लपेट कर नक़ाब हर शक्स रोज आता है ।
Ashwini sharma
🙅आज का आग्रह🙅
*प्रणय प्रभात*
संघर्ष का सफर
Chitra Bisht
पुराने घर की दरारें
Chitra Bisht
■आप बताएं■
*प्रणय प्रभात*
तुमबिन
Dushyant Kumar Patel
सफर जीवन का चलता रहे जैसे है चल रहा
पूर्वार्थ
वाह चाय
Chitra Bisht
..
*प्रणय प्रभात*
पितर पक्ष
Ranjeet kumar patre
संकरी पगडंडी कभी
Chitra Bisht
श्राद्ध- पर्व पर सपने में आये बाबूजी।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
पिता के जाने के बाद स्मृति में
मधुसूदन गौतम
बदलती जिंदगी
पूर्वार्थ
दोपाया
Sanjay ' शून्य'
समय-सारणी की इतनी पाबंद है तूं
Ajit Kumar "Karn"
सोलह श्राद्ध
Kavita Chouhan
4410.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
4409.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रूबरू रहते हो , हरजाई नज़र आते हो तुम ,
Neelofar Khan
निगाहे नाज़ अजब कलाम कर गयी ,
Neelofar Khan
कुछ ज़ब्त भी
Dr fauzia Naseem shad
खामोशी इबादत है ,सब्र है, आस है ,
Neelofar Khan
4408.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल _ नसीबों से उलझता ही रहा हूँ मैं ,,
Neelofar Khan
4407.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"बस्तर के मड़ई-मेले"
Dr. Kishan tandon kranti
यह कैसी आस्था ,यह कैसी भक्ति ?
ओनिका सेतिया 'अनु '
" चापड़ा-चटनी "
Dr. Kishan tandon kranti
परिदृश्य
Vivek Pandey
4406.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*जिंदगी के हाथो वफ़ा मजबूर हुई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बिटिया नही बेटों से कम,
Yogendra Chaturwedi
मन के मनके फोड़ा कर...!!
पंकज परिंदा
दुनिया वाले कहते अब दीवाने हैं..!!
पंकज परिंदा
सबका अपना दाना - पानी.....!!
पंकज परिंदा
नीयत में पैमान मिलेगा।
पंकज परिंदा
आख़िर तुमने रुला ही दिया!
Ajit Kumar "Karn"
आप कितने अपने हैं....
TAMANNA BILASPURI
कितना अच्छा होता .....
sushil sarna
क्षणिका ....
sushil sarna
क्षणिका ...
sushil sarna
शेष है अभी...
sushil sarna
एक रुबाई...
आर.एस. 'प्रीतम'
लोगों की मजबूरी नहीं समझ सकते
Ajit Kumar "Karn"
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
लौट कर आने की अब होगी बात नहीं।
Manisha Manjari
सब भूल गये......
Vishal Prajapati