नवल किशोर सिंह Language: Hindi 172 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next नवल किशोर सिंह 21 Dec 2018 · 1 min read दस्तक पायल की रुनझुन तेरे आने की दस्तक आज लगा अमावस की रात है चाँद- मेरे छत पे उतरा है। -©नवल किशोर सिंह Hindi · कविता 1 278 Share नवल किशोर सिंह 21 Dec 2018 · 1 min read कविता कविता भावनाओं की प्रसव से गुजरकर होती कविता की उत्पत्ति कविता संवेदनशील हृदय की व्युत्पत्ति आस-पास परिवेश को पढ़ना मन में भावों को गढ़ना विविध विचारों के दग्ध-दाघ से द्रवित... Hindi · कविता 1 464 Share नवल किशोर सिंह 20 Dec 2018 · 1 min read कोहरा कोहरा सरपट जीवन और तीव्र गति से भागते वाहन अचानक एक विराम द्रूतगति पर लगाम वो सामने सघन सी एक धुँध नमी लिए कुछ बूंद प्रकाश का कर अपहरण बिछा... Hindi · कविता 1 361 Share नवल किशोर सिंह 20 Dec 2018 · 1 min read भूख-क्षणिका चाँदनी रात में खुले नभ तले भूख के बिछौने पर जागती आँखों से सोना आँतों का रोना चाँद कोई रोटी नहीं -©नवल किशोर सिंह Hindi · कविता 1 268 Share नवल किशोर सिंह 20 Dec 2018 · 1 min read भूख-चोका भूख-विधा-चोका एक बुढ़िया जबरन चलती आती इधर गिरती संभलती डग से मानो जिंदगी को छलती चिंदी पहने चिथड़े ही गहने आँखों में झाँई आंते कुलबुलाई सूखी ठठरी हाथ लिए गठरी... Hindi · कविता 1 494 Share नवल किशोर सिंह 20 Dec 2018 · 1 min read निशा निशा बियाबान रेत में मृगतृष्णा-सा मन भटकता,मचलता है सूरज भी छलिया है उजालों से छलता है प्रखर उजालों से चौंधियाई आँखें उद्भ्रांत मन सांझ ढलने तक क्लांत मन तलाशता,एक छाँव... Hindi · कविता 2 296 Share नवल किशोर सिंह 19 Dec 2018 · 1 min read हाथ-क्षणिकाएं क्षणिकाएं हाथ/कर 1 कर से कर काम पा गए मुकाम अजब संयोग कर जोड़कर भाग्य बांचते कुछ लोग। 2 हाथों में हाथ लिए चलता रहा ताउम्र वही छलता रहा आज... Hindi · कविता 1 464 Share नवल किशोर सिंह 19 Dec 2018 · 1 min read पनघट-चोका पनघट-विधा-चोका आर्द्र है आँखे पनिहारिन ताके घूँघट-पट भंगिमा नटखट बिखरी लट हाथ पिपासु घट कहाँ है बाँके वो आकर तो झाँके विलुप्त घटा परिवर्तित छटा मन के पीर सिमट रहा... Hindi · कविता 1 437 Share नवल किशोर सिंह 18 Dec 2018 · 1 min read संस्कार-हाइकु 1 जीने का ढंग जीवन सबरंग संस्कार-संग 2 संस्कार-धन अनमोल संपत्ति हस्तांतरण 3 विलुप्त प्यार भोगवादी संस्कार वृद्धाश्रम माँ -©नवल किशोर सिंह Hindi · हाइकु 1 264 Share नवल किशोर सिंह 18 Dec 2018 · 1 min read चाँद-क्षणिकाएं 1 आसमान का चाँद चितकबरा है पर,उसमें अमृत भरा है तो क्या? कितने बेदाग चाँद लिये हमारी धरा है। 2 कल देखा नितदिन रूपांतरित होता शून्य-सा चाँद एक मृगछौने-सा बड़ा... Hindi · कविता 1 1 496 Share नवल किशोर सिंह 18 Dec 2018 · 1 min read साया-क्षणिकाएं साया-क्षणिकाएं 1 कर जतन थक हारे भरी दुपहरी हाथ न आया मेरा साया। 2 कद को बेहद करने की तमाम उम्र जद्दोजहद कुछ काम न आया पल-पल सिमटता ही गया... Hindi · कविता 1 267 Share नवल किशोर सिंह 17 Dec 2018 · 1 min read मधुयामिनी मधुयामिनी सुहानी सी ये चाँदनी रात पुष्प से खिले मन के जज्बात नीले गगन तले,तारों के छाँव संग जलता है मन ,जलते अलाव संग सिद्धहस्त हाथों का मृदुल मंद थाप... Hindi · कविता 1 250 Share नवल किशोर सिंह 16 Dec 2018 · 1 min read लीला-तांका विधा-तांका वर्णक्रम-5/7/5/7/7 1 मूकदर्शक प्रतिज्ञाबद्ध भीष्म बाणों की शैय्या छल का समर्थन महाभारत-लीला 2 भाग्य की लीला रावण-गतिरोध पंछी जटायु नारी की लाज रक्षा प्राप्त प्रभु की गोद -©नवल किशोर... Hindi · कविता 1 230 Share नवल किशोर सिंह 16 Dec 2018 · 1 min read गौण-हाइकु 1 प्रिय-मिलन मचलते जज्बात शब्द है गौण 2 सच्ची मित्रता धन-वैभव गौण कृष्ण-सुदामा 3 हरि-दर्शन भावनायुक्त मन विधान गौण 4 लेखन-धर्म रचना भावपूर्ण विधा है गौण 5 भौतिक भोग गौण... Hindi · हाइकु 1 224 Share नवल किशोर सिंह 15 Dec 2018 · 1 min read समझौता समझौता समझौता- एक प्रयास दो ध्रुवों के एकीकरण का तलाश- उलझे हुये समीकरण का मान्य हल, प्रमेय प्राक्कल्पना दो पंथ विलय की एक संकल्पना किंचित तज कर विजय का अन्वेषण... Hindi · कविता 1 230 Share नवल किशोर सिंह 13 Dec 2018 · 1 min read सरिता सरिता निदाघ-दाघ से शनैः-शनैः पिघल फिर हिमशैलों से निकल-निकल निज पथ गतिशील तरल अविरल बाधा-बंध को कर निर्बन्ध,विकल अधीर नीर निर्भय निरंतर प्रवाह उद्विग्न उर,किस मिलन की चाह निश्छल,निमग्न सदा... Hindi · कविता 1 225 Share नवल किशोर सिंह 12 Dec 2018 · 1 min read कर्त्तव्य कर्त्तव्य जिस मातृवक्ष से चिपक किलक दिखलाया जीवन पाया शैशव रहा मचलता है आज वही पुत्र का फ़र्ज निभा रहा है दूध का कर्ज यूँ चुका रहा है भौतिकता के... Hindi · कविता 1 233 Share नवल किशोर सिंह 12 Dec 2018 · 1 min read कर्त्तव्य-बोध अधिकारों की बात होती है अनाचारों की बात होती है पर कर्त्तव्य-बोध गौण है यक्ष-प्रश्न? जन-मानस मौन है -©नवल किशोर सिंह Hindi · कविता 1 246 Share नवल किशोर सिंह 11 Dec 2018 · 1 min read भाई दूज-हाइकु 1 है भाई दूज मुदित है यमुना पधारे यम 2 शुभकामना भाई दूज के दिन दीर्घायु भाई 3 अतुल प्यार भाई का जयकार भईया दूज -©नवल किशोर सिंह Hindi · हाइकु 1 239 Share नवल किशोर सिंह 11 Dec 2018 · 1 min read सियासत-हाइकु रंभाती गाय चुनाव की केतली सियासी चाय -©नवल किशोर सिंह Hindi · हाइकु 1 220 Share नवल किशोर सिंह 11 Dec 2018 · 1 min read संयोग-हाइकु 1 मलय रात भोर के खिले गात प्रेम संयोग 2 वियोगी मन सालती धड़कन विध्न संयोग 3 मकर योग उत्तरायण सूर्य पर्व संयोग 4 जल में मीन संयोग या दुर्दिन... Hindi · हाइकु 1 227 Share नवल किशोर सिंह 11 Dec 2018 · 1 min read पतवार आशा और निराशा की बहती पुरबैया कभी अविचल कभी डगमग नैया खड़ी बीच मँझधार विविध विध्न,बहु बाधा अशांत मन-सा लहरों ने साधा जाना,जो उस पार मांझी,दृढ़ पकड़ पतवार तज भय... Hindi · कविता 1 445 Share नवल किशोर सिंह 9 Dec 2018 · 1 min read हमसाया हमसाया (क्षणिका) गोरी के गाँव मे पीपल की छाँव में बैठे थे हम- मैं और मेरे गम फिर भी मन मुस्काया भीनीं-सी महक लिए गुजरी यादें बन हमसाया। -©नवल किशोर... Hindi · कविता 2 481 Share नवल किशोर सिंह 9 Dec 2018 · 1 min read प्रेरणा प्रेरणा क्षणभंगुर सी लहर उठती है गिर गिर कर पावक एक जलता हुआ उर्ध्वमुखी निःसृत धुँआ चट्टानों की बंजर धरा लिए हुए है कुछ उर्वरा फूलते है काँस-काई दूर खड़े... Hindi · कविता 2 248 Share नवल किशोर सिंह 8 Dec 2018 · 1 min read प्रेरणा-एक नजरिया मत के प्रणेता हमारे नेता प्रकृति के बड़े अध्येता जीवों से लेते सतत प्रेरणा जैसे लोमड़ी से चालाकी और गिरगिट से रंग बदलना -©नवल किशोर सिंह Hindi · कविता 3 345 Share नवल किशोर सिंह 8 Dec 2018 · 1 min read समाज-सेवा सुबह सवेरे चखते मिष्टान्न-मेवा फिर किसी निर्धन के घर कलेवा वाह रे समाज-सेवा। -©नवल किशोर सिंह Hindi · कविता 3 326 Share नवल किशोर सिंह 7 Dec 2018 · 1 min read चंचल माया,मोह सी चंचल चितवन मृगतृष्णा सा चंचल मन सिकता में सरि की तलाश चंचल क्षण अंजुरी भरी रेत सा सरकता संग बहु आस दरकता चंचलता का ठौर कहाँ निराधार,निरावलम्बन अस्थिर,... Hindi · कविता 3 279 Share नवल किशोर सिंह 7 Dec 2018 · 1 min read सादगी-चोका सादगी विधा-चोका उलट फेर दौलत का हो ढेर खुद की सोचे विचार बड़े ओछे विकृत मन विविध दुर्व्यसन सोये या जागे नींद आंखों से भागे फीकी मुस्कान दिल में घमासान... Hindi · कविता 2 261 Share नवल किशोर सिंह 6 Dec 2018 · 1 min read वेदना वेदना कल प्रीतम से जो हुई बात नवोढ़ा का खिल गया गात सीमा पर खड़े सीना तान साजन तो ठहरे एक कप्तान सुना,साजन आएँगे परसों मन-ही-मन में फूली सरसों परसों... Hindi · कविता 3 2 220 Share नवल किशोर सिंह 6 Dec 2018 · 1 min read स्मृति बंद खिड़कियाँ गर्द पड़े परदे इन खिड़कियों को मत खोलो परदों को मत सरकाओ इनसे जो सूरज की रोशनी छनकर आती है झाँकती है उनमें कुछ स्मृतियाँ फिर वही सर्द... Hindi · कविता 3 240 Share नवल किशोर सिंह 5 Dec 2018 · 1 min read दिल तो बच्चा जी दिल तो बच्चा है जी बालदिवस पर लगे बुजुर्गों के पुरजोर ठहाके मन बालपन में,अतीत की गलियों में झाँके खिले गात,बिन दाँत, इठलात अल्हड़पन सा आह्लाद,किलक निनाद,निश्छल लड़कपन सा मन... Hindi · कविता 3 431 Share नवल किशोर सिंह 4 Dec 2018 · 1 min read अतीत अतीत बीते बसंत का भूला हुआ गीत हूँ कैसे कहूँ, मैं तेरा मनमीत हूँ प्राप्य पहर प्रणय के पलभर में व्यतीत हुए मृदुल भाव अनुनय के साँसों में घुल संगीत... Hindi · कविता 2 318 Share नवल किशोर सिंह 4 Dec 2018 · 1 min read गोवर्धन-तांका विधा-तांका गोवर्धन 1 हे गिरिधारी उठाओ गोवर्धन दिव्य हो दृष्टि रुके लिप्सा की वृष्टि अहं विहीन सृष्टि 2 जय गोपाल कृषक खुशहाल गौ संवर्द्धन पूजित अन्नकूट प्रकृति संरक्षण -©नवल किशोर... Hindi · कविता 2 200 Share नवल किशोर सिंह 4 Dec 2018 · 1 min read आवाज आवाज अनसुनी मेरे दिल की आवाज पिजरबद्ध पखेरु,बिन परवाज विलम जरा तुम देते जो ध्यान खंडित न होता प्रिय मेरा मान घुटकर जख्म और गहरा हुआ व्यर्थ चीखना,बलम बहरा हुआ... Hindi · कविता 2 212 Share नवल किशोर सिंह 3 Dec 2018 · 1 min read भाई दूज भाई दूज दीर्घ बरस पश्चात यमदेव पधारे यमुना अति मुदित देख सगा दुआरे रोली अक्षत से सज्जित कर थाल चन्दन सुशोभित किए दिव्य भाल अटूट आस्था,असीम नेह और प्यार भाई... Hindi · कविता 3 243 Share नवल किशोर सिंह 3 Dec 2018 · 1 min read करुणा-तांका करुणा विधा-तांका 1. घायल तन भयभीत कपोत कातर आँख फड़फड़ाता पाँख हा करुण विलाप। 2. आतुर मन अपलक निगाहें ताकती राहें चाहत मिलन की विरह करुण-सी। -©नवल किशोर सिंह Hindi · कविता 2 521 Share नवल किशोर सिंह 2 Dec 2018 · 1 min read मुक्तक 29-11-प्रथम क्रंदन एक और शिशिर बीत गया मन कुछ और रीत गया पर,जवां होने का गुरुर कायम है बदस्तूर अभी कहाँ यारो, अभी तो अर्धशतक है तीन कोस दूर। -©नवल... Hindi · मुक्तक 3 220 Share नवल किशोर सिंह 2 Dec 2018 · 1 min read भोर-हाइकु 1 भोर किरण तिमिर का हरण आशा जीवन 2 कजली कोर बिलख रहा भोर पिय कठोर 3 रजनीगंधा मलय मन मोर महके भोर -©नवल किशोर सिंह Hindi · हाइकु 2 254 Share नवल किशोर सिंह 1 Dec 2018 · 1 min read क्रोध-हाइकु 1 कुचले भाव क्रोध की अभिव्यक्ति वंचित शक्ति 2 क्रोध निस्तार भवसागर पार उपसंहार 3 जीवन सार प्रभु पालनहार नाहक क्रोध 4 सम्बन्ध शून्य मन-एकाकीपन क्रोध अगन 5 क्रोध की... Hindi · हाइकु 3 323 Share नवल किशोर सिंह 30 Nov 2018 · 1 min read गोवर्धन गोवर्धन हे कृष्ण, अंतर्धान कहाँ, किन गलियों में गोवर्धन पुनः धारण करो निज उंगलियों में दम्भ इंद्र-सा, दरप रहा सत्ता के गलियारों में करुण राग उत्पन्न मन में बेबस बनिहारों... Hindi · कविता 4 256 Share नवल किशोर सिंह 7 Nov 2018 · 1 min read दीपावली दीपावली के दीप फिर जले है घर-आँगन के चहुँ, लगते कितने भले है दीपों की लंबी कतार दूर दूर तक जलते झिलमिल जलते जाते लगातार झोंकों को छल,जल अविरल तिल... Hindi · कविता 9 8 402 Share नवल किशोर सिंह 6 Nov 2018 · 1 min read रूप चौदस चन्द्रमुखी छवि अति ललित भंगिम भाव,कपोल कलित खंजन सा अंजन अनुरंजन तिसपर चितवन तीखी चित्तभंजन बिंदिया चंदन,विविध व्यंजन अमिय अधर सरस रस रंजन नासिका सुतवा मलयवासिनी कोकिलकंठी, मृदु, सुभाषिनी अलक... Hindi · कविता 6 363 Share नवल किशोर सिंह 5 Nov 2018 · 1 min read धनतेरस धनतेरस प्रकट धन्वन्तरि,अमृत कलश छलके मांगल्यपूरित पदरोपण श्री चंचल के विपन्न-विनाश,अपार धन बरसे अपरम्पार रिद्धि सिद्धि से भरके साकार सकल स्वप्न हो धनतेरस धन्य-धान्य सम्पन्न हो प्रचुर सम्पदा, विपुल परितोष... Hindi · कविता 5 232 Share नवल किशोर सिंह 5 Nov 2018 · 1 min read किताब-हाइकु 1.खुली किताब बिखरे हुये ख्वाब ताकती आँखे 2.उलझा मन जिन्दगी की किताब अबूझ पन्ने 3. समय वायु फड़फड़ाते पन्ने स्याह किताब 4. ज्ञान गंगोत्री पुस्तक से संगति जीवन सार 5.रंगीन... Hindi · हाइकु 2 442 Share नवल किशोर सिंह 1 Nov 2018 · 1 min read जननी (माँ) जननी (माँ) हिलती नींव, बिखरता रिश्ता जबसे तात, तुम हुए फरिश्ता दरकती शाख, फुनगी पे आँख मर्माहत मूल, ये कैसी भूल देख के मौका, बिलग हुआ चौका खेतों के मेड़,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 14 104 1k Share नवल किशोर सिंह 30 Oct 2018 · 1 min read चुनाव चुनाव रीति-नीति सब कर निषिद्ध मसतायेंगे चील,गिद्ध कौओं के काँव काँव होंगे जो माननीयों के चुनाव होंगे एक बार फिर से देश में घूमेंगे भेड़िये भी सफेद वेश में उड़ेगी... Hindi · कविता 3 2 547 Share नवल किशोर सिंह 29 Oct 2018 · 1 min read मजदूर फांके की रोटी फटी लंगोटी सूखे निबाले दिल पे छाले स्वप्न खुरदुरे आस अधूरे तन स्वेदसिक्त मन भावरिक्त समिधा-संघर्ष किए लुप्त हर्ष निष्ठुर ठेकेदार विशेषणों का बौछार फिर भी कार्यरत,... Hindi · कविता 4 2 284 Share नवल किशोर सिंह 27 Oct 2018 · 1 min read चाँद (करवा-चौथ स्पेशल) सजी-सँवरी छत पे खड़ी मेरे घर का चाँद बड़ी बावरी ढूढ रही आज ऊपर का चाँद मैं बलि बलि जाऊँ कहाँ छुपाऊँ अपने सर का चाँद -©नवल किशोर... Hindi · कविता 4 2 446 Share नवल किशोर सिंह 25 Oct 2018 · 1 min read इमोजी इमोजी पहले जहाँ थे शब्दों में भाव को सहेजते । आजकल तो लोग बस इमोजी ही भेजते। तकनीक की भाषा या लिपि कीलाकार । कुछ कूट है, कुछ गूढ़ है,जटिल... Hindi · कविता 5 417 Share नवल किशोर सिंह 25 Oct 2018 · 1 min read मर्यादा मर्यादा तुम कुल के दीपक हो मैं दो कुलों की मर्यादा। मुक्त उच्छ्वास दीपक को पिंजरबद्ध रहती मर्यादा। हरपल पंख कतरे जाते हरपग मेरे खतरे आते नीति अनीति का मुझे... Hindi · कविता 3 2 584 Share Previous Page 2 Next