसाद की तरह होता है,
एक स्त्री का प्रेम प्रसाद की तरह होता है,
पूर्वार्थ
तुमसे दूर इस उदास शहर में, उस सूखती नदी के किनारे पर बैठा हु
तुमसे दूर इस उदास शहर में, उस सूखती नदी के किनारे पर बैठा हु
पूर्वार्थ
मुझे याद रहता है हर वो शब्द,जो मैंने कभी तुम्हारें लिए रचा,
मुझे याद रहता है हर वो शब्द,जो मैंने कभी तुम्हारें लिए रचा,
पूर्वार्थ
Page 31
Loading...