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Tag: Quote Writer
17k posts
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There will be moments in your life when people will ask you,
There will be moments in your life when people will ask you,
पूर्वार्थ
अंदर मेरे रावण भी है, अंदर मेरे राम भी
अंदर मेरे रावण भी है, अंदर मेरे राम भी
पूर्वार्थ
द्वंद्वात्मक आत्मा
द्वंद्वात्मक आत्मा
पूर्वार्थ
सरकारी दामाद
सरकारी दामाद
पूर्वार्थ
बड़े ही खुश रहते हो
बड़े ही खुश रहते हो
VINOD CHAUHAN
राह
राह
Neeraj Mishra " नीर "
राम के नाम की ताकत
राम के नाम की ताकत
Meera Thakur
■एक मात्रा का अंतर■
■एक मात्रा का अंतर■
*प्रणय प्रभात*
मंजिल न मिले
मंजिल न मिले
Meera Thakur
आज पशु- पक्षी कीमती
आज पशु- पक्षी कीमती
Meera Thakur
फूल की प्रेरणा खुशबू और मुस्कुराना हैं।
फूल की प्रेरणा खुशबू और मुस्कुराना हैं।
Neeraj Agarwal
शिकायत करते- करते
शिकायत करते- करते
Meera Thakur
गर्मी
गर्मी
Dhirendra Singh
कूच-ए-इश्क़ में मुहब्बत की कलियां बिखराते रहना,
कूच-ए-इश्क़ में मुहब्बत की कलियां बिखराते रहना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इक सांस तेरी, इक सांस मेरी,
इक सांस तेरी, इक सांस मेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"सबका नाश, सबका विनाश, सबका सर्वनाश, सबका सत्यानाश।"
*प्रणय प्रभात*
उनसे कहना वो मेरे ख्वाब में आते क्यों हैं।
उनसे कहना वो मेरे ख्वाब में आते क्यों हैं।
Phool gufran
पकोड़े नालों की गेस से तलने की क्या जरूरत…? ये काम तो इन दिनो
पकोड़े नालों की गेस से तलने की क्या जरूरत…? ये काम तो इन दिनो
*प्रणय प्रभात*
इक रोज़ हम भी रुखसत हों जाएंगे,
इक रोज़ हम भी रुखसत हों जाएंगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क्यों गुजरते हुए लम्हों को यूं रोका करें हम,
क्यों गुजरते हुए लम्हों को यूं रोका करें हम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कोई भी मजबूरी मुझे लक्ष्य से भटकाने में समर्थ नहीं है। अपने
कोई भी मजबूरी मुझे लक्ष्य से भटकाने में समर्थ नहीं है। अपने
Ramnath Sahu
आज फ़िर एक
आज फ़िर एक
हिमांशु Kulshrestha
आम, नीम, पीपल, बरगद जैसे बड़े पेड़ काटकर..
आम, नीम, पीपल, बरगद जैसे बड़े पेड़ काटकर..
Ranjeet kumar patre
जब भर पाया ही नहीं, उनका खाली पेट ।
जब भर पाया ही नहीं, उनका खाली पेट ।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
𑒖𑒲𑒫𑒢 𑒣𑒟 𑒮𑒳𑓀𑒠𑒩 𑒯𑒼𑒃𑒞 𑒁𑒕𑒱 𑒖𑒐𑒢 𑒮𑒿𑒑 𑒏𑒱𑒨𑒼 𑒮𑓀𑒑𑒲
𑒖𑒲𑒫𑒢 𑒣𑒟 𑒮𑒳𑓀𑒠𑒩 𑒯𑒼𑒃𑒞 𑒁𑒕𑒱 𑒖𑒐𑒢 𑒮𑒿𑒑 𑒏𑒱𑒨𑒼 𑒮𑓀𑒑𑒲
DrLakshman Jha Parimal
हमने एक बात सीखी है...... कि साहित्य को समान्य लोगों के बीच
हमने एक बात सीखी है...... कि साहित्य को समान्य लोगों के बीच
DrLakshman Jha Parimal
जब एक शख्स लगभग पैंतालीस वर्ष के थे तब उनकी पत्नी का स्वर्गव
जब एक शख्स लगभग पैंतालीस वर्ष के थे तब उनकी पत्नी का स्वर्गव
Rituraj shivem verma
एक जमाना था...
एक जमाना था...
Rituraj shivem verma
जो हुक्म देता है वो इल्तिजा भी करता है
जो हुक्म देता है वो इल्तिजा भी करता है
Rituraj shivem verma
मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में ‌जितना बदलाव हमा
मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में ‌जितना बदलाव हमा
Rituraj shivem verma
*हमारा विनाश कव शुरू हुआ था?* 👉🏻
*हमारा विनाश कव शुरू हुआ था?* 👉🏻
Rituraj shivem verma
हमारे जमाने में साइकिल तीन चरणों में सीखी जाती थी ,
हमारे जमाने में साइकिल तीन चरणों में सीखी जाती थी ,
Rituraj shivem verma
जो
जो "समाधान" के योग्य नहीं, वो स्वयं समस्या है। उसे "समस्या"
*प्रणय प्रभात*
मोहब्बत-ए-सितम
मोहब्बत-ए-सितम
Neeraj Mishra " नीर "
🙅पहचान🙅
🙅पहचान🙅
*प्रणय प्रभात*
🙅DNA REPORT🙅
🙅DNA REPORT🙅
*प्रणय प्रभात*
..
..
*प्रणय प्रभात*
"सुख-दुःख"
Dr. Kishan tandon kranti
"क्या बताएँ तुम्हें"
Dr. Kishan tandon kranti
"सीख"
Dr. Kishan tandon kranti
"मगर"
Dr. Kishan tandon kranti
"नोटा"
Dr. Kishan tandon kranti
"सबके हित के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
******** कुछ दो कदम तुम भी बढ़ो *********
******** कुछ दो कदम तुम भी बढ़ो *********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*गरमी का मौसम बुरा, खाना तनिक न धूप (कुंडलिया)*
*गरमी का मौसम बुरा, खाना तनिक न धूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
वो कैसा दौर था,ये कैसा दौर है
वो कैसा दौर था,ये कैसा दौर है
Keshav kishor Kumar
रोशनी से तेरी वहां चांद  रूठा बैठा है
रोशनी से तेरी वहां चांद रूठा बैठा है
Virendra kumar
चुनावी घनाक्षरी
चुनावी घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
Tum toote ho itne aik rishte ke toot jaane par
Tum toote ho itne aik rishte ke toot jaane par
HEBA
संतान को संस्कार देना,
संतान को संस्कार देना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
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